भिलाई 12 अप्रेल । स्टील प्लांट में अनुकंपा नौकरी नहीं मिलने से तंग आकर युवक समेत पूरे परिवार ने जहर खा लिया है । उन्हें गंभीर हालत में बीएसपी के सेक्टर-9 हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां युवक की माँ और तीन बहनों की मौत हो गई है ।
सडक 34, सेक्टर 4 निवासी सुनील कुमार ने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए बीएसपी में आवेदन दिया था। लेकिन 17 साल बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। उसने बीएसपी प्रबंधन को कई चिट्ठी लिखी, पर कोई फायदा नहीं हुआ। चार दिन पहले उसने बीएसपी प्रबंधन द्वारा उसके घर की लाइट काटने तथा जबरन घर से बाहर निकालने के प्रयास के विरोध में स्वयं को परिवार सहित कैद कर लिया था । चार दिनों तक पूरा परिवार कमरे से बाहर नहीं निकला था। बीएसपी प्रबंधन ने उसे मनाने की कोशिश की। ठोस पहल नहीं होने पर युवक ने अपने परिवार के चार सदस्यों समेत जहर खा लिया। पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया। चारों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है ।
अचानक हुए इस घटनाक्रम से प्रशासन भी सकते में आ गया औऱ आनन फानन मामले को दबाने के प्रयास होने लगे किंतु मिडिया द्वारा निष्पक्ष भाव से कार्य करने के कारण उन्हे अपना कुप्रयास बंद करना पडा । माँ मोहिनी साहू व तीनों बहनों रेखा शोभा औऱ शीला की मौत के बाद सुनील गुप्ता सदमें की हालत में है और उसकी हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है ।
बस वादा करना भर जानती है हमारी सांसद ः- भाजपा सांसद सरोज पाण्डेय नें कल सुनील साहू से फोन पर चर्चा करके कहीं थी की मैं शाम तक पहुंच कर सबकुछ ठिक कर दूंगी और आपको इंसाफ मिलकर रहेगा लेकिन शाम को स्वयं ना आकर अपनी प्रतिनिधी सीता मिश्रा को उनके पास बात करने के लिये भेज दी जिससे पूरा परिवार बेहद आक्रोशित हो गया था और उसके बाद उन लोगों ने मंगलवार को बाहर आने की बात कहते हुए सभी से बातचीत बंद कर दिये ।
इस मामले में मैं स्वयं कल रात को सुनील से मिलने पहुंचा था । रात तकरीबन 9 बजे मैने उससे चर्चा की की आपको ऐसा करने से क्या मिलेगा तो सुनील की माँ रोते हुए कहने लगी की इस तरह से हमें जीकर क्या मिलेगा हालांकी थोडी देर बाद सुनील नें संयमित होते हुए मुझसे कहा कि डब्बू भाई कल सुबह आप जरूर आइयेगा ... लेकिन मेरा दुर्भाग्य की अचानक परिजन की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण सुबह 7 बजे मैं रायपुर चला गया और अभी लौटते ही पूरे घटनाक्रम को लिख रहा हूँ ।
बी.एस.पी. का अडियल रूख - आज चार मौतों से घबराए बीएसपी के एम. डी. वी. के. नें घटनाक्रम के प्रति दुःख जाहिर करते हुए कहा कि प्रबंधन सुनील को नौकरी देने को तैय्यार था लेकिन कल रात की चर्चा में सुनील नें मुझे साफ बताया था कि बी.एस.पी. के अधिकारी तो उल्टा उन्हे आग लगा लेने की बात करते हैं और पुलिस भी परेशान कर रही है ।
इस मामले में वैशाली नगर विधानसभा के विधायक भजन सिंह निरंकारी महापौर निर्मला यादव नें रविवार को सुनील से मिलने के बहाने अपनी राजनीतीक रोटी सेंकने पहुंचे थे क्योंकि भजन सिंह का वह निर्वाचन क्षेत्र नही है वो केवल ये जताने पहुंचे थे कि उनके बगैर महापौर कुछ नही करती ।
राज्य शासन भी दोषी - क्या इस मामले में मुख्यमंत्री का कोई फर्ज नही बनता था ? राज्य शासन से केवल एक पुलिस मित्र ममता शुक्ला पहुंची थी वह भी कोर्ट कचहरी की भाषा में परिवार को समझाइश देकर चली गईं । आज इस दुःखद घटना के बाद सारे भिलाई शहर में मातम सा छा गया था जबकि अधिकारीयों के चेहरे की हवाइयां किसी बडे उपद्रव का संकेत का आभास दे रही थी ।
सेक्टर 9 हास्पीटल में आज जनता का रोष खुलकर सामने आ गया और पुलिस को भीड संभालने में खासी मशक्कत करनी पडी ।
खैर ....... अब जनता की बारी है देखें वह इस मामले को क्या तुल देती है ।
सडक 34, सेक्टर 4 निवासी सुनील कुमार ने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए बीएसपी में आवेदन दिया था। लेकिन 17 साल बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। उसने बीएसपी प्रबंधन को कई चिट्ठी लिखी, पर कोई फायदा नहीं हुआ। चार दिन पहले उसने बीएसपी प्रबंधन द्वारा उसके घर की लाइट काटने तथा जबरन घर से बाहर निकालने के प्रयास के विरोध में स्वयं को परिवार सहित कैद कर लिया था । चार दिनों तक पूरा परिवार कमरे से बाहर नहीं निकला था। बीएसपी प्रबंधन ने उसे मनाने की कोशिश की। ठोस पहल नहीं होने पर युवक ने अपने परिवार के चार सदस्यों समेत जहर खा लिया। पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया। चारों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है ।
अचानक हुए इस घटनाक्रम से प्रशासन भी सकते में आ गया औऱ आनन फानन मामले को दबाने के प्रयास होने लगे किंतु मिडिया द्वारा निष्पक्ष भाव से कार्य करने के कारण उन्हे अपना कुप्रयास बंद करना पडा । माँ मोहिनी साहू व तीनों बहनों रेखा शोभा औऱ शीला की मौत के बाद सुनील गुप्ता सदमें की हालत में है और उसकी हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है ।
बस वादा करना भर जानती है हमारी सांसद ः- भाजपा सांसद सरोज पाण्डेय नें कल सुनील साहू से फोन पर चर्चा करके कहीं थी की मैं शाम तक पहुंच कर सबकुछ ठिक कर दूंगी और आपको इंसाफ मिलकर रहेगा लेकिन शाम को स्वयं ना आकर अपनी प्रतिनिधी सीता मिश्रा को उनके पास बात करने के लिये भेज दी जिससे पूरा परिवार बेहद आक्रोशित हो गया था और उसके बाद उन लोगों ने मंगलवार को बाहर आने की बात कहते हुए सभी से बातचीत बंद कर दिये ।
इस मामले में मैं स्वयं कल रात को सुनील से मिलने पहुंचा था । रात तकरीबन 9 बजे मैने उससे चर्चा की की आपको ऐसा करने से क्या मिलेगा तो सुनील की माँ रोते हुए कहने लगी की इस तरह से हमें जीकर क्या मिलेगा हालांकी थोडी देर बाद सुनील नें संयमित होते हुए मुझसे कहा कि डब्बू भाई कल सुबह आप जरूर आइयेगा ... लेकिन मेरा दुर्भाग्य की अचानक परिजन की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण सुबह 7 बजे मैं रायपुर चला गया और अभी लौटते ही पूरे घटनाक्रम को लिख रहा हूँ ।
बी.एस.पी. का अडियल रूख - आज चार मौतों से घबराए बीएसपी के एम. डी. वी. के. नें घटनाक्रम के प्रति दुःख जाहिर करते हुए कहा कि प्रबंधन सुनील को नौकरी देने को तैय्यार था लेकिन कल रात की चर्चा में सुनील नें मुझे साफ बताया था कि बी.एस.पी. के अधिकारी तो उल्टा उन्हे आग लगा लेने की बात करते हैं और पुलिस भी परेशान कर रही है ।
इस मामले में वैशाली नगर विधानसभा के विधायक भजन सिंह निरंकारी महापौर निर्मला यादव नें रविवार को सुनील से मिलने के बहाने अपनी राजनीतीक रोटी सेंकने पहुंचे थे क्योंकि भजन सिंह का वह निर्वाचन क्षेत्र नही है वो केवल ये जताने पहुंचे थे कि उनके बगैर महापौर कुछ नही करती ।
राज्य शासन भी दोषी - क्या इस मामले में मुख्यमंत्री का कोई फर्ज नही बनता था ? राज्य शासन से केवल एक पुलिस मित्र ममता शुक्ला पहुंची थी वह भी कोर्ट कचहरी की भाषा में परिवार को समझाइश देकर चली गईं । आज इस दुःखद घटना के बाद सारे भिलाई शहर में मातम सा छा गया था जबकि अधिकारीयों के चेहरे की हवाइयां किसी बडे उपद्रव का संकेत का आभास दे रही थी ।
सेक्टर 9 हास्पीटल में आज जनता का रोष खुलकर सामने आ गया और पुलिस को भीड संभालने में खासी मशक्कत करनी पडी ।
खैर ....... अब जनता की बारी है देखें वह इस मामले को क्या तुल देती है ।
दिल दहला देने वाली घटना.
ReplyDeleteअति दुखद!!
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