मंगलवार को अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने ईसाई, इस्लाम और यहूदी समुदाय के नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने फ्लोरिडा के चर्च से आग्रह किया कि वह अपने दिमागी फितूर को रद्दी की टोकरी में फेंक दे. होल्डर के मुताबिक अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, ''यह तुच्छ और खतरनाक मंशा'' है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने कहा, ''इससे हमारे फौजियों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी. सेना को खतरे में डालने वाली ऐसी भी कोई भी गतिविधि प्रशासन के लिए चिंता की बात है.'' अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेनाओं के कमांडर जनरल डेविड पेट्रियास भी ऐसी ही चिंता जता चुके हैं. जनरल पेट्रियास के मुताबिक छोटे चर्च की इन हरकतों से सेना के सारे प्रयास विफल हो जाएंगे.
सेंटर के प्रमुख जोन्स का कहना है, ''दूसरे क्या करेंगे या क्या कर सकते हैं, इसके बारे में आरोप लगाने के बजाए हम उन्हें सीधी चेतावनी क्यों नहीं देते. हम इस्लामी कट्टरपंथियों को सीधा ये संदेश क्यों नहीं देते कि अगर ऐसा मत करना. अगर तुम हम पर हमला करोगे तो हम भी तुम पर वार करेंगे.''
फ्लोरिडा के गेन्सविल्ले में डोव वर्ल्ड आउटरीच सेंटर नामक इस प्रोटेस्टेंट समुदाय को इस इलाके में भी बहुत से लोग नहीं जानते हैं. लेकिन 11 सितंबर की बरसी पर अपने गिरजे के अहाते में कुरान की प्रतियां जलाने की घोषणा के साथ वह अचानक सुर्खियों में आ गया है. अमेरिका के ईसाई, यहूदी व मुस्लिम संगठन चिंतित हैं. उन्होंने मीडिया से अपील की है कि वे इस मामले को महत्व न दें.
आखिर चर्च नें ऐसा कदम क्यों उठाया है जिससे एक धार्मिक व पूजनीय स्थान का सीधा सीधा दुसरे धर्म पर हमला करने जैसी बात हो गई है । इसकी वजह है ओबामा का मुस्लिमों के प्रति बढती संवेदना । भले ही ओबामा मुस्लिमो के प्रति प्रेम भाव दिखा कर अफगानिस्तान और ईराक में लड रहे अपने सैनिकों पर हो रहे हमले पर कमी कर रहे हों, लेकिन इससे आम अमेरिकी नागरिक क्रोधित हो उठा है । इसका एक उदाहरण तब सामने आया जब एक विरोधी ने एक बड़ा सा कार्टून तैयार किया है, जिसमें लबादा पहने हाथ में कुरान लिए हुए इमाम ओबामा को दिखाया गया है. इसकी वजह यह है कि राष्ट्रपति का मानना है कि न्यूयार्क के ग्राउंड जीरो के पास अन्य धर्मों के पूजास्थलों के साथ एक इस्लामी सेंटर बनाया जा सकता है ।
चुनाव के समय अमेरिकी राष्ट्रपति अपने साथ हनुमानजी की मूर्ति लेकर चलते थे जिससे लोगों को यकिन हुआ कि वे हिंदु धर्मावलंबी होंगे, लेकिन अब वही ओबामा अब उन्हे मुस्लिम लगने लगे हैं । जबकि मेरी धारणा कहती है कि कोई भी लोकतांत्रिक देश का नेता धर्म को नही मानता । यदि हमारे देश के हिंदु नेता एक साथ हो जाएं तो हमारा देश हिंदु देश बन जाएगा लेकिन हम दुनिया को बताने के लिये धर्म निरपेक्षता का लबादा ओढे हुए हैं ।
यूं तो चर्च अपने खतरनाक हमलों के लिये कुख्यात है लेकिन जबसे मुस्लिमो का वर्चस्व बढा उसनें अपने हमले बंद करके मिशनरियों के माध्यम से धर्म परिवर्तन का रूख अख्तियार कर लिया । इनकी मिशनरियों के द्वारा संचालित स्कूलों व अस्पतालों के बारे में आपने कभी गौर किये हैं ! नही । इनकी हकिकत पर गौर फरमाइये -
भिलाई शहर के एक मिशनरी हास्पिटल का नाम है करूणा अस्पताल । यहां आप इलाज करवाने के लिये जार आइये और देखिये इनकी करूणा के भाव । गरीबों का मुफ्त या सस्ते में इलाज का दावा ठोंकने वाली मिशनरीज की पोल खुल जाएगी । यहां के स्टाफ का दुर्व्यवहार अब हर जगह पहुंच गया है जिससे लोग यहां आने से अब कतरा रहे हैं । अस्पताल के साथ के मेडिकल स्टोर्स में जिन दरों पर दवाइयां मिलती है वही दवाइयां दुसरे मेडिकलों में 20 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं और अगर आपने गलती से बाहर की दवाइयां ले लिये हैं तो फिर भूल जाइये कि इस अस्पताल में आपकी खातिर हो सकेगी ।
ये तो मेरे शहर के एक अस्पताल का हाल है तो बाकि जगहों के हाल की कल्पना हम कर सकते हैं । हां एक बात सही है कि मिशनरी आदिवासी इलाकों में मुफ्त इलाज और मुफ्त शिक्षा जरूर बांटती है लेकिन एक छोटी सी शर्थ के साथ कि आप हमारे धर्म को अपनाओ । ईसाई बन जाओ ताकि जन्नत में आपको पूरे एशोआराम मिल सकें ।
मेरी ऊपर लिखी बातें जादू के पिटारे की तरह है ताकि आप वह पढें जो मैने लिखा है अब बात करें कुरआन जलाने की ।
कुरआन जलाकर चर्च क्या बताना चाहता है ? दरअसल चर्च अपने घटते वर्चस्व को लेकर चिंतित हो रहे हैं । रविवार को चर्च में लोग कम आ रहे हैं लेकिन शुक्रवार को मस्जिदों में भीड बढ रही है , मंदिरों से लोग जुड रहे हैं । इसलिये मुस्लिम आतंकी संगठनों की आड में चर्च कुरआन जलाने जैसा घिनौना षणयंत्र रच रहा है वह बताना चाहता है कि पूरा मुस्लिम धर्म ही आतंकी हैं ।
क्या होगा जब कुरआन जलेगी ? जब चर्च कुरआन जलाएगी तो इसकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया होगी, आतंकी संगठनों को फसाद फैलाने का भरपूर मौका । आतंकी संगठन तुरंत इस्लाम खतरे में है कहकर मुस्लिम युवाओं का उन्माद बढाएंगे और चर्च पर हमले शुरू करवा देंगे । जब चर्च पर हमले होंगे तो मजबूरन वेटिकन चर्चों के बचाव में उतरेगा और इसका अर्थ होगा धर्म की आड में दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की कगार पर खडा हो जाएगा । ईरान इस्त्रायल पर हमला बोलेगा, चीन पाकिस्तान की मदद से अफगानिस्तान पर हमला बोलते हुए अफ्रीका पर कब्जा जमाने पहुंचेगा . उधर सूडान भी मौका पाकर अपने आसपास के कबीलेनुमा देशों पर हमला बोल देगा ।
अभिव्यकि की स्वतंत्रा की भी सीमा होनी चाहिए...
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