दिसंबर महिने की 14 तारीख को हमारे प्रधानमंत्री शेरदिल, शूरवीर, हिम्मती, महावीर, बुद्धिमान माननीय श्री मनमोहन सिंह पूरी मिडिया के सामने महान भविष्यवेत्ता की तरह बतलाते हैं की चीन भारत पर हमला नही करेगा । सारी मीडिया बतलाते नही थकती की हां जब प्रधानमंत्री कह रहे हैं की चीन भारत पर हमला नही करेगा तो नही करेगा , लेकिन ये नही बतलाते की जब चीन हमला नही करेगा तो भारतीय सेना को सीमा से कब हटाने वाले हैं । वैसे हमारे प्रधानमंत्री बडे ही भोले हैं उन्हे देश में होने वाले बडे बडे घोटालों पर मासूमियत भरे अंदाज में बतलाते देश-दुनिया नें देखा हैं कि क्या करूं मुझे तो पता ही नही की ये सब कैसे हुआ । अब सोचने की बात ये है की जब हमारे प्रधानमंत्री को अपने देश के बारे में छोडिये अपने मंत्रीयों के चालचलन के बारे में नही पता तो दूर चीन की सेना के बारे में इतनी बडी बात कैसे कह सकते हैं और क्या सोचकर कहते हैं की चीन हमला नही करेगा । हमारे प्रधानमंत्री के इस बयान के बदले चीन नें क्या प्रतिक्रिया दिया ये किसी को नही मालूम किसी पत्रिका नें चीन से नही पूछा की क्यों भाई जब हमारे प्रधानमंत्री ऐसा कह रहे हैं तो आप क्यों नही कह देते कि हां वो सही हैं और अरूणाचल वगैरह पर हमारा कोई कब्जा नही रहेगा । चलो कोई बात नही अब पुछ लो अब भी कुछ नही बिगडा है , लेकिन चीन का जवाब सुनने से पहले नेहरू का बयान जरूर पढ लेना जो उन्होने 1962 की लडाई के समय दिये थे
उस बयान का एक हिस्सा था की हम भारतीय केवल अपनी समझ से ही सोचते हैं और फिर उसी सोच को सारी दुनिया की सोच समझ लेते हैं, अब हम भारतीयों को यह सोच बदलनी होगी । उस लडाई के इतने सालों बाद आज फिर वही स्थिती है की कांग्रेसी प्रधानमंत्री नेहरू की चीनी हिंदी भाई भाई वाली गलतफहमी को वर्तमान कांग्रेसी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बढावा दे रहे हैं जबकी उन्हे नेहरू जी के इस बयान पर अमल करते हुए देशवासियों को इस बात के लिये सजग रखना चाहिये की हां हो सकता की चीन कल लडाई छेड दे ... इस तरह से देश लापरवाह नही रहेगा ।
हमारे प्रधानमंत्री जी अच्छे अर्थशास्त्री है इसलिये वे जानते हैं की युद्ध की भावनाएं जगाने पर शेयर मार्केट औंधे मुंह गिर जाएगा इसलिये मेरी सोच कहती है की मनमोहन सिंह को केवल अर्थशास्त्र आ सकता है रण शास्त्र नही । यदि चीन को लडाई नही करनी होती तो वह अऱूणाचल प्रदेश पर अपना दावा नही ठोकता लेकिन उसने जितनी आसानी से तिब्बत को हासिल कर लिया है उसका लालच बढना लाजिमी है और यह हर दुश्मन का कर्तव्य बनता है की वह अपने दुसरे दुश्मन पर हमेशा हावी बना रहे ।
अब आप सोचकर देखिये की जब अटल बिहारी बाजपेई नें सीना ठोककर परमाणु विस्फोट कर दिये तो चीन की कैसी हालत हो गई थी। उसने उस समय कोई भी ऐसा बयान देने की हिमाकत नही की और यहां तक की कारगील के समय भी चुपचाप पडा रहा क्योकि उसे पता था की अभी दुश्मन मजबूत है लेकिन अभी के समय हमारे हर दुश्मन जानते हैं की भ्रष्टाचार में लिप्त पूरी संसद जहां का विपक्ष भी भ्रष्टाचारी सरकार को गिराने का कोई सार्थक प्रयास नही कर रहा हो वह युद्ध के समय क्या करेगी ।
इसलिये अपने देश के प्रधानमंत्री केबयान को छोडो और
मेरे वतन के लोगों जरा आँखो में भर लो शोले औऱ शहिद ना हों सैनिक इसलिये बदल दो सरकारें ।
चीन हम पर हमला करेगा और जरूर करेगा क्योकि वह जानता है की उसका दुश्मन कितना और कहां से कमजोर है ।
जय हिंद
उस बयान का एक हिस्सा था की हम भारतीय केवल अपनी समझ से ही सोचते हैं और फिर उसी सोच को सारी दुनिया की सोच समझ लेते हैं, अब हम भारतीयों को यह सोच बदलनी होगी । उस लडाई के इतने सालों बाद आज फिर वही स्थिती है की कांग्रेसी प्रधानमंत्री नेहरू की चीनी हिंदी भाई भाई वाली गलतफहमी को वर्तमान कांग्रेसी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बढावा दे रहे हैं जबकी उन्हे नेहरू जी के इस बयान पर अमल करते हुए देशवासियों को इस बात के लिये सजग रखना चाहिये की हां हो सकता की चीन कल लडाई छेड दे ... इस तरह से देश लापरवाह नही रहेगा ।
हमारे प्रधानमंत्री जी अच्छे अर्थशास्त्री है इसलिये वे जानते हैं की युद्ध की भावनाएं जगाने पर शेयर मार्केट औंधे मुंह गिर जाएगा इसलिये मेरी सोच कहती है की मनमोहन सिंह को केवल अर्थशास्त्र आ सकता है रण शास्त्र नही । यदि चीन को लडाई नही करनी होती तो वह अऱूणाचल प्रदेश पर अपना दावा नही ठोकता लेकिन उसने जितनी आसानी से तिब्बत को हासिल कर लिया है उसका लालच बढना लाजिमी है और यह हर दुश्मन का कर्तव्य बनता है की वह अपने दुसरे दुश्मन पर हमेशा हावी बना रहे ।
अब आप सोचकर देखिये की जब अटल बिहारी बाजपेई नें सीना ठोककर परमाणु विस्फोट कर दिये तो चीन की कैसी हालत हो गई थी। उसने उस समय कोई भी ऐसा बयान देने की हिमाकत नही की और यहां तक की कारगील के समय भी चुपचाप पडा रहा क्योकि उसे पता था की अभी दुश्मन मजबूत है लेकिन अभी के समय हमारे हर दुश्मन जानते हैं की भ्रष्टाचार में लिप्त पूरी संसद जहां का विपक्ष भी भ्रष्टाचारी सरकार को गिराने का कोई सार्थक प्रयास नही कर रहा हो वह युद्ध के समय क्या करेगी ।
इसलिये अपने देश के प्रधानमंत्री केबयान को छोडो और
मेरे वतन के लोगों जरा आँखो में भर लो शोले औऱ शहिद ना हों सैनिक इसलिये बदल दो सरकारें ।
चीन हम पर हमला करेगा और जरूर करेगा क्योकि वह जानता है की उसका दुश्मन कितना और कहां से कमजोर है ।
जय हिंद