Tuesday, August 17, 2010

हत्या या आत्महत्या ः- मामला आप सुलझांए ।

आप सभी पाठक गणों से अनुरोध है कि इन प्रश्नों के हल ढुंढने का प्रयास करें ताकि निधी की आत्मा को शांति मिल सके ।


                       अभी तक केवल दैनिक अमृत संदेश और नई दुनिया  के अलावा और किसी भी अखबार को निधी की मौत एक सामान्य सा आत्महत्या की खबर लग रही थी, लेकिन सच्चाई क्या है ये आप बताएं -  अधिक फोटो व दस्तावेजों के लिये क्लिक करें ।  
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क्या ऊपर की तस्वीरें झूठ कह रही हैं या फिर आंखो का धोखा है । अगर ऐसा लगता कि ये एक इत्तेफाक है तो जरा गौर फरमाए इस बात पर 



 



क्या आप इस बात पर यकिन कर सकते हैं कि शरीर में आग जल रही हो और कोई व्यक्ति बिना तडपे या भागदौड करे बिना एक जगह चुपचाप पडे पडे जल कर मर सकता है ? यदि आप इस बात पर यकिन कर सकते हैं तो आपके लिये ये देखना भी जरूरी है ः-




क्या आप इतनी चीजें देखकर कहेंगे कि ये एक साधारण आत्महत्या का मामला है । आइये जरा हम पाठकगण भी कुछ पोस्टमार्टम करें तस्वीरों का ः-





फोटो में दर्ज नंबरों के आधार पर पैदा हुए सवाल जिनके जवाब चाहिये ः-

प्रश्न -1 .आंखों में से खून बाहर क्यों निकला ?

प्रश्न -2 . नाक से खून किन कारणों से लगातार बहता रहा ? (पोस्टमार्टम ककी टेबल पर भी          लगातार  बह रहा था )

प्रश्न -3 .जीभ मुंह से इतनी बाहर कैसे निकली ?

प्रश्न -4 . हाथ इतनी बुरी तरह से कैसे जला, क्योंकि अपने हाथों से मिट्टी तेल अपने शरीर पर डालने से हाथ में मिट्टी तेल नही गिरता है जिसकी वजह से हाथ नही जलते ।

प्रश्न -5. कान पूरी तरह से जल गये हैं ।

प्रश्न -6. जब कान इस बुरी कदर जल गए तो फिर पिछे सिर के बाल बिना जले कैसे रह गए  ?

प्रश्न -7. अगर निधी नें आत्महत्या की तो सिर के बीच में ये चोट कैसे लगी ?

प्रश्न -8. हर जले भाग में इसी तरह से चमडी फटी है , लेकिन फफोले ( जलने के बाद जो पानी से भरे  छाले पडते हैं ) क्यों नहीं पडे ?

सभी पाठक गणों से अनुरोध है कि इन प्रश्नों के हल ढुंढने का प्रयास करें ताकि निधी की आत्मा को शांति मिल सके ।

Friday, August 13, 2010

जल रहा है ब्रिटेन ।

लंदन। ब्रिटेन ने अपने देश के लोगों को भारत से आने वाले पर्यटकों को न छूने और करीब न जाने की सलाह दी है। विजिटबिटे्रन का कहना है कि ये सलाहें सांस्कृतिक जागरूकता बढाने, गलतफहमी से बचने और यात्रियों की देखभाल करने में कर्मचारियों की सेवा में इजाफा करने के लिए है। ब्रिटेन की पर्यटक एजेंसी विजिटब्रिटेन ने खेलों के दौरान प्रभावी उपभोक्ता सेवा देने के लिए होटल मालिकों से लेकर टैक्सी चालकों तक के लिए एक सूची तैयार की है जिसमें भारत से आए किसी भी व्यक्ति से पहली बार करीब न जाने की सलाह दी गई है।
                     सवाल उठता है कि ऐसा क्यों कहलवा रही है ब्रिटिश सरकार ?  मेरे विचार से उनमें जलन की भावना पैदा हो रही है । वे हमारे देश से जल रहे हैं । वो सोच रहे हैं कि जितनी आसानी से हमारे देश के नेता भ्रष्टाचार करते चले आ रहें वो भी पूरे सम्मान के साथ , ऐसा उनके देश में क्यों नही हो पा रहा है । जिस देश को गुलाम बना कर रखा वो देश आज इतना संपन्न कैसे हो गया कि उस देश का छोटा सा नागरिक भी उनके देश के नागरिक से ज्यादा संपन्न दिखता है । यही कारण है कि ब्रिटेन की सरकार अपने नागरिकों को हिनभावना से बचाने के लिये ऐसी खबरें प्रसारित कर रही है ताकि उसके देश के लोग भारतीयों से दूर रहें और उनसे जल कर ब्रिटेन में भी ऐसी ही भ्रष्ट संस्कृति को जन्म देने की मांग ना उठाने लगें ।
                      फिर हमारे देश की केंद्र सरकार ऐसा क्यों कहलवा रही है कि ब्रिटिश वैज्ञानिकों का दिल्ली सुपरबग बैक्टीरिया भारत में नहीं फैल रहा है ? 

                        इसकी वजह है कि भारत सरकार को समझ में आ गया है कि ब्रिटेन वाले कुछ दवा कंपनीयों से  पैसा खाकर ऐसा प्रोपोगंडा कर रहे हैं । अब कोई बदनाम करें हमारे देश को  ये कोई नई बात तो नही है ( पाकिस्तान और चीन तो सालों से यही कर रहे हैं लेकिन इन दोनो देशों के बदनाम करने से ही तो आयोग गठन करके और सेना के नाम से नेताओं को पैसा खाने को मिलता है) लेकिन इस बदनामी तो ऐसी हुई कि पइसा भी नही मिला और कलंक फालतू के लगा । जब  अर्जुन सिंह के रहते भोपाल गैस कांड में करोडों पीट सकते हैं तो फिर भला ब्रिटेन को फालतू फालतू के क्यों कहने दें ।
                       
                  हमारे देश में ऐसा सुपरबग बैक्टीरीया है जो सारे संसार को खत्म कर सकता है । इसलिये केवल ब्रिटेन ही नही सारी दुनिया को हमारे देश के उस सुपरबग बैक्टीरिया से बचने का प्रयत्न करना होगा , जिसका नाम है भ्रष्ट सुपरबग ।

Wednesday, August 11, 2010

निधी के पिता को धमकी

रायपुर, दिनांक 11 अगस्त समय दोपहर लगभग 2.30 बजे , स्थान तेलीबांधा से अवंती विहार की ओर आने वाली सडक । आझ सूर्यकांत शुक्ला (निधी के पिता) अपने मित्र के साथ निधी की मौत के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए दस्तावेज लाने तेलीबांधा थाने में गये थे । उन्हे वहां बैठे तकरीबन 15-20 मिनट हुए थे कि सुधीर तिवारी (निधी का जेठ) अपने साथ तीन चार लोगों को लेकर थाने में पहुंचा । वहां टी.आई. साहब के पास इन्हे बैठा देखकर चुपचाप बाहर निकल गया ।
                                     इसके बाद जब सूर्यकांत शुक्ला अपने मित्र के साथ उनकी बाइक में वापस लौट रहे थे कि अचानक उन्हे दो आदमीयों नें बीच सडक पर रोक लिये ( वे दोनों सुधीर तिवारी के साथ थाने में पहुंचे थे) और उनसे कहा कि तुम्हारी बेटी नें आत्महत्या की है और तुम बेवजह तिवारी परिवार को तंग कर रहे हो । इस पर निधी के पिता नें कहे कि मेरी बेटी नें आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है ये सब अदालत तय करेगी लेकिन तुम लोगों को इस मामले से क्या लेना देना है । इस बात पर दुसरे आदमी नें अपने हाथ का जोरदार वार शुक्ला जी के सिर किया जिसके कारण वे सडक पर गिरते गिरते बचे । तभी शुक्ला जी के मित्र नें गाडी खडी करके ज्यों ही उन्हे ललकारा तो वो दोनो लोग तुमको भी बाद में देख लेंगे की धमकी देते हुए सडक के दुसरी ओर चले गए । इस वारदात से भयभीत होकर शुक्लाजी बजाय थाने में जाने के सीधे अपने निवास (नेहरू नगर, भिलाई) आ गए और घर आकर ही उन्होने इस बात की जानकारी परिवार वालों को दी ।
                                                अब सवाल ये उठता है आखिर सुधीर तिवारी के साथियों नें निधी के पिता को क्यों मारा और धमकाया ? इसका सबसे बडा कारण है निधी की हत्या के मामले की पूरी लीपापोती इसी आदमी के द्वारा की जा रही है । यह शख्स वर्तमान में प्रधानमंत्री सडक परियोजना, नगरी में सब इंजीनियर के पद पर कार्यरत है और सडकों में कीतनी धांधली हो रही है यह सभी जानते हैं , इसके पास भी अथाह पैसे यहीं से आ रहे हैं जिसकी वजह से यह अपने को इतना सामर्थ्यवान समझ रहा है कि हत्या को भी आत्महत्या में बदल सकता है । सुधीर तिवारी की भूमिका निधी हत्याकांड में सबसे ज्यादा संदग्ध रही है, मसलन खुद ही कहता है कि निधी 23 जुलाई को शाम 4.30 जलकर मर गई लेकिन निधी के मायके में फोन 6 बजे करके कहता है कि तुरंत मेकाहारा अस्पताल पहुंचो अस्पताल में कहता है कि निधी नें आत्महत्या कर ली है लेकिन उससे ये कहने पर कि मरी हुई निधी को अस्पताल क्यों लाए तो चुप हो जाता है ।
                                खैर यह हुई पुरानी बातें अब देखें पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहती है - पीएम रिपोर्ट के अनुसार निधी की मौत को 24 घंटे हो चुके थे (समय लगभग दोपहर 3 बजे का निकलता है), गला दबाये जाने के संकेत हैं, पेट में नशीले पदार्थ मिले हैं और उसके गले में कार्बन नही मिला है जैसा जीवित जलने वाले व्यक्ति की सांस के साथ गले तक उतरने पर मिलता है, इन सब बातों से यह साबित होता है कि निधी की हत्या करके साक्ष्य छुपाने के लिये जलाया गया है । इस नृशंस हत्याकांड को दबाने का प्रयास सुधीर तिवारी इस लिये कर रहा है ताकि उसकी नौकरी बच सके क्योंकि जब सारा मामला खुलेगा तो सबसे पहले सुधीर तिवारी पर ही आरोप तय होगा ।
                                अब सवाल ये उठता है कि जब सुधीर तिवारी पर सबसे पहले मृत निधी के शव को जलाकर हत्या के साक्ष्यों को मिटाने और कानून को गुमराह करने का  प्रथम दृष्टि में सीधा सीधा मामला दिख रहा है तो उस जैसे खतरनाक अपराधी को कानून अब तक अपने शिकंजे में क्यों नही कसा ।

Monday, August 9, 2010

DABBU MISHRA: रायपुर ः- निधी तिवारी की मौत पर सवाल

निधी तिवारी की मौत पर सवाल

DABBU MISHRA: विधायक की मौज, जनता की मौत

DABBU MISHRA: विधायक की मौज, जनता की मौत

विधायक की मौज, जनता की मौत













आप हैं वैशाली नगर, भिलाई विधानसभा के विधायक श्री भजन सिंग निरंकारी जी । आप एक बेहद काबिल, कर्मठ और जनता के प्रति पूरी तरह से समर्पित नेता नजर आते हैं । आपकी विशेषता है नकारात्मक सोच । अगर आप इनसे कहैं कि भइया हमारे मार्केट में हाईमास्क लाइट चाहिये तो कहते हैं कि उसकी क्या जरूरत है । बताओ कि भइया हमारे मार्केट में पानी की समस्या है तो कहते हैं कि पानी वाली बाई तो सालों से मार्केट में पानी ला रही है, क्यों गरीबों को भुखे मारना चाहते हो । शिकायत करो कि फल-सब्जी के ठेले वाले लोगों के कारण मार्केट का यातायात अव्यवस्थित हो रहा है । तो आप फरमाते हैं कि मैं गरीबों की हाय नही लूंगा ।

                                         अब आप सोचें कि ये विधायक महोदय कि बातें तो पूरी तरह से हमदर्दी वाली हैं लेकिन काम क्या है ? इन्हे पूरी तरह से मालूम है कि इन्होने चाहे जो भी काम किये हों एक काम इतना बुरा किये हैं कि लोगों की जानें जा रही हैं । जिसका सबसे ताजा शिकार 8 अगस्त की सुबह 10 बजे एक गरीब रिक्शावाला हुआ है । दरअसल  इन्होनें राष्ट्रीय राजमार्गक्रमांक 6 में भिलाई में बनी फोरलेन को भिलाई की बसंत टाकीज के सामने से तोड दिये हैं ताकि लोग आसानी से अपने वाहनों को सडक के आर पार ले जा सकें, लेकिन हो ये रहा है कि लोग लापरवाही से ज्यों ही सडक के इस भाग से उस ओर निकलते हैं दुसरी ओर से आ रहे तेज रफ्तार वाहन उनसे टकरा जाते हैं । इसमें गलती चालक की नही होती है क्योंकि वह सडक बीच से इस तरह टुटी है कि पता ही नही चलता है कि वहां से कोई रास्ता खुला हुआ है ।
                                               अब कोई इन विधायक महोदय को समझाए कि महोदय गरीबों का भला तभी हो पाएगा जब वह जिंदा रहेगा । अगर ऐसे ही उस अवैध रास्ते में लोग मरते रहे तो किसका भला होगा ये आपसे ज्यादा अच्छी तरह से कोई नही समझा सकेगा ।