Tuesday, December 6, 2011

गांधी परिवार दुनिया में सबसे अच्छा है ।

हां हां ... हां भई हां. .... हमारे देश का गांधी परिवार जैसा बहतरीन परिवार पूरी दुनिया में नही मिलेगा । मैं कपिल सिब्बल की इस बात से पूरी तरह से सहमत हूँ की देश में किसी भी जगह ... किसी भी तरह से गांधी परिवार के विरूद्ध कोई बात नही कहना चाहिये । हमारे देश को तरक्की देने वाला गांधी परिवार ही अकेला ऐसा परिवार है जो सारे देश की सोचता है बाकि सारे देश वासी केवल दर्द देने का काम करते हैं । कई तो ऐसे हैं जो अपने परिवार को नही संभाल सकते देश क्या खाक संभालेंगे । हमारे देश की सबसे ऊंची नाक सोनिया मैडम हैं ... हम इन्हे मैडम कहते हैं क्योंकि आजादी के बाद हमारे देश में  विदेश से आई पहली मेम हैं जो देश को संभाल रही हैं केवल संभाल ही नही रही हैं बल्कि बेहतरीन तरीके से चला कर दिखा भी रही हैं । इन्होने हमारे देश में आकर सबसे पहले अपने देवर की हवाई दुर्घटना में मौत देखीं .. इसके बाद अपनी सास को असली गोलियां खाकर मरते हुए देखीं ....इतने पर भी इस देश को रहम नही आया और इनके पति को बम से उडा दिया गया ... उफ्फ्फ्फ्फ् ये तो इनका मजबूत आयातित विदेशी दिल था जो इतने सदमें झेल सका वरना हमारे देश में तो कई परिवार ऐसे हैं जिनका दो चार छोटे मोटे हादसों में ही दम निकल जाता है ।
                                                     दुसरे नंबर में आते हैं राहुल बाबा ... हम इन्हे बाबा इसलिये कहते हैं क्योंकी हमारे देश के कई बाप निकम्मे निकल गये औऱ वो राहुल गांधी जैसी बेशकिमती औलाद पैदा नही कर सके । दरअसल राहुल बाबा एक दुर्लभ व्यक्ति इसलिये हैं क्योंकी इनमें विदेशी शरीर के साथ देसी दिमाग है । ये केवल देस के बारे में ही सोचते रहते हैं  जबकि हमारे देश के बाबा लोग या तो बाबाओं के चक्कर में रहते हैं या फिर  महंगाई और बेरोजगारी का रोना रोते रोते मर जाते हैं । हमारे देश कोई भी आदमी राहुल बाबा के बराबर नही हो सकता अरररर मैं गलत कह गया दुनिया का कोई भी आदमी राहुल बाबा की तरह का नही हो सकता ... कौन है जो देश की बढती महंगाई का रोना नही रोकर किसी भी गरीब दलित के घर खाना खाकर बिना कुछ दिये जा सकता है ... राहुल बाबा नें साबित कर दिये की एक गरीब दलित जब अपने खाने के साथ साथ उनको भी खाना खिला सकती है तो फिर देश में गरीबी और महंगाई का दुखडा क्यों रोया जा रहा है । हमारे देश को फक्र होना चाहिये की इंदिरा गांधी नें जो दो विभिन्न नस्लीय वंशानुगत प्रयोग देश हित में किये हैं वह पूर्णतः सफल साबित हो रहा है । अब उस प्रयोग को आगे बढाने की दिशा में अगला कदम राहुल बाबा को उठाना है और उन्हे दूर दराज किसी दूसरे देश की दुल्हन लाना होगा ताकि हमारा देश उस प्रयोग की अगली पीढी के राज करने की कार्यशैली देख सके ।
                                        आदरणीय कपिल सिब्बल जी आशा है आप इसे जरूर पढेंगे । प्लीज मेरे गूगल औऱ फेसबुक अकांउट को बख्श दिजियेगा ... देखिये मैने यहां पर गांधी परिवार की केवल तारिफें लिखी है । यदि कोई बात छुट गई हो ते माफ किजियेगा मैं प्रियंका जी के बारे में समयाभाव के कारण कुछ नही लिख पा रहा हूँ ... वैसे भी उन्होने अपने प्रयोग जारी रखे हुए हैं और इस हेतू मेरी शुभकामनाओं के साथ सारे गूगल और फेसबुक की शुभकामनाएं जुडी समझियेगा ... आशा है आप भावनाओं को समझेंगे ।
                                                                 

Thursday, December 1, 2011

आप तो मर ही जाओ ।

क्या रखा है इस जिंदगी में जीने के लिये । ना दारू ना गुटखा, ना तंबाखू और ना ही पराई स्त्रीयों का शौक और हां तंबाखू सिगरेट से भी परहेज । हद कर दी ... भला इनके बिना भी जीना कोई जीना है । चलो कोई बात नही .... मेरी बातें सुनकर इन सब चीजों को शुरू मत कर देना वरना यमराज मुझसे नाराज हो जाएंगे क्योंकि वैसे भी नरक हाऊसफूल चल रहा है इसलिये केवल छोटे मोटे अपराधीयों को ही वहां बुलाया जा रहा है बाकीयों को जगह मिलने पर धरती से उठाया जाएगा । क्यों .... अरे भाई हमारी तिहाड और वहां का नरक दोनो इसी पद्यति पर काम कर रहे हैं । बडे अपराधियों को भी तिहाड में ज्यादा दिन नही रखा जा सकता .... आखिर पापों की कार्य शैली पर भी तो आरक्षण है । आप मर्डर कर दिजिये ... सजा.... बमुश्किल एकाध महिने जेल में रहेंगे बाकि अपील पर अपील करते जाइये औऱ अँत में दस साल के बाद हंसी खुशी अदालत का रिहाई आदेश लेकर फटाखे फुडवाते हुए वापस आ जाइये ।
अब मेरी बातें सुनकर किसी की हत्या करने मत निकल पडना भाई क्योंकि हमारे इस लचर कानून की एक बहुत बडी मजबूती है पुलिस ... जी हां अगर गल्ती से भी पुलिस से पंगा लिये तो समझो गई पूरी जिंदगी जिला जेल और अदालतों के चक्कर काटते हुए क्योंकि याद रखिये हत्या होगी तो पुलिस मुजरिम को तलाश भी लेती है और कभी कभी तो इतना झल्ला जाती है की उसे एनकाउंटर भी करना पड जाता है । अरे भाई डरिये मत ... आपके पास पैसे हैं ना ... फिर क्यों डरते हो ... नेता से लेकर अभिनेता तक सब आपके आंगन में तुलसी तुलसी खेल लेंगे बस पैसे दिखलाइये ... क्या कहा ...
उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्
पहले क्यों नही बतलाए यार की आपके पास पैसे नही है ।
आप तो भाई मर ही जाइये ।
बस खुश हो लिये मरने की बात पढ कर .. लेकिन मरने के पहले ये सोचिये की इससे क्या महंगाई कम हो जाएगी, शेयर मार्केट बढ जाएगा, सोने का भाव गिर जाएगा इशलिये मरने के पहले भी दस बार सोचो की क्या मरना जरूरी है ... और अगर मरना जरूरी नही है तो फिर भला ऐसे कैसे जियोगे....... कन्फ्यूज होने की कोई जरूरत नही है ....
अगर ये सब सोचोगे नही तो जी नही पाओगे औऱ अगर नही सोचोगे तो मर जाओगे ... और जब मरना ही है तो भाई मेरे बिना लडे ही मर जाओ .... आखिर विदेशी कंपनीयां तो अमेरिका की मंदी की मार से मर कर हमारे यहां जीने के लिये आ रही हैं औऱ अब जब उनके पास जीने के लिये कुछ नही बचा है तो भला वो हमें कैसे चैन से जीने देंगी ....
मर जाओ भाई उन कंपनीयों के आने के पहले , दुसरे देशों के हमले होने के पहले, नेताओं के देश को बेचने के पहले, अन्ना का आंदोलन के मरने के पहले और कसाब के फांसी के पहले .... आप ही मर जाओ ... कम से कम ये सब तो नही देखोगे ।

Monday, November 14, 2011

राहुल गांधी का सत्य वचन

'फूलपुर जवाहर लाल नेहरू की कर्मभूमि रही है। यहां से उन्होंने प्रदेश को प्रगति का रास्ता दिखाया था। एक समय उत्तर प्रदेश पूरे देश को रास्ता दिखा रहा था। अब सारा देश आगे है, यूपी पीछे है। यहां से कभी नेहरू जी सांसद हुआ करते थे। लेकिन अब यहां से माफिया और अपराधी एमपी हैं। उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदल गया है। लेकिन विकास नहीं हुआ है। नेता जब तक गरीब के घर खाना नहीं खाएगा, तब तक वह नेता गरीबी की समस्या नहीं समझ पाएगा। जब तक एक नेता गरीबों के घर में कुएं का गंदा पानी नहीं पीएगा और जब तक वह बीमार नहीं होगा,  तब तक उस नेता को उस गरीब का दर्द नहीं पता चलेगा। जब तक नेता गरीब की हालत नहीं समझता तब तक उसे गुस्सा नहीं आ सकता। गुस्सा किस बात का? गुस्सा इस बात का गरीब के साथ इस प्रदेश में अत्याचार हो रहा है।

                                                         राहुल बाबा नें एकदम  सही हालात बतला दिये हैं उत्तर प्रदेश के माध्यम से पूरे देश की । जिस तरह से फूलपुर जवाहर लाल नेहरू (अब चाचा नेहरू ) की कर्मभूमि रहा था उसी फूलपुर में आज नेहरू के वंशज को यह स्वीकारनें में कोई हिचक नही हुई की उसके परनाना की कर्मभूमि में आज माफिया औऱ अपराधियों का कब्जा हो चुका है । बस राहुल बाबा से केवल एक चूक हो गई है की उन्होने इसका जिम्मेदार कांग्रेस के कर्णधारों को ना मानते हुए माया और मुलायम को मान रहे हैं जबकि सारे देश को ही नही दुनिया को भी पता है की माफिया किस देश की पैदाइश है ।
                                                  
                                             बस ध्यान देने योग्य बात ये है की कल को एक नया गांधी इसी तरह से अमेठी और रायबरेली के लिये कहेगा जिसे सुनने के लिये हमारी संतानों को अभी से तैय्यार कर लिजिये ।
                                           बस ..... बुरा मानो भई होली नही है ।


Wednesday, October 5, 2011

रावण- अनछुआ परिचय

हे महावीर , पराक्रमी, महाज्ञानी, महाभक्त, न्यायप्रिय, अपनों से प्रेमभाव रखने वाले , अपनी प्रजा को पुत्र से ज्यादा प्रेम करने वाले, धर्म आचरण रखने वाले,

अपने शत्रुओं को भयभीत रखने वाले, वेदांत प्रिय त्रिलोकस्वामी रावण आपकी सदा जय हो !
                         हे महावीर आपके समक्ष मैं नासमझ अनजाना बालक आपसे सहायता मांग रहा हूँ । हे रावण मेरे देश को बचा लो उन दुष्ट देवता रूपी नेताओं से जो हर साल आपके पुतले को जलाकर आपको मार रहे हैं और आपको मरा समझ अपने को अजेय मान रहे हैं । हे पराक्रमी दसशीशधारी आज मेरे देश को आपकी सख्त जरूरत आन पडी है । जनता त्राही त्राही कर रही है ओर राजशासन इत्मीनान से भ्रष्टाचार, व्याभिचार और धर्मविरोधी कार्यों में लगा हुआ ।

हे रावण मुझे आपकी सहायता चाहिये इस देश में धर्म को बचाने के लिये , उस धर्म को जिसे निभाने के लिये जिसमें आप स्वयं पुरोहित बनकर राम के समक्ष बैठकर अपनी मृत्यु का संकल्प करवाए थे । आज हमारे राजमंत्री अपने को बचाने के लिये प्रजा की आहूति दे रहे हैं । हे रावण आप जिस राम के हाथों मुक्ति पाने के लिये अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिये वही राम आज अपने ही देश में, अपनी ही जन्मस्थली को वापस पाने के लिये इस देश के न्यायालय में खडे हैं । हे रावण अब राम में इतना सामर्थ्य नही है कि वह इस देश को बचा सके इसलिये आज हमें आपकी आवश्यकता है ।

                     हे दशग्रीव हम बालक नादान है जो आपकी महिमा और ज्ञान को परे रखकर अब तक अहंकार को ना जला कर मिटाकर आपको ही जलाते आ रहे हैं । हे परम ज्ञान के सागर, संहिताओं के रचनाकर अब हमें समझ आ रहा है कि जो दक्षिणवासी आप पर श्रद्धा रखते आ रहे हैं वो हम लोगों से बेहतर क्यों हैं । हे त्रिलोकी सम्राट हमें अपनी शरण में ले लो और केवल दक्षिण को छोड समस्त भारत भूमि की रक्षा करने आ जाओ । हे वीर संयमी आपने जिस सीता को अपने अंतःपुर मे ना रख कर अशोक वाटिका जैसी सार्वजनिक जगह पर रखे ताकि कोई आप पर कटाक्ष ना कर सके वही सीता आज सार्वजनिक बाग बगीचों में भी लज्जाहिन होने में गर्व महसूस कर रही है ।

        हे शिवभक्त मेरे देश में यथा राजा तथा प्रजा का वेदकथन अभी चरितार्थ नही हो पाया है अभी प्रजा में आपका अंश बाकि है लेकिन हे प्रभो ये रामरूपी राजनेता , प्रजा के भीतर बसे रावण को पूरी तरह से समाप्त करने पर तुले हुए हैं ।

       त्राहीमाम् त्राहीमाम् ....... हे राक्षसराज रावण हमारी इन कपटी, ढोंगी रामरूपी नेताओं से रक्षा करो ।

                                                              ।। रावण ।।

                                ठीक है की मैं जो कह रहा हूँ वह गलत हो सकता है लेकिन क्या कोई इस बात को सोचनें की जहमत उठाने को तैय्यार है की रावण का पुतला हम क्यों जलाते हैं या जलते रावण का पुतला जला कर खुशीयां क्यों मनाते हैं ?  हम रावण का पुतला केवल इसलिये जलाते हैं क्योंकि हमें केवल त्यौहार मनानें का शौक रहा है । हर परंपरा को निभाने की आदत में शुमार होकर हम लोग कई रस्मों को बिना जाने पहचानें , सोचे समझे उसमें सम्मिलित हो जाते हैं । रावण को दशानन क्यों कहा जाता है इसके बारे में बडे ही हास्पद तरीके से रावण के दस सिरों को बनाकर काम क्रोध लोभ वगैरह वगैरह का नाम दे दिया जाता है , जबकि हकीकत ये हैं की रावण को दशानन कहने वाले राम थे और उन्होने उसे दशानन इसलिये कहे थे क्योंकि रावण का दसों दिशाओं पर अधिकार था । (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, वायव्य, नैऋत्य, आग्नेय, आकाश और पाताल) आकाश (स्वर्ग) पर इंद्रजीत, पाताल में अहिरावण औऱ बाकी आठ दिशाओं का नियंत्रण स्वयं रावण के पास था । ये बातें आजकल कोई नही समझाता क्योंकि इससे लोगों का त्यौहार फीका पड जाएगा ।
                                           क्या किसी नें यह सोचने की जहमत उठाई की रावण नें सीता को अपने अंतःपुर में ना रख कर अशोक वाटिका जैसी सार्वजनिक जगह पर क्यों रखा ?  
                           दरअसल सीता रावण की पुत्री  थी । जब रावण नें मंदोदरी की कोख में कन्या को देखा तो उसनें अपने ज्योतिष से यह जान लिया था की वह कन्या और कोई नही स्वयं माता भगवती का अवतार हैं । चूंकि रावण किसी भी स्त्री का वध नही कर सकता था (कन्या ही क्या रावण के द्वारा किसी की हत्या की गई हो इसका भी प्रमाण नही है, उसनें लंका पर कब्जा केवल इसलिये किया था क्योंकि वह नगरी उसके अऱाध्य शिव नें अपने लिये बनवाए थे ) इसलिये उसनें उस कन्या भ्रूण को राजा जनक ( राजा जनक नें महर्षि गौतम की पत्नि अहिल्या के बलात्कार का दोषी इंद्र को ठहराते हुए हवन में उसकी आहूति बंद करवा दिये थे इसलिये आज भी यज्ञ में इंद्र को आहूति नही दी जाती है ) के राज्य में उस खेत में रख दिया जहां से वह राजा जनक को आसानी से प्राप्त हो जाए ।     रावण नें माँ भगवती को इसलिये अपने राज्य से हटा दिया था क्योंकि वह जानता था की उसके राज्य में जिस तरह की रक्ष तंत्र व्यवस्था है उसमें देवी को वह सम्मानीय स्थान नही मिल पाएगा जिसकी वह हकदार हो सकती थी । 
                                                हनुमान नें पूरे लंका को तहस नहस कर दिये लेकिन रावण और हनुमान के युद्ध का कहीं भी वर्णन नही है और यदि है तो उसका कोई ठोस प्रमाण नही है । दरअसल रावण- हनुमान का युद्ध हो ही नही सकता था क्योंकि हनुमान भगवान शिव के रूद्रावतार थे औऱ रावण को यह ज्ञात था की स्वयं शिव राम की सहायता कर रहे हैं फिर भला यह कैसे संभव हो सकता था की रावण हनुमान को किसी भी तरह की क्षति पहुंचाता । दरअसल लंकादहन इसलिये करवाई गई क्योंकि उसका निर्माण भी भगवान शंकर नें किये थे और उसका दहन भी उन्होने ही किये अर्थात अपनी ही वस्तु को समाप्त कर दिये । 
                                           सब कहते हैं की राम नें रावण को मार दिये लेकिन किसी नें यह सोचा की जब रावण नें हजार साल ब्रम्हा की तपस्या करके अमरत्व लिया था तो  उसकी स्वयं की आयु क्या रही होगी  । फिर   इतने शक्तिशाली और प्रतापी सम्राट को 24 वर्ष का युवक राम कैसे मार सकता था । 
                                              दरअसल राम को भी रावण को मारने के लिये 24 बार जन्म लेना पडा था । हर युग में जब जब त्रेता युग आता था तब तब राम जन्म लेते थे लेकिन23 युग तक राम की मृत्यु होती रही । तब 24वें युग में राम का पुनः जन्म हुआ तो भगवान शिव नें विष्णु को रावण की मृत्यु के लिये हर संभव सहायता दिये और हनुमान को प्रकट किये । जब राम बडे हुए तो उन्हे ब्रम्हर्षि  विश्वामित्र नें अपने संरक्षण में लेकर युवा राम को सबल राम बना दिये । उन्हे हर तरह के दिव्यात्र और देवास्त्र देने वाले महर्षि विश्वामित्र ही थे ।  बाकि की कहानी तो हर किसी को मालूम है लेकिन एक बात ऐसी भी है जो बहुत ही कम लोगों को ज्ञात है । जब राम लंका के पास रामेश्वरम में धनुषकोटी के पास पहुंचे तो क्रोध में उन्होने समुद्र को जलाने के लिये धनुष उठाए तो समुद्र नें उन्हे पुल बनाने का फार्मुला देने के साथ साथ शिवलिंग की स्थापना करने को भी कहा पुल बनने के बाद राम नें वहीं समुद्र तट पर रेती से शिवलिंग बनाने का प्रयास किये । लेकिन जितनी बार वह शिवलिंग बनाते उतनी बार समुद्र उस शिवलिंग को अपने साथ बहा कर ले जाता तब उन्होने पुनः समुद्र से उपाय पुछे तो समुद्र नें उनसे कहे की हे राम तुम क्षत्रिय हो और जब तक शिवलिंग की स्थापना योग्य पुरोहित के द्वारा नही होगी तब तक वह शिवलिंग मेरा भाग होता है । तब राम नें उनसे पुछे की आप ही बताएं की यहां का योग्य पुरोहित कौन हो सकता हौ तब समुद्र नें मुस्कुरा कर कहे की यहां का सर्वश्रेष्ठ पुरोहित लंका नरेश रावण हैं ।
                                           तब राम नें अपने एक दूत को लंकेश के दरबार में नम्र निवेदन के साथ भेजे । जब दूत दरबार में पहुंचा तो लंकेश अपने दरबार में मंत्रीयों के साथ मंत्रणा कर रहे थे । दूत से लंकेश नें अपना संदेश देने को कहा तो दूत नें इंकार करते हुए कहा की ....... नही महाराज रावण वह संदेशा आपके लिये नही है । यह संदेश जो मैं लेकर आया हूँ वह पुरोहित रावण के लिये है । ... दूत के ऐसा कहने पर लंकेश कुछ नही बोले और उठ कर दरबार से बाहर चले गये । कुछ देर बाद दूत को संदेश मिला की भीतर पधारिये । जब दूत अंदर गया तो उसने देखा की एक दिव्य पुरूष सफेद वस्त्र पहने हुए खडा है । दूत नें उस दिव्य पुरूष को प्रणाम किया तो उस दिव्य पुरूष नें मधुर वाणी में पुछा की कहो महाराजा राम के संदेश वाहक ... क्या संदेश लाए हो  ---
दूत --- हे आर्य मैं महाराज राम का संदेश पुरोहित रावण के लिये लाया हूँ ।
दिव्य पुरूष - तुम अपना संदेशा मुझे दे सकते हो .., मैं ही हूँ पुरोहित रावण ।
दूत --  महाराजा रावण आप ...
रावण -  नही... महाराजा रावण अपने महल में हुआ करता है मैं यहां पुरोहित रावण हूँ और तुम इस समय मेरे साधना कक्ष के अतिथि गृह में हो .. कहो क्या संदेसा है महाराज राम का ।
दूत - पुरोहित जी अयोध्यानगरी के राजा रामचंद्रजी को महापराक्रमी महाराजा रावण से युद्ध करने जाना है और युद्ध का समय नजदीक है किंतु हमारे महाराज को भगवान शिव का आशिर्वाद लेने के लिये यज्ञ करवाना है जिसके पुरोहित की आवश्यकता है । हो पुरोहित जी क्या आप महाराज राम के यज्ञ में यजमानी करनें की कृपा करेंगे ।
रावण - यदि किसी और के पूजन की बात होती तो मैं नही जाता लेकिन यहां मेरे अराध्य शिव के पूजन की बात है और यह मेरा सौभाग्य होगा की मैं महाराज राम के यज्ञ की यजमानी कर सकूं । मैं कल पातः 4 बजे पहुंच जाऊंगा । और हां ... अपने महाराज से कहना की मैं अपने अराध्य की पूजन सामग्री लेता आऊंगा ।
                                             इस तरह से पुरोहित रावण नें दूत को विदा कर दिये । अगले दिन प्रातः जब राम लक्ष्मण समुद्र तट पर बैठे पुरोहितच का इंतजार कर रहे थे । लक्ष्मण रावण से किसी तरह का धोखा होने पर अपने धनुष की प्रत्यंचा चढाए थे । कुछ समय बाद लंका से दिव्य तीव्र प्रकाश अपनी ओर आता देख दोनो अपने स्थान पर खडे हो गये । जब पुरोहित रावण वहां पहुंचे तो सबसे पहले राम नें उन्हे प्रणाम करके बैठने को आसन दिये । यज्ञ प्ररंभ हुआ । पुरोहित नें संकल्प छुडवाये की यह यज्ञ राजा रामचंद्र  की विजय के लिये आयोजित है । हे भगवान शिव आफ अफनी कृपा बनाए रखें और यह आशीष दें की राम की जय हो और रावण मृत्यु को प्राप्त हो ।
                                                      जब रावण यह संकल्प करवा रहे थे तो लक्ष्मण पूरे ध्यान से सुन रहे थे की कहीं राम की जगह रावण का संल्प ना छुट जाए । जब यज्ञ सम्पन्न हो गया तो रावण नें लक्ष्मण को बलाकर कहे की लक्ष्मण यहां पर मैं पुरोहित रावण हूँ माहारजा रावण नही इसलिये अपनी शंका कुशंका को परे रखो ।
                                                   औऱ अंत में ----- राम नें रावण को ब्रम्हास्त्र से इसलिये मारे क्योंकि रावण को ब्रम्हा से अमरत्व प्राप्त हुआ था और राम नही चाहते थे की ब्रम्हा का अपमान हो इसलिये जब ब्रम्हा को अपने तीर पर बैठाकर राम नें रावण के पास भेजे तो ब्रम्हा नें रावण को जाकर कहे की हे महान तपस्वी रावण मैने आपको जो अमरता प्रदान किया था भगवान शिव व विष्णु के निवेदन पर वह अमरता वापस लेता हूँ । कृपया आप अपनी नश्वर देह का त्याग करने की कृपा करें ।        
 ........ .....और रावण नें ब्रम्हा को उनका अमृत कुंड वापस कर दिये ......
     
                                                                   आज कितने रावण ऐसे हैं । ....। यदि आपको लगे की एक रावण भी आज ऐसा है तो मुझे बताएं ...... 

Thursday, September 29, 2011

लो जी ...साल्व हो गया 2 जी


 

       उफ्फ कहां फंसा दी हो मैडम जी .. बाहर तो निकालो । मुझे तो केवल 10 परसेंट में ही निपटा कर खुद चैन से बाहर बैठी हो ।
                                        चिंता मत करो .. जल्दी ही इससे बडा घोटाला सामने आएगा .. फिर जैसे कॉमनवेल्थ को लोग भूल गये 2 जी को भी भूल जाएंगे ।

                      अरे .... मेरे साथ की दो पार्टनर मैडम की बहनें कहां है ... मुझे तो उनका नाम भी नही मालूम .... मुझे क्या पता था की 20 परसेंट की रिर्टन कीमत इतनी बडी होगी ।



                                                             
                                           मॉम ..... इसे आंटी का नाम बताया तो नही ना .....
                                         अरे नही ... इसे तो मेरा नाम भी नही मालूम... सोनिया मैडम सोनिया कहती है खीखीखीखी... और तुमको भी तो राहुल बाबा कहती है ... रॉल विंसी बेटा ।


 
                                  
                        देखो दादा ... जिस झंण्डे को आपने गले में डाला है उसी झण्डे की खातिर मैं आपसे निवेदन करती हूँ ... प्लीज ... मामला दबा दबाने में मदद किजिये । लोग इसे भी कॉमन वेल्थ और बोफोर्स की तरह भूला देंगे .....।



                                          अरे वाह .... इसका मतलब मैं भी बच गया.....
                                  
                  बिल्कुल ...... चिंदु तुम भी बच गये ... मैं तो शुरू से ही सबको बचाती आ रही हूँ । पहले अपनी सास को आपात काल में  बचाई, फिर अपने देवर संजय को मारूति से बचाई, अपने पति को बोफोर्स से बचाई, अपने दामाद को कॉमनवेल्थ से बचाई, अपनी बहनों और बेटी-दामाद को फिर से 2ु से बचाई ........ अच्छा अब टा टा बाय बाय .....
                                           अगले घोटाले में फिर मिलेंगे ।
   
                     अरे मैडम रूकिये तो .... मेरा क्या होगा ....

                                               तुम........
                                                           अपना इस्तीफा तैय्यार करो .... हर घोटाले के पीछे अपनी लापरवाही बतलाते हुए देश को बताओ की ... रॉल विंसी.... ओह.... राहुल गांधी से अच्छा प्रधानमंत्री कोई दुसरा नही हो सकता । तब तक बाकी लोगों को मैं निपटा दूंगी ......

Wednesday, September 28, 2011

सावधान- तीसरा महायुद्ध शुरू ।

                                                        इस लेख को पढने के पहले एक बात को  ध्यान में अच्छे से बैठा लिजिये की जब कभी भी युद्ध की शुरूआत होती है तो उस युद्ध को जनता केवल मूक दर्शक की भांति देखते ही रहती है क्योंकि युद्ध तो देश के सैनिक लडते हैं । आप किसी भी व्यक्ति से पुछ लिजिये भले ही वह भारत पाक का युद्ध हो या फिर दुसरा विश्वयुद्ध ... युद्ध की गंभीरता का पता तब तक नही लगता जब तक जनता खुद उस युद्ध के भंवर में नही फंस जाती है । अभी हम सब उस युद्ध के भंवर में फंसे नही है लेकिन याद रखें की हम सब जिस दुनिया रूपी नदी के बहाव में बह रहे हैं उस नदी के आगे एक बडी भंवर बन चुकी है और हमें उसमें फंसना ही फंसना है ।
                                     ।। मुझे नही मालूम की लोग नास्त्रेदमस के बारे में क्या नजरीया रखते हैं । जैसा की मैं पहले भी कई बार कह चूका हूं की दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के नजदीक पहुंच गई है, लेकिन अब बताना चाहूंगा की तीसरे विश्वयुद्ध के शुरूआती दौर में हम पहुंच चुके हैं । मैं कोई भय का वातावरण नही बना रहा हूँ बल्कि चेतावनी दे रहा हूँ की अपने अपने कर्मों को सुधारना चालू कर दो क्योंकि अब दुनिया तबाही के लिये तैय्यार हो चूकी है । मैं इस बार नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों को सिरे से जमाते हुए बताना शुरू करता हूँ और जहां गलत हूँ जरूर बताइयेगा -------
                                  तीन ओर  जल से घिरे देश में  एक नेता होगा जो जंगली नाम वाला होगा (इसकी व्याख्या इस प्रकार की गई है की भविष्य में कोई सिख(सिंह ) भारत मे प्रधानमंत्री पद पर बैठेगा ) वर्तमान में मनमोहन सिंह इसी पद पर हैं , एक देश मे जन क्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा ( मिश्र में हो चुका है )  नया पोप दुसरे देश में बैठेगा (वर्तमान के पोप फ्रांस में रहते हैं ) चीन चर्च के खिलाफ युद्ध छेडेगा ( चीन नें अमेरिका को पाकीस्तान से दूर रहने की सलाह दे डाली है ) इसके अलावा और भी कई चीजें ऐसी होने वाली है जो कुछ ही दिनों में पूरी हो सकती है । जैसे – छुपा बैठा शैतान अचानक बाहर निकल आएगा ( गद्दाफी ) नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा । 
                                            चलो ये हुई नई नई बातें कुछ पुरानी बातों पर नजरें डालें- -
1.  नास्त्रेदमस के भविष्यवामी पुस्तक में पहली सेंचुरी के 76वें भाग की पहेली देखिये
The man will be called by a barbaric name


that three sisters will receive from destiny.

He will speak then to a great people in words and deeds,

more than any other man will have fame and renown.
             क्या यह बात तीन सगी बहनों के पिता मनमोहन सिंह (सिंह- बर्बर या जंगली नाम वाला ) पर लागू नही होती है जिनके किये गये अच्छे कामों का श्रेय राहुल/ सोनिया गांधी (other man ) को मिलता है ।

2.चतुर्थ सेंचुरी के 74वें भाग पर ध्यान करें --
 The great Pilot will be commissioned by the King,


To leave the fleet to fill a higher post:

Seven years after he will be in rebellion,

Venice will come to fear the Barbarian army.
              एक महान पायलट (राजीव गांधी) अपनी नौकरी छोडकर राजा बन जाता है , सात साल के बाद विद्रोह होगा (लिट्टे (जंगली सेना)  को प्रश्रय राजीव गांधी नें ही दिया था और उनकी मौत लिट्टे का विद्रोह मानी जाती है । वेनिस (सोनिया गांधी) उस जंगली सेना से डर जाएगा । राजीव की मौत के बाद इस डर को हर भारतीय नें देखा की किस तरह से सोनिया इटली में बच्चों के साथ रहने की योजना बना चुकी थी ।



                                            भारत के बारे में नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणीयां पूरी हो चुकी है और कुछ पूरी होने को है . पुरानी के बारे में ये दो उदाहरण पर्याफ्त हैं अब मैं आपको ये बतलाना चाहता हूँ की दुनिया किस तरह से तीसरे विश्वयुद्ध के शुरूआती दौर में है और हम भी उसमें फंसने वाले हैं । - -
A Duke eager to follow his enemy


Will enter within impeding the phalanx:

Hurried on foot they will come to pursue so closely

That the day will see a conflict near Ganges.
                                                                                अंतिम जंग होगी गंगा के किनारे ..... यानि की सेनापति पैदल सेना  पीछा करते हुए गंगा नदी के तट तक पहुंच जाएगा और वहां पर होगी अंतिम लडाई ..........
                                         जिस तरह से चीन हम पर बार बार आक्रमण कर रहा है उससे ये नही लगता की कोई चीनी सेनापति हमारे देश को जीतते हुए गंगा के तट तक पहुंच जाएगा ।
सेंचुरी-1 का 50 भाग ----
From the three water signs will be born a man


who will celebrate Thursday as his holiday.

His renown, praise, rule and power will grow

on land and sea, bringing trouble to the East.
                             दुनिया में भारत के अलावा कोई देश नही है जो तीन ओर से पानी (सागरों) से घिरा हुआ हो और उस देश में गुरूवार की महत्ता हो । केवल भारत देश में ही गुरूवार के दिन केवल अराधना की जाती है और कई जगहों पर तो गुरूवार के दिन तेल, साबुन तक लगाना निषिद्ध है । अब इंतजार करो उस महान हिंदुत्ववादी व्यक्ति का जो हमारे देश में गुरूवार को अवकाश रखवाएगा ।
सेंचुरी 1का भाग 61
The wretched, unfortunate republic


will again be ruined by a new authority.

The great amount of ill will accumulated in exile

will make the Swiss break their important agreement
                                 अब देखना ये है की स्वीस बैंक अपने नियम को पूरी तरह से तोडते हुए कब महान गणतंत्र देश के भ्रष्ट पैसों को उजागर करता है ।
                                             इसी तरह की कई भविष्यवाणी नास्त्रेदमस के द्वारा की गई हैं । इनमें से कुछ भविष्यवाणी अस्पष्ट तो कुछ एकदम स्पष्ट हैं । जैसे की मंगोल (चीन) अरब मिलकर चर्च के खिलाफ हमला करेंगे , फ्रांस और इटली में संघर्ष शुरू हो जाएगा दो महाशक्तियां आपस में मित्र बन जाएंगी , पुराने दोस्त दुश्मन बन जाएंगे .....
                                                वर्तमान परिदृष्य को मिलाकर देखते हैं की क्या कहानी बनती है ।
 जैसा की यह तय है की गद्दाफी और बर्लुस्कोनी जब खुलकर सामने आएंगे तो तीसरे महायुद्ध की विधीवत घोषणा हो सकती है, लेकिन तब तक क्या क्या होगा वो देखते हैं ।
पुराने दोस्त दुश्मन बन जाएंगे ---- अमेरिका-पाकीस्तान के बीच दुशमनी की कहानी शुरू हो गई है । हालात इस तरह के बन रहे हैं की अमेरिका पाकीस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है ।
चीन-अरब गठबंधन कैसे -  अमेरिका-फ्रांस जिस तरह से लगातार एशियाई देशों पर हमले करते जा रहे हैं (इराक, लिबिया, अफगानिस्तान ) उस स्थिति में ज्यों ही अमेरिका कीसी और एशियाई देश पर हमला करा तो चीन तत्काल अरब देशों को अपनी सहायता पहुंचाएगा और चीन अरब देशों को समझाएगा की मामला केवल तेल का नही है बल्कि चर्च अपना प्रभाव बढाने के लिये हमले करवा रहा है । इसका परिणाम यह होगा की अरब देश संयुक्त रूप से पश्चिम के खिलाफ लामबंद हो जाएँगे । पाकिस्तान को अरब देश अपना पूरा समर्थन देते हैं ।
            
                                                     

Monday, September 26, 2011

PRASHANTAM: मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।

PRASHANTAM: मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।: क्या पहले मुझे नास्त्रेदमस का परिचय देने की जरूरत है । मुझे नही लगता क्योंकि सब कुछ विकीपीडिया में मिल जाएगा सो वहां से आप पढ लिजिए । मैं ...

मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।

क्या   पहले मुझे नास्त्रेदमस का परिचय देने की जरूरत है । मुझे नही लगता क्योंकि सब कुछ विकीपीडिया में मिल जाएगा सो वहां से आप पढ लिजिए । मैं तो लिखने बैठा हूँ इस दुनिया की तबाही के बारे में महान भविष्यवक्ता  नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों के बारे में कुछ बताने और कुछ आपको सुझाने के लिए ।
                                                        मैने  इस संबंध में एक लेख लिखा था तीसरा विश्वयुद्ध शुरू - नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पूर्णता की ओर    इसमें मैने बताया था की दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के ना केवल कगार पर है बल्कि बहुत तेजी से युद्ध शुरूआत होने की भूमिका लगभग तय हो गई है । किस तरह से लडाई छिडेगी इसका एक खाका तैयार हो गया है । आगे मैं जो भी लिखने जा रहा हूँ उस पर केवल पढनें तक सीमीत ना रहे बल्कि आप इससे आगे की सोचें । भाई मेरा दिमाग अलग और आपका अलग काम करता है । चलो छोडो बात करते हैं आगे की -
                              मेबस ( MABUS )  के बारे में सबसे पहले चर्चा करते हैं । इस नाम को आडा टेढा उल्टा सीधा सब कुछ करके दुनिया के विशेषज्ञों नें देख लिये हैं अब इसके बारे में मेरा जो नजरिया है उस पर गौर फरमाएं और यदि सही लगे तो प्लीज.... अपना नाम जोड कर मत बता देना की ये आपकी खोज है  । दरअसल इस नाम की खोज पर कई सालों से मैं भी लगा हुआ था और हर उभरते नाम के साथ इस नाम को जोडने का प्रयास करता रहा ।

Mabus तो जल्द ही मर जाएगा, वहाँ आ जाएगा

लोगों और जानवरों में से एक भयानक भगदड़:

फिर अचानक एक प्रतिशोध देखेंगे,

सौ, हाथ, प्यास, भूख जब धूमकेतु चलेंगे. (सदी द्वितीय, 62 रुबाई)

                           अब कोई इसे मेबस कहता है तो कोई माबस कहेगा लेकिन मैं इसे केवल मबुस ही समझा और इसी आधार पर उस मबुस की खोज करने निकल पडा । .. बोर हो गए ना... लेकिन अब जो बता रहा हूँ उसे आप भूमिका कह सकते हैं । जैसा की मैने तीसरा विश्वयुद्ध शुरू लेख में बता चूका हूँ की गद्दाफी पनडुब्बी अथवा अन्या साधनों से होता हुआ इटली तक पहुंचेगा । लेकिन पुनः नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में सेंचुरी 9 के 3 खंड में लिखा है
The "great cow" at Racenna in great trouble, Led by fifteen shut up at Fornase:
At Rome there will be born two double-headed monsters,
Blood, fire, flood, the greatest ones in space .  यहां पर खोजबीन किया तो पाया की Racenna में मात्र एक स्पेलिंग का फेरबदल करो और c की जगह पर v का इस्तेमाल करने पर इस नाम का इटली का एक समुद्र तटीय नगर  है  । अब जबकि रेवेना मिल गया तो वहां से लिबिया का पहुंच मार्ग ढुंढा और त्रिपोली से रेवेना का नक्शा इस तरह से बना ----

अब इसके साथ नीचे की नीली लाइन पर गौर फरमाएं यह लाइन सीधे त्रिपोली, लिबिया तक के लिये खींची गई है (कुछ मेहनत आप भी करो औऱ गुगल मेप से रास्ता ढुंढो ) मुझे कुल समुद्री दुरी 1000 किलोमीटर के आसपास की मिली । अब आपको लगेगा की इस दूरी का मेबस से क्या जोड हो सकता है । हां .. आप सही है इन दोनो का कोई जोड नही है लेकिन जोड बनाना है तो कुछ गुणा भाग भी तो करना पडेगा । 
At Rome there will be born two double-headed monsters, इस लाइन का क्या आप हिंदी में रूपांतरण करेंगे । मुझे जितनी अंग्रेजी समझ में आई उसके अनुसार नास्त्रेदमस रोम में दो सिर वाले राक्षस के जन्म लेने की बात कहते हैं । जी हां .....ये है दो सिर वाला राक्षस ...मेबस या माबस लेकिन मेरी भाषा में मबुस ।
                                            गद्दाफी गायब है और इस लेख को लिखे जाने तक लापता ही है लेकिन नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अध्ययन के अनुसार वह इस समय या तो इटली के रेवेना शहर तक पहुंच चुका होगा या पहुंचने वाला और यही गद्दाफी है मबस का MA (गद्दाफी के नाम के पहले मुअम्मर लगता है जिसके उच्चारण का एक हिस्सा मुअम् ... फिर मुअम् से बना इस तरह से बना आपके मेबस का और मेरे मबुस का म ।
                                        जब मबस का मिल गया तो पीछे के BUS को ढुंढने मे कोई कठिनाई नही पडी । दो सिर वाले राक्षसों का एक सिर मुअम्मर गद्दाफी है तो दुसरा सिर उस बुस का है जो गद्दाफी का परम प्रिय हो या फिर ऐसा आदमी जो गद्दाफी की तरह का तानाशाही रवैय्या रखते हुए अय्याशी कर रहा हो और रहता इटली में हो । .... अरे वाह आप भी पहचान गये ... जी हां मबुस  का बुस बुर्लोस्कोनी ही है ... कैसे .. जरा उसके नाम के हिस्सों को अलग अलग करो .. बुर्लोस्-कोनी... फिर से कहो .. बुर्लोस् .... फिर से कहो ... बुस् ... हो गया हिज्जों में तैय्यार मबुस नामक दो सिरों वाला राक्षस । ... ।
                                          कहते हैं की जब दुनिया के सबसे बडे दुश्मन को अपने घर में छिपाना हो तो दुनिया के सामने उसे अपना सबसे बडा दुश्मन बताओ (पाकिस्तान नें ओसामा के साथ यही नाटक दुनिया के सामने दिखाया था )   तब मुझे समझ आया की क्यों बुर्लोस्कोनी गद्दाफी को अपना सबसे बडा दुश्मन बता रहा है । उसका बयान जब मैने पढा की गद्दाफी का बस चले तो वह मुझे अभी मरवा डाले तो मुझे गडबड लगी, क्योंकि दोनो की एक फोटो से मुझे उनके रिश्ते बडे मीठे लगे थे .।.. आप भी देखें ....
.................................................................................... ....................................................................................... ..................................................................................... ......................................................................................... ........................................................................................ ............................................................................... ........................इन तस्वीरों को देककर आप क्या कहेंगे । सबसे बडी बात है इन दोनो महानुभावों का व्यवहार । दोनो की भाषाओं में तानाशाही झलकती है । दोनो ही कानून की परवाह नही करते । दोनो को एशोआराम पसंद है । दोनो को खूबसूरत लडकियों का शौक है । वगैरह वगैरह ... अब आप ही सोचें की क्या मेरी खोज गलत है । अगर गलत लगे तो मेरे अगले लेख को जरूर पढ लिजियेगा ।

Monday, September 19, 2011

कांग्रेसियों भारत माता की रक्षा करो ।

इस तस्वीर को गौर से देखो और यदि कांग्रेसी हो तो सोचो की इस तस्वीर की विशेषता क्या है । नही समझ आया ... यहां सोनिया और राहुल आपस में गुफ्तगूं  कर रहे हैं ऐसा लगता है ना... यदि इन्हे कोई जरूरी बात करनी होती तो ये घर में भी कर सकते थे सार्वजनिक रूप से इस तरह की तस्वीरें जारी करने का क्या मतलब है ?  यदि आप  कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं तो आपको बताया जाएगा की देश की समस्याओं पर गंभीर विचार विमर्श चल रहा है जबकि वास्तविकता ये है की राहुल सोनिया मैडम को वहां होने वाली बातों का इटली में अनुवाद बता रहे हैं । जी हां भारत देश के महान कांग्रेसी बंधुओं आपकी माननीया सोनिया गांधी को हिंदी तो छोडिये अंग्रेजी भी ढंग से आती है क्योंकि ये मात्र हाई स्कूल पास हैं । संसद में अपनी पढाई के विषय में दिये झूठे हलफनामे पर सोनिया गांधी संसद में माफी मांग चूकी हैं । अब आते हैं मुद्दे की बात पर- - - यदि आप कट्टर कांग्रेसी हैं तो जाहिर सी बात है की आपके पास कम से कम 2 एन.जी.ओ. जरूर होंगे .... उन एन.जी.ओ. को मिलने वाला पैसा कहां से आता है और आप तक कितना पहुंच रहा है उससे भले ही आपका कोई लेना देना ना हो लेकिन इस देश का बंटाधार होने के पीछे एक वजह ये भी है ।
                                              चलिये ये बात हटाएं क्योंकि इससे आपका पेट जुडा है .. हां तो बात हो रही थी सोनिया मैडम की ... क्या आप जानते हैं की उन्हे क्या बीमारी थी ? नही मालूम ... हां यही है सही जवाब ... दरअसल उन्हे डरने की बीमारी है सोनिया गांधी बांग्लादेश के दौरे पर गईं और 25 जुलाई को अचानक गायब हो गईं ... किसी को कोई खबर नही लग पाई की सोनिया कहां है ( सोचो जिस दिन मैडम के खिलाफ आप-हम मिल कर अपने देश का काला धन लाने के लिये एक जुट हो जाए और मैडम ऐसे ही गायब हो जाए तो कौन वापस ला पाएगा मैडम को...) जब मैने यह खबर पढा तो मुझे लगा की अन्ना हजारे की क्रांती से डरकर मैडम पहले ही गायब हो गई है लेकिन 2 अगस्त को एक छोटी सी खबर नें मुझे चौंका दिया ... खबर थी राजीव गांधी फांउडेशन द्वारा गुडगांव में 5 एकड जमीन का अवैध रूप से अधिग्रहण के विरूद्ध कोर्ट में मामला दर्ज ... अब मामला समझ में आया की मैडम को लगा कहीं अदालत नें उन्हे कोर्ट में हाजिर होने को कह दिया तो ?  बस फिर क्या था मैडम मिली सीधे अमेरीका के 5  स्टार अस्पताल में  ।
                                        इस तरह की खबरें भी हैं कि सोनिया स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए वील कॉर्नेल मेडिकल सेंटर या कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में भी दाखिल हो सकती हैं। यह दुनिया के आलीशान व नामी अस्‍पतालों में से एक है।  कोलंबिया यूनिवर्सिटी सेंटर में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं हैं। सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ के दौरान यह सेंटर ऐसे आलीशान कमरे मुहैया कराता है जहां से हडसन नदी का नजारा दिखता है। यहां तीमारदारों के लिए विजिटर रूम की सुविधा है जो आम तौर पर अन्य अस्पतालों में नहीं होती है ।
                         मेरा ये बातें लिखने का उद्देश्य यह है की आम कांग्रेसी भी यह जाने की मैडम की सोच कितनी उच्च है । जिस तरह के घाटों की बात कह कर आम जनता पर महंगाई डायन का वार किया जा रहा है वह सब दिखावा है । दरअसल हम भारतीय दुनिया के सबसे अमीर देश के वासी है । जब हमारे मंदिरों के खाजनों को सरकार अपने कब्जे में कर रही है तो वह चर्च और दरगाहों की अकूत दौलत पर हाथ क्यों नही डाल रही है . हमारे सारे मंदिरों का चढावा अपने बाप की बपौती समझ कर सरकार इस्तेमाल कर लेती है मगर दुसरे धर्मों के पैसों को जिनसे वास्तव में आतंकवादीयों को व धर्मांतरण करने वालों को पनाह मिलती है उस धन पर सरकार कोई रूख नही बताती है । क्यों ... क्योकि किसी दरगाह, मजार या चर्च के पैसों की बात सोचना भी अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना होता है जिनके विरोध को सरकार सहन नही कर सकती ।
                          यह बात भारतीय मुस्लिम कांग्रेसियों को भी समझना होगा की सोनिया गांधी उस इटली देश की पैदाइश है जिसने दुनिया को माफिया दिया है । सोनिया के मन में भारत देश या यहां के निवासियों के लिये कोई दया श्रद्धा भाव नही है । वह आज भी इटली की ही परंपरा का पालन कर रही है इसका एक उदाहरण देखिये ----स्नातक की पढ़ाई के बाद राहुल ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वो किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि राहुल यहां एक छद्म नाम रॉल विंसी के नाम से कार्य करते थे। राहुल का नाम रॉल विंसी छद्म नाम नही है बल्कि सोनिया की बहन विंसी परिवार से है अनुष्का के पति वाल्टर विंसी हैं ।  प्रयंका बढेरा  की शादी रॉबर्ट वाड्रा से हुई, जिनसे उनकी मुलाकात उनके पारिवारिक मित्र ओत्तावियो क्वात्रोची के घर  पर हुई. उनके रेहन और मिराया दो बच्चे हैं ।
                                   आज हालात यह है भारत की सारी बडी मिडिया के कार्यकर्ता भले ही भारतीय हों लेकिन मालिक कोई ना कोई चर्च है । जैसे एंण्डियन एक्सप्रेस नें बोफोर्स से संबंधित कई बडे खुलासे किये यहां तक की वाल्टर विंसी को इटली में दी गई नकद रकम का भी खुलासा सबसे पहले इसी अखबार नें किया था लेकिन आज हालात यह है कि इण्डियन एक्सप्रेस समूह में चर्च एक्ट्स मिनिस्ट्रीज का काफी बडा हिस्सा है और चर्च सोनिया या उसके परिवार के विरूद्ध कोई बात नही छापता है ।
                                            मैं यह सब इसलिये लिख रहा हूँ क्योंकि हम आप सबसे पहले भारतीय हैं और पार्टीवादी बाद में । मैं आपसे हर पार्टी से अलग (भाजपा भी कोई दुध की धुली नही है) केवल राष्ट्रहित में देश के सभी कांग्रेसी भाइयों व सोनिया समर्थकों से एक ही अपील करता हूँ की इस देश की रक्षा और सुरक्षा की जवाबदारी हम पर ही है और सोनिया को समर्थन देकर हम अपनी ही जान से खिलवाड कर रहे हैं ।
                                             मेरा आप सभी लोगों से निवेदन है की एक बार ये सोच कर देखें की जब सोनिया के खिलाफ सारे सबूत मिल जाएँगे और हम अपने हिस्सा का धन मांगने सोनिया को तलाशेंगे लेकिन वह सारे परिवार के साथ गायब मिले तो हम क्या करेंगे ।

Friday, September 16, 2011

गैस के दाम बढ गए।

मैं कोई भविष्य वक्ता नही हूँ लेकिन जैसी परिस्थिति दिख रही है उसी के अनुसार यह खबर बना रहा हूँ । मुझे पता है कि इस पर फटाफट क्लिक लगेंगी । मेरा अनुरोध है की खबर को नजरअंदाज ना करें और सोचें की जब हम कोई गाडी खरीदते हैं तो रजिस्ट्रेशन के समय ही हमसे लाइफ टाइम रोड टैक्स ले लिया जाता है । अब जबकि हमने पूरा रोड टैक्स दे दिये हैं तो फिर जगह जगह टोल नाके पर हमसे सडक के नाम पर पैसे वसूलने का सरकारी औचित्य क्या है । ये कोई व्यंग्य नही सत्यता है की इसी तरह की कई ऐसी चीजें हैं जिन पर हमारा ध्यान नही जाता । हम आज भी नही सोच रहे हैं कि जब एक अन्ना के साथ करोडों अन्ना खडे हो सकते हैं तो वो अन्ना हमेशा खडे क्यों नही होते हैं सरकार के खिलाफ । आज हमारे ही पैसों से सारा देश चल रहा है इन मंत्रीयों संतरीयों को हम ही पैसे दे रहे हैं और ये लोग हमारी ही ऐसी की तैसी कर रहे हैं और हम बडे इत्मीनान से बैठे हैं की कब कोई पार्टी या अन्ना जैसा कोई व्यक्ति आए तो हम उसके साथ खडे हो जाए ं. क्यों नही हम खुद इस काम की शुरूआत करते हैं ताकी कोई एक आगे ना दिखे सब एक साथ दिखें जिससे किसी एक केजरीवाल या रामदेव बाबा या फिर बालकृष्ण जैसे लोग ही जन सेवा के नाम नजरों में आ गये तो सरकार उनके पीछे हाथ धो कर पड गई । हम उनकी उन कारगुजारीयों को ही सच समझने लगे जबकी भूल गये कि यही वो लोग हैं हैं जिन्होने हमें एक आंदोलन की राह दिखलाए हैं ।
                                    पेट्रोल के दाम बढ चुके हैं और अब रसोई गैस की बारी है । सरकार क्यों बढा रही है रसोई गैस के दाम इससे हमें कोई सरोकार नही लेकिन इस बात से सरोकार की जिस घाटे की बात करके सरकार ये दुष्कर्म कर रही है क्या वह घाटा सरकारी एयर लाइनों को बंद करके पूरा नही किया जा सकता । क्या वह घाटा राष्ट्रपति से लेकर एक सरपंच तक की तनख्वाह को कम करके पूरा किया जा सकता ।
                                    मैं लिखना नही चाहता लेकिन लिखना पड रहा है कि इमरजेंसी के समय इंदिरा सरकार नें राजस्थान के राजाओं की जो अकूत खजानों पर कब्जा जमाया था वह सारा खजाना कहां गया । देश का सारा काला धन कब वापस आएगा । अगर कोई बडा जन आंदलोन उठा और माइनो परिवार को देश छोडकर भागना पडा तो भारत देश के वासी अपना खजाना किससे वापस ले पाएंगे । सोनिया गांधी इलाज के नाम पर विदेश गईं क्या कोई इस बात को सोचने की जहमत उछाया की जब तक अन्ना का आंदोलन ठंडा नही पडा तब तक मैडम की तबियत खराब रही । उनका इलाज किस बीमारी का हुआ इसे उनका निजी मामला बता दिया गया लेकिन किसी नें कांग्रेस पार्टी से पुछा कि जब इस देश में सब कुछ सार्वजिनक है तो फिर उनकी बिमारी निजी कैसे हुई । उनकी हालत किसी भी तरह से बीमारों जैसी नही है । इसका मतलब ये है की दुसरे देशों की जैसी जनक्रांति से डर कर मैडम देश छोड कर वैसे ही भाग गई थीं । अगर वो डरी नहीं थी तो फिर बताया जाए कि उन्हे कौन सी बीमारी हुई थी जिसका इलाज हमारे देश में संभव नही है ।      
                                             चलो छोडो इन बातों को और सोचो की रसोई गैस के दाम बढनें के बाद आप क्या करने वाले हैं ।

Monday, September 12, 2011

भिलाई में सेक्स बनाम नक्सली..।

11 अगस्त को एक मामूली सी घटना घटी है । भिलाई पावर हाऊस स्थित अपना केसरी लॉज (सपना टॉकीज के पास) में महिला पुलिस सेल नें छापा मारकर  वहां से 6 लडकों व 7 लडकियों को हिरासत में लिया । छावनी थाना प्रभारी डी.एस. परिहार के अनुसार स्कूल - कॉलेज के छात्र छात्रा थे । देर रात धारा 151 के तहत जमानत पर लडकियों को छोड दिया गया व लॉज मालिक रंजन गुप्ता को जेल भेजा गया । ......। चलो कोई बात नही मामूली घटना है इसलिये इसे यहीं खत्म कर दिया जाए । केवल यहीं ऐसा हो रहा है ऐसा नही है पूरे भिलाई शहर का यही हाल है । शहर में आने जाने वालों का तो कोई हिसाब नही रख सकता लेकिन वो जो सालों से सेक्टर क्षेत्रों में या फिर झुग्गी बस्तीयों में आराम से रह रहे हैं उनका भी कोई पता लगाने वाला नही है । जबकि हकीकत ये है की इस संवेदनशील मामले में जितनी जवाबदारी पुलिस की है उससे कहीं ज्यादा यहां के रहवासियों की बनती है जो पुलिस को तो कोस देते हैं पर अपना कर्तव्य नही निभाते ।
                   .....अररररररर रूकिये जनाब नक्सली गाथा शुरूआत अब यहीं से  होती है .... रंगरेलियां मनाते पकडे गये लोग कौन थे, उनके पते क्या क्या थे इस बात की जानकारी लेने पर थाना प्रभारी नें बता दिये की उनके नाम पते नही बताये जा सकते ..... अब सवाल ये था की लडकियों के नाम पते या तस्वीर अखबारों में ना छापी जाये इस बाबत तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू है किंतु ये नियम कहां से आया की पुलिस को जो पते बताये जाएं वो उन्हे ही सच माने । खैर ... युवतियां डोंगरगांव (राजनांदगांव जिला), दल्ली राजहरा (राजनांदगांव जिला), दुर्ग व खैरागढ (राजनांदगांव जिला) की बताई गईं  और युवक - केशव साहू, लन्नू साहू (रायपुर), विवेक चतुर्वेदी (अहिवारा), मनोज नेताम (जामुल), अमीन मेनन, ( फरसगांव, बस्तर ) तथा दिल्ली का जसबीर सिंह का बताया गया है ।
                                                                अब देखें कहानी का मोड ... लॉज से 8  किलोमीटर की दूरी पर जमुल है जहां का निवासी मनोज नेताम बताया गया ।  भिलाई के उत्तरी सीमा पर स्थित जामुल तकरीबन 7-8 माह पहले तब सुर्खियों में आया था जब पुलिस नें दो नक्सलीयों को गोली मारकर ढेर की थी । जामुल के बाद अहिवारा आता है जहां से दुर्ग, रायपुर, कवर्धा, नांदगांव जाने के रास्ते हैं । भिलाई की पश्चिम दिशा पर नेशनल हाईवे पर बढते चलें तो दुर्ग के बाद राजनांदगांव आता है जहां से दल्ली राजहरा व खैरागढ पहुचने का मार्ग है । अब पूर्व की ओर चलें तो रायपुर है जहां से धमतरी कांकेर होते हुए फरसगांव का मार्ग है ।
                                                              खैर रररर ...। फरसगांव का एक नाम आया है अमीन मेनन ... फरसगांव से जानकारी लेने पर पता चला की इस नाम का कोई लडका वहां नही रहता है ...हां केशकाल के एक पत्रकार हैं अमीन मेनन जिनका उस लडके से कोई लेना देना नही है । जब थाना प्रभारी को ये जानकारी दी गई तो बजाये सत्यता पता करने के उन्होनें बात टाल दिये ।
                                                             अभी 8-10 पहले ही धमतरी के नगरी-सिहावा (जहां से आगे बढकर फरसगांव जाया जाता है ) क्षेत्र में नक्सली केंप से सोनिया, राहुल सहित कई  राष्ट्रीय और रमन सिंह सहित राज्य स्तर के लगभग हर नेताओं  की तस्वीरें बरामद हुई है जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा था की ये नेता नक्सली निशानें  पर हैं । भिलाई की जिस लॉज से इन्हे हिरासत में लिया गया था उस लॉज का रजिस्टर खाली था  औऱ इन लोगों के कोई नाम पते दर्ज नही थे । महिला सेल प्रभारी अंजना सिंह के अनुसार पिछले कई दिनों से इस लॉज में संदिग्ध गतिविधीयां चल रही थी जिसके बाद छावनी थाने के साथ मिलकर छापामार कार्यवही की गई ।
पीटा एक्ट की कार्यवाही क्यों नही की गई - इस बारे में चर्चा करने पर छावनी थाना प्रभारी व महिला सेल प्रभारी दोनों नें एक ही बात कहे की मैचिंग ना होने के कारण पीटा एक्ट नही लगाया जा सका । जबकि लॉज के दरवाजे को तोडकर लडकी को बाहर निकाला गया था तथा माउथ फ्रेशनर व कंडोम बरामद हुए थे ।
                                                                  चलो इस बात को छोड भी दें की लडके लडकी कमरे में क्या कर रहे थे तो भी ये बात किसी बडे खतरे से कम नही है की भिलाई शहर में नक्सली जिले के लोग इतनी आसानी से आवाजाही कर रहे हैं की पुलिस को भनक तक नही लग रही है । भिलाई स्टील प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तो बी.एस.पी. और सी.आई.एस.एस. तय कर लेती है लेकिन उन जगहों का क्या होगा जहां आम जनता की आवाजाही सर्वाधिक रहती है ।
                                                                   हम केवल इस बात से संतुष्ट नही हो सकते की नक्सली आवाजाही से हम पर कोई फर्क नही पडता क्योंकि हो सकता है योजना भिलाई में बनती हो और कार्यवाही बस्तर या राजनांदगांव में अंजाम दी जाती हो ।

Sunday, September 11, 2011

अमर सिंह निर्दोष और अन्ना भ्रष्टाचारी हैं ।

कभी कभी मेरे मन में ये खयाल आता है की हम देवता को देवता ही क्यों कहते हैं राक्षस क्यों नही, आदमी - आदमी ही क्यों कहलाता है जानवर क्यों नही कहलाता सांसदों को डाकू क्यों नही कहते हैं वगैरह वगैरह .... फिर मन में खयाल करना छोड कर मनन शुरू किया औऱ पाया की मेरा खयाल ही गलत है । हम इंसान है और हर चीज की आकृति देखने के लिये उसका नामकरण करके रखे हैं मसलन यदि आँख बंद करके सोचूं सोनिया... तो माँ लक्ष्मी की सूरत नही आती बल्कि सोनिया की ही तस्वीर दिखती है ।
खैर छोडो आगे की बात रखता हूँ ... इस छोटी सी धरती पर भारत नामक एक छोटा सा देश हुआ करता है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्राणी विचरण करते हैं सूक्ष्मदर्शी से भी ना देखे जा सकने लायक सूक्ष्म भ्रष्टाचारी जीवों से लेकर दिग्विजय सिंह जैसे विभिन्न आकार, प्रकार और विचारों वाले प्राणीयों तकबहुत ही कम लोगों को यह ज्ञात होगा कि दिग्विजय को जल्द से जल्द संरक्षित प्राणीयों में रखने के लिये कांग्रेस एक संरक्षित पार्क बनाने वाली है जहां दिग्विजय सहित अन्य इकलौती खूबियों वाले प्रणीयों को रखा जाएगा जैसे वफादार कलमाणी के लिये उस पार्क में अलग से कटघरा रखा जाएगा । इस मुहिम को आगे बढाने व इससे मिलने वाले असीमित लाभ शीघ्र पाने के लिये इस आंदोलन को दिग्गी राजा के हाथों में सौंप दिया गया है क्योंकि उन्ही की अनेक विशेषताओं में से एक यह भी है कि वे संरक्षित प्राणीयों को जल्द सूंघ लेते हैं ( सोनिया, राहुल इसके उदाहरण हैं भाई) ।
अपने वफादारी गुणों के अनुरूप दिग्गी राजा चुपचाप बैठे हुए अमर सिंह को सूंघ रहे थे । अमर की गिरफ्तारी पर भी वे केवल चीभ निकाले हांफते बैठे रहे लेकिन जैसे ही एक हिरोइन का बयान आया की देख अमर का मुंह खुला तो तेरे मालिकों की भी खैर नही वैसे ही तुरंत कटकटाकर दौड पडे अमर सिंह को डुबने से बचाने के लिये । इसके पीछे दो कारण है एक दिग्विजय ही ये जानते हैं की अमर सिंह भी उन्ही की तरह संरक्षित प्रजाती में शामिल होने की दौड में हैं और दुसरा ये की अमर के प्रसिद्ध वचनों में से एक है की हम तो डुबेंगे , सनम तुमको भी ले डुबेंगे । अब आप ही बताओ की सनम तो सनम है चाहे वो अमर सिंह की हो या दिग्विजय की ... बस फिर क्या था दिग्गी राजा नें फरमान जारी कर दिया की अमर सिंह निर्दोष हैं क्योंकि उन्हे सनम का समर्थन है और अन्ना हजारे इसलिये भ्रष्ट हैं क्योकि उन्हे आर.ए.एस. नें समर्थन दिया हुआ है ।
अब दो ही रास्ते हैं की अपने खयाल का फिर से अध्ययन करूं और सोचूं की कहीं ऐसा तो नही की हमारे सरकारी शब्दकोष में निर्दोष का मतलब अपराधी और भ्रष्ट का मतलब इमानदार हो गया है और दुसरा  सरल रास्ता ये है की चादर तान कर सोता ही रहूँ ।

Wednesday, May 4, 2011

अब बस भी करो दिग्गी राजा ।

दिग्विजय बोले, 'ओसामा जी कई वर्षों से पाक में रह रहे थे। पाक आर्मी ने क्‍यों नहीं कुछ किया? अमेरिका ने मारने के बाद समुद्र में फेंक कर अच्छा नहीं किया। अपने देश में भी मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को उनके धर्म के अनुसार दफन किया गया।'
                         इनके पवित्र विचार दर्शा रहे हैं कि क्यों अब तक कसाब जिंदा है क्यों अफजल गुरू सरीखे आतंकवादी इस इंतजार में है कि कब कोई संगठन कुछ लोगों को बंधक बनाने के बाद उनकी रिहाई की मांग करे और उसके बाद भारत के ये दिग्गी जैसे नेता उन्हे पाकिस्तान तक छोडने के बाद कहें कि हम पर हुये हमले के आरोपी पाकिस्तान हमें सौंप दे ।
                                    अमेरिका अगर यह नही बताता कि हमने पाकिस्तान पर हमला करके लादेन को मार दिया और उसकी लाश को समुद्र में दफना दिया है तो क्या तब भी ये यह बयान दे पाते । दरअसल इस समय दिग्विजय को या तो देशद्रोही या फिर पागल करार करके मार देना चाहिये ताकि भारतीय मुसलमानों में ओसामा को हिरो बनाने की इनकी कोशिश नाकाम हो जाये । हमारे देश के मुसलमान कट्टर हिंदुस्तानी हैं । मैं पहले ये बात नही समझता था किंतु मुंबई पर हुए हमले के बाद यकिनन कह सकता हूँ कि शत प्रतिशत भारतीय मुस्लिम केवल हिंदुस्तान के हित में सोचते हैं जबकि बांग्लादेशी और कुछ पाकिस्तानी मुसलमान ही हमारे देश की हवा खराब करते हैं । यहां दिग्विजय नें जो बयान दिया है उससे साफ जाहिर होता है कि ये भारत विरोधीयों का अब खुलकर साथ देते हुए अपने को यासिन मलिक सरीखे लोगों में सम्मिलीत देखना चाहते हैं ।
                                      तो चलो क्यों ना हम दिग्विजय को अलकायदा प्रमुख बनाने के लिये आवेदन भेजवा दें ..... आखिर लादेन की जगह खाली जो हो गई है और उसने तो अपनी औलादों को अल-कायदा से दूर रहने की हिदायत दे दी है ..... दिग्विजय जैसे मौका परस्तों के लिये ही तो अल-कायदा की गद्दी खाली है ।

Wednesday, April 20, 2011

बुरे फंसे अन्ना हजारे

आज अमर सिंह की पत्रकार वार्ता में शिकार भले ही शशि भूषण व प्रशांत भूषण हों  मगर निशाने पर अन्ना हजारे दिख रहे थे ।  अन्ना हजारे नें अपने अनशन के समय शशि भूषण को ईमानदार बताते हुए जन लोकपाल कमेटी में उन्हे उपप्रमुख की नियुक्ति दिलवाए थे ।
                     कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने शांति भूषण और उनके बेटे को नोएडा के पास जमीन दिए जाने पर सवाल उठाते हुए उनसे खुद ही लोकपाल बिल की ड्राफ्ट कमेटी से अलग हो जाने की मांग की है. नया विवाद इन खबरों के सामने आने के बाद उठा जिसके मुताबिक शांति भूषण को उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 हजार स्क्वेयर मीटर जमीन आवंटित की जिनमें से हर एक की कीमत साढ़े तीन करोड़ है.   ताजा मामले के अनुसार - शांति भूषण के बेटे जयंत भूषण उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोएडा पार्क में मूर्तियां लगाए जाने के खिलाफ कोर्ट गए थे. उनका कहना है कि इसमें विवाद की वजह नहीं थी. नए विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शांति भूषण ने कहा है, कुछ  "भ्रष्ट और महत्वपूर्ण"  राजनेता उन पर लगाए गए आरोपों के पीछे हैं क्योंकि कमेटी में उनके (शांति भूषण)  रहते "नरम" लोकपाल बिल तैयार करना मुमकिन नहीं होगा.
                              यहां एक दिलचस्प पहलू देखिये -  अन्ना हजारे नें सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखे कि 'पिछले दो दिनों में जिस तरह से सिविल सोसायटी के लोगों के खिलाफ खुलकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, वह चिंता का विषय है।' उन्होंने कहा है कि ऐसा लग रहा है जैसे लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए सारे भ्रष्ट लोग एकजुट हो गए हैं। दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना अन्ना ने कहा,'कांग्रेस के एक महासचिव बयानबाजी कर रहे हैं और मुझे लगता है कि इस तरह की बयानबाजी के लिए उन्हें पार्टी का सपोर्ट मिल रहा है। ज्यादातर बातें जो कही जा रही हैं वे गलत हैं। क्या आप (सोनिया) इन बयानों से सहमत हैं?'
                         अन्ना की च्ट्ठी के जवाब में सोनिया गांधी की ओर से पत्र आया ( सोनिया जी को लिखने की जरूरत नही पडती ) जिसमें कहा कि उन्होंने कभी भी कीचड़ उछालने और बदनाम करने की राजनीति पर यकीन नहीं किया और न ही वे ऐसे किसी भी प्रयास का समर्थन करती हैं। हजारे ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर कहा था कि कुछ कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन की धार कुंद करने के लिए सुनियोजित तरीके से मुहिम चला रहे हैं , सोनिया ने कहा कि उन्हें (अन्ना हजारे को) उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर नीयत पर शंका नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी से लड़ने की सख्त आवश्यकता है। वह मजबूत लोकपाल के पक्ष में हैं, जो संसदीय प्रणाली के नियमों के अंतर्गत कार्य करे।
                                                       मजे की बात ये है कि सुर दिग्गी राजा के भी बदल गये लेकिन इन शातिराना चालों के बीच अमर सिंह प्रकट हुए और दिग्गी राजा की कही बातों को पत्रकार वार्ता में देश के सामने रख दिये । शब्द दिग्गी राजा के थे और मुंह अमर सिंह का था । अब अन्ना हजारे के साथ साथ सारा देश सन्न है कि उन्हे क्या जवाब दिया जाए क्योंकि कानून बनाने वाले लोग जानते हैं कि किसी भी बात को चाहे वो झूठी ही क्यों ना हो साबित करने में सालों लग जाते हैं ।
                                                         इस शातिराना चाल में नुकसाल केवल दो लोगों का होगा एक अन्ना हजारे का और दुसरा .... मेरे देश का । इसलिये अब हमें ये सोचना है कि अमर सिंह की कांग्रेसी जुबान को कैसे खारिज करवाया जाए ।





Sunday, April 17, 2011

नौटंकी बेद करो दिग्गी राजा ।

दिग्गी राजा उर्फ दिग्विजय सिंग बडे अफसोस के साथ आपके नाम के साथ का सम्मनसूचक शब्द जी को हटाना पड रहा है । जरा सोचकर देखो कि आप किस पद पर बैठ कर क्या क्या कह रहे हो । लगता है कांग्रेस महासचिव का पद देकर गांधी परिवार ने आपको खरीद लिया है । अपने पदमोह से बाहर निकलो दिग्गी राजा और अपनी तमाम नौटंकी बाजी बंद करते हुए जनता को साफ साफ बतलाओ कि तुम्हारी सरकार काला धन वापस लाने के लिये क्या कर रही है । वैसे भी जनता अंधी नही है और दिल्ली की सुगबुगाहट सारे देश में धीरे धीरे फैल रही है कि हमारे देश में शेयर बाजार और वायदा कारोबार के जरिये  बाहर के काले धन को धीरे धीरे निवेश किया जा रहा है और मुनाफे के रूप में उसे देश में ही सफेद किया जा रहा है ।
                                           रामदेव बाबा से पूछो कि दस साल में उनके पास इतना पैसा कैसे आया पर पहले आप बताएं कि सारे नेता करोडपति से अरबपति कैसे बन रहे हैं । आप ही बता दो कि आपको सोनिया राहुल की गुलामी में ही अपनी राजनीती क्यो सुरक्षित लगती है । जो आप कह रहे हैं मैं भी उन्ही बातों का जवाब ले रहा हूँ । हमारे देश के अधिकतर रक्षा  सौदे इटली से ही क्यों हो रहे हैं जबकि इटली कोई प्रख्यात हथियार उत्पादक देश नही है । अब बातों को लंबा ना करके केवल एक बात पुछुंगा कि आप ही बताएं कि काला धन कब आएगा ।

Friday, April 15, 2011

क्रूर प्रशासन की वेदी 4 लोगों की बलि ।

एक परिवार में माँ सहित तीन बहनों नें केवल इस लिये अपनी जिंदगी खत्म कर ली ताकि उनके परिवार का इकलौता बेटा अपने जीवन का शेष भाग सुखपूर्वक बिता सके । यह दर्दनाक घटना कोई अचानक ही नही घट गई बल्कि इस पूरे परिवार नें अपने को लगातार चार दिनों तक खुद को कैद  करते हुए, मीडिया के समक्ष अपनी पूरी बातें रखते हुए और सब कुछ होने के बाद भी अपनी मांगो को पूरा ना होते देखने के बाद जहर खाकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली । ( संलग्न विडियों में महिला विप्र समाज की ममता शुक्ला पूरे केस पर प्रकाश डालते हुए )
                                                  सेक्टर-4, सडक 34 , भिलाई में हुए इस ह्दयविदारक घटना में तीन अमानवीय पहलू उभर कर सामने आए हैं
1) भिलाई स्टील प्लांट का अमानवीय प्रबंधन 2) पुलिस प्रशासन की अदूरदर्शीता 3) राज्य शासन की घोर लापरवाही ।
1. भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारीयों ने 17 साल से काबिज पूर्व बीएसपी कर्मी  स्व. एमएल शाह जो बीएसपी के औद्योगिक संबंध विभाग में उप प्रबंधक थे कि तीन दिसंबर 1994 को रहस्यमय ढंग से रेल पटरी पर मृत मिले थे । शाह नें अपनी डायरी में उन लोगों के नाम लिखे हुए थे जिनसे उन्हे अपनी जान को खतरा था । उनकी मौत के बाद तात्कालिन नियमों के अनुसार मृतक के पुत्र सुनील कुमार को अनुकंपा नियुक्ति मिल जानी थी लेकिन बीएसपी के अधिकारी उसे नौकरी ना देकर केवल आश्वासन देते रहे । इसके बाद 1995 के नियमो का हवाला देते हुए बताया गया कि  अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान हटा दिया गया है जबकि सुनील के पिता की मौत 1994 में हुई थी और उस समय के नियमों के आधार पर सुनील की अनुकंपा नियुक्ति का आधार बनता था ।
                                    जब सुनील नें अपने परिवार को चलाने के लिये नौकरी के एवज में पचास लाख रूपयों की मांग की, जो की वर्तमान रेटिंग के आधार पर सही है  तो तत्काल बीएसपी प्रबंधन नें सुनील का परिवार बैकफुट पर जैसी खबरों का प्रचार करवा दिया ।
                     एक ओऱ बीएसपी प्रबंधन अपने ही मृत कर्मी के परिवार के लिये उसके अधिकार को  देने में असमर्थ बता रहा था तो वहीं दुसरी ओर लाखों रूपये खर्च करके हेमा मालिनी के बैले डांस का आयोजन सेक्टर-1 में किया जा रहा था जिसे मंगलवार को सुनील के परिवार द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद रद्द करा दिया गया  । अब बीएसपी प्रशासन अपने को बचाने के लिये सुनील को फंसाने का कुत्सिक षणयंत्र रच रहा है । उस पर अपने परिवार को आत्महत्या करने के लिये उकसाने सहित कई मामले बनाने की तैय्यारी चल रही है ।
2). - इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही की गई । परिवार को केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा । एस.पी. अमित कुमार द्वारा हमेशा यही कहा जाता रहा कि हम मामले को देख रहे हैं जबकि ऊपर सुनील का बयान सुनें । इसके अलावा सोमवार की रात को जब मैं सुनील के घर गया तो सुनील की माँ बताते बताते रो पडी की पुलिस वाले आकर कहते हैं कि मरने वाले लोग सीधे मर जाते हैं तुम लोगों के जैसे नौटंकी नही करते .. इसका क्या मतलब है । सुनील अभी जिंदा है और अस्पताल में है पुलिस उसका बयान लेने को आतुरता दिखा रही है लेकिन उन अपराधियों को नही पकड रही जिनके नाम सुनील के पिता ने अपनी डायरी में लिखे थे । अभी तक पुलिस नें बीएसपी प्रशासन के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नही किया है जबकि बीएसपी प्रशासन पर मामला बनता है लेकिन इस मामले का सबसे दुःखद पहलू ये है कि पूरा पुलिस विभाग बीएपी की शरण में ही पडा हुआ है और जैसा बीएसपी अधिकारी चाह रहे हैं एस.पी. महोदय वैसा करवा रहे हैं । अभी तक सुनील को सेक्टर-9 हास्पिटल में रखा गया है जो कि भिलाई इस्पात संयंत्र का अश्पताल है और यहां के डॉक्टरों को तनख्वाह बीएसपी से मिलती है सो जाहिर है कि जैसा प्रबंधन चाहेगा वैसा ही वहां के डॉक्टर अपनी रिपोर्ट देंगे । जबकि एसपी अमित कुमार को चाहिये था कि सुनील को तत्काल सेक्टर9 हास्पिटल से निकाल कर दुर्ग के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिये रखा जाता ताकि इलाज व रिपोर्ट निष्पक्ष बन पाती । हो सकता है कि सुनील नें सल्फास की कुछ गोलियां निगल भी ली हों लेकिन असप्ताल इस बारे में मौन साध ले तो एक हफ्ते बाद कौन सा डॉक्टर से बता पाएगा कि सुनील नें जहर खाया था या नही । जिन जिम्मेदारियों के लिये सुनील 17 साल से लड रहा था अब वे जिम्मेदारी सुनील पर नही रही तो क्या ऐसा नही हो सकता कि सुनील अब अपराध की राह  अपना ले।
3.- इस मामले में राज्यशासन नें भी अपनी लापरवाही दिखलाने में कोई कसर बाकि नही छोडी । भिलाई इस्पात संयंत्र को केन्द्र की जवाबदारी बताते बताते मुख्यमंत्री ये भूल गये कि यह संयंत्र छत्तीसगढ राज्य का गौरव कहा जाता है । सुनील का परिवार पाँच दिनों तक अपने को कैद करके रखे रहा और राज्य के किसी भी मंत्री तो छोडिये कलेक्टर तक नही पहुंचे । सुनील की मौत नही हुई लेकिन अपनी आँको के सामने पूरे परिवार को मृत देखकर उसकी क्या हालत हो रही होगी इससे राज्यशासन को कोई दरकार नही है । मुख्यमंत्री अपने राज्य के एक इस्पात संयंक्ष को संभाल नही पा रहे हैं जबकि यहां खुलेआम दुसरे राज्यों के लोगों को पैसे लेकर के नौकरी लगाई जा रही है । चाहे वह बीएसपी हो या फिर जे.पी. सीमेंट दोनो जगहों का यही हाल है । स्थानीय लोगों की उपेक्षा की  जा रही है औऱ आसपास के लोगों को सारा प्रदूषण झेलना पड रहा है । यहां पर एक जवाबदारी से मुख्यमंत्री अपना पल्ला झाड सकते हैं बाकि मामले में क्या कहेंगे उनसे पुछने वाला कोई नही है । धन्य है रमन सरकार ।

Tuesday, April 12, 2011

भिलाई में पूरे परिवार नें जहर खाया... चार की मौत

भिलाई 12 अप्रेल । स्टील प्लांट में अनुकंपा नौकरी नहीं मिलने से तंग आकर युवक समेत पूरे परिवार ने जहर खा लिया है । उन्हें गंभीर हालत में बीएसपी के सेक्टर-9 हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां युवक की  माँ और तीन बहनों की मौत हो गई है ।

                     सडक 34,  सेक्टर 4 निवासी सुनील कुमार ने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए बीएसपी में आवेदन दिया था। लेकिन 17 साल बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। उसने बीएसपी प्रबंधन को कई चिट्ठी लिखी, पर कोई फायदा नहीं हुआ। चार दिन पहले उसने बीएसपी प्रबंधन द्वारा उसके घर की लाइट काटने तथा जबरन घर से बाहर निकालने के प्रयास के विरोध में स्वयं को परिवार सहित कैद कर लिया था । चार दिनों तक पूरा परिवार  कमरे से बाहर नहीं निकला था। बीएसपी प्रबंधन ने उसे मनाने की कोशिश की। ठोस पहल नहीं होने पर युवक ने अपने परिवार के चार सदस्यों समेत जहर खा लिया। पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया। चारों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है ।
                                   अचानक हुए इस घटनाक्रम से प्रशासन भी सकते में आ गया औऱ आनन फानन मामले को दबाने के प्रयास होने लगे किंतु मिडिया द्वारा निष्पक्ष भाव से कार्य करने के कारण उन्हे अपना कुप्रयास बंद करना पडा । माँ मोहिनी साहू व तीनों बहनों रेखा शोभा औऱ शीला की मौत के बाद सुनील गुप्ता सदमें की हालत में है  और उसकी हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है ।
बस वादा करना भर जानती है हमारी सांसद ः- भाजपा सांसद सरोज पाण्डेय नें कल सुनील साहू से फोन पर चर्चा करके कहीं थी की मैं शाम तक पहुंच कर सबकुछ ठिक कर दूंगी और आपको इंसाफ मिलकर रहेगा  लेकिन शाम को स्वयं ना आकर अपनी  प्रतिनिधी सीता मिश्रा को उनके पास बात करने के लिये भेज दी जिससे पूरा परिवार बेहद आक्रोशित हो गया था और उसके बाद उन लोगों ने मंगलवार को बाहर आने की बात कहते हुए सभी से बातचीत बंद कर दिये ।
                           इस मामले में मैं स्वयं कल रात को सुनील से मिलने पहुंचा था । रात तकरीबन 9 बजे मैने उससे चर्चा की की आपको ऐसा करने से क्या मिलेगा तो सुनील की माँ रोते हुए कहने लगी की इस तरह से हमें जीकर क्या मिलेगा हालांकी थोडी देर बाद सुनील नें संयमित होते हुए मुझसे कहा कि डब्बू भाई कल सुबह आप जरूर आइयेगा ... लेकिन मेरा दुर्भाग्य की अचानक परिजन की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण सुबह 7 बजे मैं रायपुर चला गया और अभी लौटते ही पूरे घटनाक्रम को लिख रहा हूँ ।
बी.एस.पी. का अडियल रूख - आज चार मौतों से घबराए बीएसपी के एम. डी.  वी. के. नें घटनाक्रम के प्रति दुःख जाहिर करते हुए कहा कि प्रबंधन सुनील को नौकरी देने को तैय्यार था लेकिन कल रात की चर्चा में सुनील नें मुझे साफ बताया था कि बी.एस.पी. के अधिकारी तो उल्टा उन्हे  आग लगा लेने की बात करते हैं और पुलिस भी परेशान कर रही है । 
इस मामले में वैशाली नगर विधानसभा के विधायक भजन सिंह निरंकारी महापौर निर्मला यादव नें रविवार को सुनील से मिलने के बहाने अपनी राजनीतीक रोटी सेंकने पहुंचे थे क्योंकि भजन सिंह का वह निर्वाचन क्षेत्र नही है वो केवल ये जताने पहुंचे थे कि उनके बगैर महापौर कुछ नही करती ।
राज्य शासन भी दोषी - क्या इस मामले में मुख्यमंत्री का कोई फर्ज नही बनता था ? राज्य शासन से केवल एक पुलिस मित्र ममता शुक्ला पहुंची थी वह भी कोर्ट कचहरी की भाषा में परिवार को समझाइश देकर चली गईं । आज इस दुःखद घटना के बाद सारे भिलाई शहर में मातम सा छा गया था जबकि अधिकारीयों के चेहरे की हवाइयां किसी बडे उपद्रव का संकेत का आभास दे रही थी ।
सेक्टर 9 हास्पीटल में आज जनता का रोष खुलकर सामने आ गया और पुलिस को भीड संभालने में खासी मशक्कत करनी पडी ।
                                         खैर .......       अब जनता की बारी है देखें वह इस मामले को क्या तुल देती है ।




Thursday, April 7, 2011

देश में बजा क्रांति का बिगुल

काम नही आई सचिन पर खेली गई रणनीती ।

जी हां मैं बिलकुल सही हूँ । जब तक विश्वकप चला रहा था सोनिया राहुल प्रधानमंत्री हर कोई अपने को क्रिकेट प्रेमी दर्शा रहा था । क्रिकेट की आड में सरकार बचती चली गई क्योंकि जनता का ध्यान विश्व कप पर था । विश्व कप खत्म होते ही इनकी योजना थी सचिन तेंदुलकर को  भारत रत्न देने के लिये  बवाल मचाया जाए और जनता सचिन को भारत रत्न दिया जाये या ना दिया जाए इस बहस में लग जाए तब तक आई.पी.एल. मैच चालू हो जाएंगे और इस तरह से फिर सरकार को एक दो माह तक राहत मिल जाएगी और तब तक तो जनता बहुत हद तक महंगाई और भ्रष्टाचार का मामला भूल जाएगी और अन्ना हजारे का पूर्व नियोजित अनशन फ्लॉप हो जाएगा । लेकिन इस जगह पर हजारे जीत गए । सरकार की योजना ध्वस्त हो गई और सारा देश एक नई क्रांति की याद दिलाता हुआ सडकों पर उतर आया । अब सरकार की जान सांसत में अटक गई है । वह इंदिरा की तरह इमरजेंसी नही लगा सकती क्योंकि अन्ना हजारे की मांग लोकपाल विधेयक बहुत ही मामूली सी मांग है लेकिन इसका प्रभाव बहुत ही व्यापक है ।
                                            अन्ना के समर्थकों ने उमा भारती को वापस भगा कर एक नई दिशा बतलाई की अब उसे किसी भी नेता का साथ नही चाहिये औऱ अब वह एक आम आदमी के साथ इस नई लडाई को लडेगी । कांग्रेस की सांस अटक गई है क्योंकि वह जानती है कि इस मामले मे सेना भी जनता के साथ है और पुलिस प्रशासन इन नेताओं से त्रस्त हो चुका है । सभी जगह इस आंदोलन को जिस तरह का व्यापक समर्थन मिल रहा है उससे यह अंदाजा लग चुका है कि अब जनता बरगलाने वाली नही है । इसका एक नमूना तब देखने को मिला जब हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल नें कपील सिब्ल को नोटिफिकेशन को लेकर करारा सवाल दागा । अरविंद केजरीवाल  के इस कथन पर कि प्रधानमंत्री के प्रेस को बयान देने से कुछ नही होगा हमें कानूनी तौर से नोटिफिकेशन चाहिये  से सारा देश उसका मुरीद हो गया और एक झटके मे केजरीवाल सचिन से बडे ओहदे पर दिखने लगे । जनता के सामने पहली बार ये सच्चाई आई की अभी तक प्रधानमंत्री के बयानों पर कोई कार्यवाही इसलिये नही होती थी क्योंकि वह केवल जबानी होती थी कानूनन कुछ नही होता था ।
                                        आज स्व. राजीव दीक्षित जी की बहुत याद आ रही है । उन्होने जिस आजादी बचाओ आंदोलन की राह जनता को दिखलाई थी वह आज साकार हो रही है । सचमुच हमें इसी तरह की आजादी चाहिये जिससे हम देश के घुनों को मार सकें ।
                    मैं आज सच्चे मन से राजीव दीक्षित जी के चरणों में श्रद्धा के फूल करते हुए ये सौगंध उठाता हूँ कि जब भी आवश्यकता होगी अपने खून का एक एक कतरा देश की क्रांति को समर्पित कर दूंगा ।