Saturday, August 8, 2015

ऐसे बनेगा आतंक का बादशाह ।

            नास्त्रेदमस की अभी तक की भविष्यवाणीयों मे से एक भविष्यवाणी सटिक रूप से ऐसी है जो दुनिया को पक्का सबूत दे रही है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी समय के अनुसार ही अपने नियत समय पर पूरी हो रही है । नास्त्रेदमस ने सेंचुरी VIII- 70 में स्पष्ट रूप से लिखे हैं -    

      He will enter, wicked, unpleasant, infamous, tyrannizing over Mesopotamia. All friends made by the adulterous lady, the land dreadful and black of aspect. 


    इसका साधारण अर्थ है  -   एक कुख्यात आदमी मेसोपोटामिया का तानाशाह बनेगा और अपने कई मजबूत दोस्त बनाते हुए कई देशों को युद्ध की आग मे जला देगा । 



            अब इस बात की खाल निकालते हैं कि मेसोपोटामिया कौन सा देश है ? दरअसल मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है "दो नदियों के बीच"। यह इलाका दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेटीस) नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। इसमें आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, दक्षिणपूर्वी तुर्की तथा ईरान का क़ुज़ेस्तान प्रांत के क्षेत्र शामिल हैं। संलग्न नक्शे में मेसोपोटामिया राज्य की सीमा है और उस नक्शे मे यदि आप देखें तो पाएंगे कि वर्तमान मे उसके अधिकांश हिस्से पर आज काला आतंकवाद ISIS का खलीफा " अबु बगदादी " अपना पैर जमा चूका है । 

     
                                       यानि जिस जगह को नास्त्रेदमस ने तीसरे महायद्ध की शुरूआत  बताया है वहां पर आज सचमुच एक ऐसा आतंक विराजमान हो चूका है जिसके बढते खतरे से सारी दुनिया भयभीत है । नास्त्रेदमस का यह इशारा की वह कई मजबूत दोस्त बनाएगा से जाहिर है कि कोई महाशक्ति ( वर्तमान हालात मे वह चीन हो सकता है ) बगदादी का साथ देकर दुनिया को जीतने मे उसको सहयोग देगा । चीन का  अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि नास्त्रेदमस की एक भविष्यवाणी के अनुसार इरान पर और तुर्की पर होने वाले हमले मे जो लाखो की संख्या में सैनिकों की बात हो रही है वह चीन के अलावा और कोई नही दे सकता । 

                               अब उस समय की गणना देखें जब यह समय आने वाला है -   -  सेंचुरी V-25  The Arab Prince Mars, Sun, Venus, Leo, The rule of the Church will succumb by sea: Towards Persia very nearly a million men, The true serpent will invade Byzantium and Egypt. 
                                             
  - अरबों का राजकुमार जब मंगल, सूर्य और शुक्र ग्रह सिंह राशि मे होंगे तब समुद्री जंग में ईसाईयों को मात देगा ।  रान की ओर से लाखों सैनिक कूच करेंगे लेकिन असली आतंक तुर्की और मिश्र मे घुस आएगा  ।   मतलब साफ है की जो परिस्थिति वर्तमान मे चल रही है उसमे किसी को यह बडी बात नही लग रही है कि ईरान और तुर्की भी बगदादी के कब्जे मे चले जाएंगे । 

अब आगे का हाल और देखते हुए कडी जोडने का प्रयास करते हैं - सेंचुरी V-11  The sea will not be passed over safely by those of the Sun, Those of Venus will hold all Africa: Saturn will no longer occupy their realm, And the Asiatic part will change.

                                     अर्थात इस्लाम ( जिसे नास्त्रेदमस शुक्र कहते हैं ) अपनी ताकत पूरे अफ्रीका में फैला लेंगे और चर्च वालों के लिए यह बहुत ही बुरा वक्त होगा । एशिया के कुछ भागों मे भी यह अपनी दखल देंगेे । अब अगर इन सभी कडियों को जोडते चलें तो क्या कहानी बनती है यह देखते हैं । ISIS अपना आतंक फिलहाल तुर्की , सीरीया, ईरान औरर सऊदी अरब में बढाते हुए वह  अफ्रीका की ओर बढेगा ना कि ारत की ओर । ISIS का मुख्य लक्ष्य ईसाईयत की तबाही है जो उन्हे भारत मे नही बल्कि तुर्की होकर यूरोप में जाने से पूरा होगा . यानि वह तुर्की ग्रीस स्पेन से होकर इटली को निशाना बनाएगा जिसके बाद फ्रांस का नंबर आएगा । अभी भारत मे जिस तरह की धमकी ISIS की ओर से आ रही है उससे कदापि नही लगता कि बगदादी किसी भी तरह से अफगान पाकिस्तान होकर भारत आने मे दिलचस्पी लेगा , यानि जाहिर सी बात है कि भारत मे ISIS का खौफ पाकिस्तान और चीन द्वारा  प्रायोजित होगा । यदि बगदादी को अफ्रीका मिल जाता है तो उसे यूरोप पहुंचने मे कोई कठिनाई नही होगी और वह चीन के सहयोग से अमेरिका और रूस को मात देने मे सक्षम होगा और फ्रांस इटली को वह स्वयं अपनी सेना से बर्बाद करवाने मे सक्षम रहेगा । 


सेंचुरी II-4/5 - 
4
From Monaco to near Sicily The entire coast will remain desolated:
There will remain there no suburb, city or town Not pillaged and robbed by the Barbarians.
5
That which is enclosed in iron and letter in a fish, Out will go one who will then make war, He will have his fleet well rowed by sea, Appearing near Latin land.

         ये दोनो दोहों को एक करके देखा जाए तो ऐसा लगता है कि इटली ( सिसली ) पर समुद्र की ओर से हमला करने का संकेत है ।  अब समुद्र के रास्ते पनडुब्बी का पहुंचना और अचानक से हमला कर देना कोई बडी बात नही है क्योंकि जब अमेरिका जैसे महाशक्ति के नगर को सुबह के 9 बजे हमला किया जा सकता है तो इटली उस नजरिये से कोई भी दम खम नही रखता है । इटली पर स्पेन के रास्ते आसानी से पहुंचा जा सकता है या फिर लिबिया के समुद्री रास्ते से । 
                              इन सभी कडियों को जोडने से एक बात तो साफ हो रही है कि ISIS से फिलहाल भारत को कोई खतरा नही है लेकिन पाकिस्तान और देश के भीतर बैठे गद्दारों के कारण हमारे देश को नुकसान पहुंच सकता है । हाल के घटनाक्रमों को देखा जाए तो ISIS भारत के नागरिकों को भी कोी नुकसान नही पहुंचा रहा है जिससे यह संदेश भी जा सकता है कि फिलहाल वह भारत से उलझने के मूड मे नही हैं । 
                                   लेकिन जो भी हो ISIS के खलीा अबु बगदादी तो फिलहाल आतंक के बादशाह बनने की दिशा मे जा रहे हैं ।




तीसरा विश्वयुद्ध जारी है ।

  आप यदि ये सोच रहे हैं कि जल्दी ही तीसरा महायुद्ध होने वाला है तो आप मुगालते मे है , क्योंकि जनाब तीसरा विश्वयुद्ध जारी है । इस समय सारी दुनिया लड रही है । कोई गृहयुद्द झेल रहा है तो कोई पडोसी देशों मे उलझ रहा है और जो बचे है वो आतंकवाद से लड रहे है । हाल ही में   मित्र   शिखर खरे जी से बात हो रही थी और बात ही बात मे एक लाइन आई की नास्त्रेदमस ने कहे थे कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब लोगों को धर्म बांटेगा । लोगों को  काला और सफेद रंग चुनना होगा लेकिन इन दोनो रंगो के बीच लाल और पीला भी अपने अधिकार के लिये लडेंगा । अब छोटी सी चर्चा मे तो जो कहना था वह कह दिए लेकिन बिना प्रमाण कहना ... ये भी तो गलत है । तो शिखर भाई चूँकि आप स्वयं नास्त्रेदमस के फैन है इसलिए आशा है की आपके मन मे ज्यादा सवाल नही उमडेंगे ... तो सबसे पहले नास्त्रेदमस की वह भविष्यवाणी जो वर्तमान समय मे सही साबित हो रही है ।

नास्त्रेदमस की सेंचुरी VI -10  में लिखा है - In a short time the temples with colors Of white and black of the two intermixed: Red and yellow ones will carry off theirs from them, Blood, land, plague, famine, fire extinguished by water.

                   इंग्लिश में लिखी गई इस पहेली को वर्तमान दृष्टिकोंण में दो भाग करके देखते हैं  - सबसे पहले मौौसम की बात करते हैं । वर्तमान समय मे सारी दुनिया मे बाढ , तूफान, चक्रवात, भूकंप, इबोला जैसी बीमारी और ज्वालामुखी सहित विभिन्न प्राकृतिक आपदाएं चल रही है । इनसे कोई भी देश अछूता नही है  और जो देश इनसे बच रहे हैं वहां पर युद्ध चल रहे हैं । हमारे देश को तो प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ पाकिस्तान के आतंकवाद और सीमा पर बमबारी के साथ साथ चीन से भी घूसपैठ झेलनी पड रही है । यानि मौसम का हाल देखें तो यह वातावरण नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी मे दिये गए विवरण के हिसाब से सही है ।
                           अब बात करते हैं धर्म की - आज इस्लाम का अर्थ हरा ना होकर काला हो गया है और वह काला रंग लगातार दुनिया में आतंक बढाते हुए आगे बढते जा रहा है । सफेद रंग जो ईसाइयत का प्रतीक है वह तो इससे भयभीत हो ही रहा है लेकिन अकारण भारत का लाल+पीला = भगवा रंग भी प्रभावित हो रहा है । नास्त्रेदमस ने उस समय सीधे काले रंग को स्पष्ट रूप से देख लिए थे जबकि ISIS का काला रंग हाल ही के समय मे अचानक अपने भयावह रूप मे दुनिया के सामने आया है । उन्होने केवल इस काले रंग वाले धर्म को ही नही बल्कि इसके साथ ही और भी कई बातें अलग अलग खण्डों मे लिखकर डालेे  हैं , जैसे "अ" नाम वाला वह क्रूर काला आदमी जो अपने धर्म का प्रखर ज्ञाता होगा । उसकी बोली बहुत ही नरम होगी लेकिन उसका केवल नाम दुश्मनो के दिलों मे खौफ पैदा कर देगा ।
इस बारे मे बाकी विवरण अतिशिघ्र देंगे ......... तब तक वर्तमान हालात और भविष्यवाणी को मिलाने मे आसानी होगी ।

Saturday, August 1, 2015

याकूब अभी जिंदा है ।

30 जुलाई की सुबह खबर आई कि याकूब मेनन को फांसी हो गई है और उसकी लाश पोस्टमार्टटम के बाद उसके परिवार वालों को दे दी गई । लेकिन क्या सचमुच याकूब मर गया है ? क्योंकि याकूब तो कभी अकेला था ही नही । इस याकूब के साथ और भी कई याकूब थे । एक याकूब को तो उसके फर्जी नाम और  पासपोर्ट के बाद भी खुफिया एजेंसी पकड लाई लेकिन जो याकूब पकडाया वो तो केवल एक था । इसके बाद देश ने देखा  एक साथ 40 और याकूबों को  जो अलग अलग नामों और चेहरों  के साथ अपने शरीर के ही एक हिस्से याकूब को बचाने की लिए भागदौड कर रहे थे । फिर देखा ऐसे ही 12 और याकूबों को जो आधी रात को देश की सबसे बडी अदालत को रात मे ही उठा कर बैठा दिये और तब तक अपने शरीर के एक अंग को बचाने का प्रयास करते रहे जब तक कि उसके नष्ट होने की खबर नही मिली । इसके बाद फिर से देश ने देखा दुसरे दिन देश के महानायक स्व. अब्दुल कलाम की खबर को  एक खलनायक याकूब मेमन के जनाजे तले दबते हुए ।
                                                                    यदि अपने प्राचीन कथाओं पर यकिं करें तो इस याकूब का असली नाम  रक्तबीज है जिसके गिरे हर खून के कतरे से एक नया याकूब तैय्यार हो रहा है । वह याकूब इतनी तेजी से जमीन पर गिर कर फैले कि समझ ही नही पडा कि वो याकूब कब अभिनेता बन गया या कब पत्रकार कब विधायक और कब सांसद या समाजसेवी , ये देश को पता ही नही चला । अब याकूब को मारना असंभव हो गया है क्योंकि उसकी जडें तो संसद मे भी है मिडिया मे भी और जनता के बीच मे भी ..
                                                    इसीलिये मैने यह निष्कर्ष निकाला है कि याकूब ना तो मरा है ना ही मर सकता है क्योंकि रक्तबीज को खत्म करना  अब किसी के वश मे नही है । विदेश मे बैठे ढेर याकूबों को मारने की बात करने   वाले लोग क्या ये बताएंगे कि जब अपने ही देश के याकूब को मारने पर सैकडों याकूब खडे हो सकते है तो दस पंद्रह याकूबों के लिए कितने याकूब आ जाएंगे ?
                                                    अब तो मान ही लो भाई याकूब अमर है ।