Thursday, December 1, 2011

आप तो मर ही जाओ ।

क्या रखा है इस जिंदगी में जीने के लिये । ना दारू ना गुटखा, ना तंबाखू और ना ही पराई स्त्रीयों का शौक और हां तंबाखू सिगरेट से भी परहेज । हद कर दी ... भला इनके बिना भी जीना कोई जीना है । चलो कोई बात नही .... मेरी बातें सुनकर इन सब चीजों को शुरू मत कर देना वरना यमराज मुझसे नाराज हो जाएंगे क्योंकि वैसे भी नरक हाऊसफूल चल रहा है इसलिये केवल छोटे मोटे अपराधीयों को ही वहां बुलाया जा रहा है बाकीयों को जगह मिलने पर धरती से उठाया जाएगा । क्यों .... अरे भाई हमारी तिहाड और वहां का नरक दोनो इसी पद्यति पर काम कर रहे हैं । बडे अपराधियों को भी तिहाड में ज्यादा दिन नही रखा जा सकता .... आखिर पापों की कार्य शैली पर भी तो आरक्षण है । आप मर्डर कर दिजिये ... सजा.... बमुश्किल एकाध महिने जेल में रहेंगे बाकि अपील पर अपील करते जाइये औऱ अँत में दस साल के बाद हंसी खुशी अदालत का रिहाई आदेश लेकर फटाखे फुडवाते हुए वापस आ जाइये ।
अब मेरी बातें सुनकर किसी की हत्या करने मत निकल पडना भाई क्योंकि हमारे इस लचर कानून की एक बहुत बडी मजबूती है पुलिस ... जी हां अगर गल्ती से भी पुलिस से पंगा लिये तो समझो गई पूरी जिंदगी जिला जेल और अदालतों के चक्कर काटते हुए क्योंकि याद रखिये हत्या होगी तो पुलिस मुजरिम को तलाश भी लेती है और कभी कभी तो इतना झल्ला जाती है की उसे एनकाउंटर भी करना पड जाता है । अरे भाई डरिये मत ... आपके पास पैसे हैं ना ... फिर क्यों डरते हो ... नेता से लेकर अभिनेता तक सब आपके आंगन में तुलसी तुलसी खेल लेंगे बस पैसे दिखलाइये ... क्या कहा ...
उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्
पहले क्यों नही बतलाए यार की आपके पास पैसे नही है ।
आप तो भाई मर ही जाइये ।
बस खुश हो लिये मरने की बात पढ कर .. लेकिन मरने के पहले ये सोचिये की इससे क्या महंगाई कम हो जाएगी, शेयर मार्केट बढ जाएगा, सोने का भाव गिर जाएगा इशलिये मरने के पहले भी दस बार सोचो की क्या मरना जरूरी है ... और अगर मरना जरूरी नही है तो फिर भला ऐसे कैसे जियोगे....... कन्फ्यूज होने की कोई जरूरत नही है ....
अगर ये सब सोचोगे नही तो जी नही पाओगे औऱ अगर नही सोचोगे तो मर जाओगे ... और जब मरना ही है तो भाई मेरे बिना लडे ही मर जाओ .... आखिर विदेशी कंपनीयां तो अमेरिका की मंदी की मार से मर कर हमारे यहां जीने के लिये आ रही हैं औऱ अब जब उनके पास जीने के लिये कुछ नही बचा है तो भला वो हमें कैसे चैन से जीने देंगी ....
मर जाओ भाई उन कंपनीयों के आने के पहले , दुसरे देशों के हमले होने के पहले, नेताओं के देश को बेचने के पहले, अन्ना का आंदोलन के मरने के पहले और कसाब के फांसी के पहले .... आप ही मर जाओ ... कम से कम ये सब तो नही देखोगे ।

2 comments:

  1. Dbboo ji

    सार्थक, सटीक और सामयिक प्रस्तुति, आभार

    मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊँगा.

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  2. sarthak prastuti ....welcome to u on my blog post..

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