बहुत दिन पहले की बात है जब मैं लिखने की कोशिश करता था उस समय सोचता था ऐसा लिखूंगा वैसा लिखूंगा फिर अखबार में छपेगा और देश का कल्याण हो जाएगा । वैसे भी लेखकों के लिये अगर कोई विषय बचता है तो वह देश होता है । महंगाई से लेकर दामिनी तक जैसे मुद्दे तो आते जाते रहते हैं लेकिन देश का मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है जो देश के नेताओं से लेकर भीखारी तक की सभी की भूख मिटाने में कारगर रहता है । देश के मुद्दों पर औऱ घर के चुल्हों मं बहुत ही कम फर्क होता है । हम घर में रोटी पकाने के लिये पहले गेहूँ पिसकर आटा तैय्यार करते हैं फिर उस आटे में पानी मिलाकर गुंथते हैं फिर उसकी लोई काटते हैं उसके बाद चुल्हा जला रोटी बेलते और सेकते जाते हैं । लेकिन देश के मुद्दों की रोटी पकाने की विधी उलट होती है । अब अभी अपने पास कोई मुद्दा नही है इसलिये पुराने मुद्दे को देखते की उसकी रोटी कैसे पकी । बहुत पहले यानि की लगभग दो तीन माह पहले का ये मुद्दा है दामिनी वाला उस दामिनी की रोटी देखिये कैसे पकी .... दामिनी अपने भावी मंगेतर के साथ घर के लिये लौटने हेतु बस का इंतजार कर रही थी । एक बस रूकी और उससे कहा गया कहां जाता है बहन जी ..आइये आइये ऊपर आ जाइये ... इसके बाद उस बस में बैठे 6 लोगों ने उसके साथ जो किया वो बताने के लिये आप किसी दुसरी साइट पर ढुंढिये क्योंकि यहां पर केवल मुद्दों की रोटी बन रही है ।
उसके बाद जो हुआ वो सब अचानक होता गया अचानक कई लोगों का विजय चौक पर जमा हो जाना अचानक से आप का आ जाना अचानक से राष्ट्रपति भवन पहुंचने की कोशिश करना , आधी रात को अचानक सोनिया का मोमबत्ती धारकों से मिलने आ जाना वगैरह वगैरह ...
अब देखिये इसकी रोटी कैसे बनती है -
सबसे पहले दामिनी अस्पताल पहुंची मुद्दा बना अस्पताल पहुंचाने में देर लगाई गई
फिर उसे इंसाफ दिलाने के लिये मोमबत्ती धारकों पर पुलिस प्रहार हुआ - मुद्दा बना पुलिस की क्रूरता
सोनिया रात को मोमबत्ती धारकों से मिली - मुद्दा बना देश के लिये सोनिया जाग भी सकती हैं
फिर दामिनी को सिंगापुर ले गये - मुद्दा बना मुर्दा शरीर को सिंगापुर क्यों ले जाया गया
फिर दामिनी को अधिकृत तौर से मृतिका घोषित करके वापस लाया गया और अँतिम संस्कार कर दिया गया- मुद्दा बना गुप्त रूप से क्यों ये सब किया गया ।
फिर दामिनी के मातापिता को पैसे दिये गये - मुद्दा बना पैसों से माँ बाप को खरीदा गया
फिर इंसाफ की मांग की गई - मुद्दा बना नाबालिग को कैसे फांसी की सजा दी जा सकती है
अब मामला फास्ट कोर्ट में है - मुद्दा बना मामले में गति धीमी चल रही है ।
अब ये मुद्दे पर मुद्दे बनते चले गये और कई लोगों ने इसकी बनी रोटीयाँ खाई । किसी ने प्रेम से बैठकर तो किसी ने लाठी खाकर लेकिन दामिनी मुद्दे से रोटीयां सबको मिली । भीख मांगने वाला भी अपनी बेटी की ओर देखकर कहने लगा था बेटी संभल कर भीख मांगना दामिनी का मु्दा चल रहा है ।
खैर ये तो हुई पुरानी बात अब एकदम ताजी ताजी खबर को मुद्दा बनाते हैं । ये मुद्दा इतनी तेजी से उछल रहा है की आप लोगों तक पहुंच ही चुका होगा या पहुंचने वाला होगा
ये मामला है गोधरा का जी हाँ 2002 को हुआ मामले में अभी तक रोटी बनाई और खाई जा रही है । ये हमारे देश के लिये बेहद शर्मनाक मामला है और इसके मुद्दे की रोटी बहुत स्वादिष्ट होती है जबकि हमारे देश के लिये गौरव शाली इतिहास बनाते बोफोर्स, कामनवेल्थ, 2जी हेलीकाप्टर खरीद दलाली और महंगाई , भ्रष्टाचार जैसे मामलों की रोटीयां इतनी कडवी होती है की बडी मुश्किल से इसका निवाला भीतर जा पाता है ।
इसलिये हे देश के लोगों यदि तु्म्हे मजेदार लज्जतदार मुद्दों की रोटीयां खानी हो तो दामिनी , एफ.डी.आई., भगवा आतंकवाद , क्रिकेट जैसे मु्द्दों पर ही कायम रहना होगा क्योंकि इस देश में इस्लामी जेहाद, सरकारी घोटाले, नेताओं की काली करनी, आतंकवाद, पाकिस्तान, सैनिकों के सिर कटने जैसे मुद्दों की रोटियां आपके लिये महंगाई बढाकर स्वाद कडवा कर देंगी ।
देख नही रहे हो हेलीकाप्टर घोटाले में फंसते ही सरकार ने पेट्रोल, डीजल के दाम बढा दी है और अब शक्कर को भी खुले बाजार में बिकवा कर महंगी करने की तैय्यारी में है ताकि ऐसे मुद्दे उठाने की कीमत तुम्हे कडवी रोटी देकर चुकानी पडे ।
एक एक बात सही कही है आपने . नारी खड़ी बाज़ार में -बेच रही है देह ! संवैधानिक मर्यादा का पालन करें कैग
ReplyDeleteso............nice ...............
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