Saturday, January 19, 2013

देश भक्ति मत झाडो, देश हम चला रहे हैं ।

डीजल हर महिने 50 पैसे की दर से बढते हुए अंततः सब्सीडी मुक्त हो जाएगा .औऱ हाँ रसोई के दामों की चिंता ना करे वो तो आप जब खरीदने के लिये पहुंचेगे तब बता दिया जाएगा की उसकी किमत कितनी बढाई गई है आप तो इस बात पर खुश हो जाइये की कांग्रेस ने सिलेंडर की संख्या 6 से बढा कर 9 कर दी है । ये हमारे देश की बदकिस्मती है की  जनविरोधी सरकार हम पर राज कर रही है और जनता केवल लोकतंत्र का ढोल अपने माथे पर फोड रही है । देश में एक बदलाव की उम्मीद जागी थी अन्ना हजारे से, लेकिन वो केजरीवाल के भ्रष्ट आचरण में ढह गई फिर लगा बाबा रामदेव कुछ कर दिखलाएंगे लेकिन आधी रात के सरकारी लाठीचार्ज से वो भी भाग गये । जनता खामोश रही चुपचाप एफ.डी.आई. औऱ भ्रष्टाचार को सहती रही फिर आ गई दामिनी , इसने एक नई दिशा दिखलाई लोग बिना किसी बाबा या नेता के सहारे खुद ब खुद जमा हो गये और देश की लाखों दामिनी के लिये लडते दिखलाई पडे । लेकिन फिर वही हुआ जिसका देश को से अंदेशा था दामिनी की आग को बुझाने के लिये सबसे पहले एफ.डी.आई. लागू कर दिया गया उससे फर्क ना पडते देख सचिन से सन्यास दिलवाया गया उसमें भी सचिन की बेइज्जती होती देख लाठी डंडो और आंसू गैस का सहारा लिया गया सब कुछ होता रहा लेकिन दामिनी की आग नही बुझ पाई ।
                                    जिस दामिनी के लिये पूरा देश लडने के लिये दिल्ली पहुंच रहा था उस दामिनी को भी सरकार इंसाफ नही दिला पा रही है इससे ज्यादा शर्म की बात कांग्रेस के लिये नही देश के लोगों के लिये है, देश की जनता के लिये है । कितनी आसानी से दामिनी को लोग भुला कर सैनिकों के कटे सिर के पीछे दौड पडे    कट्टर राष्ट्रवाद से बचने की नसीहतें सरकार देती दिखलाई पडने लगी । कांग्रेस भूल गई की ये देश केवल सरकार को सत्ता संभालने के लिये दिया गया है ना कि जनता को गुलाम बना कर रखने के लिये  और फिर कटे सिर के सैनिक ने सरकार की सारी खामियों को दबा दिया । लोग भ्रष्टाचार भूल गये, एफ.डी.आई. भूल गये, दामिनी भूल गये औऱ आज देश की जनता सैनिक के कटे सिर को केवल इसलिये भूल गई क्योंकि उन सैनिको के घर सेना प्रमुख चले गये     और इसके साथ ही उन सैनिकों की याद मिटाने के लिये सरकार ने डीजल की आग लगा दी ताकि उसमें उसके सारे पाप जल जायें ।
                                                                अब कांग्रेस का चिंतन शिविर लगेगा जिसमें बात होगी अपनी छबी सुधारने की । किस तरह से सोशल मिडिया पर नियंत्रण किया जाय या उसके बडे ग्रुप के लोगों को किस तरह से मिडिया की तरह मैनेज किया जा सके क्योंकि खुद कांग्रेस के नेताओं की फालोवर संख्या उतनी नही हो पाती है जितनी एक देशभक्ति से ओत प्रोत एंटी कांग्रेस वाले किसी ग्रुप की हो जाती है ।
                                                   हर बडी घटना से बडी घटना बनाने के बाद पहली घटना को दबाने की ये कांग्रेसी चाल कब आम जनता को समझ पडेगी ये देखने और समझने की बात है । वैसे अब ज्यादा समय नही है जब कांग्रेस को उसके गुनाहों की सजा मिलेगी । ये भारत देश है जहां के लोगों का अटल विश्वास  है की हर गुनाहों की सजा ईश्वर जरूर देता है । वैसे भी कांग्रेस के चिंतन शिविर में सुबह सोनिया ने कही की कांग्रेसी आपस में लडना बंद करें और उसी रात छत्तीसगढ भिलाई की होटल अमित में कांग्रेसी शराब के नशे में धुत होकर गोलीयां चला दिये आपसी झगडे में ।