Tuesday, November 24, 2015

तीसरा विश्वयुद्ध और भारत - नास्त्रेदमस


From the three water signs will be born a man 
who will celbrate Thursday as his holiday. 
His renown, praise, rule and power will grow 
on land and sea, bringing trouble to the East.  I-50 
इसमे नास्त्रेदमस ने जो लिखे है वह बहुत ही गूढ है । 
यदि इसे हम गूगल मे अनुवाद करें तो यह मिलता है  - 
तीन पानी के संकेत से एक आदमी पैदा हो जाएगा
जो उसकी छुट्टी के रूप में गुरुवार मनाएंगे।
उसका यश, स्तुति, शासन और सत्ता में विकसित होगा
पूर्व के लिए मुसीबत लाने भूमि और समुद्र, पर। 
अब इसका विश्लेषण करें तो जरा। . चूंकि इसके पूर्व मैने गुरूवार की जगह गुरू की महत्ता वाला समझ कर वह नेता मनमोहन सिंह को समझा था किंतु अब जबकि वह नेता नही रहे, तो उनकी बात नही करके आगे भविष्य के नेता की बात करते हैं । हमारे सनातन धर्म में गुरूओं की महत्ता इतनी  अधिक है कि बिना गरू कोई भी कार्य सिद्ध नही किया जाता । हर ग्रंंथ मे गुरूओं की महत्ता बताई गई है और प्राचीन काल मे भारत देश मे गुरूवार को अवकाश रखा जाता था । अब इस दोहे की सीधी व्याख्या करने की कोशिश करते हैं - तीन ओर पानी से घिरे देश ( भारत देश ) में एक महान व्यक्ति पैदा होगा जो गुरूवार के दिन अवकाश रखेगा । उसकी स्तुति गान  चहुं ओर होगी और वह पूर्व देश की भूमि और समुद्र को विकसित करने या मिलाने का कार्य करेगा ।  यदि कोई नेता आकर गुरूवार को अवकाश घोषित करता है तो जाहिर सी बात है वह नास्त्रेदमस की इस भविष्यवाणी का वह प्रमुख नेता बनकर सामने आएगा जिसके पीछे पूरी दुनिया शांति के लिये लडाई लडेगी । 
अब दुसरा दोहा भी देखते हैं  - 
The penultimate of the surname of the Prophet 
Will take Diana for his day and rest: 
He will wander far because of a frantic head, 
And delivering a great people from subjection.  सेंचुरी २-50
अब इसका तोड मरोड किया जाये जरा - इसमे छिपा है पैगंबर के सरनेम के अंत से पहले के नाम वाले व्यक्ति के बारे में। . तो इस पर जरा चिंतन किया जाए कि आखिर पैगंबर कौन है ? ईस्लाम कहता है पैगबंर मुहम्मद है और क्रिश्चियन  कहते हैं पैगंबर ईसा   हैं  … लेकिन तथ्य यह कहते हैं कि पैगंबर यहूदी थे और यहूदी से ही ईसा और मूसा की उत्पत्ति हुई थी । अब हम ईसा मूसा को छोडकर इत्हास के असली पैगंबर यहूदी को माते हुए बात करेंगे क्योंकि कम से कम यह अपवाद नही है । तो यहूदीयों के पैगंबर का नाम मिला है इब्राहिम या अबराहम। .
अब अगर पैगंबर इब्राहिम को मान कर चलें तो उनका नाम यदि इब्राहिम है तो उपनाम भी तो कुछ होगा ?? और नास्त्रेदमस की इस पहेली का हल ये है कि पैगंबर के उपनाम से पहले वाला नाम पैंबर का ही नाम होगा यानि इब्राहिम। .... अब इब्राहिम तो मिल गया लेकिन आगे क्या ?
कौन है वह इब्राहिम जो खूबसूरत  औरतों ( डायना ) को कभी भी अपनी आरामगाह मे ले जाता है  जिसे किसी सिर को काटने मे खूबसूरती दिखती है। । है कोई इब्राहिम नामक ऐसा क्रूर जो खुद को महान समझता हो ?
जी हां। … उस आदमी का नाम है अबु बकर अल बगदादी ....... 
अरे भाई कुछ भी समझ कर मत छोड दिया करो .. आगे भी पढना सिखो
अबु बक्र अल बगदादी जो खुद को महान (खलीफा) कहलाता है , जिसे कटे सिर की सजावट  मे खूबसूरती दिखती है ( यकिन ना हो तो ढेरो विडियो भी देख सकते है जिसमे बडी नजाकत के साथ सिरों को शहर भर मे सजाया जाता है ) वह जो किसी भी खूबसूरत औरत को अपने हरम मे ले जाता है ... उस अबु बकर अल बगदादी का असली और पूरा नाम - इब्राहिम अवाद इब्राहिम अली अल बदरी अल समराई ।

 Earthshaking fire from the centre of the earth

will cause tremors around the New City.
Two great rocks will war for a long time,
then Arethusa will redden a new river.  
( I-87)
The year 1999, seventh month, From the sky will come a great King of Terror: To bring back to life the great King of the Mongols, Before and after Mars to reign by good luck.
(X- 58)

At sunrise one will see a great fire,
Noise and light extending towards 'Aquilon:'
Within the circle death and one will hear cries,
Through steel, fire, famine, death awaiting them. (II- 91)

 ऊपर तीन अलग अलग सेंचुरी मे लिखी हुई पहेली है और यदि इन तीनों को आप आपस मे जोडकर एक बनायें तो यह बनता है कि 1999 के सातवें महिने में आसमान से आतंक का महान राजा (मंगोल कहा गया गया  ) आएगा । सूर्योदय से एक पर एक बड़ी आग देखेंगे, शोर और दिखेगा विशाल रोशनी का गोला । वृत्त मौत के भीतर और एक रोता सुना होगा,  स्टील, आग, अकाल, मृत्यु के माध्यम से ।  धरती के केन्द्र से  दो विशाल चट्टानें एक युद्ध का कारण बनेंगी । क्या न्यूयार्क का वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर जो दुनिया का मुख्य व्यवसायिक केन्द्र भी था... वह दो विशाल चट्टानो की तरह धराशाही नही हुआ ? आतंक के विरूद्ध मुख्य लडाई इसी कारण से शुरू हो सकी वरना हम आज भी अमेरिका को आतंक का समर्थन करते देखते ।
                                               ये तो केवल एक उदाहरण है जो भविष्य में पूरा उतरा । नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी को समझने के लिये तात्कालिन घटनाक्रम को समझना होता है और उसी से यह अऩुमान लगाया जा सकता है कि आगे क्या होगा । 
                                        अब क्या - यदि देखें तो नास्त्रेदमस ने तीसरे महायुद्ध का विधिवत एळान का वह समय दिये हैं जब समुद्र मे महाशक्ति के जलपोत को डुबा दिया जाएगा ... यानि इस समय आतंक के विरू्दध चल रही लडाई मे किसी मजबूत राष्ट्र के जलपोत पर आतंकी हमला करके उसे तबाह कर देंगे जिसके बाद तीसरे महायुद्ध का एलान करते हुए दुनिया आततायियों के विरूद्ध एकजूट होकर लडेगी ... इसी बीच मे उल्लेख है कि - "" जब यह सब कुछ हो रहा होगा तो एक पूर्वी देश का राष्ट्रध्यक्ष विश्व के सारे देशों को एकजुटता से बांध रहा होगा । उसके पीछे दुनिया का हर देश खडे होगा और चीनी-अरब गठबंधन से लडेगा "" जाहिर सी बात है कि जब चीन अरबों का साथ दे रहा होगा तो वह तो दुनिया को नही बांधेगा  और इस समय मोदी जी के अलावा दुसरा कोई ऐसा नेता नही है जिसकी बात दुनिया सुन और मान रही हो । 

Friday, November 20, 2015

तीसरे विश्वयुद्ध के लक्षण - नास्त्रेदमस

पिछले भाग मे जैसा कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों से यह जानकारी मिली थी की महायुद्ध के समय   सागर सूखकर रेगिस्तान बन जाएगा  और यह भविष्यवाणी पूरी तरह से "अरल सागर " पर खरी उतरती है जो दुनिया का चौथा सागर होने के बाद अब पूरी तरह से रेगिस्तान मे बदल चूका है । तो क्या अब कोई शंका है मन मे कि हम तीसरे महायुद्ध के दौर मे  नही है ? हो सकता है अब भी कई लोगों के मन मे यह बात नही बैठी हो कि नास्त्रेदमस ने क्या देखकर भविष्यवाणी किया होगा , तो उन लोगों के लिये यह जानकारी पहुंचना जरूरी है कि नास्त्रेदमस भविष्यवाणी कैसे करता था और उसे यह ज्ञान कैसे मिला ? 
14 दिसंबर 1503 दिन गुरूवार को फ्रांस के कट्टर यहूदी परिवार मे जन्में मिशेल नास्त्रेदमस नें  बाद मे कैथोलिक ईसाई धर्म अपना लिया था । अपने जीवनकाल में नास्त्रेदमस नें फ्रांसीसी राजपरिवार की कई बार मदद की । उनकी बताई भविष्यवाणी के बाद राजपरिवार कई तरह की मुसीबतों से आसानी से उबर जाता था । लेकिन यह सब ऐसे ही नही हुआ । नास्त्रेदमस   1522 में डॉक्टर बन गए थे और अपना क्लीनिक चलाते थे । सन् 1936-37 में फैले प्लेग के कारण उनकी पत्नि और बच्चे खत्म हो गए और बस्ती वालों ने उन्हे सही चिकित्सक ना मान कर उनके पास जाना बंद कर दिये । इसकेबाद नास्त्रेदमस निरूद्देश्य इधर उधर घूमते रहे , जबकि उनके शिष्य शिग्ने के अनुसार वह उस दौरान मानसिक शांति के लिये भारत के हिमालय  क्षेत्र मे चले गए थे जहां उन्हे किसी साधु के द्वारा भविष्य देखने की सिद्धि मिली । शंकाओं को अलग करते हुए अब यदि नास्त्रेदमस की बात करें तो उन्होने यूँ तो दुनिया के हर देश के बारे मे कुछ ना कुछ भविष्यवाणी किये थे किंतु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होने भारत के ऊपर सबसे ज्यादा भविष्यवाणी किये हैं । इसमे रानी लक्ष्मीबाई से लेकर नरेन्द्र मोदी तक की भविष्यवाणी है और अभी तक यह सभी भविष्यवाणी तभी सही साबित होती आई है जब वह घटना घट जाती है ।
                                                     अब बात करते हैं भविष्यवाणी की  , तो ..   सेंचुरी V-27 Through fire and arms not far from the Black Sea, He will come from Persia to occupy Trebizond: Pharos, Mytilene to tremble, the Sun joyful, The Adriatic Sea covered with Arab blood.
 में नास्त्रेदमस ने जो लिखे हैं उसका अर्थ यह बनता है कि काला सागर से होकर कोई परशिया (फारस की ओर से ) आएगा वह तुर्की और ग्रीस को कब्जा करके अरबी लोगों के रक्त से अरब सागर को खून से लाल कर देगा । अब तुर्की और ग्रीस पर आतंकी कब्जा होना कोई बडी बात नही रह गई है । इन देशों का बडा हिस्सा आतंकी गतिविधियों वाले तत्वों के हाथ में है । वर्तमान मे आतंकी समूह तुर्की से होकर  ही अपना तेल का अवैध कारोबार संचालित करते हैं ।

Sunday, November 15, 2015

फ्रांस अटैक बनाम नास्त्रेदमस का तीसरा महायुद्ध

13 नवंबर को फ्रांस मे जो खूनी खेल खेला गया उसे नास्त्रेदमस ने सालों पहले बर्बर सेना का नाम दिया था । जब मैने पूर्व मे भी लिखा था कि हम लोग वर्तमान मे तीसरे महायुद्ध के दौर से गुजर रहे हैं तो मुझे कई मित्रों की आलोचना का शिकार होना पडा जिसके बाद मैने वह सीरिज लिखना बंद कर दिया । लेकिन अब जबकि मेरे प्रिय आलोचकों को पोप ने तीसरे महायुद्ध की शुरूआत होने की बात कह कर जवाब दे दिये तो मैं उसी कडी को आगे बढाना चाहूँगा । यदि मैने आज से दो माह पूर्व ही यह सब लिख दिया होता तो शायद आप लोगों को तब यकिन नही होता कि इतना भीशण काण्ड होगा और दुनिया अचानक तीसरे महायुद्ध में उलझी नजर नही आती , लेकिन क्या अब आपके पास उन बातों का जवाब है जिसे नास्त्रेदमस नें 400 साल पहले ही बयान कर दिया था ।  खैर अब तीसरे महायुद्ध की बात करते हैं और आपको बताते हैं क नास्त्रेदमस की कूट भविष्यवाणी क्या कहती है -
सेंचुरी 7/70 -  He will enter, wicked, unpleasant, infamous, tyrannizing over Mesopotamia. All friends made by the adulterous lady, the land dreadful and black of aspect. 
ये मूल भविष्यवाणी है जिसका आप कुछ भी अनुवाद कर सकते हैं लेकिन जब इसे अंग्रेजी मे ही लिखा पढते हैं तो कुछ शब्द बनते हैं - मेसोपोटामिया, क्रूर, निर्दयी, व्याभिचार, महिला , दोस्त , मजबूत , काला , जमीन ... 
अब इसका सीधा सा रूपांतर करते हुए बात करते हैं कि एक  क्रूर और निर्दयी व्यक्ति   मेसोपोटामिया मे शासक बनेगा और अनेक प्रबल दोस्त बनाएगा । उसके लोग महिलाओं को व्याभिचार का जरिया बनाएंगे और वह काले लोगों की धरती से होकर अनेक देशों को युद्ध की आग मे झुलसा देगा । 
अब आप जानना चाहेंगे कि ये मोसोपोटामिया कौन सा देश है ? तो दोस्तो  मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है "दो नदियों के बीच"। यह इलाका दजला और फ़ुरात नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। इसमें आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, दक्षिणपूर्वी तुर्की तथा ईरान का क़ुज़ेस्तान प्रांत के क्षेत्र शामिल हैं यानि लगभग वह सारे क्षेत्र जो वर्तमान में ISIS के पास है ।
अब आते हैं दुसरी कडी पर सेंचुरी 1/51 -  The head of Aries, Jupiter and Saturn. Eternal God, what changes ! Then the bad times will return again after a long century; what turmoil in France and Italy.
इसमें तो शायद कुछ शंका ही नही बचती है । सीधी सी बात है बृहस्पति और शनि जब मेष राशि मे प्रवेश करेंगे तब फ्रांस और इटली दोनो ही देशों मे अफरा तफरी मचेगी । दोनो देश भीषण युद्ध की चपेट मे आकर चरमपंथीयों के गुलाम बन जाएंगे । ( गुलाम बन जाएंगे नास्त्रेदमस के दुसरे दोहों मे अस्पष्ट है ) लेकिन यह होकर रहेगा ।
तीसरी कडी इटली पर ही है - At the New City he is thoughtfil to condemn; the bird of prey offers himself to the gods. After victory he pardons his captives. At Cremona and Mantua great hardships will be suffered.
इटली के दो शहर मान्टुआ और क्रोमिया पर शिकारी पक्षी अपनी प्रार्थना पढेगा , जाहिर सी बात है कि इटली के इन दो शहरो का उल्लेख बताता है कि फ्रांस के साथ ही इटली पर भी तबाही बरपने वाली है ।
और यहां सेंचुरी 1/34 में  ( The bird of prey flying to the left, before battle is joined with the French, he makes preparations. Some will regard him as good, others bad or uncertain. The weaker party will regard him as a good omen. ) शिकारी पक्षी के सामने फ्रांस का झुकना बताता है ।
अब बात करते है आने वाले समय की तो  फ्रांस पर हुए हमले के बाद दुनिया भले ही कहे कि तीसरे महायुद्ध की शुरूआत हो रही है लेकिन हमें तो पहले से पता है कि हम तीसरे महायुद्ध की शुरूआत देख चूके हैं ।
तो अब और आगे क्या ... आगे यह है कि The head of Aries, Jupiter and Saturn.  Eternal God, what changes   ! Then the bad times will return again after a long century;  what turmoil in France and Italy. 
अगर हालात पर ध्यान दें तो साफ जाहिर है कि अब फ्रांस और इटली मे भारी उथल पुथल और मारकाट  का दौर शुरू होने वाला है  . फ्रांस पर हमले के बाद इटली भी  खौफजदा है क्योंकि वर्तमान में उस पर सीधा हमला ईसाईयत के सबसे बडे दुश्मन इस्लाम से हो रहा है जो ईसाइयों से कही ज्यादा क्रूर, खौफनाक और कट्टरपंथी है  और अब आगे की ओर बढते हैं जहां 54 नंबर पर नास्त्रेदमस कहते हैं - I the land with a climate opposite to Babylon there will be great shedding of blood. Heaven will seem unjust both on land and sea and in the air. Sects, famine, kingdoms, plagues, confusion. 
यानि मिश्र (बेबीलोन) की विपरित आबोहवा वाले देश मे प्लेग जैसी बीमारियों के साथ ही खून की नदियां बहेंगी भारी रक्तपात और बीमारीयों से वह राज्य तबाही के कगार पर पहुंच जाएगा ... यहां पर सीधी बात ये समझ मे आती है कि किसी यूरोपीय देश पर कीटाणु या रासायनिक हमला होने की भी संभावना है ।
अब आगे सेंचुरी 2 के 34वें दोहे को देखते है The senseless ire of the furious combat Will cause steel to be flashed at the table by brothers: To part them death, wound, and curiously,  The proud duel will come to harm France. 
 जिसमे लिखा गया है कि एक मेज पर दो भाई विध्वंस के लिये आपस मे ही लड लेंगे और इन सबसे भारी तबाही फ्रांस मे ही मचेगी . यानि की किसी संस्था मे शामिल दो देश आपस मे ही लड जाएंगे और एक आतंक का साथ देगा तो दुसरा शांति के मार्ग की बात करेगा । अभी जी 20 सम्मेलन चल रहा है जिसमे मुझे ऐसा लग रहा है कि शांति बनाने की अपील चीन के द्वारा की जा सकती है ताकि शांति की आड मे वह अपनी आतंकी सहयोग मुहिम को आगे बढा सके ।
लेकिन यह सब कब होगा
इसे नास्त्रेदमस सेंचुरी 6-55 मे कहते हैं कि - By the appeased Duke in drawing up the contract, Arabesque sail seen, sudden discovery: Tripolis, Chios, and those of Trebizond, Duke captured, the Black Sea and the city a desert. 
इसमें एक सागर के सूख कर रेगिस्तान बनने की  बात कही गई है और आपको ये जानकारी होना ही चाहिये की वर्तमान मे दुनिया का चौथा सबसे बडा सागर अरल सागर वर्तमान मे सूख कर रेगिस्तान बन चूका है -
ये थी अरल सागर की पहले की तस्वीर

और ये है आज के सूखे अरल सागर की तस्वीर 




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शेष जारी रहेगा