यदि आप भिलाई में रहते हैं तो इन्हे जरूर जानते हैं । ... आप हैं दीपक बुक डिपो के संचालक श्री धनराज टहल्यानी । मैं इनका उल्लेख इस लिये कर रहा हूँ क्योंकि इनके जानने वालों नें इन्हे इस तरह से चिंता करते कभी नही देखा होगा । दरअसल इनका काम हैं पुस्तकों का व्यवसाय .. पूरी तरह से साफ सफाई वाले इस व्यवसाय में इनकी परेशानी बाजार में लगातार बढनें वाली धूल है जिससे इनकी नई किताबें कुछ ही घंटो में पुरानी दिखने लगती है । इस चिंता में केवल यही नही बल्कि आसपास के सभी व्यापारी पडे हुए हैं । मैं इस बाजार का अध्यक्ष हूँ इसलिए गुरूवार की मिटींग में मुझसे इस समस्या का हल करनें को कहा गया । मैने अपने साथियों से सलाह मशवरा किया जिसका परिणाम यह निकला कि सबसे ज्यादा धूल बाजार में बिल्डिंग मटेरियल सप्लायरों के यहां से ही निकल रही है । बार बार मना करने के बाद भी वो अपना ईंटा रेती सडक पर डालनें से बाज नही आ रहे हैं । हमने जाना कि उनका यह व्यवसाय सडक के बीच में गड़ा बिजली का खंबा है जिसकी आड में ये अपना धंधा चलाना चाहते हैं । बस फिर क्या था शनिवार तक बिद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा सहयोग ले कर सारी तैय्यारीयां कर ली गईं और कल यानि सोमवार को (बाजार अवकाश) पुराना जर्जर खंबा निकाल कर नया खंबा लगा दिया गया ।Tuesday, June 15, 2010
भिलाई में जनहित के कामों पर कोई रोक नही ।
यदि आप भिलाई में रहते हैं तो इन्हे जरूर जानते हैं । ... आप हैं दीपक बुक डिपो के संचालक श्री धनराज टहल्यानी । मैं इनका उल्लेख इस लिये कर रहा हूँ क्योंकि इनके जानने वालों नें इन्हे इस तरह से चिंता करते कभी नही देखा होगा । दरअसल इनका काम हैं पुस्तकों का व्यवसाय .. पूरी तरह से साफ सफाई वाले इस व्यवसाय में इनकी परेशानी बाजार में लगातार बढनें वाली धूल है जिससे इनकी नई किताबें कुछ ही घंटो में पुरानी दिखने लगती है । इस चिंता में केवल यही नही बल्कि आसपास के सभी व्यापारी पडे हुए हैं । मैं इस बाजार का अध्यक्ष हूँ इसलिए गुरूवार की मिटींग में मुझसे इस समस्या का हल करनें को कहा गया । मैने अपने साथियों से सलाह मशवरा किया जिसका परिणाम यह निकला कि सबसे ज्यादा धूल बाजार में बिल्डिंग मटेरियल सप्लायरों के यहां से ही निकल रही है । बार बार मना करने के बाद भी वो अपना ईंटा रेती सडक पर डालनें से बाज नही आ रहे हैं । हमने जाना कि उनका यह व्यवसाय सडक के बीच में गड़ा बिजली का खंबा है जिसकी आड में ये अपना धंधा चलाना चाहते हैं । बस फिर क्या था शनिवार तक बिद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा सहयोग ले कर सारी तैय्यारीयां कर ली गईं और कल यानि सोमवार को (बाजार अवकाश) पुराना जर्जर खंबा निकाल कर नया खंबा लगा दिया गया ।
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आप बहुत अच्छा लिखते हैं। आप से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
ReplyDeleteआप ने अपनी ब्लॉगर्स बिरादरी में मुझ नाचीज़ को अपने क़ीमती अलफ़ाज़ से नवाज़ कर जो हौसलाअफ़ज़ाई की है उसका में तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूं।