Thursday, December 1, 2016

कलयुग के बटुकधर राजा

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों को आप मानो या ना मानो पर कलयुग को तो मानोगे न ! तो बात करते हैं कलयुग की । चारो युग मे कलयुग का अर्थ क्या होता है यह कोई शास्त्री बता सकता है लेकिन हमारा तो दिमाग यही कहता है कि कल का मतलब मशीन और युग का अर्थ जमाना .. यानि मशीनों का जमाना . हर जगह मशीनें कार्य करने लगें अपने पुर्जों के साथ तो समझ लिजिये कलयुग चल रहा है । अब कलयुग है तो जाहिर सी बात है पैसा भी होगा और जहां पैसा होगा वहां धन संपत्ति होगी और जब यह सब होगा तो लडाई तो होनी ही है न ! अब कलयुग के कई लक्षण जिसमे पुत्र कपूत होंगे माता कुमाता होगी परिवार भी एकता से अनेकता मे बंटेंगे धन प्रमुख होगा वगैरह वगैरह .... तो  .. तो यहां से शुरू होती है बात राजा बटुकधर की । बटुक होता है एक पीतल या कांसे का  बना बर्तन जिसे आज  बटलोई कहते हैं ।  बुजुर्गों से आप सबने भी सुने होगे कि एक दिन ऐसा आएगा जब आदमी के पास ढेरों पैसे होंगे सोना होगा लेकिन खाने को एक दाना नही होगा पीने को पानी नही होगा । तो समझिये कि वह समय आ रहा है । राजा कलि के अवतार युगपुरूष श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो विमुद्रिकरण किये है वह उसी दिशा मे आगे बढने की पहली सीढी है । 
                                                              आपके खाते मे लाखों रूपये होंगे पर उसे आप निकाल नही पाएंगे , घर मे सोना होगा लेकिन उससे आप कुछ खरीद नही सकेंगे ऐसे समय वह व्यक्ति जिसके पास एक बटलोई अनाज का भरा होगा वही बटुकधर राजा कहलाएगा । यह कटु सत्य है कि हम लोग आज अनाज की कीमत केवल धन से आंकते है जबकि वास्तविकता यह होती है कि वह अनाज धरती मैय्या की कोख से उत्पन्न होता है जिसमे किसान की मेहनत होती है । किसी की मेहनत और धरती माता के वरदान से मिले अनाज को हम लोग पैसों से खरीद तो लेते है लेकिन क्या उस अनाज का सम्मान करते हैं ? हमे याद है बचपन मे पिताजी या अन्य बुजुर्ग जरा सा चांवल का या गेहूँ का दाना गिरने पर कभी भी झाडु से नही उठवाते थे ... उसे गमछे से समेटते थे या फिर बच्चो को बैठा कर एक एक दाना चुनवाते थे जबकि आज .. हम इतने आधुनिक हो चूके है कि गिरे हुए अनाज को सीधे झाडू मारकर कचरे के साथ बाहर डाल देते हैं , बचे हुए बासी भोजन को यूँ ही फेंक देते है । 
                                                                   याद रखिये परमात्मा नें हर किसी के हिस्से का  अनाज तय कर रखा है कि किसे कितना मिलेगा । आप आजमा कर देखियेगा कि जिस दिन भी आप अनाज को बर्बाद करते हैं उसी हफ्ते या एक दो दिन के बाद ही आपकी तबियत बिगडती है या कुच ऐसी परिस्थिति बनती है कि आपुको भोजन नही मिलता या आप भोजन नही कर पाते हैं । मोदी जी जो भी कर रहे हैं वह नियति के अनुसार हो रहा है लेकिन हमे और आपको भी बदलना होगा । अनाज का सम्मान करना सिखिये और स्वयं को भी बटुकधर राजा के रूप मे विकसित करने का प्रयास किजिये अन्यथा आप चाहे जितने अमीर हो , केवल एक बार उन अमीरों के बारे मे सोच लिजियेगा जो केदार आपदा के समय पूरे खानदान के साथ लापता हो गए हैं । केदार ने भी बताये थे कि आपके पास पैसा तो है लेकिन उससे आप अनाज नही खरीद सकते , सोने के जेवर से लदे और बटुवे मे हजारों रूपये होने के बाद भी आप अपने ऊपर गिरी उस टनो वजनी मिट्टी को नही हटवा सकते जिसके नीचे दब कर आपकी मृत्यु निश्चित है । इसलिये....... नास्त्रेदमस के अनुसार युग पुरूष मोदी जी के कहे अनुसार स्वयं को ढालो वही हमें बचाएंगे और सुरक्षित रखेंगे क्योकि हर लडाई मे जीत अंततः धर्म और सत्य की ही होती है ।

Thursday, November 3, 2016

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत और भारत में आपातकाल ।

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों सहित दुसरी किसी भी भविष्यवाणी मे किसी देश की सशक्त महिला की बात नही कही गई है , इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि अमेरिका के भावी राष्ट्रपति ट्रम्प ही होंगे । भविष्यवाणीयों मे जिस तरह से उग्रवाद के खिलाफ कडी कार्यवाही और मजबूत इच्छाशक्ति चाहिए उसके लिए राषट्रवादी या फिर सनकी व्यक्ति होना आवश्यक है । इस समय हम साफ कह सकते है कि ट्रम्प वह सनकी शक्तिशाली राष्ट्रनेता हो सकते है जो पूरी कठोरता के साथ आतंकवादियों के सफाए मे लग जाएगा और पहली बार किसी युद्ध मे रूस और अमेरिका एक साथ सहमति करके तीसरे विश्वयुद्ध की लडाई लडेंगे । 
                                                        अब आप कहेंगे कि ट्रम्प की जीत का भारत में आपातकाल का क्या संबंध है तो उसकी पृष्ठभूमि ऐसे नेता खुद बना रहे है जो भारत विरोधी बयानबाजी करने वालों और आतंकीयों की मौत पर आंसू बहाने का काम कर रहे है । ऐसे लोग हमारे पडोसी दुश्मन  देश से ज्यादा घातक है क्योकि इन लोगों के कारण वर्तमान मे सरकार को बाहर और भीतरी दोनो मोर्चों पर लडाई लडनी पड रही है और इन लडाईयों मे बाधक बनता है नागरिको को बोलने की आजादी का अधिकारी । जिस दिन सरकार नागरिको के अधिकारों को कम करने का प्रयासल करेगी देश के तमाम राजनीतिक दल आपातकाल का रोना लेकर सडकों पर उतर जाएंगे लेकिन तब तक शायद इन के लिए रोने के अलावा कुछ नही बचेगा क्योकि इस समय जनता खुद ऐसे नेताओं से त्रस्त हो चूकी है ।
तो मेरी ये छोटी सी पोस्ट केवल इतना बताने भर के लिए है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे और अगले 6 महिने की भीतर देश मे आपातकाल लगेगा ।

Monday, October 10, 2016

हाँ ! मैं हूँ रावण ।

विजयादशमी की बधाईयां लिजिए - दिजिए । लंका से लुटे सोने के प्रतीक स्वरूप सोन पत्ती का आदान प्रदान किजिए क्योंकि इस तिथी में आज से हजारों साल पहले साधारण मनुष्यों की तुलना मे दस गुना ज्यादा बुद्धि के स्वामी दशानन को अयोध्या नरेश दशरथ के ज्योष्ठ पुत्र श्रीराम नें देह से मुक्ति प्रदान किरके संपूर्ण पृथ्वी ही नही तीनों लोकों पर फैले रावण के प्रभाव को खत्म करने का कार्य किये थे । वह दशानन जिसनें संपूर्म त्रैलोक्य मे अपना प्रभाव जमा रखा रखा था , जिसके प्रभाव के कारण ब्रह्मांण मे कोई भी उसके सामने नही ठहर सकता था राजा बाली सहित संपूर्ण बलशाली योद्धा उसके मित्र थे । रावण स्वयं मनुष्य था और उसने देवताओं से मानवों की रक्षा करने के लिए जिन नीतीयों को बनाया उन्हे रक्ष कहा गया । रक्ष  संस्कृति की स्थापना रावण ने ही किए थे । अब आप सोचेंगे कि देवताओं से मनुष्यों की रक्षा कैसे ?
                                            हम मानव किसके भरोसे काम करते हैं .. किसे मानते हैं .. हम मानते हैं भगवान को जो दवताओं का ही रूप समझा जाता है । रावणराज नें मनुष्यों को यह समझाने का प्रयत्न किए थे कि इस पृथ्वी का संचालन देवता नही करते । देव, मानव, यक्ष, नाग, गंधर्व सहित अन्य सभी लोकवासीयों को पूरी स्वतंत्रता है कि वह  अपनी इच्छानुसार कार्य करे ऐसे कार्य जिससे परमात्मा के द्वारा निर्मित प्राणी स्वच्छंदता से जीवन व्यतीत करें किंतु परमात्मा का ध्यान रखते हुए हमेशा ऐसे कार्य करें जिससे दुसरे प्राणीयों को कष्ट ना हो किंतु देवताओं को घमंड रहता है इस बात का कि मनुष्यों को मिलनी वाली हर चीज चाहे वह वायु हो या जल उसे देवताओं के द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता है , पांचो तत्वो की उपलब्धता पृथ्वीलोक में सुनिश्चित करने का कार्य देवताओं   परमात्मा ने देवताओं को प्रदान किए है ।  इसके बदले परमात्मा ने उन्हे स्वर्ग लोक दे रखे हैं जहाँ उन्हे किसी भी चीज की कमी नही है किंतु कुछ ऋषियों द्वारा पृथ्वी के राजाओं के लिए अधिक शक्ति व संपन्नता के लिए देवताओं की ही पूजा की जाने लगी जिससे मनुष्य और परमात्मा के बीच का सीधा तारतम्य टूट गया । अब मनुष्य अपने सहस्त्रार से सीधे परमात्मा को ना पाकर देवताओं का मानसिक पूजन करना शुरू कर दिया । देवताओं को मनुष्य ने भोजन और यज्ञ की आहूति देना प्रारंभ कर दिया जिससे देवताओं की अपेक्षाएं बढने लगी । देवराज इंद्र ने तो कई बार अपनी हदें पार करके नीचतापूर्ण कार्य करने लगा था ( अहिल्या, विश्वामित्र का तप भंग जैसे ) जिसके बाद से पृथ्वी पर इंद्र की पूजा निषेध कर दी गई  ।
                                          मनुष्यों के द्वारा दी जाने वाली यज्ञ आहूतियों के माध्यम से देवता मदिरा और बलि मे मांस भी पाना शुरू कर दिए थे और जो भी मनुष्य उन्हे नही पूजता था या यज्ञ आहूति नही देता था उसे कष्ट देते थे । लेकिन लंकाधिपति रावण नें सीधे शिव को अपना गुरू बनाने की सोचे और देवताओं द्वारा उत्पन्न तमाम अवरोधों को पार करके स्वयं के लिए अमरता प्राप्त कर लिया । रावण पहले ऐसे मानव बन गए जो देवताओं की पूजा ना करके उन्हे उनके कार्य अपनी शक्तियों के प्रभाव से करवाते थे । देवता उनसे भयभीत रहते थे क्योंकि उनकी अराध्य शिव स्वयं उन्हे वह सभी शक्तियां दे चूके थे जिससे वह देवताओं सहित सभी लोकों पर अपना प्रभाव जमा ले । रावण नें कभी भी किसी भी मानव पर कोई अत्याचार किया हो इसका उल्लेख कहीं नही है । वह मनुष्यों को अपनी स्वयं की शक्तियों को पहचानने की बात कहते और करते थे ।
                            रामायण लगभग हर कोई पढ चूका है और रावण को भी जानता है लेकिन कुछ अनुत्तरित प्रश्न आज भी हैं जो रावण की महानता को नजरअंदाज करने की मानव की भूल दर्शाते हैं । जैसे -
1. यदि रावण इतना शक्तिशाली था जो देवताओं को भी पराजित कर सकता था तो भी उसने लंका के अलावा और किसी भी दुसरे राज्यों को क्यों नही अपने आधिपत्य में किया 2. वह दुसरे राज्योंं को जीतने के बजाय मित्रतापूर्ण संबंधोंं को  प्राथमिकता क्यों देता था
3. अकेली स्त्री सूर्पनखा के नाक कान काट कर लक्ष्मण के कायराना वार के बदले यदि रावण नें सर्जिकल स्ट्राइक करके सीता हरण किया तो क्या गलत था ?
4. अयोध्या नरेश दशरथ सहित उस समय कई राजाओं की एक से ज्यादा पत्नियां होती थी किंतु रावण की मंदोदरी के अलावा अन्य किसी पत्नि का उल्लेख नही है ।
5. रावण को घमंडी कहा जाता है जबकि रामेश्वरम् में स्थित रेत के शिवलिंग की स्थापना रावण नें ही करे थे वो भी श्रीराम के युद्ध जीतने के लिए वरदान पाने के लिए । यदि उन्हे घमंड होता तो वह अपने शत्रु के बुलावे पर अपनी ही मृत्यु का प्रबंध करने क्यों जाते ?
                                          इसके अलावा और भी कई सवाल हैं जिनके जवाब मे यह  मिलता है कि रावण एक महान
परोपकारी - अपने राज्य की जनता को हमेशा धन धान्य से भरपूर रखा ।
धैर्यवान - अपनी बहन के अपमान के बदले वह सेना लेकर नही गया बल्कि धैर्य के साथ योजना बना कर कार्य किया ।
 धर्मरक्षक - अपने पुरोहित धर्म को निभाने के लिए श्रीराम के बुलावे पर रामेश्वरम् पहुंचे
 संगीतप्रेमी - संगीत के क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य जिसमे सरोद ( वीणा) का निर्माण
राजनीतिक - किसी से भी शत्रुता ना रख कर केवल मित्रता पर ज्यादा भरोसा रखा ।
 लेखक - शिव तंत्र, रावण संहिता जैसी अनमोल कृति मानव को मिली ।
 वैज्ञानिक - पुष्पक विमान के साथ साथ कई तरह के नवीन अस्त्र शस्त्रों का निर्माण किए
 समाजवादी - अपने परिवार के साथ पूरे राज्य मे केवल एक रक्ष समाज की स्थापना किए ।    
अहिंसक - जी हां , रावण ने कभी भी किसी की भी हत्या की हो इसका भी कोई प्रमाण फिलहाल  नही है ।  
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यह मेरे स्वयं के विचार है यदि आप लोगों को यह लगता हो कि मेरे द्वारा कही गई किसी बात मे विरोधाभास है तो कृपया मुझे सुधार हेतू सूचित करने का कष्ट करें ।
जय श्रीराम, जय रावण

Sunday, October 2, 2016

मोदी के दाँव मे उलझा चीन ।

चीनी राष्ट्रपति के लिए चित्र परिणाम
प्राचीन  भारत ने दुनिया को जो कौटिल्य शास्त्र दिया था उसे दुनिया ने केवल पढने और पढाने तक ही सीमित रखे रही जिसका  परिणाम ये हुआ कि आज के मोदीमय भारत की किसी भी चाल का दुनिया का कोई भी अंदाजा नही हो रहा है । पूरी दुनिया में भारी तालीयां बजी और वाह वाही हुई जब नरेन्द्र मोदी ने केरल मे ताल ठोक कर कहे कि  हम पाकिस्तान को दुनिया मे अलग थलग कर देंगे और उसे अकेले रहने पर मजबूर कर देंगे । तब दुनिया को यह लगा लगा कि मोदी जी नें बहुत ही बढिया भाषण दिए , उरी हमले का बहुत ही करारा जवाब दिए लेकिन भारत नें 28-29 सितंबर की रात मे पाकी आतंकी ठिकानों पर सीमा पार जाकर सैन्य हमला करवाकर पूरी दुनिया को यह बात बताए तो अमेरिका सहित सारी दुनिया सन्न रह गई क्योंकि इस तरह के आपरेशन हमेशा गोपनीय रहा करते हैं । पाकिस्तानी सेना भी गुपचाुप तरिके से भारतीय सेना के हमले के निशानों को झाड पोंछ कर साफ करती रही लेकिन भारत ने दुनिया भर को बता दिया कि हां हमारे जवानों ने 50 आतंकी पाक मे घूस कर मारे हैं और अपने 18 साथियों की शहादत का बदला लिए है  । अब देखें क्या हुआ ?
                                     मोदी जी ने जब कहे कि हम पाकिस्तान को अलग थलग करेंगे तो वह कौटिल्य की कूटनीती थी जिसमे अपने शत्रु को हमेशा अलग कर दिया जाता है । इसके दो लाभ होते हैं 1.- हमें पता होता है कि हमारा स्पष्ट शत्रु कौन है और दुसरा - हमारे साथ मित्रता का ढोंग करने वाले कितने लोग शत्रु के पाले मे जाते हैं । जाहिर सी बात है अब पाकिस्तान के साथ फिलहाल अकेला चीन खडा दिखलाई पड रहा है    
                                      अब देखते हैं कि पाकिस्तान मे नवंबर मे होने वाले सार्क सम्मेलन के बहिष्कार की बात उठी तो पाकिस्तान को लगा कि अकेले भारत उसके साथ होगा लेकिन जब उसके आंकलन से अलग बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव जैसे देश भी भारत के साथ खडे हो गए तो उसके होश उडने वाजिब थे । लेकिन ये देश भारत के सर्मथन मे कैसे आए ... ये आए थे मोदी जी सामनीती के तहत और उन्हे हमेशा अपना मित्र बताते रहे जिससे उन छोटे देशों को भी एक हिम्मत मिली और उन्हे गर्व हुआ भारत जैसे शक्तिशाली देश की मित्रता से , जबकि पाकिस्तान और चीन इन्हे हमेशा हेय दृष्टि से देखते रहे और केवल अपने लिए लाभ का बाजार बना रखे थे । इसके साथ ही मोदी जी ने दामनीती का भी इस्तेमाल करते गए  जिसमे मोदी जी ने छोटे देशों को भी अपनी ओर से हर संभव आर्थिक व सामाजिक हर संभव सहायता उपलब्ध कराते रहे , नतीजा ये हुआ कि उन देशों को यह समझ आ गया कि भारत के साथ खडे होने पर उन्हे ताकत के साथ ही मजबूत आर्थिक आधार भी मिलेगा । इसके साथ ही देश मे अपने खुफिया तंत्रों का इस्तेमाल बढाने के साथ ही साथ दुश्मन के घर भी अपने भेदिये लगा कर सरकार नें अपनी भेदनीती को अमल मे लाई और उसी के आधार पर पाकिसतानी आतंकीयों पर दण्डनीती का प्रहार किया गया । 
                                                मोदी जी ने इस समय देश की प्राचीन युद्धकला के सभी शास्त्रगत तैय्यारीयां पूरी कर लिये होंगे ऐसा मेरा अनुमान है । भारत नें पाकिस्तान के आतंकी संरक्षण की बिसात पर बिछी  बिसात पर सिंधु जल समझौता रद्द करने का छोटा सा प्यादा आगे किए यह वो प्यादी चाल थी जिसको बचाने के लिए आगे पीछे कोई समर्थन नही था , ना तो स्वयं भारत मे इस नदी को रोकने के लिए डैम थे और ना ही अन्य कोई तात्कालिक उपाय लेकिन इस प्यादी चाल में पाक के संकेत पर चीन नें अपना घोडा बढा कर ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों का पानी भारत आने से तत्काल रोक दिया । चीन नें घोडा तो बढा दिया लेकिन अब उसका घोडा खुद भारी आफत मे आ गया है क्योंकि अब घोडा ढाई कदम बढाने के बाद केवल वापिस अपने ही घर जा सकता है और दुसरा कोई काम नही कर सकता लेकिन अब उसका वह घोडा दुनिया देख चूकी है और अब मोदी जी को पता चल गया कि उनके सामने की बिसात मे फिलहाल अकेला पाक नही चीन भी है । यानि अब उन्हे दो दो चाल चलने का मौका मिलेगा । 
                                                चीन की इस चाल से पाक कुछ समय के लिए खुश हो सकता है लेकिन जिस तेजी से मोदी जी के साथ बलुच, सिंध और पीओके की जनता चाल चलना शुरू करेगी चीन को भी पीछे हटना पडेगा क्योंकि चीन जब अपनी इस चाल की काट तलाश कर होगा तब तक मोदी जी की बिछाई बिसात जिस पर वियतनाम, जापान औऱ मंगोलिया के सामने चीन को अकेले जूझना पड रहा है साउथ चायना सी में उसके स्वयं की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाएगी और उसे पाक की प्रतिष्ठा बनाम स्वयं की प्रतिष्ठा मे से एक का चुनाव करना होगा ।
                                            फिलहाल तो दुनिया को अभी बहुत कुछ देखना बाकी है क्योंकि चीन के वीटो पावर के इस्तेमाल से मसूद अजहर का बचना पूरे संयुक्त राष्ट्र के अस्तित्व पर  ही खतरे की तलवार बन कर लटक गया है । भारत की इस चाल मे संयुक्त राष्ट्र भी सुरक्षित नही बचेगा ऐसी मुझे पूरी संभावना दिख रही है । बाकी तीसरा विश्वयुद्ध तो चल ही रहा है , देखते हैं अगली खबर क्या आती है ।

Tuesday, September 20, 2016

तीसरा महायुद्ध और भारत

" विश्व कल्याण और धर्म रक्षा के लिए युद्ध करने वाला शस्त्रनीती और धर्मशास्त्र में श्रेष्ठ योद्धा कहलाता  है "    
 भारत नें कभी भी पहले हमला नही किया है,  लेकिन 18 सितंबर 2016 को काश्मीर के उरी सेक्टर मे हहुए आतंकी हमले के बाद अब भारत अपनी नीती जरूर बदलेगा । महायुद्ध का आगाज होना है तो तय है ही लेकिन उस युद्ध को टालने के लिए अपने सैनिकों और देशवासियों की कुर्बानीयां देना कहाँ तक जायज है ? जो शत्रु अपनी सीमाओं को भल जाए , जो शांति ना चाह कर हमेशा हिंसा चाहता हो ऐसे शत्रुओं को लाड प्यार देना अब भारत को सहनशील नही कायरता का दर्जा देगा । भारत को लोग एक ऐसे देश के रूप मे याद करेंगे जिसकी सीमा के अंदर घूस कर केवल चार आतंकी 18 सैनिकों को मार देते हैं और सरकार उन सैनिकों को शहिद का दर्जा देकर और कडी कडी , बडी बडी बातें करके फिर बैठ जाती है । अब तक तो ऐसा ही होता आया है .... लेकिन अब ! अब शायद ऐसा नही होगा । देश को जवाब देना ही होगा और देश अब इसके लिए तैय्यार भी है ।
                                                   पाकिस्तान  अपने आतंकीयों को भेजकर हमला कराने के बाद इसे भारत के काश्मीर की आजादी का मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा । पाक ने चीन को भी इस मामले मे अपने साथ जरूर शामिल रखा होगा क्योंकि पाक को पता है कि बारत ने यदि पीओके पर हमला किया तो वहां चीन - पाक की करोडों डॉलर की  मिली जुली योजनाओं पर बडा असर पडेगा और चीन को सीधे सीधे अपने 50 करोड डॉलर डुबते दिखेंगे । कोई बडी बात नही की चीन भी पाक के समर्थन मे बात करे लेकिन वो किसी बी हालत मे इस अतिसंवेदनशील समय में भारत के खिलाफ  कोई भभी कडा बयान देने से बचना चाहेगा क्योकि उसे पता है कि इस समय भारत की जनता ही युद्ध के मूड मे आ गई है । अभी तक जो सरकारें रहती थी उनकी युद्धनीतीयों मे कायरता देखकर ही जनता ने इस बार मोदी जी को इस उम्मीद से लाई है कि वह पाकिस्तान को नेस्तनाबूत करेंगे और भारत पर हो रहे बार बार हमलों से निजात दिलाएंगे । 
                                                   मोदी सरकार इस समय चारों मोर्चों पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है । कहाँ क्या क्या तैय्यारीयां किस किस मोर्चें पर चल रही हैं वह अब तक के समाचारों व पुष्ट, अपुष्ट जानकारीयों पर आधारित है । इसमे लिखी हुई कई जानकारीयां ऐसी भी है जो समय काल स्थिति परिस्थिति पर पूरी होती नजर आएंगी या फिर समयानुसार उन नीतीयों को बदला भी जा सकता है । 
मोदी जी के पाँच मोर्चे  
1. सेना - सेना को पूरी छूट दे दी गई है और साथ ही सैन्य रणनीतीकारों को युद्ध संबंधित सभी तैय्यारीयों के निर्देश दे दिए गए हैं । सेना को पूरी छूट दी गई है कि वह पाक पर सीधा हमला करेगी या केवल सीमित क्षेत्रों मे यह फैसला सेना ही करेगी । इसके साथ ही पहली बार सेना के तीनो सेना प्रमुखों को आपसी तालमेल के आधार पर ही कार्यवाही करना होगा बिना किसी राजनैतिक दबाव के । सेना के साथ भारत के सभी खुफिया विभाग मिलकर काम करेंगे और अपनी सूचनाओं का आदान प्रदान सीधे करेंगे बगैर अपने आला अधिकारियो तक पहुंचाने के ।  
2. गृह - गृह मंत्रालय से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं अलगाववादियों और हमलावरों  पर सख्त कार्यवाही करने के । गृह मंत्रालय के ऊपर बडी जिम्मेदारी ये है कि प्रदर्शनकारियो को पैलेट गन से संभालना है या सीधे गोली मारनी है इसका फैसला तात्कालिक तौर पर कौन करेगा ? सरकार केवल यह चाहती है कि कोई भी निर्दोष ना मारा जाए किंतु उग्र भीड पर जवाबी कार्यवाही मे किसी की मौत होती है , चाहे वह बच्चा ही क्यों ना हो उस पर सरकार क्या जवाब देगी यह पहले से स्पष्ट करने की तैय्यारी है । संभवतः अब किसी भी प्रदर्शनकारी की मौत होने पर सरकार उसे अलगाववादी समर्थक ही मानगी ऐसी संभावना है ।
3. विदेश- विदेश मंत्रालय को जिम्मेदारी दी गई है विश्व के सभी देशों और संयुक्त राष्ट्र मे पाकिस्तान को आतंकवाद समर्थक देश घोषित करने का दबाव बनाने के लिए । इसके अलावा पाकिस्तान के साथ कडाई से निपटने का और दुसरे मंचो पर पाकिस्तान की बात का जवाब पूरी कठोरता से देने का कार्य भी विदेश मंत्रालय को देखना है । विदेश मंत्रालय को पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक होने संबंधी समस्त दस्तावेज कल गृह मंत्रालय द्वारा सौंप दिए गए हैं ।
4. वित्त - वित्त मंत्री अरूण जेटली से कहा गया है कि सेना को किसी भी साजो सामान की कमी ना होने पाए इसके लिए सारे वित्तीय इंतजाम तैय्यार रखे जाएं . धन की पूर्ति निर्बाध बनाने के लिए देश के भीतर मौजूद बडी मात्रा मे छिपा कर रखे गए काले धन को सीधे जब्त किया जाए । इसमें कई राजनेता व बडे अधिकारी फंसेगे जो अपने समर्थकों के साथ मोदी सरकार पर बदले की कार्यवाही का इल्जाम लगा कर देश के भीतर उपद्रव फैलाने का काम कर सकते हैं , इस बात की आशंका कल जेटली द्वारा पीएमओ से जताई गई है ।
5. पीएमओ - पीएमओ को आशंका है कि जब सेना पाकिस्तान पर जवाबी कार्यवाही करेगी तो भारत के भीतर कई राजनैतिक दल व नेता उसके विरोध मे सामने आकर देश की छबि विश्व के सामने खराब करने का प्रयास करेंगे । इस आशंका के मद्दे नजर राष्ट्रपति जी के पास निवेदन दिया गया है कि भारत - पाक युद्ध की यदि शुरूआत होती है तो वह पूरे  देश में  राष्ट्रपति शासन लागू करवा दें जिससे सेना का अधिकार  बढ जाए और वह  पूरी स्वतंत्रता के साथ देश के भीतर मौजूद देशद्रोहीयों से भी निपटने मे सक्षम हो सके ।  इसका एक फायदा यह भी होगा कि अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव को लोकसभा के साथ कराने के लिए स्थगित किया जा सकता है ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकें ।
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मोदी सरकार ने अभी तक अपनी कूटनीतीयों के तहत रूस, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को अपने साथ ले ली है । चीन को नजरअंदाज करने का फायदा यह मिला है कि अब चीन खुद अपनी बात कहने के लिए तडप रहा है । भारत स्थित चीनी दूतावास ने अपनी चीन सरकार को आगाह कर दिया है कि इस समय भारत के साथ जरा भी कठोरता से बात ना करे और NSG पर सहयोग देने की बात करे । चीन इस समय खुद भी बडे आर्थिक संकट से घिरा हुआ है । उसका व्यापार घाटा लगातार बढ रहा है और इस समय वह यह नही चाहेगा कि भारत के साथ होने वाले उसके ढाई अरब डॉलर के व्यापार पर कोई आंच आए ,  उसकी चिंता फिलहाल पीओके और बलूचिस्तान पर है जहां उसके 50 करोड डॉलर फंसे हुए है । अगर भारत ने उसे जरा सा भी यह आश्वासन दिया कि वह उसके हितों का ख्याल रखेगा तो चीन को भारत के पाले आने मे जरा भी देर नही लगेगी ।
                  रही बात पाकिस्तान की तो उसके पास खोने के लिए कुछ भी नही है । अगर भारत उस पर हमला करता भी है तो कोई बडी बात नही कि उसकी सेना खुद ही सरेंडर करके कहे हमें अपने ही देश मे मिला लो.... इतिहास गवाह है कि 1971 के युद्ध में केवल खाना मिलने के लालच मे पाकिस्तान के 1 लाख सैनिकों ने केवल 12 हजार सैनिको के सामने आत्मसमर्पण कर दिए थे ।

Monday, September 5, 2016

मृत बच्चा जी उठा, डॉक्टर बने भगवान ।

डॉक्टर भगवान  होते हैं यह साबित कर दिये युवा डॉक्टर विकास अग्रवाल जी ने ।
             जी हाँ भाई साहब ! आप जो पढ कर एकदम सच है । आज जबकि देश के कई हिस्सों में  डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही या अस्पतालों की लापरवाही के ढेरों मामले आ रहे हैं तो उस बीच इस तरह की खबरों को दबाना ना केवल डॉक्टरों के साथ नाइंसाफी होगी बल्कि आम जनता का भी विश्वास बढेगा की हाँ ! सचमुच डॉक्टर भगवान होते हैं । छत्तीसगढ के ह्दय स्थल इस्पात नगरी भिलाई  में स्थित है बीएम शाह अस्पताल । यह हॉस्पिटल अपने स्लोगन इलाज मानव का मानवता से पूरी तरह से सार्थक है क्योकि इस ट्रस्ट हॉस्पिटल में महज 100 रूपये की पर्ची मे गरीब मरीज अपना चेकअप करवा लेते है । इस हास्पिटल मे जिस तरह से मरीजों की सहायता की जाती है उसका उल्लेख करना उचित नही होगा क्योंकि बीएम शाह अस्पताल जिस तरह से लोगों को सहायता पहुंचाता है , जानकारी मिलने पर लोग उसका सदुपयोग कम , दुरूपयोग ज्यादा करने लगेंगे ।  
अब बीएम शाह अस्पताल में मिलने वाली सस्ती चिकित्सीय सुविधाओं को छोडकर बात करते हैं उस घटना की जिसके लिये आप इस जगह पर पधारे हैं । वैसे ये कोई मदारी की तरह की घटना नही है कि यूँ ही लिख कर खत्म कर दी जाए इस घटना को पढने के साथ साथ आपको यह भी समझना होगा कि जब ये बीएम शाह मे हो सकता है तो किसी दुसरे अस्पताल मे क्यों नही ।

वह चमत्कारी बालक जो डेढ घण्टे तक धडकनें बंद होने के बाद फिर से जीवित हो गया ।

                                        ये है महज 14 साल का बालक अंकित रॉय जिसे घर में जय के नाम से पुकारते हैं । पिता बृजेश रॉय रिजर्व बैंक नागपुर में गार्ड की नौकरी करते हैं और यह अपनी माँ और दो बडी बहनों के साथ स्टील नगर, केम्प 1 मे निवासरत हैं ।  29 अगस्त 2016 की रात 8 बजे के लगभग यह नहाने के लिए बाथरूम गया किंतु पास ही रखे कूलर में अचानक करंट प्रवाहित होने के कारण यह कूलर से चिपक कर वहीँ गिर गया । कुछ दूरी पर अंकित की माँ को कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी तो वह बाथरूम के पास जाकर देखी कि अंकित का एक हाथ कूलर से चिपका हुआ है और पूरी बाडी जमीन पर गिरी हुई है तो वह तुरंत भाग कर मेनस्वीच बंद कर दी और आसपास के लोगों को आवाज देती हुई अंकित की ओर भागी । इस दौरान लगभग 10 मिनट बीत चूके थे और अंकित बेहोश हो गया था । घर वालों ने तुरंत घर से नजदीक अस्पताल बीएम शाह लेकर पहुंचे । ( अंकित के मामा नरेन्द्र पाण्डेय के अनुसार जब वो बीएम शाह लेकर पहुंचे उस समय तक अंकित की धडकनें बंद हो चूकी थी ) 
                                                 बीएम शाह की केजुअल्टी मे उस समय कार्डियोलॉजिस्ट विकास अग्रवाल मौजूद थे । उन्होने जांच करे तो पाए कि अंकित की धडकनें बंद हो चुकी हैं, लेकिन अंकित की कम उम्र के कारण संभवतः उसकी हार्टबीट लौट आए ये सोचकर डॉक्टर विकास नें अपने सहयोगी सिनीयर डॉक्टर नेम सिंग जी से संपर्क करे और उनकी सहमति मिलने के बाद परिवार वालों को ढांढस बंधाये कि  हम लोग कोशिश करके देखते हैं । इसके बाद धडकन बंद होने की बात  अंकित की माँ को न बता कर उसके मामा को बताये तथा स्पष्ट कह दिये कि ये एक बार कोशिश करके देखना चाहते हैं । उन्होने बच्चे को तुरंत वेंटिलेटर मे शिफ्ट कराए और बीएम शाह अस्पताल के डायरेक्टर रवि शाह जी को पूरी बात बताये । 
उस समय अस्पताल मैनेजमेंट  के सामने दो बडी समस्या खडी हो गई थी - 
1. अंकित के परिवार वालों को यह पता था कि उसकी धडकने बंद हो गई है और वे उसकी मृत्यु हो चुकी है यह मानकर  अपने परिजनों को उसकी मौत की खबर भेज चूके थे और ऐसी स्थितिमें यदि बच्चे के इलाज का पैसा जमा कराने को कहा जाता तो लोगों को अस्पताल पर आरोप लगाते हुए हंगामा करने का अवसर मिलता और अस्पताल की बदनामी होती ।
2. बच्चे की कम उम्र को देखते हुए डॉक्टरों के द्वारा जिस तरह से प्रयास की बात कही गई तथा मैनेजमेंट से रिस्क उठाने का आग्रह किया गया उसे  नजरअंदाज करना भी मुश्किल हो रहा था । 
                                   अंततः इस स्थिति से निपटने के लिये रवि शाह जी ने स्वयं के रिस्क पर योजनाबद्ध तरिके से काम शुरू करवा दिये । उनके द्वारा बिलिंग काउंटर को बता दिया गया कि वे अंकित के परिजनों से केवल पैसे जमा करने को कहें और उनके द्वारा बहस करने या दुर्व्यवहार अथवा उग्र व्यवहार होने पर कोई भी बात ना करें और पैसे के लिये दुबारा ना कहें । यानि अंकित की यदि धडकने वापिस नही आती है तो उसका समस्त बिल अस्पताल प्रबंधन वहन करता । इस तरह से डॉक्टर विकास अग्रवाल एवं डॉक्टर नेम सिंग जी  के द्वारा अंकित की धडकने वापिस लाने के लिये आपरेशन संजीवनी शुरू किया गया । इधर आईसीयू मे मौजूद नर्सिंग स्टाफ नें तब तक अंकित का चेस्ट कंप्रेशन ( CPR ) शुरू कर दिये थे  । धडकनें बंद होने की स्थिति मे यही एक मात्र रास्ता बचता है और मेडिकल साइंस के अनुसार CPR शुरू होने  के 45 मिनट तक यदि धडकन नही लौटती है तो इतने लंबे समय तक रक्त संचार रूकने के कारण मरीज के लीवर, कीडनी खराब हो जाते है और मस्तिष्क मे रक्त संचार ना पहुंचने के कारण उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है   

                                                        जब 45 मिनट भी बीत चुके लेकिन धडकनें वापिस नही आईं तो डॉक्टर निराश होकर अपने चैंबर मे चले गए । इधर नर्सिंग स्टाफ में मौजूद लोगो को बिल्कुल भी अच्छा नही लगा कि इस तरह से मेडिकल साइंस के आधार पर वे इस मासूम को मृत घोषित कर दें । स्टॉफ मे मौजूद आकाँक्षा, यशोदा और लीना नें डॉक्टर विकास से पुछे कि क्या कोई औऱ उपाय नही है सर ? तब विकास अग्रवाल नें उन्हे बताये कि CPR के अलावा और कोई उपाय नही है और मेडिसिन मे जो उन्हे देना चाहिये था वह दिया जा चूका है तब तक डॉक्टर नेम सिंग जी अंकित को ब्रेन डेड घोषित करने की कागजी कार्यवाही पूरी करना प्रारंभ कर चूके थे । इधऱ नर्सिंग स्टॉफ को अमित द्विवेदी और डोमन के रूप मे दो सहयोगी और मिल गए जो उनके साथ चेस्ट कंप्रेशन के लिये साथ मे सहयोग देने को तैय्यार हो गए क्योकि चेस्ट कंप्रेशन एक व्यक्ति  बडी मुश्किल से 10 मिनट ही कर पाता है क्योंकि उसमे काफी मेहनत और ऊर्जा लगती है । इन पाँचो नें 45 मिनट के बाद की जिम्मेदारी उठाए और फिर से चेस्ट कंप्रेशन देना शुरू दिये । नर्सिंग स्टॉफ की लगन देखकर डॉक्टर विकास अग्रवाल फिर से आईसीयू मे पहुंच गए और अंततः इन सभी की मेहनत 1 घण्टे से ज्यादा समय पर काम आई ..... अंकित की सांसे चलने लगी । उसकी धडकन लौटने लगी । पूरा नर्सिंग  स्टाफ खुशी से झूम उठा लेकिन डॉक्टर विकास को समझ आ गया कि उनकी जिम्मेदारी और बढ गई है । नर्सिंग स्टाफ ने जिस मेहनत से अंकित की सांसे ऊपर लाए थे अब आगे का काम डॉक्टर का था कि वह उन सांसो को वापिस ना जाने दें । 
                                                        डॉक्टर विकास के अनुसार ऐसे केस मे जब सांस वापिस आती है तो अक्सर मरीज कोमा मे चले जाता है और वह कब होश मे आएगा इसका कुछ पता नही होता , साथ ही मरीज के अंगो के खराब होने की संभावना भी बनी रहती है । इन सारी चुनौतीयों से जुझते हुए आखिरकार सुबह के 3 बजे अंकित को होश आ गया । सुबह के चार बजे उसकी सारी जांच करने के बाद जब अँकित के परिजनों को बताया गया कि अँकित अब बिल्कुल ठीक है तो किसी को भी यकिंन नही हुआ । सब भौंचक से एक दुसरे का मुँह देखने लगे और जबब समझ पडा कि डॉक्टर क्या कह रहे हैं तो अँकित की माँ खुशी के मारे सीधा आईसीयू की ओर दौडी । वहां पर नियमो को किनारे करके डॉक्टरों ने उसी समय अँँकित की माँ , पिता, बहनों  और मामा से मुकाता का प्रबंध करवा दिए । सुबह के 9 बजते बजते पूरे शहर मे यह बात आग की तरह फैल गई कि बीएम शाह अस्पताल मे एक मृत बच्चे को वापिस जीवनदान मिला । लोग एक दुसरे से पुछते फिरते रहे कि आखिर हुआ क्या था ? जो इस बात को सुनता हतप्रभ रह जाता । दैनिक छत्तीसगढ के रिपोर्टर संतोष मिश्रा जी को भी यह जानकारी मिली और हम दोनों एक साथ बीएम शाह पहुंचे जहाँ पर पूरी घटना का आँखो देखा हाल पता चला । पहले तो कानों को भी यकिंन नही हुआ कि क्या वाकई ऐसा हो सकता है ? फिर जाकर मिले अंकित से ... उसने देखते ही पुछा मुझे क्या हुआ था अंकल ? मुझको इतनी प्यास क्यो लग रही है ? उससे हम लोग क्या कहते .... सो हम लोग वापिस आ गए कई अनसुलझे सवाल को लेकर .... 
क्या जिस तरह से बीएम शाह के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने अदम्य मेहनत करके एक बच्चे की जान वापिस ले आए उस तरह का कार्य दुसरे अस्पताल वाले क्यों नही कर सकते ? 
यदि सचमुच अंकित के प्राण वापिस नही आते तो क्या घर वाले इस बात को समझते कि वास्तव मे उनके बच्चे की जान बचाने के लिए अस्पताल और स्टाफ नें कितनी मेहनत किए थे ?
इतनी बडी घटना का , किसी भी बडे मीडिया में नही आना क्या यह सही आचरण है मीडिया का,  कि वह इतनी सकारात्मक पहल को एक अस्पताल का विज्ञापन मात्र समझे ?
क्या हम और हमारा समाज इतनी अज्ञानता का शिकार है कि मात्र धडकन बंद हो जाने को हम मृत्यु समझकर अपनी और आयु जी सकने वाले प्रियजन का अंतिम संस्कार कर देते हैं ?
              
ऐसे औऱ भी कई अनसुलझे सवाल खडे हो सकते हैं हमारे सामने लेकिन बीएम शाह के डॉक्टरों ने जिस तरह का कारनामा कर दिखलाए हैं वह असंभव को संभव करने की तरह का कार्य है । मेडिकल साइंस मे अभी तक का सबसे लंबा CPR 45 मिनट का दर्ज है जबकि बीएम शाह नें 1 घण्टे 45 मिनट तक CPR करके मरीज की धडकन वापिस लाने मे  सफलता पाए हैं ।
जब डॉक्टर विकास से पुछे कि डॉक्टर साहब आप अंकित के जीवन बचाने का श्रेय किसे देना चाहेंगे .. तो उन्होने कहे कि सबसे पहले अपने नर्सिंग स्टाफ को उसके बाद मैनेजमेंट को और फिर ईश्वर को । यदि इन तीनों का सहयोग नही होता तो शायद हम लोग भी कुच नही कर पाते ।
तो क्या इतने बडे शब्द कोई साधारण डॉक्टर कह सकता है ? कदापि नही ,..., कोई दुसरा अस्पताल होता तो अभी तक वह पेड मीडिया के माध्यम से अपने अस्पताल का जोर शोर से प्रचार प्रसार कर डालता लेकिन यह अस्पताल चुपचाप केवल मानव सेवा कर रहा है पूरी मानवता के साथ ।
सादर नमन और धन्यवाद बीएम शाह अस्पताल , उसके स्टाफ और डॉ्कटरों को ।
आप डॉ्कटर विकास अग्रवाल जी का इंटरव्यूह यहाँ उपलब्ध है ।

Wednesday, August 31, 2016

नास्त्रेदमस की सच भविष्यवाणीयाँ

आपको यदि ऐसा लगता है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयां केवल भविष्य पर ही खरी उतरेंगी तो आप गलत सोच रहे है । सच तो ये है कि नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणीयाँ सालों से सच होती चली आ रही है । उनकी लिखावट ऐसे जटिल पहेली के रूप मे होती है जिसे सुलझाने के लिये यकिनन आपको भी भविष्यदृष्टा बनना होता है । केवल लिखी बातो से ही आप सब कुछ जान जाएंगे यह संभव नही है । मेरा मकसद नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों के आधार पर भविष्य मे होने वाली घटनाओं का वर्णन करना भर नही है अपितु किसी घटना से हो सकने वाले नुकसानों को कम करना है । पूर्व मे भी फ्रांस के राजशाही परिवारों ने नास्त्रेदमस की सहायता से कई बार ना केवल अपनी जान बचाये है बल्कि अपने से हो सकने वाली भूलों को सुधारे भी है ।
 नीचे मेरे द्वारा नास्त्रेदमस की सेंचुरी और दोहे को इस तरह से लिखा जाएगा जिससे आप समझ सकें जैसे 2- 32 का अर्थ सेंचुरी 2 का 32वाँ दोहा ।
The Lady in fury through rage of adultery, She will come to conspire not to tell her Prince: But soon will the blame be made known, So that seventeen will be put to martyrdom. 6-59
ऐसी कौन सी काली औरत होगी जो अपने देश के राजकुमार के साथ सत्रह लोगों को लेकर गायब हो जाएगी ?
The great Pilot will be commissioned by the King, To leave the fleet to fill a higher post: Seven years after he will be in rebellion, Venice will come to fear the Barbarian army. 6-75
            अब आप इन दोनों पहेली को कैसे समझेंगे ?    ये पहेली है भारत के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी पर जो कि पहले पायलेट हुआ करते थे  और जब उस कोयले सी काली औरत ने बम का धमाका की थी तो राजीव गाँधी के साथ 17 लोगों की मौत हो गई थी । राजीव गाँधी की मौत से सबसे ज्यादा जो भयभीत हुई वह इटैलियन सोनिया गाँधी ही थी ।

At sunrise one will see a great fire, Noise and light extending towards 'Aquilon:' Within the circle death and one will hear cries, Through steel, fire, famine, death awaiting them. 2-91
Earthshaking fire from the centre of the earth will cause tremors around the New City. Two great rocks will war for a long time, then Arethusa will redden a new river. 1-87
The city of liberty made servile: Made the asylum of profligates and dreamers. The King changed to them not so violent: From one hundred become more than a thousand. 4-16
ये  भविष्यवाणीयाँ भी लगभग मिलती जुलती हैं ।इसे पढकर एक दृष्य याद आता है सुबह के 9 बजे न्यूयार्क शहर मे दो बडी चट्टानों की तरह खडे ट्वीन टावरों का तबाह होना जो आसमानी आग की लपटों की चपेट मे आकर पूरी तरह से नेस्तनाबूत हो गई थी और भविष्य मे एक लंबे युद्ध का कारण बनी है जो अभी तक जारी है ।
A man will be charged with the destruction of temples and sectes, altered by fantasy. He will harm the rocks rather than the living, ears filled with ornate speeches.1- 67
ISIS प्रमुख बगदादी की भाषा भी बडी ही कोमल लगती है लेकिन वह सभी मंदिर मजार और चर्चों को तहस नहस कर रहा है और इस्लाम के अलावा बाकी सभी धर्मो को वह काल्पनिक भी मानता है ।
Long awaited he will never return In Europe, he will appear in Asia: One of the league issued from the great Hermes, And he will grow over all the Kings of the East.10-75
पूर्वी देशों को एक सूत्र मे बाँधने का कार्य फिलहाल तो केवल नरेन्द्र मोदी ही कर रहे हैं 
Seven hundred captives bound roughly. Lots drawn for the half to be murdered: The hope at hand will come very promptly But not as soon as the fifteenth death. 3- 48
     यहाँ पर जिन सात सौ बंदियो को मारे जाने की बात कही गई है और 15 लोगों के बच जाने की यह घटना 2009 मे नाईजिरिया मे घट चुकी है । 700 लोगों को मार दिया गया था और सेना  केवल 15 लोगों को सुरक्षित निकाल पाई थी ।
The great shameless, audacious bawler, He will be elected governor of the army: The boldness of his contention, The bridge broken, the city faint from fear. 3-81
अभी 22 तारिख को ही अफगानिस्तान मे तालिबानियो ने अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान को जोडने वाले महत्वपूर्म पुल को तोड दिया है और वहां पर सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच भयंकर लडाई अभी तक चल रही है जबकि वहां की जनता पलायन करना शुरू दी है तालिबानियों को मजबूत होता देखकर ।

आगे और भी है जिसे समय पर बताना उचित होगा ।











Saturday, August 27, 2016

आओ देखें तीसरे महायुद्ध को !

New law to occupy the new land Towards Syria, Judea and Palestine: The great barbarian empire to decay, Before the Moon completes it cycle.
Century III- 97
              जी हाँ नास्त्रेदमस की इससे ज्यादा स्पष्ट भविष्यवाणियाँ आपने नही पढे होंगे । सेंचुरी 3 के 97वें दोहे मे जो लिखा है वो वर्तमान स्थिति का सटिक चित्रण है और जो फिलस्तिन संबंधी भविष्यवाणी है वह भी जल्द पूरी हो जाएगी ।  इसमें साफ लिखा है कि सीरिया, जूडिया और फिलस्तीन के आसपास के क्षेत्र को एक बर्बर साम्राज्य नया राष्ट्र बना कर  चलाएगा । आगे बताने की जरूरत नही है कि वहां ISIS का सरदार अल बगदादी किस तरह से अपनी शासन चला रहा है । साथ ही यहाँ ध्यान दें कि जूडिया ईरानियों , यूनानियों तथा रोमन शासन काल मे फिलस्तीन के दक्षिणी भाग का नाम था । अब इसी भविष्यवाणी के दोहा नंबर 96 को देखते हैं यानि एक कदम पीछे हटाते है तो यहाँ आश्चर्यजनक तरीके से एक तिथि दिख रही है - वो है 13 फरवरी और घटना होनी है इटली मे - दोहा है 
The Chief of Fossano will have his throat cut By the leader of the bloodhound and greyhound: The deed executed by those of the Tarpeian Rock, Saturn in Leo February 13 
अर्थात 13 फरवरी को इटली के एक बडे नेता को खोजी कुत्तों की मदद से तलाश कर और फिर उसका  गला काटकर हत्या कर दी जाएगी और वह 13 फरवरी 2017 भी हो सकता है या आने वाला कोई और साल लेकिन इसमे कोई दो मत नही है कि गला काटकर नृशंस तरिके से हत्या करने वाला आतंकीयों का संगठन है जो भविष्य मे इटली पर भी कब्जा जमा सकता है । नास्त्रेदमस नें  फ्रांस पर हमला करके कब्जा करने के बाद इटली पर हमले की बात कहे है और फ्रांस की न्यायपालिका ने वहां पर मुस्लिम नियमों को समर्थन देने और उन्हे संरक्षण देने वाले कई नियम बना दिये है जिससे फ्रांस के पतन मे कोई ज्यादा समय नही है ।   अब जबकि पहले ही यह बात हो चूकी है कि  फ्रांस
 पर हमले के बाद इटली का नंबर आने वाला है तो ख्याल आया कि बीच के देश का क्या होगा ? जी हाँ दुनिया के सबसे छोटे देश मोनाको  के बारे मे स्पष्ट भविष्यवाणी के लिये देखिये नास्त्रेदमस की सेंचुरी 4 का 23वाँ दोहा जहाँ लिखा गया है 
The legion in the marine fleet Will burn lime, loadstone sulfur and pitch: The long rest in the secure place: 'Port Selyn' and Monaco, fire will consume them.
अर्थात नौसैनिक शक्ति जलाएगी चूना, मैग्निशियम, गंधक और कोयला, खुद रहेगा इत्मीनान से लंबे समय तक , मोनाको का सेललिन बंदरगाह आग मे भस्म हो जाएगा । तो क्या यह नही समझा जा सकता की इटली और फ्रांस के बीच मे बसे इसी देश पर आतंकी पहला करते हुए उन दोनो देशों पर कब्जा जमाने की सोच रखते हो ? इसी के अगले दोहे 24 मे उन्होने पवित्र मैदान के नीचे औरत की कमजोर आवाज सुनने की बात कहे हैं और वहां पर दैविय शक्ति को देखकर इनसानी ज्वाला जल उठेगी और वह उन सभी को उनके ही खून से पवित्र मैदान को रंग देंगे और मंदिरो को दुष्ट लोग तबाह कर देंगे । तो क्या वह महिला मोनाको की राजकुमारी हो सकती है ? अब अगर हहम उसे छोडकर सीधे 27वें नंबर के दोहे पर छलांग लगाते हैं तो आपके लिये तीसरे महायुद्ध से संबंधित कोई जानकारी मिल सकती है । देखें - Salon, Tarascon, 'Mausol', the arch of 'SEX.', Where the pyramid is still standing: They will come to deliver the Prince of 'Annemark,' Redemption reviled in the temple of Artemis. 
अब इसमे देखिये यहां पर मोसूल यानि की इराक वाले क्षेत्र के उल्लेख के साथ साथ अचानक अर्टमिस के मंदिर का उल्लेख है जो तुर्की मे है और प्राचीन विश्व के सात आर्श्चर्यों मे से एक है उससे संबंधित है । यहां पर सेक्स की परिभाषा देखें तो यहह समझ लिजिये कि ये आतंकीयों के लिये मौज मस्ती की भोग वस्तु है लेकिन यहां पर अनेमार्क जो लिखा दिख रहा है वह दरअसल डेनमार्क के राजकुमार से संबंधित है । पिरामिड यानि मिश्र मोसूल इनके यहाँ पर उल्लेख होने का अर्थ ये है कि अब तीसरे महायुद्ध की विधिवत घोषणा होने मे अब देर नही है । मोसूल पर शिघ्र ही अंतिम हमला होने वाला है किंतु जैसा की नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियो से स्पष्ट है कि जिस समय लगेगा कि आतंकी हार रहे है उसी समय उनकी तादात अचानक सौ से हजार और हजार से दस लाख हो जाएगी । 
बस अब ज्यादा इंतजार नही करना होगा आपको तीसरे महायुद्ध की विधिवत घोषणा होने का । तब तक आप खुश रहिये , मस्त रहिये क्या पता अगले ही क्षण एक भूकंप मे आपका सब कुछ नष्ट हो जाए या फिर तेज बाढ  मे आप बहते मिलें और इनसे बचे तो पहाडों के खतरे से कैसे बचोगे । अब आप अपने को खुशकिस्मत समझिये कि आप ऐसी जगह पर है जहाँ बाढ भूकंप ज्वालामुखी पहाडो का खतरा नही है ...... बस स्वाइन फ्लू प्लेग या जीका वायरस की तरह के किसी बीमारी से आपको जूझना ना पडे । 
।।।।। है न ।।।।
 लेकिन डरिये मत 
क्योकि आत्मा अजर अमर है । 





Tuesday, August 23, 2016

शांति नही महायुद्ध का आगाज है ।

मोदी तय करेंगे, विश्व में भारत की भूमिका  

यदि आपकी सोच कहती है कि मोदी जी युद्ध की तैय्यारी कर रहे हैं तो,  आपकी सोच सही है किंतु एक अंतर के साथ । वह अंतर ये है कि मोदी जी भारत को युद्ध में झोंकने के लिये तैय्यारी नही कर रहे हैं बल्कि विश्व की परिस्थिति को देखते हुए देश की सुरक्षा को चाक चौबंद कर रहे हैं । दुनिया के जिस देश मे भी मोदी जी गए हैं,  वह देश आज उनका प्रशंसक हो चूका है और हर देश चाहता है कि उसे नेता मिले तो मोदी जी जैसा ही मिले ।   यह कोई मजाक बात नही है कि अमेरिकी संसद भी यही कहती है कि दुनिया को मोदी जी के नेतृत्व मे कार्य करना चाहिये । तो क्या यह बदलाव कोई अचानक हुआ है ? नही ! 
जब नास्त्रेदमस नें भारत को विश्व नेता बनना तो बता दिये है तो इसका मतलब ये नही है कि भारत एकाएक विश्वनेता बन जाएगा । नरेन्द्र मोदी को हम नास्त्रेदमस का वह शायरन मानते हैं जिसकी अगुवाई में  दुनिया तीसरा महायुद्ध लडेगी और जीतेगी । नास्त्रेदमस अपनी भविष्यवाणियों मे कभी भी सीधा संबोधन नही दिये हैं इसलिये नरेन को ही शायरन समझ कर तब तक चलेंगे जब तक कोई दुसरा शायरन नही दिखलाई पडता । 
युद्ध के शुरूआती संकेत 
The Religion of the name of the seas will win out Against the sect of the son of Adaluncatif, The obstinate lamented sect will be afraid The two wounded by Aleph & Aleph. (सेंचुरी 10- 96)
इसका अर्थ यह होता है कि एक धर्म जिसका नाम समुद्र पर आधारित होगा ( हिंदु धर्म हिंद महासागर ) दुसरे धर्मों को जीत कर तेजी से आगे बढेगा । साथ ही "A" " A" नाम वाले को भयभीत करेगा । वर्तमान मे जो परिस्थिति चल रही है वह दुनिया को भारत की ओर देखने के लिये मजबूर कर रही है कि किस तरह से भ्रष्टाचार के लिये कुख्यात देश अचानक से महज 2 सालों मे इतना मजबूत हो गया कि अमेरिकी जैसे देश उसके प्रशंसक बन गए हैं । मोदी जी कहीं भी कोई कसर बाकि नही छोड रहे हैं एक ओर जहाँ वो विश्व के हर नेता से लगातार संपर्क मे रहते हैं , वहीं दुसरी ओर पाकिस्तान और चीन जैसे परंपरागत दुश्मनों को करारा जवाब भी देते जा रहे हैं । चीन अभी तक जिस तरह दोस्ती करते हुए भारत की पीठ में छुरा भोंकता चला आ रहा था उसके विरूद्ध मोदी जी ने सीमा पर अपनी सेना को पूरे अधिकार और हिम्मत देकर चीन के पसीने तो छुडवाए ही पाकिस्तान को भी जो करारा जवाब मिलते जा रहा है उससे वह दिन अब दूर नही लग रहे जब बौखलाया पाकिस्तान खुद भारत पर सीधा हमला कर देगा । चीन अब भारत की मजबूती देखकर फिलहाल अपने दुसरे सीमा विवादों की ओर देखना ज्यादा पसंद करेगा क्योकि उसे पता है कि अब भारत उसको तबाह करने मे समर्थ है और अब 1965 वाला ना तो भारत है और ना ही नेहरू । वैसे भी प्रारंभिक लक्षणों के अनुसार दुनिया इस समय भीषण बाढ, तूफान और भूकंप की तबाही झेल रही है । और जब वह इनसे उबरने की कोशिश करेगी तभी आततायियों का हमला होगा और कमजोर देशों को कब्जे मे करते चले जाएंगे आततायी ।
फिलहाल अगस्त की शांति आने वाले किसी बडे तूफान का संकेत है जो केवल एक भविष्यदृष्टा ही देख सकता है और जान सकता है । हम भारतवासी मोदी राज मे बचे रहेंगे यही हमारे लिये बडी बात होगी किंतु उन्हे जो समर्थन चाहिये वह समर्थन देने के लिये भी हमें तैय्यार रहना होगा ।

Tuesday, August 16, 2016

जवान सीमा पर क्यो जाएं ? मरनें !

काश्मीर मे जो आज चल रहा है उसके जिम्मेदार वो भ्रष्ट नेता हैं, जिन्होने इस समस्या को हमेशा अपने राजनैतिक इस्तेमाल के लिये सुरक्षित बना रखा था । जवाहर लाल से लेकर मनमोहन  जैसे गैर भाजपा प्रधानमंत्रीयों ने कभी भी इस समस्या को गंभीरता से न लेकर हमेशा लचर और कचर रवैया अपनाये रखे । इस देश मे तो ऐसे  लोग भी खुलेआम सेना विरोधी भाषण बाजी करते आ रहे है जिन्हे एक समय देश मे प्रतिष्ठित और मर्यादित पद मिल चूके हैं । जब हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले से दहाड कर कहते हैं कि हम पीओके के साथ साथ  बलुचिस्तान और बाल्टिस्तान की आजादी के लिये वहां की जनता के साथ है तो उस समय कंपकपी तो पाकिस्तान की छुटती है,  लेकिन हमारे प्रधानमंत्री के विरोध के स्वर  हमारे ही देश के लालू प्रसाद और सलमान खुर्शिद  जैसे नेताओं के मुंह से निकलते हैं । जब काश्मीर मे पत्थरबाजी और पेट्रोल बमों के बदले सेना पेलेट गन चलाती है तो पाकिस्तान के  विरोध के स्वर को  कांग्रेसी उपाध्यक्ष राहुल गाँधी  और आजम खान अपनी आवाज से समर्थन देते हैं ।  कांग्रेस अभी तक जिस तरह से काश्मीर में लग रहे भारत विरोधी नारों को अप्रत्यक्ष समर्थन देती चली आ रही थी उसी का नतीजा आज देश के सामने है कि केवल नारे लगाने वाले आज पत्थर  और पेट्रोल बमो के साथ सडक पर उतर चुके हैं ।  वर्तमान मे ऐसे गद्दारों की बदकिस्मती कहिये या देश की खुशनसीबी की देश का मुखिया एक राष्ट्रभक्त है जिसने देश को बचाने का संकल्प ले रखा है । आजाद इतिहास मे पहली बार सेना को इतनी आजादी  दी गई कि  वे अपना वह कर्म कर सकें जिसके लिये उसका निर्माण किया गया  है । सेना को डंडा पकडाने वाली कांग्रेस आज भी सेना को पूरी आजादी देने की पक्षधर नही है क्योकि तब उनके कानोंं मे काश्मीर के आजादी के नारे सुनने को नही मिलेंगेे । यहां  पर मैं कांग्रेेस इसलिये साफ साफ लिखूंगा क्योकि अभी तक जो भी हो रहा है उसके  लिये वही जिम्मेदार है और सबसे ज्यादा विरोध भी वही कर रही है .. औऱ हां इनके मणिशंकर  अय्यर जैसे तो पाकिस्तान जाकर मोदी को सत्ता से हटाने के लिये समर्थन भी मांगने  जाते हैं ।  यदि भारतीय सेना की कमान मॉनेक शॉ के हाथों मे नही होती तो शायद हम 1971 मेे भी पाकिस्तान के हाथों पराजय झेल चूके होते । इतिहास चाहे जो कहे मुझे नही लगता कि इंदिरा ने कभी पाकिस्तान को जीतने का प्रयास की हो  । जब भारतीय नौसेना नें केवल दो दिनों के भीतर करांची के बंदरगाहों को तबाह कर दी और पाकिस्तानी युद्धपोत गाजी को विशाखापट्टनम् के पास समुंदर मे डुबो दी , तब कहीं भारत की जीत सुनिश्चित हो सकी ।  लेकिन जीत का सेहरा बाँधा गया इंदिरा के सिर पे जिसने इमरजेंसी और राजघरानों से लुटपाट जैसे ना जाने कितने कर्मकाण्ड किये हैं ।  सेना के साथ खिलवाड यहीं नही रूका  बोफोर्स गाँधी हों या फिर कोल सिंह सभी ने देश की सुरक्षा से खिलवाड के अलावा कोई काम नही किये । सेना को जरूरत होती थी 10 की तो ये खर्च करते थे 15 लेकिन सेना को केवल 5 पकडा के दस खुद खा जाते थे । 
लेकिन अब हालात बदल गए हैं । देश बदल रहा है और सेना भी बदल रही है । अब हमारे जवान सीमा पर मरने नही मारने केे लिये जा रहे हैं, जिसके लिये उन्हे बनाया गया है . अब सैनिको की शहादत पर हमें फक्र होता है बेबसी महसूस नही होती । कांग्रेसी परस्त न्याय पालिका के पेलेट गन पर पाबंदी लगाने जैसे आदेशों पर सेना का स्पष्ट संदेश की हम मारना बंद नही करेंगे पेलेट या बुलेट यह चुनना हमारा अधिकार है,  सेना के प्रति और भी गर्व प्रधान करता है और न्यायपालिका के आदेशों की धज्जियां उडती देख   देश गर्व करता है कि हाँ हमारी सेना सही है और न्याय पालिका गलत । 
                 कल ही चीफ जस्टिस का बयान पढने को मिला जिसमे वह सरकार से कह रहे हैं कि देश जजों की कमी से जूझ रहा है  और सरकार चीफ जस्टिस के भेजे कोलिजियम पर कोई जवाब नही दे रही है । साथ ही वो ये भी कहते हैंं कि सरकार को यदि किसी नाम पर आपत्ति हो तो वह कोलिजियम वापिस भेजे हम नाम बदल देंगे ... इसी बयान से साफ झलक रहा है कि न्याय पालिका मे कहीं ना कहीं कोई ऐसी गडबडी है जो मोदी जी की पकड मे आ चूकी है लेकिन वो  चाहते हैं कि गुनहगार खुद ही रूंदन विलाप करते हुए सामने आए और वही हो रहा है । यदि सरकार कोलिजियम को संशोधित करवा   देती तो ये चीफ जस्टिस महोदय इतना विलाप क्यों करते ?   अभी तो जनता को न्याय पालिका से भी जवाब नही मिला है कि याकूब मेनन जैसे देशद्रोही के लिये रात को तीन बजे अपनी कोर्ट खोलने वाले जज दिन मे चल रहे हेराल्ड केस पर तारिखों पर तारिखें  क्यों बढा रहे हैं .. भ्रष्टाचार के मामलों पर लंबी लंबी तारिखें लेकिन पेलेट गन पर दुसरे दिन ही आदेश कैसे ? गरीबों को सजा देने मे चौदह महिनें  लेकिन सलमान खान जैसों को 14 साल में भी सही सजा ना देने वाली न्याय पालिका मे कुछ नही भारी गडबड है, जिसे मोदी जी द्वारा सही समय पर सामने लाई जाएगी तब शायद पता चल सकेगा कि मनु सिंघवी जैसों के कितने चेले वहां पर बैठे हैं ।
                                         चाहे अब बात कहीं भी जाए , यह तय है कि देश के जवान अब शहीद होने से पहले कई देशद्रोहियों को मारेंगे यही बात देश के हित मे बडी बात होगी क्योकि,  जब भारतीय सेना के सामने मरने मारने की बात आती है तो दुनिया जानती है कि भारतीय सेना के पास योगेन्द्र सिंह यादव जैसे अनगिनत जीवट योद्धा आज भी हैं जो सीने पर 6 -6 गोलीयां खाने के बाद भी दुश्मन की पूरी बटालियन को नेस्तनाबूत करने के बाद, इलाज करवा कर फिर से सेना को अपनी सेवा देने के लिये उपलब्ध हो जाते हैं । 

                           जय हिंद , वंदे मातरम्

Thursday, July 14, 2016

अब एलान होने को है, तीसरा महायुद्ध होने को है ।

जी हाँ जनाब ! नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पर आपने जो यकींन बनाये रखा था वो अब शिघ्र ही पूरा होने जा रहा है और हम आप बनने जा रहे हैं दुनिया के अंत की शुरूआत का गवाह बनने । नास्त्रेदमस ने जैसा कहा था लगभग वैसा ही सारा घटनाक्रम सामने आता जा रहा है । इस समय सारी दुनिया आतंकवाद से जूझ रही है और आतंकीयो की फौज लगातार मजबूत होते जा रही है । बगदादी के मरने की खबरें उड चूकी है जबकि नास्त्रेदमस के अनुसार " जिस आतंक के देवता को दुनिया मृत मान चूकि होगी वह काली पगडी बाँध कर अपने दस लाख आततायियों की फौज लेकर फ्रांस पर हमला करेगा " यहां पर सभी को हैरानी होगी की यदि बगदादी फ्रांस पर हमला करेगा भी तो उसे हासिल क्या होगा ? लेकिन यहीं पर अब दुसरी बात पर विचार करते हैं कि अफ्रिकी देशों पर अपने आधिपत्य के आतंकी दलों के साथ यदि वह फ्रांस पर हमला करता है तो छोटे मोटे देश तो यूँ ही आत्मसमर्पण कर देंगे । अब बात बगदादी की करें तो मामला फ्रांस की ओर जाएगा लेकिन उधर दुसरा घटनाक्रम देखें जिसमे अंतर्राष्ट्रिय (हेग ) अदालत ने चीन को साउथ चायनी सी के मामले मे जोरदार झटका दी है , लेकिन चीन ने वह आदेश को मानने से इंकार करते हुए उस जगह को अपने ही अधिकार क्षेत्र का बताते हुए सेना की तैनाती बढा दी है । यानि अब कई छोटे देशों के साथ चीन की लडाई संभावित हो गई है ।
                                                       अमेरिका ने फिलीपिंस और ताईवान जैसे देशों को अपनी सैन्य शक्ति दे दिया है वहीं भारत ने वियतनाम की नौसेना को अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस कर चूका है । जैसा कि नास्त्रेदमस ने दावा किया था भारत के मजबूत और बडी महाशक्ति बन कर उबरने का , यह समय बिल्कुल वही चल रही है । भ्रष्टाचार और निरंकुश देश द्रोही शासकों से अब भारत मुक्त होकर एक महाशक्ति बन कर दुनिया के सामने आ गया है । केवल दो साल मे जिस तरह से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे भारत की लोकप्रिय छबि विश्व भर मे ं बन गई है उससे कोई दो मत नही जाता कि यही वो नेता है जो विश्व से आतंक को मिटाने मे राजा कलि की भूमिका निभाएंगे । कुछ लोगों को यह अतिश्कयोकित लग सकती है या अँध भक्ति भी लेकिन नास्त्रेदमस ने जो सदियों पहले देख लिया था उसे हम आप नही नकार सकते । इस समय जबकि विश्व मे मंदी का दौर चल रहा है और हर देश बदहाल स्थिति का सामना कर रहा है वही विश्व भारत को देख कर हैरत मे है कि यहां कैसे सब सही चल रहा है । पाकिस्तान का रोना अब तक विश्व सुनता था और उसी के अनुसार भारत को चेताता था , लेकिन अब हालत ये है कि पाकिस्तान के रोने पर अमेरिका असकी आर्थिक मदद बंद कर देता है और सीधे चेतावनी देता है कि अपने आतंकवाद समर्थक रूख को बदलो या फिर परिणाम भुगतने को तैय्यार हो जाओ ।
                                                 अभी तक दुनिया पेट्रोल को ही आर्थिक संबल मानती थी लेकिन भारत ने सूर्य़ देशों का एक संगठन बनाकर दुनिया को सूबसे बडे प्राकृतिक ऊर्जा की ओर ध्यान दिला दिये .. सीधे सपाट शब्दों मे कहे तो नास्त्रेदमस के अनुसार दुनिया जब तबाही की ओर बढ चूकि हहोगी उस समय भारत अपने को विश्व गुरू साबित करेगा । आज आतंकवादी अमेरिका से ज्यादा भारत से परेशान हो रहे हैं .. लेकिन उनको पता है कि यहां पर सरकार के बदलते हही फिर से भारत अप्रत्यक्ष रूप से उनके कब्जे मे आ जाएगा .. वो तो सही है लेकिन अगर भारत मे आपातकाल लग गया तो ??? बस समझिये तीसरा महायुद्ध का आगाज तो हो ही चूका था बस एलान बाकि है जो नवंबर तक हो जाएगा ।



Saturday, May 28, 2016

नास्त्रेदमस और मोदी का महत्व

Long awaited he will never return In Europe, he will appear in Asia: One of the league issued from the great Hermes, And he will grow over all the Kings of the East.  
यानि की नास्त्रेदमस को पता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब पूर्वी देश का एक शासक एशिया के साथ साथ संपूर्ण विश्व को एक सूत्र मे पिरोने का कार्य करने निकलेगा । पूर्वी देशों क बात छोड दें और विश्व पटल पर खडे होकर देखें तो पूरी दुनिया मे एकमात्र नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही दिखलाई पडते हैं जो एशिया को एक सूत्र मे बांधने के बाद विश्व को भी एकता का सूत्र बतला रहे हैं ।  इस समय भारत का प्रभुत्व पूरे विश्व मे तेजी के साथ बढता जा रहा है जिसका श्रेय केवल प्रधानमंत्री मोदी जी की कार्यप्रणाली और आत्मविश्वास को जाता है । नास्त्रेदमस की बातों पर यकिं हो या ना हो लेकिन घटनाओं के घट जाने के बाद उनक लाइन का अर्थ समझ आता है कि अरे ..ये तो साफ साफ लिखा हुआ था । तो चलिये इससे पहले की कोई और घटनाक्रम घटे उस पहेली को हल करने का प्रयास कर लेते हैं । 
                                                      तो जैसा कि इस समय लग रहा है कि आतंकवादी संगठन नेस्नाबुत हो गए हैं या रहे हैं और उनका समय जल्द ही खत्म हो रहा है तो यह केवल हमे लगने जैसी ही बात है क्योंकि नास्त्रेदमस का कहना है कि जब विश्व को लगेगा कि आतंकवादी खत्म हो रहे हैं तभी वो दोगुनी ताकत के साथ सामने आएंगे । उनका नेता एक ऐसा आतंकी होगा जिसे सब मरा हुआ समझ चूके हैं । वह अचानक से हमला करेगा और फिर देखते ही देखते अपने दस लाख सैनिकों के साथ ईरान को घेर लेगा और पश्चिमी देशों की मदद मिलने के बाद भी ईरान हार जाएगा । (The Arab Prince Mars, Sun, Venus, Leo, The rule of the Church will succumb by sea: Towards Persia very nearly a million men, The true serpent will invade Byzantium and Egypt.)     इसके साथ ही एक और बात ये है कि संयुक्त राष्ट्र जातिवाद के आरोप लगने के बाद छिन्न भिन्न हो जाएगा और दुनिया का सबसे शक्तिशाली संगठन पूर्वी देशों का समूह बन जाएगा । अमेरिका रूस जैसे देश उस पूर्वी संगठन के साथ मिलकर दुनिया को बचाने का प्रयास करेंगे जिसका नेतृत्व तीन ओर जल से घिरे देश का नेता कर रहा होगा । आतंकी संगठन के साथ  एक पूर्व देश का तानाशाह भी अपनी  सेना लगा देगा और वह गठबंधन विश्व के सभी देशों पर भारी पडेगा । 
                                                उस आतंकी गठबंधन सेना द्वारा आर्कटिक देशों मे बीमारी फैलाने वाले किटाणुओं से लेकर परमाणु हमले तक किये जाएंगे जिससे योरोप तबाह होने की कगार पर पहुंच जाएगा । स्वीट्जरलेंड के बैंको को लूट लिया जाएगा और दुनीया को तबाह और बरबाद करने मे कोई कसर नही छोडी जाएगी । तब रूस अमेरिका ब्रिटेन ( फ्रांस और इटली के हारने के बाद )  पूर्वी देशों की सहायता से फिर से जवाबी हमले करेंगे और दुनिया को आतंक के चंगुल से मुक्त करेंगे । लेकिन यह सब इतनी आसानी से नही होगा क्योंकि इसके पहले दुनिया देखेगी भीषण रक्तपात,भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी , और विशाल उल्का के गिरने से नष्ट होते देश । राहत की बात है तो केवल इतनी की जो देश पूरी दुनया को बचाने में भागीदारी निभाएगा वह हमारा भारत देश होगा । अब इंतजार करो उस दिन का जब भारत देश मे गुरूवार को अवकाश घोषित किया जाएगा । हम सौभाग्यशाली है कि हमें विष्णु के अवतार राजा कल्कि के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है ।
                                                                                                                            

Monday, January 11, 2016

सऊदी अरब, उत्तर कोरिया के बीच चीन के मायने ।

वर्तमान मे दुनिया आईएसआईएस के बाद कहीं और देख सुन रही है तो वह  हैं   उत्तरी कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन और सऊदी अरब के  प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल-सऊद को । मोहम्मद सलमान  जो दुनिया के सबसे युवा रक्षा मंत्री भी है , दुनिया भर मे चल रहे युद्ध के दौरान अपनी अपनी रणनीती और भूमिका को लेकर दुनिया के सामने आयें है और दुनिया केवल इन्हे सुन रही है या हरकते देख रही है लेकिन इरादे नही भांप रही है । जहाँ एक ओर  उत्तरी कोरिया नें अपने देश के प्रमुख  किम जोंग उन को जन्मदिन के तोहफे के रूप में हाइड्रोजन बम की ताकत से नवाजा है,  तो  वहीं दुसरी ओर सऊदी में मोहम्मद सलमान नें एक साथ 48 शियाओं को फांसी पर लटका के ईरान  सहित सभी खाडी देशों को सकते में डाल दिया है ।  
          इन दोनों देशों का नेतृत्व अब युवा संभाल रहे हैं और दोनो के ही हाथों मे शांति के साथ विनाश की भी चाभी है , इसलिये यह सोच कि उत्तर कोरिया और सऊदी अरब मिलकर पूरी दुनिया को युद्ध की आग में झोंक सकते हैं कभी भी सही साबित हो सकती है । उत्तरी कोरिया को हाइड्रोजन बम से लैस करनें मे दुनिया को पाकिस्तान का हाथ दिख रहा है, जबकि दुनिया के देश चीन को भूल जाते हैं । चीन-उत्तरी कोरिया की सीमा सटी हुई है जिसके कारण सबसे ज्यादा आसानी से चीन ही उत्तरी कोरिया को हाइड्रोजन बम से लैस कर सकता है । पाकिस्तान के पास बम बनाने की तकनीकी भले ही हो लेकिन अमेरिका उसे बम बनाने देगा , यह असंभव है । जाहिर सी बात है चीन उत्तरी कोरिया  के कंधे पर बंदुक रख कर दुनिया को धमका रहा है । अब एक कनेक्शन बनानें की कोशिश करते हैं सऊदी अरब, उत्तरी कोरिया, चीन और पाकिस्तान के बीच । सऊदी अरब पाकिस्तान को पैसे देता रहा है ताकि वह अपनी परमाणु ताकत वक्त आने पर सऊदी अरब को सौंप सके यानि एक तरह से सऊदी नें पाकिस्तान को अपना शस्त्रागार बना रखा है । सऊदी अरब और ईरान के मध्य कभी भी जंग छिड सकती है इसलिये सऊदी अरब के रक्षा मंत्री  के रूप में मो. सलमान खुद पाकिस्तान पहुंचे हैं और कहा यह जा रहा है कि ईरान के विरूद्ध कार्यवाही में पाक सऊदीया का सात दे, जबकि रक्षा सूत्रों की मानें तो सऊदी पाकिस्तान से अपने विध्वंसक हथियार लेने की तैय्यारी के सिलसिले में लगातार आवाजाही बना रहा है । 
                                               परमाणु हथियार पहले की तरह अब इतने बडे नही होते कि उन्हे लाते ले जाते कोई देख सके , इसलिये यह आशंका जताई जा रही है कि सऊदी अपने हथियारों को पाकिस्तान से नामचीन लोगों के बेडों के साथ ही ले जा सकता है । अमेरिका ,रूस, फ्रांस सहित संयुक्त राष्ट्र का ध्यान अभी इराक और सीरिया की ओर है और जब फ्रांस पर हमला हुआ तो उस समय ईरान नें सऊदी अरब और आतंक के गठजोड की  एक रिपोर्ट जारी किया था जो सऊदी अरब के कडे विरोध के कारण जर्मनी मे ही दबा दी गई । वहीं दुसरी ओर देखा जाए तो चीन और उत्तरी कोरिया दोनो ही देशों की सीमायें एकदम सरल बना कर रखी गई हैं । यह दोनो ही देश अपने देश को रहस्य मे छिपा कर रखते हैं जिसके कारण दुनिया को इन दोनो देशों की अंदरूनी ताकतों का पता नही चल पाता है । अब अगर सऊदी अरब और ईरान के बीच लडाई छिडती है तो अमेरिका केवल मूक दर्शक के अलावा कुछ नही रह पाएगा क्योंकि दोनों देशों से उसके अपने अपने स्वार्थ गठबंधन बना रखे हैं , वहीं उन हमलों के बीच उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया के ऊपर हमला कर सकता है ( स्मरण रहे कि - उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच कभी भी युद्ध विराम नही हुआ है और संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दोनो देश आज भी आपस म युद्धरत है । जो युद्ध शांतिविराम हुआ था उसे उत्तर कोरिया नें 2009 में खत्म कर दिया था ) चीन अमेरिका, भारत और जापान द्वारा दक्षिणी चीन सागर में लगातार दखलअंदाजी से परेशान है और उसे लगता है कि ये तीनों देश उसकी समुद्री सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं । 
                                           चीन क्या कर सकता है ? वह एक ओर सऊदी अरब और ईरान मे जंग की आग लगाकर आईएसआईएस के द्वारा जर्मनी , फ्रांस और अन्य यूरोपीय मुल्कों मे तबाही फैलवाना चाहेगा और जब दुनिया उस जूझ रही होगी तब वह उत्तर कोरिया के माध्यम से साउथ कोरिया,  जापान और वियतनाम पर हमला करवा सकता है और तब इत्मीनान से लाल ड्रेगन भारत की ओर अपनी जीभ लपलपाएगा  और अपनी सोच के हिसाब से भूटान, बांग्लादेश, नेपाल,और भारत को लीलने का प्रयास करेगा । 
                                              चीन दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को बर्बाद करने की भी क्षमता रखता है जिसमे मुख्य रूप से चीन का शेयर मार्केट गिराना ( जिसमें 90 प्रतिशत कंपनीयां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी ही हैं ) होगा जिसके बाद दुनिया में भय का माहौल देखकर अलीबाबा  जैसी दिग्गज कंपनीयों को दिवालिया करके दुनिया को कंगाल करने का घृणित षणयंत्र रचेगा ।  चीन यह सब करेगा क्योंकि वह जानता है कि उसके पास जो धन है उतने धन को चुकाने के लिये उसके पास सोना नही है ।