राखी के इंसाफ ने ली युक की जान ... अभी अभी ये खबर मैने दैनिक भास्कर में पढी । मुझे लगता है इसमें राखी की कोई गल्ती नही है गल्ती है उस मरने वाले व्यक्ति लक्ष्मण की .. अव्वल तो उसे इस शो में आना नही था और आता भी तो पहले अच्ठे से गालीयां सीख कर आता क्योंकि राखी तो कब किसको क्या कहेगी ये तो वह खुद भी नही जानती । लेकिन लक्ष्मण की जान निकल चुकी है तो अब किससे कहा जाएगा । हाँ अब आपसे ये कहा जा रहा है कि सावधान हो जाइये .. या तो राखी का इंसाफ दिखाने वाले चैनल का बहिष्कार किजिये या फिर अपने बेटों को गाली सुनने और बेटीयों को गाली देने की आदत पडते देखते रहिये और हाँ ... खामोश...... जो एक शब्द भी कहे तो .. ये राखी का इंसाफ है ।
अब इसमें राखी का क्या दोष है जब जनता उसकी चटपटी खबरों को पढना चाहती है और बेतुकी और अश्लील भाषाएं देखने के लिये टीवी पर उसके इंटरव्यूह ढुढती रहती है फिर इसमें जनता का क्या दोष वे तो चैनल वालो की मेहरबानी से राखी सावंत को घरो घर की महारानी बनते देख रहे है .
यानि राखी कहे जनता मुझे देखना चाहती है , जनता कहती है चैनल हमें ये क्यों दिखा रहा है तो चैनल कहता है आप नही वो दुसरा आदमी देखना चाहता है इसलिये हम दिखा रहे हैं आपको नही देखना है तो चैनल बदल दो ।
मतलब ये कि जैसे ना चाहकर भी जैसे केन्द्र शासन को झेलना पड रहा है वैसे ही घर में राखी को झेलो
ऐसे घटिया कार्यक्रमों पर पाबंदी लगनी चाहिये। मुझे लगता है कि ये शो सुश्री किरण बेदी के शो की नकल करने का एक असफल प्रयास मात्र है। लेकिन किरण बेदी और राखी सावंत की तुलना नहीं हो सकती। बल्कि राखी सावंत जैसों की किसी से भी तुलना हो ही नहीं सकती।
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