Monday, August 26, 2013

दुनिया का महायुद्ध के शुरूआती दौर में प्रवेश ।

मेरे पूर्व मे लिखी भविष्यवाणीयों पर निराशा रखने वालों के लिये ये उत्साहजनक खबर प्रस्तुत है । अब आप सोचेंगे कि दुनिया तीसरे महायुद्ध में प्रवेश कर रही है तो उत्साह कैसा ? तो मेरा जवाब होगा कि आप जिस तरह से नए निर्माण के लिये उत्सुक होते हैं  वैसे ही सृष्टि भी अपने नियानुसार नया चाहती है । सृष्टि त्रस्त हो चूकि है मनुष्यों की बिछाई विनाश लीला से , हरे भरे जंगलो को काट दिया गया और अनवरत कटाई जारी है , पहाडों से बहने वाली नदियों को बांध बना कर  वहीं पर रोका जा रहा है , मानव अपनी मानवता को छोड रहा है क्योंकि वह धर्म से विमुख हो चूका है । बचपन मे माँ कहती थीं कि एक दिन ऐशा आएगा जब लोग संतो का अपमान करने लगेंगे , एक बटोली (कटोरा) अनाज रखने वाला आदमी बटुकधर राजा कहलाएगा , पैसों का कोई मोल नही होगा हर तरफ अधर्ण और अत्याचार होगा । अब मैं उन्हे कहता हूँ कि माँ आप सही हो लेकिन जो दिन आप कलयुग के अंत मे होगा कहती थी वह तो अब हो रहा है तो क्या अब कलयुग की समाप्ति पर हम खडे हैं ? लेकिन माँ आज भी पूरी तरह से आशांवित जवाब देती हैं कि नही अभी इससे भी बुरा समय आने वाला है , ये तो शुरूआत है ।
                                                              तो हम कहां थे ..... हां दुनिया का महायुद्ध के शुरूआती दौर में प्रवेश पर । इसे आप विषय कहें या फिर भविष्यवाणीयों की पूर्णता लेकिन अब मुझे सबूत मिलते जा रहे हैं कि दुनिया यकिनन विश्वयुद्ध में प्रवेश कर चूकि है , प्रबुद्ध नेता यदि इसे पढें तो शायद कुछ समय के लिये इस महायुद्ध को रोकने का प्रयास भी कर सकते हैं , लेकिन तब कठिनाई और बढेगी । जैसा कि मैने पूर्व में नास्त्रेदमस की भविष्यवाणीयों पर लिखा था उस समय मुख्य रूप से सिरिया का जिक्र हुआ था कि महायुद्ध की शुरूआत लिबिया, इराक या सिरिया से होगा और वह देश रासायनिक युद्ध छेड कर महायुद्ध का आगाज कर देगा  । 
यह सब बताने से पहले उन लक्षणों को निकालते हैं जो तीसरे विश्वयुद्ध के प्रारंभिक लक्षण बताते हैं - 
 1.- तीन ओर समुद्र से घिरे देश का प्रमुख जंगली जानवर के नाम पर आधारित जाति का होगा (मनमोहन सिंह) (1:50)
2.- वह तीन बहनों का पालक होगा जिनके नाम भाग्य पे आधारित होंगे (अमृत , उपेंद्र कौर , दमन  )
3.- दुनिया के शक्तिशाली देश का नेतृत्व ओ अक्षर के हाथों होगा ।
4.- दुनिया के अधिकांश देश आपस में या गृह युद्ध में रत होंगे (इस्राइल-फिलिपिंस, भारत-पाक, दोनो कोरिया, मिश्र, इराक, अफगानिस्तान, लिबिया, मध्य अफ्रीकी देश सुलग रहे हैं )
 5.- ईसाइयत के मुकाबले इस्लाम मजबूत होगा , उन पर कोई नियम कायदे लागू नही होंगे ।
..............................
अब देखें वह समय कब आएगा - 
जब बृहस्पति और शनि मेष राशि में होंगे तब बर्बादी शुरू होगी । फांस और इटली मे अफरा तफरी मचेगी (I-51) जब बृहस्पति और शनि का मे, राशि में सोयगे हो चूका होगा (1999 मे हो चूका है) 
 कैसे आएगा - रातमें ऐसा लगेगा मानो सूरज निकल आया हो । सुअर जैसे मुखौटे पहने लोग दिखेंगे । शोर और चीख पुकार के बीच आसमान में भी युद्ध शुरू हो जाएगा । (I-64)
......................
इसके अलावा कई ऐसे तथ्य हैं जो महायुद्ध की शुरूआत की ओर इशारा कर रहे हैं -
* एक देश के द्वारा कीटाणु युद्ध की शुरूआत के बाद दो महाशक्ति (अमेरिका - ब्रिटेन) एक साथ आएंगे ।
*नया पोप वेटिकन को छोड फांस मे रहेगा ।
*सभी देश युद्धरत रहेंगे चाहे वह घरेलू हालात हों या दुसरे देशों से ।
*विश्व मे बाढ, भूकंप सहित तमाम प्राकृतिक आपदाएं अपना कहर बरपाएंगी ।
*विशाल पर्वत दहशत पैदा करेंगे और भूकंप देशों को बरबाद करेंगे ।
*भारत के जानवर जाति वाले नाम के मुखिया की मौत के बाद दक्षिण भारतीय नेता कमान संभालेगा ।
*सत्ताधीश कानून का माखौल उडाएंगे और जनता त्राही त्राही करेगी ।
*भय, भूख और भ्रष्टाचार का सर्वत्र माहौल होगा ।
*ताकतवर और ताकतवर बनेंगे लेकिन कमजोरों की लाशों को बिछा कर ।
*इस्लाम अपने सर्वोच्तम पर पहुंचेगा और हर देश में इनका स्वयं का नियम कायदा होगा ।
*इस्राइल को खत्म करने के लिये अरब एकजूट हो जाएगा ।
*चीन अरबों गठबंधन पश्चिमी देशों के लिये परेशानी खडा करेगा ।
*भारत मे मूल धर्म को कुचल दिया जाएगा और हरे सफेद धर्म वाले अपना प्रभुत्व कायम करेंगे  ।
*मुस्लिम शहजादा ईसाइ से प्रेम विवाह करेगा जिसके बाद से उसके देश मे हाहाकार मच जाएगा । 
..........................................
अब आगे क्या होगा यह तो समय बताएगा लेकिन अब हमें सोचना है कि हम अपने  धर्म के प्रति क्या भावना रखते हैं ।