हे कृष्ण आखिर तुम कौन हो ?
क्यों तुम्हे जग पाना चाहता है ?
तुम्हे पाने का आसान मार्ग क्या है कृष्ण ?
आखिर मीरा ने ऐसा क्या देख ली जो वो आपमें समा गई ।
कई सवाल हैं कृष्ण से संबंध रखने वाले । आज दुनिया भर मे कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोउल्लास से मना रहे हैं , खुशी खुशी बताते हैं कि देखो कृष्ण जन्म ले रहे है , लेकिन एक सेकेंड के एक पल केवल सोच कर देखो क्या वो पल कृष्ण के लिये खुशियों का था ? जन्म लेते ही सगी माँ से विलग होकर उस माँ की गोद मे जाना जिसकी स्वयं की संतान उसके बदले मृत्यु के घाट उतरने वाली हो । बरसते पानी मे टोकरी मे रखे कान्हा को नंद के द्वारा उफनती यमुना को पार करना .. कृष्ण के कष्टों को समझने वाले कितने लोग होंगे आज जो एक धर्मवीर को केवल राधा के प्रेम मे पडे प्रेमी का रूप देकर रख दिये हैं ।
कृष्ण को राधा के साथ मंदिरों मे स्थापित करने वाले लोगों से एक सवाल है कि क्या वे अपनी पत्नि की फोटो को हटाकर अपने ही घर मे अफनी प्रेमिका की तस्वीर लगा सकते हैं ? अगर आपमें ये हिम्मत है तो आप साहसी नही बल्कि चरित्रहिन होंगे जो पत्नि के रहते हुए भी उस प्रेमिका को पाने की लालसा कर रहे हैं जो आपकी ही अर्धांगिनी का घर तोड रही है । और अगर आपमें ये हिम्मत नही है तो फिर आप माता रूक्मणी की जगह कैसे किसी एक काल्पनिक चरित्र को बैठा सकते हैं ? अगर आप मानते हैं कि कृष्ण हैं , ये भी मानिये कि रूममणी भी हैं । कृष्ण नें केवल एक विवाह किये थे माँ रूकमणी से ,किंतु उनका प्रेम पूर प्रकृति से है । गांव, पर्वत, गाय, बांसुरी, नदि सब कुछ प्रकृति है । कृष्ण के पास गोप गोपियों के लिये तब समय था जब वो वृंदाववन में थे , जब मथुरा पहुंचे तो उनके जीवन मे संघर्ष था स्वयं और गांव का जीवन बचाने का संघर्ष । मथुरा से शुरू हुआ यह संघर्ष अंततः महाभारत युद्ध के साथ समाप्त हुआ ।
कृष्ण को कैसे पाएं हम , क्या मंत्र है कृष्ण को पाने का । किस महामंत्र के सहारे मीरा कृष्ण मे जीवित समा गई । वो कौन सा महामंत्र है जो कृष्ण को पाने मे सहयोग दे ......
वह महामंत्र है ---
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।।
--- हरे = हरना , हरण करना, ले लेना
मेरे दुःख हर लो राम , मेरे संकट हर लो राम, हे राम मेरे राम प्रभु राम सारी विपदा हर लो ।
मुझे हर लो कृष्ण, मेरा परिवार हर लो कृष्ण , हे कृष्ण मेरे कृष्ण प्रभु कृष्ण मेरा सब कुछ हर लो ।
ये है वो महामंत्र ओर इसका अगर प्रभाव देखना हो तो इस्कान वालों का उदाहरण देखिये .. लाखों , करोडों कमाकर हरे रामा हरे कृष्णा गाते हुए मुक्ति मार्ग के लिये हजारों लोग निकल पडे हैं । जिनके पास धन है वो भी आज कृष्ण मे लीन है और जो दरिद्र है वो पाने के लालच मे इस महामंत्र का जाप करते हैं बिना ये सोचे कि ये जगत कल्याण का नही परमात्मा को पाने का निर्वाण महामंत्र है । ये वो महामंत्र है जो आपको धन वैभव से वंचित रखते हुए कष्ट देते हुए परमात्मा तक पहुंचाता है , इसीलिये कृष्ण सबकुछ पाते हुए भी आज तक अकेले हैं ।
उनके पास एक पत्नि थी जो आज उनसे दूर करके रख दी गई है उनकी समाधी (वीरावल मे भालका तीर्थ ) के बारे मे लोगों को नही पता । सारा जगत जन्माष्टमी के दिन प्रसन्न है किंतु कृष्ण ........ हरे हरे