Monday, July 26, 2010

रायपुर ः- निधी तिवारी की मौत पर सवाल

अवैध संबंधों की परिणिती है निधी की मौत


निधी द्वारा पूर्व में लिखे एक पत्र में अपने मायके वालों को अपने

पति राजेश और उसकी विधवा भाभी रेखा तिवारी के अवैध संबंधो के बारे में

लिखा गया है । उसमें निधी नें स्पष्ट लिखा है कि राजेश के अपनी विधवा बडी

भाभी रेखा के साथ अवैध संबंधहै जिसकी वजह से वे दोनो मिलकर मुझे (निधी

तिवारी) प्रताडित करते रहते हैं अगर मेरी अस्वाभाविक मौत होती है तो इसकी

जवाबदारी मेरे पति राजेश और मेरी जेठानी रेखा तिवारी (पत्नि स्व.सुरेश

तिवारी) को माना जाये ।

इस लिहाज से अगर देखा जाये तो यह हत्या का आधार भी बनता है और

वह इस दिशा में विचार करते हुए पुलिस कार्यवाही कर सकती है जबकि अभी तक

की उनकी कार्यवाही आत्महत्या को लेकर ही केंद्रित है ।

संलग्न सभी फोटोएं मन को विचलित करने वाली हैं और विडियो

घटनास्थल का है। इन ह्दयविदारक तस्वीरों आपको भेजने के लिये मैं

क्षमाप्रर्थी हूँ किंतु सबूत के लिये मुझे य़ह आवश्यक लग रहा है इसलिये

भेज रहा हूँ ।संलग्न विडियो घटनास्थल का है और इसमें घटनास्थल के चलचित्र

हैं जो 24 जुलाई 2010 को 8, जलविहार कालोनी, रायपुर (छत्तीसगढ) में उतारे

गये हैं. जहां निधी तिवारी की रहस्यमय मौत हुई है । परिजनों के द्वारा

हत्या व दहेज का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है जबकि तेलीबांधा थाना व

फोरेंसिक अधिकारीयों द्वारा आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है । जिस

कमरे में निधी की जलने से मौत हुई है वहां जमीन पर केवल एक ही जगह पर

जलने के निशान है जो इसतरह से बने हैं जैसे किसी सोये हुए व्यक्ति पर

मिट्टीतेल डालकर आग लगा दी गई हो। जबकि आग लगने वाली जगह से मात्र 2फिट

दूर और 4 फीट की ऊंचाई पर बिना जला एक 3 फीट लंबा कपडा, सिरहाने पर रखा

टेबल और उसका टेबलक्लाथ, एक टेबल जिसमें कापी किताबें हैं, कमरे में रखा

जूते का रेक, खूंटी पर टंगे सफेद कपडे, स्टील की आलमारीयां, आसपास की

दीवारें सबकुछ एकदम सही हलत में है ।पूरे कमरे में कहीं भी भागने दौडने

के निशान नही हैं. जहा निधी जली है वहां पर पडी राख के साथ एक 3 गांठ

वाली कटी हुई रस्सीनुमा कपडे का टुकडा पडा था जिससे हाथों को बांधे जाने

का संकेत मिल रहा है । घटनास्थल पर मिले सारे सबूत चीख चीख कर हत्या का

संकेत दे रहे हैं मसलन- जिस कमरे में निधी जली हैतथा दरवाजा तोडकर भीतर

घुसना बताया जा रहा है, उसी कमरे के साथ लगा हुआ एक और दुसरा रास्ता

बेडरूम से होते हुए बाहर निकलने का है जो बाहर से बंद था, इससे यह प्रमाण

मिलता है कि दरवाजा दिखावे के लिये तोडा गया है । एक टुटी हुई बडी सौस की

बोतल मिली है जिससे सिर पर वार किये जाने का संकेत मिल रहा है, कमरे में

जलने के बाद कहीं भी भागने दौडने के चिन्ह नही मिले हैं, जबकि आग लगने के

बाद छटपटाहट होना स्वाभाविक होता है चाहे वह स्वयं ही क्यों ना लगाई गई

हो । मिट्टी तेल का 2 लीटर का केन रखा हुआ था जिसमें थोडा मिट्टी तेल भरा

हुआ था, तो क्या निधी नें अपने आप पर आधा मिट्टीतेल डाल कर चुपचाप लेट गई

और पडे पडे ही अपने को आग लगा ली और चुपचाप जलती रही पर कोई आवाज तक नही

निकाली जबकि वह अपना हाथ सीधा करती तो पानी के मटके से उसका हाथ टकरा

जाता और हाथ ऊपर करती तो टेबल क्लाथ में आग लग जाती । मृतका का जहां सिर

था वहां से मा्त्र 2 फिट की दूरी पर पानी से भरा हुआ मटका ज्यों का

त्यों रखा है, जिसे मृतका द्वारा हाथ भी ना लगाया जाना आश्चर्य प्रकट

करता है ।
मृत निधी की तकरीबन 2-3 इंच जीभ बाहर निकली हुई थी तथा मुंह व

नाक से खून बह रहा था जिसे फोरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा जलने के बाद होने

वाली स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रीया बताई जा रही है, जबकि ऐसा मामला अक्सर

केवल हत्या में ही देखा जाता है । सभी पारिस्थितिजन्य साक्ष्य हत्या को

आत्महत्या साबित करने का प्रयास है । पंचनामा के समय निधी के मायके पक्ष

की महिलाओं नें निधी के सिर पर चोट लगने के निशान और पीठ पर खरोंचो के

निशान देखे हैं । इसके अलावा निधी द्वारा अपने माता पिता (सूर्यकांत

शुक्ला व श्रीमती बेला शुक्ला) को लिखे अंर्तदेशीय पत्र में उसने साफ साफ

लिखा है कि उसकी अस्वाभाविक मौत का जिम्मेदार उसका पति राजेश तिवारी, और

उसकी जेठानी रेखा होंगे । प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर मामला हत्या का

दिख रहा है । निधी नें पूर्व में महिला थाना,दुर्ग में इस संबंध में

आवेदन दी थी लेकिन उसके जेठ और ननंद नंनदोईयों द्वारा अपने व्यवहार को

सुधारने की बात कहने तथा ससुराल पक्ष द्वारा माफी मांगनें के बाद वह

उन्हे एक मौका और देने के लिये वापस ससुराल गई थी जहां उसकी हत्या कर दी

गई । परिजनों के मन में यह शंका हो रही है कि तेलीबांधा थाना प्रभारी

द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्य किया जा रहा है लडकी के द्वारा लिखी गई

चिट्ठीयों की नोटराइज्ड प्रति थाना प्रभारी के सामने पेश की गई तो

उन्होने उसे लेने से मना कर दिया और मूल प्रतियों की मांग की गई जो निधी

के माता पिता कोर्ट में पेश करने के इच्छुक हैं । वर्तमान परिस्थिति में

जहां घटनास्थल हत्या करके साक्ष्य छुपाने के लिये लाश को जलाने का इशारा

कर रहे हैं वहीं पुलिस और उसकी फोरेसिक टीम अभी भी इसे आत्महत्या का

मामला बता रही है ।

निधी के परिजनों का कहना है कि निधी एक बहादुर और

संर्घषशील लडकी थी और वह किसी भी परिस्थिति का बहादुरी से सामना करती थी

। उसके कठोर प्रतिरोध के कारण ही उसके ससुरालियों को पहले उसकी हत्या

करनी पडी है और उसके बाद साक्ष्य छुपाने के लिये उसके शरीर पर मिट्टी तेल

डालकर आग लगाया गया है और उसकी 11 साल की बेटी जो उस समय घर पर थी अभी तक

उसे किसी के सामने नही लाया गया है । हो सकता है उसकी बेटी इस संबंध में

कुछ जानती हो जिससे उसकी भी जान को खतरा है । रेखा व सुधीरके फरार होने

की आशंका है और बच्ची उनके पास है बच्ची की सुरक्षा के लिये एवं सुधीर व

रेखा के फरार ना होने की पुलिस नें क्या व्यवस्था की है इसके बारे में

पुलिस परिजनों को कुछ भी नही बता रही है ।

घटनास्थल देखने में ऐसा लग रहा है मानो निधी घुटना मोडकर सो रही थी और उस पर मिट्टीतेल डाल कर आग लगा दी गई हो । इस संबंध में एक नजरिया यह भी बन रहा है कि हत्या दुसरे कमरे में करके करके शव को

उस जगह पर रख कर जलाया गया हो । कुछ बातें जो मामले को हत्या होने का

संकेत दे रही हैं ः-


राजेश का अपनी विधवा भाभी के साथ अवैध संबंध, छोटे

से कमरे में (तकरीबन 8 बाई 12 का) निधी जहां जली उस जगह के अलावा सारा

कमरा पूर्ण व्यवस्थित रहना, रस्सी का 3गांठो वाला टुकडा जिससे हाथों को

बांधे जाने का संकेत मिलता है, निधी का सिर और गला पूरी तरह से जलना

मारने से हुई चोटों के साक्ष्य को छुपाने का मामला दर्शाते हैं,




निधी के जलने का समय गवाहों के अनुसार शाम 4.00 से 4.30 बजे का बताया जा रहा है जबकि

उसके जेठ नें शाम 6 बजे फोन करके निधी के माता पिता को सच्चाई ना बता कर

केवल मेकाहार अस्पताल पहुंचने को कहा यानि वे जानते थे कि निधी मर चुकी

है और वे केवल दिखावे के उसे अस्पताल लेकर गए यहां ये भी बात सामने आती

है कि जलविहार कालोनी से मेकाहारा लगभग 15 मिनट की दूरी है लेकिन निधी

को अस्पताल लाये जाने का समय अस्पताल रिकार्ड के अनुसार 6.25 का है और शव

को लाने वाला निधी का जेठ सुधीर तिवारी था (राजेश तिवारी उस समय कहां

था), जब सुधीर तिवारी को मालूम हो चुका था कि निधी मर चुकी है तो उसने

बजाय पुलिस को सूचना देने के निधी की जली लाश को मेकाहारा क्यों लाया, घर

का दरवाजा तोडने के संदर्भ में तीन बयान सामने आ रहे हैं


1.रेखा तिवारी

के अनुसार दरवाजा राजेश तिवारी नें तोडा, सुधीर तिवारी के अनुसार दरवाजा

उसने पडोसियों के साथ मिलकर तोडा और मकान मालकिन के बेटे सोनू के अनुसार

उसने घर की सबली से दरवाजा तोडा,मकान मालिक के बयानों से भी संदेह की बू

आती है निधी के माता पिता नें निधी के जेठ सुधीर और ननंद मीनू ,जेठानी

रेखा और राजकमल मिश्रा के नाम लिये थे जब सभी को मालूम था कि अंदर के

कमरे से आने जाने का दुसरा दरवाजा भी है जो बेडरूम से होते हुए उसी कमरे

से जुडता है जहां निधी जली थी तो उन्होने उस दुसरे दरवाजे को क्यों नही

खोला यानि दरवाजा दिखावे के लिये तोडा गया । निधी की जीभ का बाहर

आना,मुंह और नाक से खून का लगातार बहते रहना और उसके पति राजेश तिवारी का

पूरे समय गायब रहना किसी विभत्य हत्या कांड की ओर इशारा कर रहे हैं ।

इस पूरे प्रकरण में एक और व्यक्ति है । पंकज शुक्ला नाम का यह शख्स राजेश तिवारी का
घनिष्ठ दोस्त बताता है । ये रिश्तेदार भी है लेकिन राजेश की मदद के लिये इस तरह से भागदौड कर रहा है जैसे राजेश फंसा तो यह भी नही बचेगा ।