Wednesday, October 17, 2012

मनमोहन के बाद कट्टर हिंदुत्व लाएगी कांग्रेस ।

ये एक दुर्लभ संयोग है की वर्तमान समयकाल जो दृष्य दिखला रहा है उसे सैकडों वर्ष पूर्व नास्त्रेदमस देख चुके हैं औऱ अपनी पुस्तक में लिख भी दिये हैं । यह अजब परिस्थिति शुरू से ही रही है की जब तक वह समय बीत नही जाता है लोगों को यह आभास तक नही होता है की नास्त्रेदमस की पुस्तक के अनुसार वह घटना घटित हो रही है । जैसा की मैने पहले भाग में लिखा था की मनमोहन सिंह वह व्यक्ति है जो हमारे देश का नेतृत्व 9 सालों तक संभालेंगे और उसके बाद कोई दक्षिण भारतीय नेता सत्ता संभालेगा । यह क्यों और कैसे होगा यह तो समय ही बतलाएगा किंतु यह तय है की वह समय किसी भी क्षण आ सकता है । 
                                           इस समय कांग्रेस के लिये कुछ चीजें जो सिरदर्द बनी हुई है वह भ्रष्टाचार , पार्टी की घटती साख और दुसरे क्षेत्रीय दलों  का बढता प्रभाव । इस समय सोनिया अपनी पार्टी की पारंपरिक निती को अपनाते हुए जो कदम उठा सकती है वह है मनमोहन को हटाने का ( या हो सकता है संयोगवश मनमोहन की मृत्यु हो जाये ) मनमोहन के जाते ही नई मंत्रणा चलेगी और पार्टी के सामने जो समस्या सबसे बडी खडी होगी वह होगी स्वयं को धर्मनिरपेक्ष बतलाने की । अभी तक कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टिकरण की निती वाला दल माना जाता रहा है कितु सलमान खुर्शीद पर उठ रही उंगली और खुलेआम मिल रहे भ्रष्ट सबूतों के कारण अब उसका यह पत्ता पार्टी और देश दोनो के लिये खतरनाक होग सकता है यह आलाकमान समझने लगा है । 
                              वैसे भी कांग्रेस का मुस्लिम कार्ड पूरी तरह से मुलायम सिंह खेल रहे हैं इसलिये अब कांग्रेस किसी कट्टरवादी हिंदु को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहेगी जो दक्षिण भारत का हो इससे उसे दक्षिण भारत के क्षेत्रीय दलों का समर्थन आसानी से मिल जाएगा और मुलायम के ऊपर दबाव बढ जाएगा जो स्वयं  प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, साथ ही नरेन्द्र मोदी जिनकी छबी कट्टर हिंदुवादी की है और वर्तमान समय में उनके आगे देश के सारे नेता बौने के नजर आ रहे हैं उनसे भी काफी हद तक टक्कर लेने में पार्टी समर्थ हो सकेगी ।  कोई ऐसा व्यक्ति जो देश की सबसे बडी हिंदु बहुसंख्यक आबादी को अपनी कार्यशैली से प्रभावित करके दुसरे दलों को नेस्तनाबूत कर सके और अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का परचम वापस फहरा सके ऐसे वय्कति की तलाश शायद पूरी हो चुकी है और जल्द ही राष्ट्रपति को भी बतला दिया जाएगा की अगला प्रधानमंत्री ये रहे  ।  इस समय प्रधानमंत्री बदल कर  कांग्रेस देश का ध्यान भ्रष्टाचार से भी हटाने में सफल हो सकेगी और अरविंद केजरीवाल जैसे नये सत्तालोलुपों को भी सबक सिखा देगी । 
                                 यह सब कुछ घटित होगा मनमोहन के सत्ता संभालने के 9वें साल में और अब इंतजार करो दो छोटे छोटे देशों के बीच लडाई शुरू होने का और नवंबर में एक उल्का पिंड गिरने का ।

1 comment:

  1. ye nitant asambhav hai. congress kabhi hindu card khel hi nahi sakati. use pata hai ki bina hindu card khele hi moorkha hindu use vote de rahe hai, to use kya jaroorat hai hindu card khelane ki?

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