Thursday, September 29, 2011

लो जी ...साल्व हो गया 2 जी


 

       उफ्फ कहां फंसा दी हो मैडम जी .. बाहर तो निकालो । मुझे तो केवल 10 परसेंट में ही निपटा कर खुद चैन से बाहर बैठी हो ।
                                        चिंता मत करो .. जल्दी ही इससे बडा घोटाला सामने आएगा .. फिर जैसे कॉमनवेल्थ को लोग भूल गये 2 जी को भी भूल जाएंगे ।

                      अरे .... मेरे साथ की दो पार्टनर मैडम की बहनें कहां है ... मुझे तो उनका नाम भी नही मालूम .... मुझे क्या पता था की 20 परसेंट की रिर्टन कीमत इतनी बडी होगी ।



                                                             
                                           मॉम ..... इसे आंटी का नाम बताया तो नही ना .....
                                         अरे नही ... इसे तो मेरा नाम भी नही मालूम... सोनिया मैडम सोनिया कहती है खीखीखीखी... और तुमको भी तो राहुल बाबा कहती है ... रॉल विंसी बेटा ।


 
                                  
                        देखो दादा ... जिस झंण्डे को आपने गले में डाला है उसी झण्डे की खातिर मैं आपसे निवेदन करती हूँ ... प्लीज ... मामला दबा दबाने में मदद किजिये । लोग इसे भी कॉमन वेल्थ और बोफोर्स की तरह भूला देंगे .....।



                                          अरे वाह .... इसका मतलब मैं भी बच गया.....
                                  
                  बिल्कुल ...... चिंदु तुम भी बच गये ... मैं तो शुरू से ही सबको बचाती आ रही हूँ । पहले अपनी सास को आपात काल में  बचाई, फिर अपने देवर संजय को मारूति से बचाई, अपने पति को बोफोर्स से बचाई, अपने दामाद को कॉमनवेल्थ से बचाई, अपनी बहनों और बेटी-दामाद को फिर से 2ु से बचाई ........ अच्छा अब टा टा बाय बाय .....
                                           अगले घोटाले में फिर मिलेंगे ।
   
                     अरे मैडम रूकिये तो .... मेरा क्या होगा ....

                                               तुम........
                                                           अपना इस्तीफा तैय्यार करो .... हर घोटाले के पीछे अपनी लापरवाही बतलाते हुए देश को बताओ की ... रॉल विंसी.... ओह.... राहुल गांधी से अच्छा प्रधानमंत्री कोई दुसरा नही हो सकता । तब तक बाकी लोगों को मैं निपटा दूंगी ......

Wednesday, September 28, 2011

सावधान- तीसरा महायुद्ध शुरू ।

                                                        इस लेख को पढने के पहले एक बात को  ध्यान में अच्छे से बैठा लिजिये की जब कभी भी युद्ध की शुरूआत होती है तो उस युद्ध को जनता केवल मूक दर्शक की भांति देखते ही रहती है क्योंकि युद्ध तो देश के सैनिक लडते हैं । आप किसी भी व्यक्ति से पुछ लिजिये भले ही वह भारत पाक का युद्ध हो या फिर दुसरा विश्वयुद्ध ... युद्ध की गंभीरता का पता तब तक नही लगता जब तक जनता खुद उस युद्ध के भंवर में नही फंस जाती है । अभी हम सब उस युद्ध के भंवर में फंसे नही है लेकिन याद रखें की हम सब जिस दुनिया रूपी नदी के बहाव में बह रहे हैं उस नदी के आगे एक बडी भंवर बन चुकी है और हमें उसमें फंसना ही फंसना है ।
                                     ।। मुझे नही मालूम की लोग नास्त्रेदमस के बारे में क्या नजरीया रखते हैं । जैसा की मैं पहले भी कई बार कह चूका हूं की दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के नजदीक पहुंच गई है, लेकिन अब बताना चाहूंगा की तीसरे विश्वयुद्ध के शुरूआती दौर में हम पहुंच चुके हैं । मैं कोई भय का वातावरण नही बना रहा हूँ बल्कि चेतावनी दे रहा हूँ की अपने अपने कर्मों को सुधारना चालू कर दो क्योंकि अब दुनिया तबाही के लिये तैय्यार हो चूकी है । मैं इस बार नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों को सिरे से जमाते हुए बताना शुरू करता हूँ और जहां गलत हूँ जरूर बताइयेगा -------
                                  तीन ओर  जल से घिरे देश में  एक नेता होगा जो जंगली नाम वाला होगा (इसकी व्याख्या इस प्रकार की गई है की भविष्य में कोई सिख(सिंह ) भारत मे प्रधानमंत्री पद पर बैठेगा ) वर्तमान में मनमोहन सिंह इसी पद पर हैं , एक देश मे जन क्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा ( मिश्र में हो चुका है )  नया पोप दुसरे देश में बैठेगा (वर्तमान के पोप फ्रांस में रहते हैं ) चीन चर्च के खिलाफ युद्ध छेडेगा ( चीन नें अमेरिका को पाकीस्तान से दूर रहने की सलाह दे डाली है ) इसके अलावा और भी कई चीजें ऐसी होने वाली है जो कुछ ही दिनों में पूरी हो सकती है । जैसे – छुपा बैठा शैतान अचानक बाहर निकल आएगा ( गद्दाफी ) नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा । 
                                            चलो ये हुई नई नई बातें कुछ पुरानी बातों पर नजरें डालें- -
1.  नास्त्रेदमस के भविष्यवामी पुस्तक में पहली सेंचुरी के 76वें भाग की पहेली देखिये
The man will be called by a barbaric name


that three sisters will receive from destiny.

He will speak then to a great people in words and deeds,

more than any other man will have fame and renown.
             क्या यह बात तीन सगी बहनों के पिता मनमोहन सिंह (सिंह- बर्बर या जंगली नाम वाला ) पर लागू नही होती है जिनके किये गये अच्छे कामों का श्रेय राहुल/ सोनिया गांधी (other man ) को मिलता है ।

2.चतुर्थ सेंचुरी के 74वें भाग पर ध्यान करें --
 The great Pilot will be commissioned by the King,


To leave the fleet to fill a higher post:

Seven years after he will be in rebellion,

Venice will come to fear the Barbarian army.
              एक महान पायलट (राजीव गांधी) अपनी नौकरी छोडकर राजा बन जाता है , सात साल के बाद विद्रोह होगा (लिट्टे (जंगली सेना)  को प्रश्रय राजीव गांधी नें ही दिया था और उनकी मौत लिट्टे का विद्रोह मानी जाती है । वेनिस (सोनिया गांधी) उस जंगली सेना से डर जाएगा । राजीव की मौत के बाद इस डर को हर भारतीय नें देखा की किस तरह से सोनिया इटली में बच्चों के साथ रहने की योजना बना चुकी थी ।



                                            भारत के बारे में नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणीयां पूरी हो चुकी है और कुछ पूरी होने को है . पुरानी के बारे में ये दो उदाहरण पर्याफ्त हैं अब मैं आपको ये बतलाना चाहता हूँ की दुनिया किस तरह से तीसरे विश्वयुद्ध के शुरूआती दौर में है और हम भी उसमें फंसने वाले हैं । - -
A Duke eager to follow his enemy


Will enter within impeding the phalanx:

Hurried on foot they will come to pursue so closely

That the day will see a conflict near Ganges.
                                                                                अंतिम जंग होगी गंगा के किनारे ..... यानि की सेनापति पैदल सेना  पीछा करते हुए गंगा नदी के तट तक पहुंच जाएगा और वहां पर होगी अंतिम लडाई ..........
                                         जिस तरह से चीन हम पर बार बार आक्रमण कर रहा है उससे ये नही लगता की कोई चीनी सेनापति हमारे देश को जीतते हुए गंगा के तट तक पहुंच जाएगा ।
सेंचुरी-1 का 50 भाग ----
From the three water signs will be born a man


who will celebrate Thursday as his holiday.

His renown, praise, rule and power will grow

on land and sea, bringing trouble to the East.
                             दुनिया में भारत के अलावा कोई देश नही है जो तीन ओर से पानी (सागरों) से घिरा हुआ हो और उस देश में गुरूवार की महत्ता हो । केवल भारत देश में ही गुरूवार के दिन केवल अराधना की जाती है और कई जगहों पर तो गुरूवार के दिन तेल, साबुन तक लगाना निषिद्ध है । अब इंतजार करो उस महान हिंदुत्ववादी व्यक्ति का जो हमारे देश में गुरूवार को अवकाश रखवाएगा ।
सेंचुरी 1का भाग 61
The wretched, unfortunate republic


will again be ruined by a new authority.

The great amount of ill will accumulated in exile

will make the Swiss break their important agreement
                                 अब देखना ये है की स्वीस बैंक अपने नियम को पूरी तरह से तोडते हुए कब महान गणतंत्र देश के भ्रष्ट पैसों को उजागर करता है ।
                                             इसी तरह की कई भविष्यवाणी नास्त्रेदमस के द्वारा की गई हैं । इनमें से कुछ भविष्यवाणी अस्पष्ट तो कुछ एकदम स्पष्ट हैं । जैसे की मंगोल (चीन) अरब मिलकर चर्च के खिलाफ हमला करेंगे , फ्रांस और इटली में संघर्ष शुरू हो जाएगा दो महाशक्तियां आपस में मित्र बन जाएंगी , पुराने दोस्त दुश्मन बन जाएंगे .....
                                                वर्तमान परिदृष्य को मिलाकर देखते हैं की क्या कहानी बनती है ।
 जैसा की यह तय है की गद्दाफी और बर्लुस्कोनी जब खुलकर सामने आएंगे तो तीसरे महायुद्ध की विधीवत घोषणा हो सकती है, लेकिन तब तक क्या क्या होगा वो देखते हैं ।
पुराने दोस्त दुश्मन बन जाएंगे ---- अमेरिका-पाकीस्तान के बीच दुशमनी की कहानी शुरू हो गई है । हालात इस तरह के बन रहे हैं की अमेरिका पाकीस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है ।
चीन-अरब गठबंधन कैसे -  अमेरिका-फ्रांस जिस तरह से लगातार एशियाई देशों पर हमले करते जा रहे हैं (इराक, लिबिया, अफगानिस्तान ) उस स्थिति में ज्यों ही अमेरिका कीसी और एशियाई देश पर हमला करा तो चीन तत्काल अरब देशों को अपनी सहायता पहुंचाएगा और चीन अरब देशों को समझाएगा की मामला केवल तेल का नही है बल्कि चर्च अपना प्रभाव बढाने के लिये हमले करवा रहा है । इसका परिणाम यह होगा की अरब देश संयुक्त रूप से पश्चिम के खिलाफ लामबंद हो जाएँगे । पाकिस्तान को अरब देश अपना पूरा समर्थन देते हैं ।
            
                                                     

Monday, September 26, 2011

PRASHANTAM: मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।

PRASHANTAM: मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।: क्या पहले मुझे नास्त्रेदमस का परिचय देने की जरूरत है । मुझे नही लगता क्योंकि सब कुछ विकीपीडिया में मिल जाएगा सो वहां से आप पढ लिजिए । मैं ...

मुझे मिल गया नास्त्रेदमस का मेबस ।

क्या   पहले मुझे नास्त्रेदमस का परिचय देने की जरूरत है । मुझे नही लगता क्योंकि सब कुछ विकीपीडिया में मिल जाएगा सो वहां से आप पढ लिजिए । मैं तो लिखने बैठा हूँ इस दुनिया की तबाही के बारे में महान भविष्यवक्ता  नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों के बारे में कुछ बताने और कुछ आपको सुझाने के लिए ।
                                                        मैने  इस संबंध में एक लेख लिखा था तीसरा विश्वयुद्ध शुरू - नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पूर्णता की ओर    इसमें मैने बताया था की दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के ना केवल कगार पर है बल्कि बहुत तेजी से युद्ध शुरूआत होने की भूमिका लगभग तय हो गई है । किस तरह से लडाई छिडेगी इसका एक खाका तैयार हो गया है । आगे मैं जो भी लिखने जा रहा हूँ उस पर केवल पढनें तक सीमीत ना रहे बल्कि आप इससे आगे की सोचें । भाई मेरा दिमाग अलग और आपका अलग काम करता है । चलो छोडो बात करते हैं आगे की -
                              मेबस ( MABUS )  के बारे में सबसे पहले चर्चा करते हैं । इस नाम को आडा टेढा उल्टा सीधा सब कुछ करके दुनिया के विशेषज्ञों नें देख लिये हैं अब इसके बारे में मेरा जो नजरिया है उस पर गौर फरमाएं और यदि सही लगे तो प्लीज.... अपना नाम जोड कर मत बता देना की ये आपकी खोज है  । दरअसल इस नाम की खोज पर कई सालों से मैं भी लगा हुआ था और हर उभरते नाम के साथ इस नाम को जोडने का प्रयास करता रहा ।

Mabus तो जल्द ही मर जाएगा, वहाँ आ जाएगा

लोगों और जानवरों में से एक भयानक भगदड़:

फिर अचानक एक प्रतिशोध देखेंगे,

सौ, हाथ, प्यास, भूख जब धूमकेतु चलेंगे. (सदी द्वितीय, 62 रुबाई)

                           अब कोई इसे मेबस कहता है तो कोई माबस कहेगा लेकिन मैं इसे केवल मबुस ही समझा और इसी आधार पर उस मबुस की खोज करने निकल पडा । .. बोर हो गए ना... लेकिन अब जो बता रहा हूँ उसे आप भूमिका कह सकते हैं । जैसा की मैने तीसरा विश्वयुद्ध शुरू लेख में बता चूका हूँ की गद्दाफी पनडुब्बी अथवा अन्या साधनों से होता हुआ इटली तक पहुंचेगा । लेकिन पुनः नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में सेंचुरी 9 के 3 खंड में लिखा है
The "great cow" at Racenna in great trouble, Led by fifteen shut up at Fornase:
At Rome there will be born two double-headed monsters,
Blood, fire, flood, the greatest ones in space .  यहां पर खोजबीन किया तो पाया की Racenna में मात्र एक स्पेलिंग का फेरबदल करो और c की जगह पर v का इस्तेमाल करने पर इस नाम का इटली का एक समुद्र तटीय नगर  है  । अब जबकि रेवेना मिल गया तो वहां से लिबिया का पहुंच मार्ग ढुंढा और त्रिपोली से रेवेना का नक्शा इस तरह से बना ----

अब इसके साथ नीचे की नीली लाइन पर गौर फरमाएं यह लाइन सीधे त्रिपोली, लिबिया तक के लिये खींची गई है (कुछ मेहनत आप भी करो औऱ गुगल मेप से रास्ता ढुंढो ) मुझे कुल समुद्री दुरी 1000 किलोमीटर के आसपास की मिली । अब आपको लगेगा की इस दूरी का मेबस से क्या जोड हो सकता है । हां .. आप सही है इन दोनो का कोई जोड नही है लेकिन जोड बनाना है तो कुछ गुणा भाग भी तो करना पडेगा । 
At Rome there will be born two double-headed monsters, इस लाइन का क्या आप हिंदी में रूपांतरण करेंगे । मुझे जितनी अंग्रेजी समझ में आई उसके अनुसार नास्त्रेदमस रोम में दो सिर वाले राक्षस के जन्म लेने की बात कहते हैं । जी हां .....ये है दो सिर वाला राक्षस ...मेबस या माबस लेकिन मेरी भाषा में मबुस ।
                                            गद्दाफी गायब है और इस लेख को लिखे जाने तक लापता ही है लेकिन नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अध्ययन के अनुसार वह इस समय या तो इटली के रेवेना शहर तक पहुंच चुका होगा या पहुंचने वाला और यही गद्दाफी है मबस का MA (गद्दाफी के नाम के पहले मुअम्मर लगता है जिसके उच्चारण का एक हिस्सा मुअम् ... फिर मुअम् से बना इस तरह से बना आपके मेबस का और मेरे मबुस का म ।
                                        जब मबस का मिल गया तो पीछे के BUS को ढुंढने मे कोई कठिनाई नही पडी । दो सिर वाले राक्षसों का एक सिर मुअम्मर गद्दाफी है तो दुसरा सिर उस बुस का है जो गद्दाफी का परम प्रिय हो या फिर ऐसा आदमी जो गद्दाफी की तरह का तानाशाही रवैय्या रखते हुए अय्याशी कर रहा हो और रहता इटली में हो । .... अरे वाह आप भी पहचान गये ... जी हां मबुस  का बुस बुर्लोस्कोनी ही है ... कैसे .. जरा उसके नाम के हिस्सों को अलग अलग करो .. बुर्लोस्-कोनी... फिर से कहो .. बुर्लोस् .... फिर से कहो ... बुस् ... हो गया हिज्जों में तैय्यार मबुस नामक दो सिरों वाला राक्षस । ... ।
                                          कहते हैं की जब दुनिया के सबसे बडे दुश्मन को अपने घर में छिपाना हो तो दुनिया के सामने उसे अपना सबसे बडा दुश्मन बताओ (पाकिस्तान नें ओसामा के साथ यही नाटक दुनिया के सामने दिखाया था )   तब मुझे समझ आया की क्यों बुर्लोस्कोनी गद्दाफी को अपना सबसे बडा दुश्मन बता रहा है । उसका बयान जब मैने पढा की गद्दाफी का बस चले तो वह मुझे अभी मरवा डाले तो मुझे गडबड लगी, क्योंकि दोनो की एक फोटो से मुझे उनके रिश्ते बडे मीठे लगे थे .।.. आप भी देखें ....
.................................................................................... ....................................................................................... ..................................................................................... ......................................................................................... ........................................................................................ ............................................................................... ........................इन तस्वीरों को देककर आप क्या कहेंगे । सबसे बडी बात है इन दोनो महानुभावों का व्यवहार । दोनो की भाषाओं में तानाशाही झलकती है । दोनो ही कानून की परवाह नही करते । दोनो को एशोआराम पसंद है । दोनो को खूबसूरत लडकियों का शौक है । वगैरह वगैरह ... अब आप ही सोचें की क्या मेरी खोज गलत है । अगर गलत लगे तो मेरे अगले लेख को जरूर पढ लिजियेगा ।

Monday, September 19, 2011

कांग्रेसियों भारत माता की रक्षा करो ।

इस तस्वीर को गौर से देखो और यदि कांग्रेसी हो तो सोचो की इस तस्वीर की विशेषता क्या है । नही समझ आया ... यहां सोनिया और राहुल आपस में गुफ्तगूं  कर रहे हैं ऐसा लगता है ना... यदि इन्हे कोई जरूरी बात करनी होती तो ये घर में भी कर सकते थे सार्वजनिक रूप से इस तरह की तस्वीरें जारी करने का क्या मतलब है ?  यदि आप  कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं तो आपको बताया जाएगा की देश की समस्याओं पर गंभीर विचार विमर्श चल रहा है जबकि वास्तविकता ये है की राहुल सोनिया मैडम को वहां होने वाली बातों का इटली में अनुवाद बता रहे हैं । जी हां भारत देश के महान कांग्रेसी बंधुओं आपकी माननीया सोनिया गांधी को हिंदी तो छोडिये अंग्रेजी भी ढंग से आती है क्योंकि ये मात्र हाई स्कूल पास हैं । संसद में अपनी पढाई के विषय में दिये झूठे हलफनामे पर सोनिया गांधी संसद में माफी मांग चूकी हैं । अब आते हैं मुद्दे की बात पर- - - यदि आप कट्टर कांग्रेसी हैं तो जाहिर सी बात है की आपके पास कम से कम 2 एन.जी.ओ. जरूर होंगे .... उन एन.जी.ओ. को मिलने वाला पैसा कहां से आता है और आप तक कितना पहुंच रहा है उससे भले ही आपका कोई लेना देना ना हो लेकिन इस देश का बंटाधार होने के पीछे एक वजह ये भी है ।
                                              चलिये ये बात हटाएं क्योंकि इससे आपका पेट जुडा है .. हां तो बात हो रही थी सोनिया मैडम की ... क्या आप जानते हैं की उन्हे क्या बीमारी थी ? नही मालूम ... हां यही है सही जवाब ... दरअसल उन्हे डरने की बीमारी है सोनिया गांधी बांग्लादेश के दौरे पर गईं और 25 जुलाई को अचानक गायब हो गईं ... किसी को कोई खबर नही लग पाई की सोनिया कहां है ( सोचो जिस दिन मैडम के खिलाफ आप-हम मिल कर अपने देश का काला धन लाने के लिये एक जुट हो जाए और मैडम ऐसे ही गायब हो जाए तो कौन वापस ला पाएगा मैडम को...) जब मैने यह खबर पढा तो मुझे लगा की अन्ना हजारे की क्रांती से डरकर मैडम पहले ही गायब हो गई है लेकिन 2 अगस्त को एक छोटी सी खबर नें मुझे चौंका दिया ... खबर थी राजीव गांधी फांउडेशन द्वारा गुडगांव में 5 एकड जमीन का अवैध रूप से अधिग्रहण के विरूद्ध कोर्ट में मामला दर्ज ... अब मामला समझ में आया की मैडम को लगा कहीं अदालत नें उन्हे कोर्ट में हाजिर होने को कह दिया तो ?  बस फिर क्या था मैडम मिली सीधे अमेरीका के 5  स्टार अस्पताल में  ।
                                        इस तरह की खबरें भी हैं कि सोनिया स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए वील कॉर्नेल मेडिकल सेंटर या कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में भी दाखिल हो सकती हैं। यह दुनिया के आलीशान व नामी अस्‍पतालों में से एक है।  कोलंबिया यूनिवर्सिटी सेंटर में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं हैं। सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ के दौरान यह सेंटर ऐसे आलीशान कमरे मुहैया कराता है जहां से हडसन नदी का नजारा दिखता है। यहां तीमारदारों के लिए विजिटर रूम की सुविधा है जो आम तौर पर अन्य अस्पतालों में नहीं होती है ।
                         मेरा ये बातें लिखने का उद्देश्य यह है की आम कांग्रेसी भी यह जाने की मैडम की सोच कितनी उच्च है । जिस तरह के घाटों की बात कह कर आम जनता पर महंगाई डायन का वार किया जा रहा है वह सब दिखावा है । दरअसल हम भारतीय दुनिया के सबसे अमीर देश के वासी है । जब हमारे मंदिरों के खाजनों को सरकार अपने कब्जे में कर रही है तो वह चर्च और दरगाहों की अकूत दौलत पर हाथ क्यों नही डाल रही है . हमारे सारे मंदिरों का चढावा अपने बाप की बपौती समझ कर सरकार इस्तेमाल कर लेती है मगर दुसरे धर्मों के पैसों को जिनसे वास्तव में आतंकवादीयों को व धर्मांतरण करने वालों को पनाह मिलती है उस धन पर सरकार कोई रूख नही बताती है । क्यों ... क्योकि किसी दरगाह, मजार या चर्च के पैसों की बात सोचना भी अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना होता है जिनके विरोध को सरकार सहन नही कर सकती ।
                          यह बात भारतीय मुस्लिम कांग्रेसियों को भी समझना होगा की सोनिया गांधी उस इटली देश की पैदाइश है जिसने दुनिया को माफिया दिया है । सोनिया के मन में भारत देश या यहां के निवासियों के लिये कोई दया श्रद्धा भाव नही है । वह आज भी इटली की ही परंपरा का पालन कर रही है इसका एक उदाहरण देखिये ----स्नातक की पढ़ाई के बाद राहुल ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वो किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि राहुल यहां एक छद्म नाम रॉल विंसी के नाम से कार्य करते थे। राहुल का नाम रॉल विंसी छद्म नाम नही है बल्कि सोनिया की बहन विंसी परिवार से है अनुष्का के पति वाल्टर विंसी हैं ।  प्रयंका बढेरा  की शादी रॉबर्ट वाड्रा से हुई, जिनसे उनकी मुलाकात उनके पारिवारिक मित्र ओत्तावियो क्वात्रोची के घर  पर हुई. उनके रेहन और मिराया दो बच्चे हैं ।
                                   आज हालात यह है भारत की सारी बडी मिडिया के कार्यकर्ता भले ही भारतीय हों लेकिन मालिक कोई ना कोई चर्च है । जैसे एंण्डियन एक्सप्रेस नें बोफोर्स से संबंधित कई बडे खुलासे किये यहां तक की वाल्टर विंसी को इटली में दी गई नकद रकम का भी खुलासा सबसे पहले इसी अखबार नें किया था लेकिन आज हालात यह है कि इण्डियन एक्सप्रेस समूह में चर्च एक्ट्स मिनिस्ट्रीज का काफी बडा हिस्सा है और चर्च सोनिया या उसके परिवार के विरूद्ध कोई बात नही छापता है ।
                                            मैं यह सब इसलिये लिख रहा हूँ क्योंकि हम आप सबसे पहले भारतीय हैं और पार्टीवादी बाद में । मैं आपसे हर पार्टी से अलग (भाजपा भी कोई दुध की धुली नही है) केवल राष्ट्रहित में देश के सभी कांग्रेसी भाइयों व सोनिया समर्थकों से एक ही अपील करता हूँ की इस देश की रक्षा और सुरक्षा की जवाबदारी हम पर ही है और सोनिया को समर्थन देकर हम अपनी ही जान से खिलवाड कर रहे हैं ।
                                             मेरा आप सभी लोगों से निवेदन है की एक बार ये सोच कर देखें की जब सोनिया के खिलाफ सारे सबूत मिल जाएँगे और हम अपने हिस्सा का धन मांगने सोनिया को तलाशेंगे लेकिन वह सारे परिवार के साथ गायब मिले तो हम क्या करेंगे ।

Friday, September 16, 2011

गैस के दाम बढ गए।

मैं कोई भविष्य वक्ता नही हूँ लेकिन जैसी परिस्थिति दिख रही है उसी के अनुसार यह खबर बना रहा हूँ । मुझे पता है कि इस पर फटाफट क्लिक लगेंगी । मेरा अनुरोध है की खबर को नजरअंदाज ना करें और सोचें की जब हम कोई गाडी खरीदते हैं तो रजिस्ट्रेशन के समय ही हमसे लाइफ टाइम रोड टैक्स ले लिया जाता है । अब जबकि हमने पूरा रोड टैक्स दे दिये हैं तो फिर जगह जगह टोल नाके पर हमसे सडक के नाम पर पैसे वसूलने का सरकारी औचित्य क्या है । ये कोई व्यंग्य नही सत्यता है की इसी तरह की कई ऐसी चीजें हैं जिन पर हमारा ध्यान नही जाता । हम आज भी नही सोच रहे हैं कि जब एक अन्ना के साथ करोडों अन्ना खडे हो सकते हैं तो वो अन्ना हमेशा खडे क्यों नही होते हैं सरकार के खिलाफ । आज हमारे ही पैसों से सारा देश चल रहा है इन मंत्रीयों संतरीयों को हम ही पैसे दे रहे हैं और ये लोग हमारी ही ऐसी की तैसी कर रहे हैं और हम बडे इत्मीनान से बैठे हैं की कब कोई पार्टी या अन्ना जैसा कोई व्यक्ति आए तो हम उसके साथ खडे हो जाए ं. क्यों नही हम खुद इस काम की शुरूआत करते हैं ताकी कोई एक आगे ना दिखे सब एक साथ दिखें जिससे किसी एक केजरीवाल या रामदेव बाबा या फिर बालकृष्ण जैसे लोग ही जन सेवा के नाम नजरों में आ गये तो सरकार उनके पीछे हाथ धो कर पड गई । हम उनकी उन कारगुजारीयों को ही सच समझने लगे जबकी भूल गये कि यही वो लोग हैं हैं जिन्होने हमें एक आंदोलन की राह दिखलाए हैं ।
                                    पेट्रोल के दाम बढ चुके हैं और अब रसोई गैस की बारी है । सरकार क्यों बढा रही है रसोई गैस के दाम इससे हमें कोई सरोकार नही लेकिन इस बात से सरोकार की जिस घाटे की बात करके सरकार ये दुष्कर्म कर रही है क्या वह घाटा सरकारी एयर लाइनों को बंद करके पूरा नही किया जा सकता । क्या वह घाटा राष्ट्रपति से लेकर एक सरपंच तक की तनख्वाह को कम करके पूरा किया जा सकता ।
                                    मैं लिखना नही चाहता लेकिन लिखना पड रहा है कि इमरजेंसी के समय इंदिरा सरकार नें राजस्थान के राजाओं की जो अकूत खजानों पर कब्जा जमाया था वह सारा खजाना कहां गया । देश का सारा काला धन कब वापस आएगा । अगर कोई बडा जन आंदलोन उठा और माइनो परिवार को देश छोडकर भागना पडा तो भारत देश के वासी अपना खजाना किससे वापस ले पाएंगे । सोनिया गांधी इलाज के नाम पर विदेश गईं क्या कोई इस बात को सोचने की जहमत उछाया की जब तक अन्ना का आंदोलन ठंडा नही पडा तब तक मैडम की तबियत खराब रही । उनका इलाज किस बीमारी का हुआ इसे उनका निजी मामला बता दिया गया लेकिन किसी नें कांग्रेस पार्टी से पुछा कि जब इस देश में सब कुछ सार्वजिनक है तो फिर उनकी बिमारी निजी कैसे हुई । उनकी हालत किसी भी तरह से बीमारों जैसी नही है । इसका मतलब ये है की दुसरे देशों की जैसी जनक्रांति से डर कर मैडम देश छोड कर वैसे ही भाग गई थीं । अगर वो डरी नहीं थी तो फिर बताया जाए कि उन्हे कौन सी बीमारी हुई थी जिसका इलाज हमारे देश में संभव नही है ।      
                                             चलो छोडो इन बातों को और सोचो की रसोई गैस के दाम बढनें के बाद आप क्या करने वाले हैं ।

Monday, September 12, 2011

भिलाई में सेक्स बनाम नक्सली..।

11 अगस्त को एक मामूली सी घटना घटी है । भिलाई पावर हाऊस स्थित अपना केसरी लॉज (सपना टॉकीज के पास) में महिला पुलिस सेल नें छापा मारकर  वहां से 6 लडकों व 7 लडकियों को हिरासत में लिया । छावनी थाना प्रभारी डी.एस. परिहार के अनुसार स्कूल - कॉलेज के छात्र छात्रा थे । देर रात धारा 151 के तहत जमानत पर लडकियों को छोड दिया गया व लॉज मालिक रंजन गुप्ता को जेल भेजा गया । ......। चलो कोई बात नही मामूली घटना है इसलिये इसे यहीं खत्म कर दिया जाए । केवल यहीं ऐसा हो रहा है ऐसा नही है पूरे भिलाई शहर का यही हाल है । शहर में आने जाने वालों का तो कोई हिसाब नही रख सकता लेकिन वो जो सालों से सेक्टर क्षेत्रों में या फिर झुग्गी बस्तीयों में आराम से रह रहे हैं उनका भी कोई पता लगाने वाला नही है । जबकि हकीकत ये है की इस संवेदनशील मामले में जितनी जवाबदारी पुलिस की है उससे कहीं ज्यादा यहां के रहवासियों की बनती है जो पुलिस को तो कोस देते हैं पर अपना कर्तव्य नही निभाते ।
                   .....अररररररर रूकिये जनाब नक्सली गाथा शुरूआत अब यहीं से  होती है .... रंगरेलियां मनाते पकडे गये लोग कौन थे, उनके पते क्या क्या थे इस बात की जानकारी लेने पर थाना प्रभारी नें बता दिये की उनके नाम पते नही बताये जा सकते ..... अब सवाल ये था की लडकियों के नाम पते या तस्वीर अखबारों में ना छापी जाये इस बाबत तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू है किंतु ये नियम कहां से आया की पुलिस को जो पते बताये जाएं वो उन्हे ही सच माने । खैर ... युवतियां डोंगरगांव (राजनांदगांव जिला), दल्ली राजहरा (राजनांदगांव जिला), दुर्ग व खैरागढ (राजनांदगांव जिला) की बताई गईं  और युवक - केशव साहू, लन्नू साहू (रायपुर), विवेक चतुर्वेदी (अहिवारा), मनोज नेताम (जामुल), अमीन मेनन, ( फरसगांव, बस्तर ) तथा दिल्ली का जसबीर सिंह का बताया गया है ।
                                                                अब देखें कहानी का मोड ... लॉज से 8  किलोमीटर की दूरी पर जमुल है जहां का निवासी मनोज नेताम बताया गया ।  भिलाई के उत्तरी सीमा पर स्थित जामुल तकरीबन 7-8 माह पहले तब सुर्खियों में आया था जब पुलिस नें दो नक्सलीयों को गोली मारकर ढेर की थी । जामुल के बाद अहिवारा आता है जहां से दुर्ग, रायपुर, कवर्धा, नांदगांव जाने के रास्ते हैं । भिलाई की पश्चिम दिशा पर नेशनल हाईवे पर बढते चलें तो दुर्ग के बाद राजनांदगांव आता है जहां से दल्ली राजहरा व खैरागढ पहुचने का मार्ग है । अब पूर्व की ओर चलें तो रायपुर है जहां से धमतरी कांकेर होते हुए फरसगांव का मार्ग है ।
                                                              खैर रररर ...। फरसगांव का एक नाम आया है अमीन मेनन ... फरसगांव से जानकारी लेने पर पता चला की इस नाम का कोई लडका वहां नही रहता है ...हां केशकाल के एक पत्रकार हैं अमीन मेनन जिनका उस लडके से कोई लेना देना नही है । जब थाना प्रभारी को ये जानकारी दी गई तो बजाये सत्यता पता करने के उन्होनें बात टाल दिये ।
                                                             अभी 8-10 पहले ही धमतरी के नगरी-सिहावा (जहां से आगे बढकर फरसगांव जाया जाता है ) क्षेत्र में नक्सली केंप से सोनिया, राहुल सहित कई  राष्ट्रीय और रमन सिंह सहित राज्य स्तर के लगभग हर नेताओं  की तस्वीरें बरामद हुई है जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा था की ये नेता नक्सली निशानें  पर हैं । भिलाई की जिस लॉज से इन्हे हिरासत में लिया गया था उस लॉज का रजिस्टर खाली था  औऱ इन लोगों के कोई नाम पते दर्ज नही थे । महिला सेल प्रभारी अंजना सिंह के अनुसार पिछले कई दिनों से इस लॉज में संदिग्ध गतिविधीयां चल रही थी जिसके बाद छावनी थाने के साथ मिलकर छापामार कार्यवही की गई ।
पीटा एक्ट की कार्यवाही क्यों नही की गई - इस बारे में चर्चा करने पर छावनी थाना प्रभारी व महिला सेल प्रभारी दोनों नें एक ही बात कहे की मैचिंग ना होने के कारण पीटा एक्ट नही लगाया जा सका । जबकि लॉज के दरवाजे को तोडकर लडकी को बाहर निकाला गया था तथा माउथ फ्रेशनर व कंडोम बरामद हुए थे ।
                                                                  चलो इस बात को छोड भी दें की लडके लडकी कमरे में क्या कर रहे थे तो भी ये बात किसी बडे खतरे से कम नही है की भिलाई शहर में नक्सली जिले के लोग इतनी आसानी से आवाजाही कर रहे हैं की पुलिस को भनक तक नही लग रही है । भिलाई स्टील प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तो बी.एस.पी. और सी.आई.एस.एस. तय कर लेती है लेकिन उन जगहों का क्या होगा जहां आम जनता की आवाजाही सर्वाधिक रहती है ।
                                                                   हम केवल इस बात से संतुष्ट नही हो सकते की नक्सली आवाजाही से हम पर कोई फर्क नही पडता क्योंकि हो सकता है योजना भिलाई में बनती हो और कार्यवाही बस्तर या राजनांदगांव में अंजाम दी जाती हो ।

Sunday, September 11, 2011

अमर सिंह निर्दोष और अन्ना भ्रष्टाचारी हैं ।

कभी कभी मेरे मन में ये खयाल आता है की हम देवता को देवता ही क्यों कहते हैं राक्षस क्यों नही, आदमी - आदमी ही क्यों कहलाता है जानवर क्यों नही कहलाता सांसदों को डाकू क्यों नही कहते हैं वगैरह वगैरह .... फिर मन में खयाल करना छोड कर मनन शुरू किया औऱ पाया की मेरा खयाल ही गलत है । हम इंसान है और हर चीज की आकृति देखने के लिये उसका नामकरण करके रखे हैं मसलन यदि आँख बंद करके सोचूं सोनिया... तो माँ लक्ष्मी की सूरत नही आती बल्कि सोनिया की ही तस्वीर दिखती है ।
खैर छोडो आगे की बात रखता हूँ ... इस छोटी सी धरती पर भारत नामक एक छोटा सा देश हुआ करता है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्राणी विचरण करते हैं सूक्ष्मदर्शी से भी ना देखे जा सकने लायक सूक्ष्म भ्रष्टाचारी जीवों से लेकर दिग्विजय सिंह जैसे विभिन्न आकार, प्रकार और विचारों वाले प्राणीयों तकबहुत ही कम लोगों को यह ज्ञात होगा कि दिग्विजय को जल्द से जल्द संरक्षित प्राणीयों में रखने के लिये कांग्रेस एक संरक्षित पार्क बनाने वाली है जहां दिग्विजय सहित अन्य इकलौती खूबियों वाले प्रणीयों को रखा जाएगा जैसे वफादार कलमाणी के लिये उस पार्क में अलग से कटघरा रखा जाएगा । इस मुहिम को आगे बढाने व इससे मिलने वाले असीमित लाभ शीघ्र पाने के लिये इस आंदोलन को दिग्गी राजा के हाथों में सौंप दिया गया है क्योंकि उन्ही की अनेक विशेषताओं में से एक यह भी है कि वे संरक्षित प्राणीयों को जल्द सूंघ लेते हैं ( सोनिया, राहुल इसके उदाहरण हैं भाई) ।
अपने वफादारी गुणों के अनुरूप दिग्गी राजा चुपचाप बैठे हुए अमर सिंह को सूंघ रहे थे । अमर की गिरफ्तारी पर भी वे केवल चीभ निकाले हांफते बैठे रहे लेकिन जैसे ही एक हिरोइन का बयान आया की देख अमर का मुंह खुला तो तेरे मालिकों की भी खैर नही वैसे ही तुरंत कटकटाकर दौड पडे अमर सिंह को डुबने से बचाने के लिये । इसके पीछे दो कारण है एक दिग्विजय ही ये जानते हैं की अमर सिंह भी उन्ही की तरह संरक्षित प्रजाती में शामिल होने की दौड में हैं और दुसरा ये की अमर के प्रसिद्ध वचनों में से एक है की हम तो डुबेंगे , सनम तुमको भी ले डुबेंगे । अब आप ही बताओ की सनम तो सनम है चाहे वो अमर सिंह की हो या दिग्विजय की ... बस फिर क्या था दिग्गी राजा नें फरमान जारी कर दिया की अमर सिंह निर्दोष हैं क्योंकि उन्हे सनम का समर्थन है और अन्ना हजारे इसलिये भ्रष्ट हैं क्योकि उन्हे आर.ए.एस. नें समर्थन दिया हुआ है ।
अब दो ही रास्ते हैं की अपने खयाल का फिर से अध्ययन करूं और सोचूं की कहीं ऐसा तो नही की हमारे सरकारी शब्दकोष में निर्दोष का मतलब अपराधी और भ्रष्ट का मतलब इमानदार हो गया है और दुसरा  सरल रास्ता ये है की चादर तान कर सोता ही रहूँ ।