जी हां यदि आप बाजार से प्याज खरीदने जा रहे हैं तो सावधान रहें यदि पने एकाध दो किलो खरीदे तो कोई बात नही मगर 4-5 किलो खरीदते किसी ने देखा तो हो सकता है कि जलन के मारे वह आयकर विभाग को खबर कर दे कि आपने 5 किलो प्याज खरीदा है ... औऱ फिर आप पर जांच बैठ जाए कि आखिर आपने इतना प्याज कैसे खरीद लिये । अब आप कहेंगे कि लोग तो सोना खरीद लेते हैं उन्हे कुछ क्यों नही कहते तो जनाब उसका जवाब आपको मिलेगा कि भाई लोग सोने को खरीद कर कहां रखते हैं घर में या फिर बैंक लाकर में जिन्हे हम कभी भी ढुंढ निकालेंगे लेकिन तुमने ये क्या दिया ... भई प्याज खरीद कर तो तुम खा जाओगे फिर उसको हम कैसे जब्त कर पायेंगे ।
तो जनाब इसके पहले कि आयकर विभाग से इस तरह के सवाल उठने से बचना चाहते हो तो एकाध पाव प्याज लेकर ही काम चलाओ ।
Thursday, December 23, 2010
Wednesday, December 22, 2010
महंगाई और बढाओ
सरकार ने बुधवार को एमएमटीसी सहित व्यापार करने वाली अपनी तीन कंपनियों से प्याज का आयात करने को कहा है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी जैसी तीन सार्वजनिक कंपनियों के अध्यक्षों से मिला और उनसे प्याज का आयात करने के अनुबंधों की ओर ध्यान देने को कहा है ।
अब प्याज की आड में कितने का घोटाला सामने आएगा ये बाद कि बात है पर अब देश की जनता कह रही है कि हे भगवान महंगाई भले बढ जाये पर इस सरकार के घोटाले तो कम हों । जिस चीज में देखो उसमें भ्रष्टाचार हो रहा है । शरद पवार कहते हैं कि प्याज के भाव अगले 3-4 हफ्ते तक बढे रहेंगे नतीजा दन् से 40 का भाव 70 रूपये पर पहुंच गया । शरद पवार के एक बार इसी तरह के बयान के बाद शक्कर 50 रूपये तक जा पहुंची थी और देश को मालूम हो गया कि शरद पवार की देश में कितनी शक्कर मिलें है इसी तरह से प्याज के भाव को बढाने से कमोबेश यही अंदाजा हो रहा है कि तकरीबन 20 -25 हजार हेक्टेयर जमीन पर लगा प्याज बेचने के लिये पवार का ये शिगुफा होगा ( अऱे भई मैं ये नही कह रहा कि सारी जमीन पवार की होगी ) चलो चाहे जो हो पवार के मुताबिक भाव बराबर आ गये होंगे या शायद उनके अंदाज से 10-20 रूपये कम ही होंगे अभी भी भाव । इसलिये अभी महंगाई औऱ बढाओ वरना पवार कहीं ये ना कह दें कि 6 माह तक प्याज के दाम कम नही होंगे ।
अब प्याज की आड में कितने का घोटाला सामने आएगा ये बाद कि बात है पर अब देश की जनता कह रही है कि हे भगवान महंगाई भले बढ जाये पर इस सरकार के घोटाले तो कम हों । जिस चीज में देखो उसमें भ्रष्टाचार हो रहा है । शरद पवार कहते हैं कि प्याज के भाव अगले 3-4 हफ्ते तक बढे रहेंगे नतीजा दन् से 40 का भाव 70 रूपये पर पहुंच गया । शरद पवार के एक बार इसी तरह के बयान के बाद शक्कर 50 रूपये तक जा पहुंची थी और देश को मालूम हो गया कि शरद पवार की देश में कितनी शक्कर मिलें है इसी तरह से प्याज के भाव को बढाने से कमोबेश यही अंदाजा हो रहा है कि तकरीबन 20 -25 हजार हेक्टेयर जमीन पर लगा प्याज बेचने के लिये पवार का ये शिगुफा होगा ( अऱे भई मैं ये नही कह रहा कि सारी जमीन पवार की होगी ) चलो चाहे जो हो पवार के मुताबिक भाव बराबर आ गये होंगे या शायद उनके अंदाज से 10-20 रूपये कम ही होंगे अभी भी भाव । इसलिये अभी महंगाई औऱ बढाओ वरना पवार कहीं ये ना कह दें कि 6 माह तक प्याज के दाम कम नही होंगे ।
Sunday, December 19, 2010
दिग्गी जोकर की दुक्की चाल
बहुत खुब ... दिग्विजय सिंह जो दग्गी राजा कहलाते थे अब कांग्रेस की महारानी और उनके युराज के जोकर बन गये हैं । वैसे भी अब दिग्विजय को लोगों नें महत्व देन बंद कर दिया है और उनकी महत्ता मध्यप्रदेश में तभी तक है जब तक वे अपने आकाओं के जोकर बने रहेंगे । दिग्विजय सिंह अपने को किस हद तक मसखरे साबित कर रहे हैं इसकी बानगी रविवार को देखने को मिली जब उन्होने कांग्रेस महाधिवेशन में संघ के खिलाफ राहुल रागा अलापा । उन्होंने आरएसएस की तुलना जर्मन तानाशाह हिटलर की नाज़ी सेना तक से करने में कोई संकोच नहीं किया। कांग्रेस महाधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए दिग्विजय ने कहा, 'राष्ट्रवादी विचारधारा के नाम पर आरएसएस मुसलमानों को ठीक उसी तरह निशाना बना रही है जिस प्रकार हिटलर ने 1930 में यहूदियों को निशाना बनाने के लिए की गई कार्रवाई को राष्ट्रवाद का नाम दिया था।'
लेकिन एक बात दिग्विजय बताना भूल गये कि आजादी के बाद से अब तक संघ ने कितने मुसलमानों की हत्या की या करवाई है ? दरअसल भारत को संगठित रखने में अब तक के सबसे सफल संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को आतंकवादी संगठन अथवा हिंदु वादी आतंकी संगठन का धब्बा लगाकर कांग्रेस भाजपा को तोडना चाहती है ताकि देश में उनका कोई विरोधी ना बचे । भाजपा नें अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर जैसी ताकत हासिल करी है उसके पीछे कांग्रेसी नेताओं को संघ का महत्व समझ में आ रहा है और वह देश को मजबूत और एकत्रित रखने वाली ताकतों को खत्म करने के लिये संघ पर वार कर रही है ।
दिग्विजय को संघ की तुलना नाजीयों से करनी पडी ताकि राहुल के संघ- सिमि वाले विवाद का पटाक्षेप हो सके लेकिन वे एक बात भूल गये कि यदि संघ हिटलरी सिद्धांत अपनाता तो सोनिया को देश में रहने की अनुमती भी नही मिलती क्योंकि संघ का प्रभाव हर दल और हर भारतीय के ऊपर एक बराबर है चाहे वह कांग्रेसी हो या फिर मुस्लिम । हिटलर ने नस्लवाद को बढावा दिया तथा जर्मनों को शुद्ध आर्य़ रक्त वाला बताते हुए बाकि जातीयों को खत्म करने पर तुल गया था जबकि संघ भारत में हर जाति को साथ लेकर एक मजबूत भारत के निर्माण के लिये प्रयास करता है । कांग्रेसी नेताओं की एक शातिराना चाल होती है जिसके तहत सुनियोजित तरीके से विपक्षी दलों पर हमले किये जाते हैं , उन्हे मानसिक रूप से प्रशानिक अधिकारीयों के द्वारा हतोत्साहित किया जाता है ( जिसे राजनीतीक पद का दुरूपयोग कहा जाता है ) लेकिन खुद की करनी को बडी आसानी से भूला दिया जाता है । घोटाला, भ्रष्टाचार औऱ संघ- सिमि मुद्दे के कांग्रेसी सदमें को दिग्विजय के द्वारा जोकराना अंदाज में उबारने का प्रयास किया जा रहा है । लेकिन याद रखिये संघ पर आरोप लगाने के बाद बिहार में कांग्रेस की जो हालत हुई है उसने केवल देश को मजबूत बनाने की दिशा में एक सुनहरी रोशनी की झलक बाकि देशवासियों को दिखाई है ।
Thursday, December 9, 2010
वर्षा की ठंड में पिघली चुनावी गर्मी
भई वाह 21 दिसंबर को भिलाई नगर निगम के चुनाव होने को हैं और बरखा रानी अपने पूरे शबाब पर आ गई हैं । अकेले आती तो कोई बात नही थी लेकिन साथ में कडकडाती ठंड भी ले आई हैं जिसका नतीजा है प्रत्याशी तो गर्म जोश से भरे हुए हैं लेकिन कार्य़कर्ता ठंड की आड में घरों में घुसे हुए हैं । हर निर्दलीय प्रत्याशी अपना चुनाव चिन्ह छाता लेने के लिये उतावला हो रहा है ताकि छाते के बहाने बरसते पानी में भी उसका प्रचार होता रहे । स्कूली बच्चों के रैनकोट बाहर आ गए हैं, दुकानदारों के लिये ग्राहक दूर हो गये हैं नेताओ को कार्यकर्था नही मिल रहे हैं जो मिल रहे हैं उनके लिये पहले दारू शारू का इंतजाम करना पड रहा है । केवल भिलाई में ही ऐसा नही है बीरगांव का भी यही हाल चल रहा है ।
सडकों पर पानी भर गया है (ये सरकुलर मार्केट की मुख्य सडक है भाई) नेताओं की काली करनी उजागर हो रही है मगर जनता को कोई फर्क नही पडने वाला आखिर उसका क्या जा रहा है जो जा रहा है राज्य का पैसा जो जा रहा है । है नां !
चुनावी बयार में बरखा की फुहारें एक अलग नजारा भी बना रही हैं . अभी निर्दलीयों को उनके चुनावी चिन्ह नही बंटे हैं इसलिये अभी माहौल भी ठंडा है । यदा कदा वार्ड में प्रत्याशी अकेले ही लोगों के घरों में जाकर अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं जिसका फायदा ये हो रहा है कि लोगों के घरों में अभी मेहमानों की आवाजाही भी तकरीबन बंद होन से वोटर भी अपने प्रत्याशी को अच्छे से समझ रहे हैं ।
बीरगांव (रायपुर) का हाल तो और भी बुरा है वहां के निवासी भाजपा से अपने को इतने ज्यादा त्रस्त मान रहे हैं कि शायद वहां पर कमल सडकों पर बने किचड में दब जाएगा क्योंकि जनता हाथ के सहारे अपनी सडक और बिजली की बदहाली को सुधारने की आस लगा रही है । बीरगांव के रहवासी अपनी बीमारी की जड कमल को मान रहे हैं और उसे दूर करना चाहते हैं जबकि बीमारी का इलाज डाक्टर साहेब को कमल के डुब मरने पर ही समझ आएगा । खैर एक संतोष की बात ये है कि कांग्रेस की बागी भिलाई में भाजपा का बेडा पार लगाने को तैय्यार है और भाजपा के बागी पार्षद चुनाव में अपने को मजबूत दिखाने के लिये भाजपा को मटियामेट करने पर तुले हुए हैं यानि महापौर भाजपा की औऱ ज्यादा पार्षद कांग्रेस के .... बनाम जनता की मुसीबतें और भी ज्यादा बढने वाली है ।
सडकों पर पानी भर गया है (ये सरकुलर मार्केट की मुख्य सडक है भाई) नेताओं की काली करनी उजागर हो रही है मगर जनता को कोई फर्क नही पडने वाला आखिर उसका क्या जा रहा है जो जा रहा है राज्य का पैसा जो जा रहा है । है नां !
चुनावी बयार में बरखा की फुहारें एक अलग नजारा भी बना रही हैं . अभी निर्दलीयों को उनके चुनावी चिन्ह नही बंटे हैं इसलिये अभी माहौल भी ठंडा है । यदा कदा वार्ड में प्रत्याशी अकेले ही लोगों के घरों में जाकर अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं जिसका फायदा ये हो रहा है कि लोगों के घरों में अभी मेहमानों की आवाजाही भी तकरीबन बंद होन से वोटर भी अपने प्रत्याशी को अच्छे से समझ रहे हैं ।
बीरगांव (रायपुर) का हाल तो और भी बुरा है वहां के निवासी भाजपा से अपने को इतने ज्यादा त्रस्त मान रहे हैं कि शायद वहां पर कमल सडकों पर बने किचड में दब जाएगा क्योंकि जनता हाथ के सहारे अपनी सडक और बिजली की बदहाली को सुधारने की आस लगा रही है । बीरगांव के रहवासी अपनी बीमारी की जड कमल को मान रहे हैं और उसे दूर करना चाहते हैं जबकि बीमारी का इलाज डाक्टर साहेब को कमल के डुब मरने पर ही समझ आएगा । खैर एक संतोष की बात ये है कि कांग्रेस की बागी भिलाई में भाजपा का बेडा पार लगाने को तैय्यार है और भाजपा के बागी पार्षद चुनाव में अपने को मजबूत दिखाने के लिये भाजपा को मटियामेट करने पर तुले हुए हैं यानि महापौर भाजपा की औऱ ज्यादा पार्षद कांग्रेस के .... बनाम जनता की मुसीबतें और भी ज्यादा बढने वाली है ।
Wednesday, December 8, 2010
भिलाई चुनाव- किसकी नाव डुबेगी
भिलाई नगर निगम के चुनाव की सरगर्मीयां बढ गई हैं । प्रत्याशी अपने अपने ढंग से जनता को रिझाने में लगे हुए हैं । भाजपा और कांग्रस दोनो ने अपने प्रत्याशी मनमाने तरीके से चुन लिये हैं । जो नेताओं की चाटुकारी में लगा रहा उसे ही प्रथमिकता मिली है । कई वार्ड ऐसे हैं जिनमें खडे किये गये प्रत्याशी को वहां के निवासी नाम तक से नही जानते हैं (जैसा कि वार्ड 5 में भाजपा प्रत्याशी के साथ हो रहा है) । इस चुनाव का दिलचस्प तथ्य ये है कि मोतीलाल वोरा जो राष्ट्रीय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं ने वार्ड -1 से अपने के करीबी के लिये टिकट मांगे तो उनकी पार्टी के दोनो विधायकों नें उसका विरोध कर दिया नतीजतन .... वोरा की किरकिरी .... ।
इस चुनाव में भाजपा को महापौर पद के लिये किसी बगावत का सामना नही करना पडेगा जबकि कांग्रेस की निर्मला यादव के लिये नीता लोधी का निर्दलीय नामांकन अभी से सिरदर्दी बन गया है । वार्ड पार्षदों के लिये इस बार दोनो दलों को तरसना पड सकता है क्योकि जिन युवाओं नें पांच साल की मेहनत से जनता के बीच में अपनी पहचान बनाये थे उन्हे टिकिट ना मिलने पर वे निर्दलीय खडे हो गये हैं हाऊसिंग बोर्ड से पियुष मिश्रा, खुर्सीपार से नजमी भाई इसके सशक्त उदाहरण है । निर्दलीयों के जीतने की सबसे अधिक संभावना इसलिये बन रही है क्योंकि भिलाई की जनता पढी लिखी है और स्वविवेक से काम लेना जानती है जबकि दुर्ग व रायपुर में स्थिति इसके उलट है । वार्ड 25 और 26 में दोनो दलों का सीधा सीधा आमना सामना है वार्ड 26 में भाजपा प्रत्याशी खुबचंद का पलडा भारी है जबकि 25 में दो बार से लगातार जीतते आ रहे कांग्रेस प्रत्याशी गफ्फार खान को भाजपा के चद्र प्रकाश आर्य (मुन्ना आर्य) से कांटे की टक्कर मिलती दिख रही है । 23 नं. वार्ड के प्रत्याशी राजेन्द्र अरोरा को भले ही इस बार कांग्रेस से टिकट मिल गई हो लेकिन जनता की नाराजगी उन्हे धूल चटा सकती है ।
परिणाम चाहे जो आए इस चुनावी उत्सव में जनता को अपने खाने पीने का पूरा इंतजाम दिखलाई पड रहा है और वह उसी में खुश रहेगी ।
Friday, December 3, 2010
प्रणव कहिन - भ्रष्टाचार पर खामोश रहो
भाजपा के चूक चुके राष्ट्रीय नेता आडवाणी नें संप्रग पर भ्रष्टाचार बढाने और भ्रष्टों को संरक्षण देने का आरोप लगाए जिसके जवाब में प्रणव मुखर्जी नें एक डायलागी बयान दिया कि भाजपा को भ्रष्टाचार पर मुंह खोलने का कोई अधिकार नही है क्योकि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष कैमरे में रिश्वत लेते देखे जा चुके हैं ।
तो जरा प्रणव साहेब आप बतायें कि क्या हम पत्रकारीता करने वालों को जनता की समस्या छोडकर अब नेताओं के पीछे पीछे चलना पडेगा कि कौन कब कहां किससे कितनी घूस मांग रहा है । प्रणव मुखर्जी को खुद बोलने से पहले सोचना चाहिये कि किस बात पर वो मूर्ख बन जाएंगे । एक बंगारू के रिश्वत लेने का मामला किनारे करके जरा प्रणव साहेब आफ जवाब दिजिये कि आपकी टीम के कलमुंहे कलमाणी की काली करामात कितनी घिनौनी थी जिसकी वजह से पूरा देश अफने को ठगा महसूस कर रहा है औऱ तो औऱ कलमाडी कांड के तुरंत बाद राजा की कहानी भी सामने आ गई । अब आप ठहरे वित्त मंत्री सो जरा हिसाब किताब करके आप ही बता दें कि जितना धन आपके दो आदमीयों नें खाया उससे देश की पूरी जनता के बीच यदि बांटा जाता तो एक एक के हिस्से में कितना धन आता । भई हमें तो हिसाब किताब नही आता पर इतना जरूर जानते हैं कि देश के सारे नागरिकों का कर्जा उतर जाता ।
अब छोडो बंगारू की बात और केन्द्र की करनी की बात करते हैं । आपके साथी तो इतने कमीने और बेशरम है कि उन्हे देश का अनाज सडना पसंद है मगर बांटना गवारा नही है । खुद सैकडा पार फैक्ट्रीयां लगा कर रखे हैं और अपने धंधे की खातिर देश के नागरिकों को चूना लगा रहे हैं । सोनिया राहुल की बात छोडो उनकी औकात तो बिहारी बाबूओं नें बता दिये हैं अपने मनमोहन की सोचो जिसके कंधे पर भी एस.आर.पी. (सोनिया राहुल प्रियंका) की एक बंदुक वैसे ही रखी है जैसे कलमाणी, राजा, क्वात्रोची, सहित सभी कांग्रेसीयों पर रखी हुई है ( आप भी अपने कंधे देख लें) लोकतंत्र की आढ में देश में चल रही राजशाही कहीं कत्लेआम में ना बदल जाए क्योंकि पूरा विश्व गवाह है कि यदि जनता बागी होती है तो शांति राजशाही के खत्म होने के बाद ही होती है । इसलिये सावधान हो जाओ और अपने कंधे को साफ करके कि तुम राजवंश के वफादार हो या देश के ।
Friday, November 26, 2010
26 नवंबर और हम
आज 26 नवंबर ..... हम पर हुए आतंकी हमले की दुसरी बरसी का दिन । इन दो सालों में हमने क्या पाया है या क्या खोया है ये सिर्फ हमें ही जानना है । कल शाम को भारत की तरफ से पाकिस्तान को कडा संदेश भारत की ओर से दिया गया है जानते हैं आप वो संदेश क्या है और कैसे दिया गया ... जानिये बिल्कुल जानिये क्योंकि आम जनता को राजनीती से कोई वास्ता नही होता है औऱ वो केवल अपने लिये दो जून की रोटी जुगाडने में लगी रहती है । यदि एक पत्रकार के नजरिये से संदेश दूंगा तो पूरी कहानी बतानी पडेगी लेकिन एक आम आदमी के नजरिये से बताऊं तो ...... तो शायद आपके दिल में जरूर लगेगी -
ये दिल्ली में बैठी नपुंसक सरकार क्या कर रही है । हमारी छाती को लहूलुहान करने वालों से ये कैसी बातें कर रही है । अऱे जिन्हे बम बंदूक के अलावा कोई भाषा नही आती उन्हे किताबी ज्ञान बता रही है । शर्म करो सरदार अपनी बातों पर, जिन्होने बडे बडे बम दे मारे हम पर उन्हे केवल कडी निंदा और कडी बातों से जवाब दे रहे हो । जिसके साथियों नें हमारे देश की शान ताजमहल होटल को बरबाद कर दिया, उस कसाब को जेल में फाइव स्टार होटल का खाना और आराम दे रहे हो । शर्म करो नेताओं कुछ तो शरम करो इतना पैसा खा गये देश का कि एक देश खरीद सकते हो तुम , फिर भी एक अदने से पाकिस्तान के आगे नतमस्तक क्यों हो गये तुम । जितना पैसा तुम देश द्रोही बन कर लेते हो , याद करो उससे ज्यादा तो तुम एक पुल बना कर कमा लेते हो । दो साल हो गये मुंबई का खून बहे तुमने आँसू पोछना तो दूर सुरक्षा के नाम पर भी पैसा खा गये । खा लो तुम जितना मर्जी पैसा, देश कुछ नही पुछेगा लेकिन ...
अपने सपूतों का खून बहता देख जिस दिन आँसूओं का सैलाब उठेगा हे नेता तू मटियामेट हो जाएगा ।
Thursday, November 25, 2010
बिहार चुनाव जनता का दिया मंतर
कांग्रेस की जो इज्जत बिहार में 4 सीटों के कारण बच गई है उसका मलाल वहां की जनता को जरूर हो रहा होगा । बिहार की जनता नें पासवान और लालू के साथ साथ गांधी नाम की गाडी पंचर कर दी है । जनता के बागी तेवर की शुरूआत कामनवेल्थ से हुई जब सत्ता का देशद्रोही रवैय्या देश नें देखना शुरू किया । सत्ताधारी दल देश के पैसों को इस तरह से हडप रहे हैं जैसे वो उनके बाप का माल हो । खेल के नाम पर, संचार के नाम पर, सोसायटी के नाम पर खुलेआम चल रहे भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करना और देश के अनाज गोदामों में सड रहे अनाज को जनता में बांटने से इंकार करना देश को नागवार गुजरा औऱ बिहार में उसने हर भ्रष्ट दल को और व्यक्तियों को उनकी चुनौती खत्म करते हुए न्याय और विकास की राह चुनी ।
क्या बिहार चुनाव का नतीजा यूँ ही आ गया है ? नही ... ऐसे ही नही आया बिहार चुनाव का अनुकुल नतीजा इसके पीछे था लालू का चारा भूत, पासवान का जाति खेल, राहुल का सिमी - संघ का एक चश्मा, मनमोहन का कायरों की तरह दबे रहना, कश्मीरी अलगाववादीयों को अप्रत्यक्ष समर्थन, देशद्रोहीयों के खिलाफ चुप रहना, हिंदु धर्म समर्थितों पर कार्य़वाही का होना और सब7से बडी बात प्रदेश के विकास कार्य़ों के लिये धन रोकना ।
चाहे जो हो बिहार के नतीजों से पूरे देश को फायदा होगा आखिर नरेन्द्र मोदी के बाद नीतीश कुमार जैसा जुझारू, कठोर लेकिन जनता के हित को समझने वाला दुसरा नेता तो मिल गया ।
अब बाकि देश को समझना है कि भ्रष्ट लोगों से कैसे निपटा जाय ।
Saturday, November 20, 2010
देश को अधिक सक्षम सरकार की जरूरत है- सोनिया उवाच
नई दिल्ली में 10वें इंदिरा गांधी सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश में रिश्वतखोरी और लालच बढते जा रही है । वे मूल्य खतरे में है जिन पर आजाद भारत खडा हुआ है और आज देश को अधिक सक्षम और प्रभावी सरकार की जरूरत है । ऊंची आर्थिक विकास दर ही सब कुछ नही है ।
सोनिया जी के इस कथन पर लोग अपनी अपनी सोच से कुछ भी कह सकते हैं लेकिन हमें ये सोचना है कि यदि सोनिया जी को वाकई में ऐसा लग रहा है कि देश में कांग्रेस शासन अपना प्रभाव आम जनता के बीच में नही बना सकी है तो जाहिर है अब कांग्रेस आत्ममंथन में जुटेगी । जहां तक अपनी सरकार बनाने की बात है तो यूपीए गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ बदनामी ही आती है जबकि अच्छाई दुसरे दल अपने नाम करके राज्य में प्रशंसा बटोर लेते हैं ।
सोनिया गांधी नें देश में बढती रिश्वतखोरी और लालच के प्रति संवेदना जाहिर तो कर दी लेकिन भ्रष्टाचार का नाम तक नही .........
सोनिया जी के इस कथन पर लोग अपनी अपनी सोच से कुछ भी कह सकते हैं लेकिन हमें ये सोचना है कि यदि सोनिया जी को वाकई में ऐसा लग रहा है कि देश में कांग्रेस शासन अपना प्रभाव आम जनता के बीच में नही बना सकी है तो जाहिर है अब कांग्रेस आत्ममंथन में जुटेगी । जहां तक अपनी सरकार बनाने की बात है तो यूपीए गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ बदनामी ही आती है जबकि अच्छाई दुसरे दल अपने नाम करके राज्य में प्रशंसा बटोर लेते हैं ।
सोनिया गांधी नें देश में बढती रिश्वतखोरी और लालच के प्रति संवेदना जाहिर तो कर दी लेकिन भ्रष्टाचार का नाम तक नही .........
मच्छर और ताली बजाते लोग
आइये आपका स्वागत है ताली बजाने वालों के प्रदेश में .. ना...ना अरे भई गलत मत समझिये दरअसल हमारे प्यारे राज्य की सरकार को मच्छरों से प्यार हो गया है और सारा प्रदेश अब ताली बजा बजा कर डंक चुभाते मच्छरों को अपने से दूर करने का प्रयास कर रहा है । मच्छरों की आबादी बढ रही है जिसके जिम्मेदार कुछ हम लोग भी है जिन्होने अपने कूलरों का पानी अब तक खाली नही किये हैं और घर की छतों, बगीचों, टंकी और गमलों में जमा पानी की निकासी या सफाई का समुचित उपाय नही कर रखे हैं । चलिये इतनी गल्ती तो हम जनता लोग कर रहे हैं लेकिन सरकार क्या कर रही है ? हम अपने घरों की नालियों की सफाई तो करवा लेते हैं लेकिन आगे की सार्वजनिक नालीयों की सफाई कौन करेगा ?
इस बात की शिकायत हमारे कार्य़ालय में पधारे प्रख्यात पुजारी पं. रामनरेश जी पाण्डेय जी की है । इनका कथन सुनिये - हम अपने घरों की पुरी सफाई दीवाली के पहले ही करवा लेते हैं इसके पीछे का बडा कारण होता है कि ठंड के समय मच्छरों की आबादी अचानक बढ जाती है ठंड में पंखे नही चलते इस वजह से ये बडे आऱाम से हमारे घरों में घुस कर खून चूसते रहते हैं । हमने तो अपने घर की पूरी सफाई करवा लिये हैं यहां तक की नालियों में हर तीन चार दिन में फिनाइल या मिट्टीतेल का छिडकाव करते रहते हैं लेकिन फिर भी मच्छरों की आबादी लगातार बढती जा रही है । इसके जिम्मेदार निगम अधिकारी हैं जो क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की निरंतरता नही बना रहे हैं । शहर की सभी नालीयां खुली हुई है पानी जगह जगह रूका हुआ है और तो और गंदे पानी की निकासी करने वाला नाला ही गंदगी से अटा पडा है । बडे नालों की सफाई साल में दो बार होना जरूरी है जबकि लगभग डेढ साल से नाले की सफाई नही हुई है जिसके कारण गंदा पानी रूका रहता है । शहरों में मच्छर इन्ही गंदे नाले नालियों से होकर हमारे घरों पर धावा बोलते हैं ।
ये सवाल केवल एक का नही है बल्कि हर शहर के निवासियों का है, लेकिन प्रशासन तब होश में आता है जब लगातार मलेरिया से होने वाली मौतों का आंकडा बढते जाता है । कल एक विधायक के चाचा की मौत मलेरिया से हुई तो आज की खबर बन रही है ।
Wednesday, November 17, 2010
भिलाई- बढते नाबालिग अपराध
क्या पता ये खबर लिखते लिखते और ना जाने कितने लोग मासूम बच्चों की नादान चोरी का शिकार बन जाएं । गत दिनों भिलाई की एक दुकान और एक शिक्षिका के निवास पर ऐसे ही हुआ जिसके अपराधी नाबालिग हैं लेकिन जो बात चौंकाने वाली है वो ये कि स्कूल में पढने वाले एक छात्र की उम्र महज 12 की साल की है । कल भिलाई क्राइम ब्रांच नें कल एक नाबालिग गिरोह को जब पकडे तो अधिकारी भी सन्न रह गए । इन बच्चों नें शिक्षिका के घर बकायदा प्लांनिंग के साथ चोरी किये थे सबसे पहले ये लोग शिक्षिका के घर ट्यूशन पढनें के लिये दाखिला लिये ट्यूशन पढते पढते चोरी की रूपरेखा बनाते रहे फिर कुछ दिनों के बाद शिक्षिका की अनुपस्थिति में एक बच्चा घर में शिक्षिका के बच्चे के साथ खेलने लगा और उसके साथी दुसरे कमरे में सामान बटोरते रहे । दुसरे दिन से बच्चों नें ट्यूशन पढने जाना बंद कर दिये तो शिक्षिका को इन पर शक हुआ लेकिन सुपेला थाने में उनका बताया पता गलत निकला । खैर ये बच्चे कल पुलिस की गिरफ्त में आ तो गये लेकिन इसके बाद कई सवाल खडे हो जाते हैं । इन कम उम्र मासूम बच्चों की शातिराना चोरी का अंदाज .......
Tuesday, November 16, 2010
भिलाई निगम चुनाव- भाजपा को झटका लगने को है भाई
वैशाली नगर विधानसभा में नगर निकाय चुनावों की तैय्यारीयों के लिये प्रशासन तो तैय्यार हो रहा है लेकिन उम्मीदवारों के लिये हर दल में दंगल मचा हुआ है । चूंकि महापौर पद पिछडे वर्ग की महिला हेतू आरक्षित हो गया है सो और भी ज्यादा मुश्किलों का सामना कर पड रहा है । भिलाई नगर विधानसभा के कांग्रेस विधायक बी.डी.कुरैशी की यदि मानी जाए तो उनके अनुसार पार्टी इस बार केवल प्रत्याशी की तलाश नही कर रही है बल्कि जीतने वाले प्रत्याशी का चयन कर चूकी है जिसका नाम आखिरी समय में उजागर किया जाएगा ताकि दुसरे दलों को संभलने का मौका ना मिल सके । जिले में प्रदेश स्तरीय क्षेत्रिय पार्टी स्वाभिमान मंच के संस्थापक ताराचंद साहू अपने जातिगत वोटों की चाह में हेमलता साहू को अपना उम्मीदवार बना सकते है जबकि भाजपा में श्रीमती टी.जयारेड्डी और श्रीमती अनिता साहू को प्रबल दावेदार माना जा रहा है किंतु विश्वसत सूत्रों की माने तो भिलाई इस्पात संयंत्र से सेवानिवृत एक प्रमुख अधिकारी की पत्नि की सशक्त दावेदारी बनने की उम्मीद है जिसे भाजपा अपना ट्रंप कार्ड बता रही है क्योकि उक्त महिला के मायके और ससुराल दोनो पक्षों की राजनीती और प्रशासनिक पकड बहुत मजबूत है ।
कांग्रेस के लिये इस चुनाव में कोई मुद्दा महत्वपूर्ण नही है क्योंकि उनके अनुसार बीजेपी हर बार की तरह इस चुनाव को अपनी अंदरूनी लडाई की वजह से स्वयं को ही हरा लेगी । भाजपा नें अपने कार्यकाल में कोई भी ऐसा काम नही करी जिससे आम जनता के हित को लाभ पहुंचा हो । केवल अपने अधिकार को जताने वाले महापौर का निकम्मापन तो एक कारण है ही लेकिन सफाई कार्य ठेके पर दिया गया जिसकी वजह से किसी भी शिकायत का कोई भी असर निगम अधिकारीयों पर नही पडता है । बजबजाती नालीयां और ठहरे पानी की भरमार की वजह से पूरे क्षेत्र में मच्छरों की ऐसी बाढ आ गई है कि पूरा निगम क्षेत्र के रहवासी हलाकान है लेकिन निगम को कोई परवाह नही होती क्योकि उनका कमीशन बराबर पहुंचता रहता है । हर वार्ड में सौंदर्यीकरण के तहत फव्वारे लगाये गये लेकिन उनकी दुर्गती देखने के लिये आपको उन जगहों पर जरूर जाना चाहिये जो उद्घाटन के पहले ही उजडे से लग रहे हैं । पार्क बनाने की योजना पर काम चला पर निगम के महत्वपूर्ण बाजारों में पार्किंग की कोई व्यवस्था नही की गई । बानगी देखिये कि पावर हाऊस मार्केट जो अपने में चार बडे बाजारों को समाहित करता है जवाहर मार्केट, लिंक रोड मार्केट, ओल्ड सरकुलर मार्केट औऱ सुभाष सब्जी मंडी में एक भी पार्कींग निगम नें नही दी है । व्यापारी अपने दुकानों के सामने ही अपने वाहन लगाते हैं और ग्राहकों को वाहन लिये लिये ठिकाने ढुंढना पडता है । मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा 311 करोड रूपये के निर्माण कार्य जनता को सौंपे गए लेकिन जनता को उन रूपयों के लायक कोई उपयोगी जगह नही लगने की वजह से भ्रष्टाचार नजर आ रहा है । आम जनता का नकारात्मक रूख भिलाई नगर पालिक निगम में इस बार भाजपा को करारी हार दे सकता है ।
संभावित प्रत्याशी कांग्रेस के - नीता लोधी, प्रतिमा चंद्राकर, गुरमीत धनई
संभावित प्रत्याशी भाजपा - टी. जया रेड्डी, अनिता वर्मा,
संभावित प्रत्याशी छ.स्वा.मंच - हेमलता साहू
यकिनन चुनावी परिणाम गुटबाजी पर ही केन्द्रित होंगे जिस दल में जितनी मजबूत गुटबंदी दुसरे दल की उतनी बढती जीत की उम्मीद । भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाला महत्वपूर्ण तथ्य - पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व उनके राजनीतीक गुरू को नजरअंदाज करना भाजपा प्रदेश के लिये अब नुकसानदेह सिद्ध हो रहा है जिसका एक घातक परिणाम विधानसभा चुनाव में दिख चुका है । मुख्यमंत्री रमन सिंह की छबी भले अच्छी हो लेकिन निगम कामों के लिये जनता उनके पास तो नही जाएगी ।।। है ना -
Sunday, November 14, 2010
ये रहे क्रांतीकारी और ये हैं कांग्रेसी
पढने से पहले सोच लें कि आप किस मुद्दे को देखना चाहेंगे । संघ और कांग्रेस का आरोप प्रत्यारोप या फिर कांग्रेस की कपटी चाल को । अभी अभी फेसबुक पर मैने श्री शिवनाथ झा की भेजी कुछ तस्वीरें देखी तो हैरान रह गया कि कितनी खामोशी से कांग्रेसी लोगों नें हमें गुमराह करके भ्रष्ट इतिहास से परिचित कराते आए हैं । मैं उसी काग्रेसी शिक्षा को श्रद्धांजली देते हुए आजाद कांग्रेसीयों के प्रथम नेता (?) की जन्मतिथी पर कुछ कलमांजली प्रस्तुत कर रहा हूँ । आप हैं आजाद कांग्रेसी मुल्क के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू । इन्होने भारत देश के लिये क्या किये ये नही मालूम सिवाय इसके कि जेल में रहते हुए इन्होने भारत की खोज कर लिये थे । आज है कोई कांग्रेसी जो इस बात का जवाब दे सके कि क्रांतीकारी भी तो जेल जाया करते थे और कितने क्रांतीकारीयों को जेल में लिखने के लिये कागज कलम दी जाती थी ? जेल में रहकर भारत की खोज करने वाले शख्स के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है लेकिन इसके इस रूप से आप कितने परिचित हैं कि भारत के विभाजन का मुख्य जिम्मेदार यही व्यक्ति है, चीन से हमें हार का परिचय दिलाने वाला शख्स यही है । आज भारत की सरकार चीन युद्ध पर कोई बात सार्वजनिक नही कर रही है यहां तक की चीन सरकार भी कहती है कि ऐसा कोई युद्ध 1962 में नही हुआ तो क्या यही सच्चाई है कि जवाहर नें तिब्बत को बर्फिला रेगिस्तान को पाने के लिये अपने संसाधन झोकने से मना कर दिये थे । छोडिये पुरानी बातों को और नई बातो पर आते हैं
जरा साथ की तस्वीर को गौर से देखिये ये हैं नेहरू के नाती (बेटी का बेटा) राहुल गांधी । अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद राहुल ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वो किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि राहुल यहां एक छद्म नाम रॉल विंसी के नाम से कार्य करते थे। क्या कोई व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर किसी प्रतिष्ठित संस्था में काम कर सकता है । इन्होने तो ऐसा कोई काम नही किये जिससे देशहित दिखलाई पडता हो सिवाय इसके कि गरीबी कि आड में इन्होने सिर्फ गरीबी का मजाक बना कर रख दिये ।
आप इन सरदार जी की तस्वीर को पहचानते हैं ? नही .. या फिर शायद कुछ कुछ ... है नां ... जरा गौर से देखिये इस तस्वीर को ये है खतरनाक आतंकवादी उधम सिंह जिन्होने जालियावालाँ बाग में सैकडों आजादी के दीवानों को गोलियों से भून कर देश में अंग्रेजी हुकुमत का डंका बजाने वाले जनरल डायर की ब्रिटेन में जाकर गोलियों से निर्ममतापूर्क हत्या कर दी थी और 4 जून 1940 को हत्या का दोषी ठहराया गया तथा 31 जुलाई 1940 को उन्हें 'पेंटनविले जेल' में महान ब्रिटिश हुकुमत द्वारा फाँसी दे दी गयी ।
इस महान शहिद के लिये ऐसा कथन अटपटा लग रहा होगा लेकिन इस बात पर आप क्या कहेंगे कि इनका अस्थी कलश ब्रिटेन से भारत 31 जुलाई 1974 को लाया गया । इसके अलावा एक तस्वीर और देख लिजिये
ये हैं महान शहिद ए आजम उधम सिंह के पौत्र जीत सिंह । ( इनके दुसरे हाथ पर भी गौर किजियेगा )
तो ... क्या अब मुझे अच्छा लगेगा बाल दिवस
Saturday, November 13, 2010
भिलाई - 6 लाख रूपये की लूट
आज शाम4-5 बजे के दरम्यान कैलाश नगर, भिलाई, छत्तीसगढ निवासी एल.आई.सी.एजेंट आशीष जोशी के साथ दिन दहाडे 6 लाख रूपये की लूट हो गई । आशीष जोशी अपने काम के लिये 6 लाख रूपये नगदग लेकर एच.डी.एफ.सी. बैंक से वापस घर जा रहे थे तभी कालीबाडी (हाऊसिंग बोर्ड) के चौक पर पल्सर गाडी में सवार दो युकों नें उनकी गाडी को रूकवाते हुए कहे कि आपकी गाडी से पेट्रोल गिर रहा है । गाडी के पिछले हिस्से में जाकर आशीष नें देखा कि गाडी ठिक ठाक है तो वापस गाडी में आकर बैठे । जैसे ही उन्होने गाडी में रखे अपने बैग की ओर देखा तो वह सन्न रह गए गाडी में रखे 6 लाख रूपये गायब थे । उन्होने तत्काल जामुल थाने में जाकर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई । कंट्रोल रूम से होकर खबर सारे शहर में फैल गई तथा नाकाबंदी कर दी गई किंतु अभी तक आरोपी फरार हैं ।
संघ को समझो वरना देश खो दो
क्या हो गया है या क्या हो रहा है इस देश को या देश में किसी को कोई मतलब नही । कविताएं अनवरत बन रही है , लेख धडाधड छप रहे हैं , चैनल चीखे जा रहे हैं, अखबार छपते जा रहे हैं । हर किसी को बस एक ही चीज की पडी है नया मैटर क्या है । अरे भाई जिस देश की आबादी सौ करोड पर पहुंच चूकी हो उसके लिये नये न्यूज की जरूरत तो पडेगी ही । आज आप दिल्ली में छाप लो कल हम भिलाई में छाप लेंगे ... हो गया खबरों का आदान प्रदान लेकिन .. एक खबर ऐसी है जो पिछले कई दिनों से चल रही है पर किसी की नजर नही पडी । मुझे लगा शायद ये मेरे लिये ही है सो मैं इसे बना रहा हूँ । ये खबर हैं राष्ट्रीय स्वयं संघ की मैं उसकी तारीफ करने जा रहा हूँ इसलिये इसे ध्यान पढियेगा ताकि मेरे इस लेख की आलोचना कर सकें । यूँ तो हम इसे संघ के नाम से ही ज्यादा अच्छे से परिचित हैं और संघ के कई किस्से इधर उधर से देखने पढने में आते रहते हैं इसलिये यह अक्सर चर्चित ही रहने वाली संस्था है लेकिन इसकी विशेषता आप जानते हैं ? शायद नही - तो अब जानिये संघ को
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है इसके जितने सदस्य प्रत्यक्ष हैं उससे कहीं ज्यादा अप्रत्यक्ष रूप से जुडे हुए हैं । यह एकमात्र पूर्णतः भारत राष्ट्र को समर्पित संगठन है । सन् 1925 में बने इस संगठन नें केवल राष्ट्रहित में ही काम किया है . गांधी जी की हत्या के बाद इस पर प्रतिबंध भी लगा लेकिन सब कुछ भुलते हुए संघ राष्ट्र की हर आपदा में सबसे पहली कतार मे खडा दिखता है । 1939 में डॉ. आंबेडकर नें पूना प्रवास में स्वयंसेवकों से मिलकर इतना प्रभावित हुए कि उसकी तारीफ करना नही भूले उनका कथन था कि स्वयं सेवक आम लोगों के बीच जात पात का कोई भेदभाव नही देखते हुए जिस सेवाभाव से काम कर रहे हैं वह हैरान करने वाला है । हिंदुवादी संगठन कहलाने वाला संघ गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 , 1965 और 1970 के युद्धों के समय स्वयंसेवक निर्भिक होकर भारतीय सैनिकों की सेवा में लगे रहे । गुजरात में आए तुफान और भूकंप के समय सरकारी सहायता बाद में पहुंची थी सबसे पहले पीडित लोगों नें अपने हमदर्द के रूप में खाकी निकर पहने स्वयंसेवको को अपने साथ खडा पाए जो हर हाल में केवल उनकी सहायता करना चाह रहे थे । गुजरात में मोदी की अनवरत जीत का श्रेय इन्ही स्वयंसेवकों को जाता है जो हरदम आम जनता की सहायता में लगे रहते हैं वो भी बिना किसी धर्म भेदभाव के ।
आज कांग्रेस को उसकी करनी का जवाब केवल संघ दे सकता है । उसे अपने संगठनों को एकत्रित करना होगा केवल स्वयं सेवक संघ ही नही विद्यार्थी परिषद से लेकर आदिवासी परिषद तक देश के हर कोने में बैठे एक एक राष्ट्रवादी व्यक्ति को इससे जुडना होगा । आज कांग्रेस जिस सोनिया पर हुए एक वार से बौखला गई है उसे बताना होगा कि भारतीय आमजन भी ऐसा ही महसूस करता है जब कलमाडी जैसे भ्रष्ट्राचारी को केन्द्र सरकार केवल पद से हटा कर इतिश्री कर लेती है । ये केवल एक औरत और संगठन की लडाई नही है बल्कि पूरे देश की इज्जत और उसके धन को बचाने की लडाई है । इसलिये अब जरूरत है सारे देश को ये समझने की कि कोई भी बयान बेवजह नही आता है सुदर्शन जी नें जरूर कोई बात नोटिस किये होंगे तब कहे हैं क्योंकि संघ गैर जिम्मेदारान कभी नही रहा है ।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है इसके जितने सदस्य प्रत्यक्ष हैं उससे कहीं ज्यादा अप्रत्यक्ष रूप से जुडे हुए हैं । यह एकमात्र पूर्णतः भारत राष्ट्र को समर्पित संगठन है । सन् 1925 में बने इस संगठन नें केवल राष्ट्रहित में ही काम किया है . गांधी जी की हत्या के बाद इस पर प्रतिबंध भी लगा लेकिन सब कुछ भुलते हुए संघ राष्ट्र की हर आपदा में सबसे पहली कतार मे खडा दिखता है । 1939 में डॉ. आंबेडकर नें पूना प्रवास में स्वयंसेवकों से मिलकर इतना प्रभावित हुए कि उसकी तारीफ करना नही भूले उनका कथन था कि स्वयं सेवक आम लोगों के बीच जात पात का कोई भेदभाव नही देखते हुए जिस सेवाभाव से काम कर रहे हैं वह हैरान करने वाला है । हिंदुवादी संगठन कहलाने वाला संघ गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 , 1965 और 1970 के युद्धों के समय स्वयंसेवक निर्भिक होकर भारतीय सैनिकों की सेवा में लगे रहे । गुजरात में आए तुफान और भूकंप के समय सरकारी सहायता बाद में पहुंची थी सबसे पहले पीडित लोगों नें अपने हमदर्द के रूप में खाकी निकर पहने स्वयंसेवको को अपने साथ खडा पाए जो हर हाल में केवल उनकी सहायता करना चाह रहे थे । गुजरात में मोदी की अनवरत जीत का श्रेय इन्ही स्वयंसेवकों को जाता है जो हरदम आम जनता की सहायता में लगे रहते हैं वो भी बिना किसी धर्म भेदभाव के ।
आज कांग्रेस को उसकी करनी का जवाब केवल संघ दे सकता है । उसे अपने संगठनों को एकत्रित करना होगा केवल स्वयं सेवक संघ ही नही विद्यार्थी परिषद से लेकर आदिवासी परिषद तक देश के हर कोने में बैठे एक एक राष्ट्रवादी व्यक्ति को इससे जुडना होगा । आज कांग्रेस जिस सोनिया पर हुए एक वार से बौखला गई है उसे बताना होगा कि भारतीय आमजन भी ऐसा ही महसूस करता है जब कलमाडी जैसे भ्रष्ट्राचारी को केन्द्र सरकार केवल पद से हटा कर इतिश्री कर लेती है । ये केवल एक औरत और संगठन की लडाई नही है बल्कि पूरे देश की इज्जत और उसके धन को बचाने की लडाई है । इसलिये अब जरूरत है सारे देश को ये समझने की कि कोई भी बयान बेवजह नही आता है सुदर्शन जी नें जरूर कोई बात नोटिस किये होंगे तब कहे हैं क्योंकि संघ गैर जिम्मेदारान कभी नही रहा है ।
का कहन सुदर्शन जी
सुदर्शन जी का बयान देश की राजनीती में भूचाल ला रहा है । हर बार की तरह फिर से कांग्रेस की डुबती नैय्या को सोनिया ही पार लगा रही हैं । महंगाई, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, घोटाला और संघ को भगवा आतंकवाद कहने जैसे मुद्दों के बीच अचानक कांग्रेस को सोनिया के भूतकाल की आक्सीजन मिल गई है । के.एस. सुदर्शन पूर्व संघ प्रमुख भी है इसलिये इनके बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिये क्योकि अगर सोनिया अवैध होने के बयान को छोड भी दिया जाए तो बाकि आरोप यदि सच हुए तो ? जरा गौर फरमाएं इस लिंक पर सुरेश चिपलूनकर जहां सोनिया जी के साथ साथ पूरे गांधी परिवार का इतिहास मिल जाएगा । इसलिये मत देखिये कि ये सब मनगढंत कहानी है इसलिये देखिये क्योंकि इसे हर भारतीय को देखना चाहिये और विशेष रूप से हर युवा कांग्रेसी को ताकि वह देशभक्ति और परिवारवादी शक्ति में अंतर समझ सके । औऱ अगर फिर भी कुछ कमी लगे तो भारतीय संसद में हुई इस कार्यवाही को पढें । कोई ये ना सोचे कि सुदर्शन नें एक महिला के बारे में चिप्पणी करे हैं बल्कि ये सोचें कि उनकी टीप्पणी भारत की सबसे शक्तिशाली महिला के विरूद्ध की गई है जो अपने आपको असहाय सी बताती हुई दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में प्रथम दस में स्थान बनाने में कामयाब होती आ रही है, ये चमत्कार नही एक पूरी सोचा समझी साजिश है जिससे आम जनता का वास्ता है ।
अफसोस ये है कि भारतीय मिडिया भी बडे प्यार से सोनिया को बेचारी बताना चाह रही है । आज का अखबार देखिये और न्यूज चैनलों में झांकिये और बताइये कितने लोग कह रहे हैं कि सुदर्शन नें सोनिया को इंदिरा और राजीव का हत्यारा कहे हैं । नही .. कोई नही कह रहा है सभी एक ही राग अलाप रहे हैं कि सोनिया को अवैध संतान कह दिया जबकि हमें ये नही सोचना है कि वो किसकी संतान है बल्कि ये सोचना है कि अगर उन्होने देश के दो राजनेताओं को मारने का षणयंत्र रचा है तो फिर हम उन्हे कहां बैठा कर रखे हुए है यानि कि अब हम वो दिन भी देख सकते हैं जब सोनिया कसाब को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना दे क्योकि जाहिर है कि एक व्यापारी दुसरे व्यापारी की मदद भले ना करे पर एक अपराधी दुसरे अपराधी को बचाने का प्रयास जरूर करता है ।
इस समय संघ को एक साथियों के साथ खडे होने की जरूरत है चाहे संघ का कोई व्यक्ति कैसे भी बयान क्यों ना दे संघ को चाहिये कि वह इस समय सबसे केवल एक ही बात कहे कि संघ को भगवा आतंवादी संगठन बनाने पर तुली सोनिया कांग्रेस के प्रति उसके स्वयं सेवकों की एक भडास है । यदि संघ अपने हर कार्य़कर्ता से दूरी बनाते चले जाएगा तो आमजन भी संघ से दूरी रखना चाहेगा । उसे डर लगेगा कि यदि उसने देश भक्ति के प्रवाह संघ का साथ दिया और एन समय पर अगर संघ नें साथ छोड दिया तो ? तो ...... अब आप क्या सोचें कि आप जो पढ रहे हैं या देख रहे हैं वह आपकी मर्जी है या दुसरे के बताए नजरिये पर आप सोच रहे हैं ।
Friday, November 12, 2010
संघ का धरना, कांग्रेस का हमला
ये कोई मजाकिया व्यंग्यात्मक बातें नही है ये सनसनीखेज खबर है । जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने ऊपर लग रहे कांग्रेसी आतंकवाद का कलंक हटाने के लिये देश भर में धरना प्रदर्शन कर रहा है, ऐसे में देश की राजनीती को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले इलाहाबाद में कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष सहित कई कांग्रेसी नेताओं नें (जिनमें इलाहाबाद शहर के मेयर भी शामिल थे) शहर के आरएसएस दफ्तर पर हमला करके तोडफोड कर दिये । मैने अभी हाल ही में लिखा था कि यदि कोई सोनिया के ऊपर टीप्पटी होती है तो ये कांग्रेसी देश बंद तक का आव्हान कर देते हैं लेकिन हमारे देश की एक ऐसी राष्ट्रवादी संस्था जिसके साये में आज हर हिंदुस्तानी चौन की सांस ले रहा है उसके खिलाफ इस तरह का हमला देश को कहां लेकर जाएगा ये सोचने की बात है । मैने कल ही कहा था कि संघ को बाचाओ वरना देश गंवाओ ... अभी भी समय है हमें हर हाल में आरएसएस पर हुए हमले का जवाब देना होगा वरना ये कांग्रेसी जिस तरह से हमें गढ्ढे में गिराते चले आ रहे हैं उसी में डुबा देंगे । जागो बंधुवर और जाति धर्म से अलग होकर सोचो कि कांग्रेस क्या कर रही है , वह अपने भ्रष्टाचारीयों कलमाडी और अशोक चव्हाण जैसे लोगो को केवल पद से हडा रही है और कोई कार्यवाही नही कर रही है । कसाब जैसे आतंकवादीयों को पालने वाली कांग्रेस राष्ट्रवादी दल को आतंकवादी का दर्जा देकर जवाहर लाल का युग वापस लाना चाहती है ... जागो और बहिष्कार करो कांग्रेस की सभाओं का, उसकी विज्ञपत्तियों का औऱ अफनी कलम के वार से मुहिम छेडो एक राष्ट्रवादी संगठन के लिये ... मेरे लिये नही .. देश के लिये और अपने बच्चों के लिये वरना कोई नही बचेगा सिवाय भ्रष्टाचारियों के ।
राखी सावंत और देश
राखी के इंसाफ ने ली युक की जान ... अभी अभी ये खबर मैने दैनिक भास्कर में पढी । मुझे लगता है इसमें राखी की कोई गल्ती नही है गल्ती है उस मरने वाले व्यक्ति लक्ष्मण की .. अव्वल तो उसे इस शो में आना नही था और आता भी तो पहले अच्ठे से गालीयां सीख कर आता क्योंकि राखी तो कब किसको क्या कहेगी ये तो वह खुद भी नही जानती । लेकिन लक्ष्मण की जान निकल चुकी है तो अब किससे कहा जाएगा । हाँ अब आपसे ये कहा जा रहा है कि सावधान हो जाइये .. या तो राखी का इंसाफ दिखाने वाले चैनल का बहिष्कार किजिये या फिर अपने बेटों को गाली सुनने और बेटीयों को गाली देने की आदत पडते देखते रहिये और हाँ ... खामोश...... जो एक शब्द भी कहे तो .. ये राखी का इंसाफ है ।
अब इसमें राखी का क्या दोष है जब जनता उसकी चटपटी खबरों को पढना चाहती है और बेतुकी और अश्लील भाषाएं देखने के लिये टीवी पर उसके इंटरव्यूह ढुढती रहती है फिर इसमें जनता का क्या दोष वे तो चैनल वालो की मेहरबानी से राखी सावंत को घरो घर की महारानी बनते देख रहे है .
यानि राखी कहे जनता मुझे देखना चाहती है , जनता कहती है चैनल हमें ये क्यों दिखा रहा है तो चैनल कहता है आप नही वो दुसरा आदमी देखना चाहता है इसलिये हम दिखा रहे हैं आपको नही देखना है तो चैनल बदल दो ।
मतलब ये कि जैसे ना चाहकर भी जैसे केन्द्र शासन को झेलना पड रहा है वैसे ही घर में राखी को झेलो
अब इसमें राखी का क्या दोष है जब जनता उसकी चटपटी खबरों को पढना चाहती है और बेतुकी और अश्लील भाषाएं देखने के लिये टीवी पर उसके इंटरव्यूह ढुढती रहती है फिर इसमें जनता का क्या दोष वे तो चैनल वालो की मेहरबानी से राखी सावंत को घरो घर की महारानी बनते देख रहे है .
यानि राखी कहे जनता मुझे देखना चाहती है , जनता कहती है चैनल हमें ये क्यों दिखा रहा है तो चैनल कहता है आप नही वो दुसरा आदमी देखना चाहता है इसलिये हम दिखा रहे हैं आपको नही देखना है तो चैनल बदल दो ।
मतलब ये कि जैसे ना चाहकर भी जैसे केन्द्र शासन को झेलना पड रहा है वैसे ही घर में राखी को झेलो
एक सच्चा राजनेता दे दे बाबा
प्रवक्ता डॉट पर सूरज तिवारी ‘मलय’ का लेख पढने को मिला । लेख से बढिया तस्वीर लगी इसलिये फटाफट कापी पेस्ट करके यहां चिपका दिया । मैं पिछले तीन चार दिनों से भ्रष्टाचार पर लिखे लेख पढता रहा, उनसे संबंधित खबरें छानता रहा लेकिन हर बार इसके इतिहास में जाने में नाकाम होता रहा । फिर ऐसे ही विचार आया कि दिमाग में घुमडते सवालों की बारिश कर ही दूँ तो लिजिये पेशे खिदमत है अनुसलझे प्रश्नों की अजीब भ्रष्टाचारी सवालों में उलझता आमजन -
1 - 15 अगस्त 1947 को जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री किसने बनाया, जबकि आम चुनाव 1952 में हुए थे ?
2 - आजादी के बाद क्रांतीकारीयों को नजरअंदाज करते हुए केवल कांग्रेस को ही देश का सच्चा हितैषी क्यों बताया गया , जबकि भारतीय क्रांतीकारी हरकतों से त्रस्त होकर और भारत की बढती आबादी को नियंत्रित ना कर पाने की भावी संभावनाएं भी एक कारण थी ब्रटिश शासन के भारत छोडने के लिये ?
3 - संघ को भगवा आतंकवादी कहने वाली कांग्रेस अपने को भ्रष्टाचार की अम्मा कहने से क्यों संकोच करती है ?
4 - अभी तक हुए देश के सभी बडे भ्रष्टाचार कांग्रेस के शासन काल में ही हुए हैं चाहे वह बोफोर्स हो या अब तक का कॉमनवेल्थ फिर भी उसे ही सत्ता का मोह क्यों ?
5 - प्रादेशिक पार्टीयों में भी कांग्रेस का साथ हमेशा भ्रष्ट दल ही क्यों देते हैं ?
अब सवालों को छोड कर काम पर लगने वाली बातों पर आ जाया जाए । सारा देश आज महंगाई और भ्रष्टाचार से हलाकान है, गृहणीयों की बातें छोडें और अपनी सोचें तो भी बहुत बुरा हाल दिखाई देता है । कहीं भी जाओ भ्रष्टाचार हर रूप में दिखलाई पड रहा है , चाहे आप सडक पर चलें या पुल पर, बच्चों के खेल मैदान में जाएं या फिर उद्यानों में, सरकारी शौचालयों का हाल देखें या फिर सरकारी अस्पतालों का .. हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है । सडकें गढ्ढों में तब्दील हो जाती हैं लेकिन किसी भी सरकारी दफ्तर पर कोई फर्क नही पडता क्योंकि हिस्सा सब जगह पहुंच चुका होता है । नालियां अधुरी बना कर रोक दी जाती हैं क्योंकि ठेकेदार को पूरा पैसा और अफसरों को पूरा कमीशन मिल चुका होता है । आप कहीं भी जाकर किसी भी जगह देखकर भ्रष्टाचार को पहचान सकते हैं । इन फैलते अमर बेल की लताओं से निपटने के लिये सारे सरकारी दावे खोखले हो जाते हैं बडी मछलियां निकल जाती है और छोटी को पकड कर वाहवाही लुटी जाती है ।
आज जनता को चाहिये कि वह अपने अधिकारों को पहचाने यह कहना लिखना आसान है परन्तु अमल में लाना नामुकिन .. जो जनता आज तक अपने वोटो की किमत नही समझ सकी है वह अपने बाकि अधिकारों को क्या जानेगी । आने वाले समय में फिर से कांग्रेस अपना परचम लहराएगी क्योंकि लालू, मुलायम औऱ पासवान की तिकडी उसके काम आएगी ।
जय देश , जय भारत ?
Wednesday, November 10, 2010
संघ बचाओ वरना देश गवांओ
यदि आप भारतीय हैं और भारत देश को बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को बचाना होगा । ये मत सोचिये कि क्यों बचाएं , बल्कि ये सोचिये कि यदि हम संघ को नही बचाएंगे तो देश को कौन बचाएगा । चाहे आप किसी भी धर्म के हों या किसी भी दल से ताल्लुक रखते हों उससे कोई फर्क नही पडता क्योंकि संघ को मानने वाला व्यक्ति एक भारतीय ही हो सकता है । आरएसएश की कार्य प्रणाली चाहे कैसी भी हो उसकी राष्ट्रभक्ति पर कोई दाग आज तक नही लगा है फिर ये अचानक संघ के कार्यकर्ताओं पर बम धमाकों जैसे घृणित आरोप क्यों लग रहे हैं ? आज जबकि हर आम आदमी केन्द्र शासन का कायराना हरकतें देख रहा है कि किस तरह काश्मीर पर अलगाववादी तत्वों के देशद्रोही पूर्ण बयानों के जारी होने के बाद भी यह निकम्मा शासन शांत बैठा हुआ है और संघ के पदाधिकारीयों पर लग रहे आरोपों पर खुश होकर ताली बजा रहा है तो ये हर हिंदुस्तानी का फर्ज बनता है कि वह केन्द्र में बैठी सरकार से पुछे कि एक राष्ट्रवादी भारतीय संगठन पर आरोप तय करवाने वाली सरकार उमर अब्दुल्ला, राहुल गांधी, अरूंधती राय जैसे नेताओं के बारे में क्या सोच रखती है ( राहुल गांधी- जिन्हे सिमि और संघ का अंतर इसलिये नही पता क्योकि ये एक गरीब लोगों के बीच में रहने वाले लोग हैं इसलिये थोडा अनपढ जैसे हो रहे हैं )
लिखने को तो मैं औऱ भई बहुत कुछ लिख सकता हूँ लेकिन अफने कुछ शुभचिंतकों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए इसे यहीं बंद कर रहा हूँ , केवल एक अनुरोध के साथ कि
संघ बचेगा तभी हम देश को बचा सकेंगे ... वरना चीनी हमारी चीनी खाने कभी भी हमारे घर आ जाएंगे ।
लिखने को तो मैं औऱ भई बहुत कुछ लिख सकता हूँ लेकिन अफने कुछ शुभचिंतकों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए इसे यहीं बंद कर रहा हूँ , केवल एक अनुरोध के साथ कि
संघ बचेगा तभी हम देश को बचा सकेंगे ... वरना चीनी हमारी चीनी खाने कभी भी हमारे घर आ जाएंगे ।
Thursday, November 4, 2010
क्यों ना फोडे फटाके, बच्चे हमारे
हमारे घर के पास रहने वाले एक सज्जन हैं जिनका नाम है धनराज टहल्यानी ... भिलाई शहर के प्रतिष्ठीत पुस्तक व्यवसायी इन सज्जन की चर्चा का विषय था दीवाली पर फटाके फोडने से अपन े बच्चों को मना किया जाना चाहिये . इससे प्रदुषण फैलता है, बच्चों को चोट लगने का खतरा बना रहता है कभी कभी भयंकर दुर्घटना घटने की संभावना भी रहती है वगैरह वगैरह -
" अपने देश के नागरिकों को चाहिये की वे बच्चों को समझाएं की किस तरह से फटाकों का प्रदुषण हमारे लिये जान का खतरा बन सकता है और बन भी रहा है " - धनराज टहल्यानी (ब्रह्मकुमारी)
" मैं ऐसा नही मानता । मेरी सोच में देश के हर नागरिक को अपने इस सबसे बडे त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास से मनाना चाहिये । रही बात प्रदुषण की तो पहले सरकार बडी फैक्ट्रीयों से निकल रहे पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को रोके , धर्म को प्रदुषण से जोडना गलत है " - मो. अकरम खान (संचालक - कोहिनीर इलेक्ट्रीकल्स)
" साल के इस सबसे बडे त्यौहार पर मैं कोई बात नही कहूंगा । .सिवाय इसके कि मैं अपने बच्चों के लिये अगर फटाके लेकर घर नही गया तो दीवाली के दिन घर पर महाभारत हो जाएगी " - हरीश पोपटानी (प्रतिष्ठीत सेनेटरी व्यवसायी)
" किसी भी त्यौहार को रोकने के लिये कुतर्क करना बेकार है । लोगों को चाहिये कि वे धर्म को छोडकर बाकि समस्याओं पर ध्यान दें । दीवाली पर होने वाले प्रदुषण को नापने के लिये विदेशी मशीनें आ जाती है लेकिन फैक्ट्रीयों से निकलने वाले धुए को रोकने के लिये कोई उपाय नही होता । कुछ इसी तरह की बातें बकरीद के बारे में की जाती है कि जीव हत्या बंद करो , लेकिन जो चीजें धर्म के अनुसार हम कर रहे हैं उस पर किसी भी तरह की पाबंदी गलत है " - अख्तर चौहान (संचालक - चौहान लाइम डिपो व समाजसेवी)
" सभी धर्मों को अपनी अपनी तरह के त्यौहार मनाने के लिये पूरी छूट है । किसी भी तरह की ऐसी बातें करना जिससे त्यौहार की चमक खो जाए गलत बात है । मैं इस बात का विरोधी हूँ । यदि प्रदुषण रोकना है तो इन फटाकों को बनाने की फैक्ट्री बंद कर देना चाहिये । सबसे ज्यादा प्रदुषण चीनी फटाकों से होता है हमें लोगों को इनसे बचने की सलाह देना चाहिये । दीवाली में बम, होली में रंग, ईद में सेवंई औऱ क्रिसमस में केक ना हों तो इन त्यौहारों का क्या मतलब " - गफ्फार खान (पार्षद व समाजसेवक)
चलिये हो गई अब बहुत बातें अब जरा खबरों पर आया जाए -
" अपने देश के नागरिकों को चाहिये की वे बच्चों को समझाएं की किस तरह से फटाकों का प्रदुषण हमारे लिये जान का खतरा बन सकता है और बन भी रहा है " - धनराज टहल्यानी (ब्रह्मकुमारी)
" मैं ऐसा नही मानता । मेरी सोच में देश के हर नागरिक को अपने इस सबसे बडे त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास से मनाना चाहिये । रही बात प्रदुषण की तो पहले सरकार बडी फैक्ट्रीयों से निकल रहे पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को रोके , धर्म को प्रदुषण से जोडना गलत है " - मो. अकरम खान (संचालक - कोहिनीर इलेक्ट्रीकल्स)
" साल के इस सबसे बडे त्यौहार पर मैं कोई बात नही कहूंगा । .सिवाय इसके कि मैं अपने बच्चों के लिये अगर फटाके लेकर घर नही गया तो दीवाली के दिन घर पर महाभारत हो जाएगी " - हरीश पोपटानी (प्रतिष्ठीत सेनेटरी व्यवसायी)
" किसी भी त्यौहार को रोकने के लिये कुतर्क करना बेकार है । लोगों को चाहिये कि वे धर्म को छोडकर बाकि समस्याओं पर ध्यान दें । दीवाली पर होने वाले प्रदुषण को नापने के लिये विदेशी मशीनें आ जाती है लेकिन फैक्ट्रीयों से निकलने वाले धुए को रोकने के लिये कोई उपाय नही होता । कुछ इसी तरह की बातें बकरीद के बारे में की जाती है कि जीव हत्या बंद करो , लेकिन जो चीजें धर्म के अनुसार हम कर रहे हैं उस पर किसी भी तरह की पाबंदी गलत है " - अख्तर चौहान (संचालक - चौहान लाइम डिपो व समाजसेवी)
" सभी धर्मों को अपनी अपनी तरह के त्यौहार मनाने के लिये पूरी छूट है । किसी भी तरह की ऐसी बातें करना जिससे त्यौहार की चमक खो जाए गलत बात है । मैं इस बात का विरोधी हूँ । यदि प्रदुषण रोकना है तो इन फटाकों को बनाने की फैक्ट्री बंद कर देना चाहिये । सबसे ज्यादा प्रदुषण चीनी फटाकों से होता है हमें लोगों को इनसे बचने की सलाह देना चाहिये । दीवाली में बम, होली में रंग, ईद में सेवंई औऱ क्रिसमस में केक ना हों तो इन त्यौहारों का क्या मतलब " - गफ्फार खान (पार्षद व समाजसेवक)
चलिये हो गई अब बहुत बातें अब जरा खबरों पर आया जाए -
आप बताएं कि कितने लोग मिलकर कितने फटाके जलायें कि तस्वीर से निकलता धुंआ शरमा कर बंद हो जाये । ये तस्वीर मैं रोज खींच खींच कर भेज सकता हूँ जब हर शाम को 3 बजे के बाद मेरे घर के पीछे की फैक्ट्री इस तरह से धुंआ निकालती है ।
Tuesday, November 2, 2010
कब सुधरेगा मेरा देस
ना ना ना भारत की बात नही कर रहे हैं हैं हम तो अपने देस (छत्तीसगढ) भिलाई शहर की बात बात कर रहे हैं । लेकिन ये मत समझियेगा कि यह केवल एक देस की बात है , ये हमारे देश के हर देस की बात है । एक मित्र ने कहे थे कि अगर दुसरो को सुधारना चाहते हो तो पहले अपने को सुधारो पर ये नही बता पाया कि अगर हमारे सुधरने के बाद भी दुसरा ना सुधरे तो क्या करना होगा । ये कहना है हरीश पोपटानी का ।
किस्सा है भिलाई के ओल्ड सरकुलर मार्केट का । यह पूरे छत्तीसगढ का सबसे सस्ता बाजार कहलाता है लेकिन इसी बाजार के बीच में तीन बिल्डिंग मटेरियल व्यवसायियों की दुकान थी जिनसे सारा बाजार परेशान था । सडक पर पडे ईंटा फैली हुई रेती से सभी व्यापारी परेशान हाल थे । तब मार्केट के व्यापारी संघ का चुनाव किया गया जिसमें उत्त्तम किराना स्टोर्स के संचालक हेमंत चोपडा और ओम किराना के कृपाल बजाज का विशेष सहयोग रहा इसके बाद बना ओल्ड व्यापारी संघ जिसका उद्देश्य था बाजार को व्यवस्थित बनाने के लिये हर संभव प्रयत्न करना । आज से 2 माह पहले बाजार का हाल देखिये ः
ये हाल था हमारे बाजार का । ना पुलिस सुने ना ही निगम में कोई सुनने को खाली था । इसके बाद शुरू हुई व्यापारी संघ विरूद्ध अवैध कब्जाधारीयों की लडाई । तीन बिल्डिंग मटेरियल व्यवसायियों में से एक हरीश पोपटानी नें संघ का साथ देते हुए अपना व्यवसाय बदल कर सेनेटरी का कर लिये । अब बचे दो ... दोनो ही बेहद अकडू , अपने को तुर्रमखाँ समझने वाले दोनो व्यापारियों का ये हाल किया जाने लगा ः-
दांयी तस्वीर में दिख रहे युवा हैं भिलाई निगम आयुक्त श्री राजेश सुकुमार टोप्पो और मध्य में हैं मो. गफ्फार खान । इनके पास संघ की समस्या ज्यों ही पहुंची तुरंत उन्होने अपने मातहतों को निर्देश देकर कार्यवाही करने को कहे जिसका परिणाम आप बांयी तस्वीर में देख रहे हैं । लगातार एक माह तक इसी तरह की कार्यवाही की जाती रही । चूंकी संघ व्यापारीयों के हित के लिये बना था इसलिये हर बार इन व्यवसायियों को केवल समझाइश दी जाती रही । जब निगम और पुलिस की गाडियां आती तो ये गिडगिडाने लगते और कुछ दिन के बाद फिर से वही रवैय्या अपनाने लगे । इसलिये हमारे वार्ड पार्षद मो. गफ्फार खान का सहयोग मांगा गया और निगम आयुक्त से इन व्यपारीयों पर कडी कार्यवाही हेतू आवेदन सौंपा गया । लेकिन दीपावली के कारण निगम नें व्यस्त रहने की बात कह कर टाल दिये जिसका परिणाम ......
यदि इतना ही तो कोई बात नही थी लेकिन इसके बाद दोनो बंधु मिलकर संघ के पदाधियारीयों को धमकाना शुरू कर दिये और उल्टी सीधी अफवाहें उडाने लगे जिससे तंग आकर व्यापारीयों नें उन्हे उनके हाल पर छोडकर अपने अपने काम पर लग गये हैं , आखिर दीवाली में उन्हे ग्राहकी भी तो देखना है जिनसे घर चलता है ।
अब क्या होगा ये कोई नही जानता लेकिन इतना तय है कि हम सुधरेंगे , जग सुधरेगा की बातें गलत है । और अब ये तय कि कहावत बदलने का समय आ गया है कि - स्वयं को सुधारो , जग ना तो सुधरे तो डंडा उठाकर सुधारो फिर भी ना माने तो उन्हे छोडो औऱ अपना काम करो ।-
किस्सा है भिलाई के ओल्ड सरकुलर मार्केट का । यह पूरे छत्तीसगढ का सबसे सस्ता बाजार कहलाता है लेकिन इसी बाजार के बीच में तीन बिल्डिंग मटेरियल व्यवसायियों की दुकान थी जिनसे सारा बाजार परेशान था । सडक पर पडे ईंटा फैली हुई रेती से सभी व्यापारी परेशान हाल थे । तब मार्केट के व्यापारी संघ का चुनाव किया गया जिसमें उत्त्तम किराना स्टोर्स के संचालक हेमंत चोपडा और ओम किराना के कृपाल बजाज का विशेष सहयोग रहा इसके बाद बना ओल्ड व्यापारी संघ जिसका उद्देश्य था बाजार को व्यवस्थित बनाने के लिये हर संभव प्रयत्न करना । आज से 2 माह पहले बाजार का हाल देखिये ः
दांयी तस्वीर में दिख रहे युवा हैं भिलाई निगम आयुक्त श्री राजेश सुकुमार टोप्पो और मध्य में हैं मो. गफ्फार खान । इनके पास संघ की समस्या ज्यों ही पहुंची तुरंत उन्होने अपने मातहतों को निर्देश देकर कार्यवाही करने को कहे जिसका परिणाम आप बांयी तस्वीर में देख रहे हैं । लगातार एक माह तक इसी तरह की कार्यवाही की जाती रही । चूंकी संघ व्यापारीयों के हित के लिये बना था इसलिये हर बार इन व्यवसायियों को केवल समझाइश दी जाती रही । जब निगम और पुलिस की गाडियां आती तो ये गिडगिडाने लगते और कुछ दिन के बाद फिर से वही रवैय्या अपनाने लगे । इसलिये हमारे वार्ड पार्षद मो. गफ्फार खान का सहयोग मांगा गया और निगम आयुक्त से इन व्यपारीयों पर कडी कार्यवाही हेतू आवेदन सौंपा गया । लेकिन दीपावली के कारण निगम नें व्यस्त रहने की बात कह कर टाल दिये जिसका परिणाम ......
यदि इतना ही तो कोई बात नही थी लेकिन इसके बाद दोनो बंधु मिलकर संघ के पदाधियारीयों को धमकाना शुरू कर दिये और उल्टी सीधी अफवाहें उडाने लगे जिससे तंग आकर व्यापारीयों नें उन्हे उनके हाल पर छोडकर अपने अपने काम पर लग गये हैं , आखिर दीवाली में उन्हे ग्राहकी भी तो देखना है जिनसे घर चलता है ।
अब क्या होगा ये कोई नही जानता लेकिन इतना तय है कि हम सुधरेंगे , जग सुधरेगा की बातें गलत है । और अब ये तय कि कहावत बदलने का समय आ गया है कि - स्वयं को सुधारो , जग ना तो सुधरे तो डंडा उठाकर सुधारो फिर भी ना माने तो उन्हे छोडो औऱ अपना काम करो ।-
Friday, October 29, 2010
ऐसे नोट छापो
तस्वीर में दिख रही एटीएम की पर्ची केवल देखने के लिये है, बल्कि इसमें एक मानवीय संवेदना भी है । जरी गौर से इस एटीएम से निकाली गई रकम और बची हुई रकम को देखिये । 100 रूपये निकालने के बाद खाते में शेष रकम मात्र 28 रूपये बची हुई है । अब आप सोचेंगे इस बात से क्या खबर बन रही है है अब खबर भी देखें ।
दुर्ग स्टेशन में हमारे अखबार के रिपोर्टर अनिल राठी अपनी माताजी के साथ दुर्ग रेल्वे स्टेशन में आज दोपहर 1.30 गोंदिया जाने वाली ट्रेन में बैठाने स्टेशन पहुंचे । दोपहर 2.05 पर रायपुर की ओर जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म में खडी हुई थी कि तभी उसकी नजर एटीएम पर उमडी भीड की ओर पडी । वहां जाने पर पता चला कि इस 128 रूपये शेष रकम वाले खाते से निकाला गया सौ रूपये एक तरफ से छपा हुआ था और दुसरी ओर से कोरा । वह लडका रूआँसा हो रहा था कि इस संवाददाता नें उस लडके को तत्काल 200 रूपये देकर ट्रेन की ओर भेजा और वह एक तरफ से कोरा नोट लेकर कार्यालय पहुंचा । नोट देखने के बाद बडी देर विचार विमर्श हुआ और तय किया गया कि इस नोट को संभाल कर रखा जाय । अब ये नोट इस्पात की धडकन अखबार की मिल्कियत बन गया है लेकिन एक बात दिमाग में ये बराबर उठ रही है कि क्यों ना रिजर्व बैंक इसी तरह के नोटों को छापना शुरू कर दे ........
एक तरफ की छपाई का पैसा तो बचेगा ।
दुर्ग स्टेशन में हमारे अखबार के रिपोर्टर अनिल राठी अपनी माताजी के साथ दुर्ग रेल्वे स्टेशन में आज दोपहर 1.30 गोंदिया जाने वाली ट्रेन में बैठाने स्टेशन पहुंचे । दोपहर 2.05 पर रायपुर की ओर जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म में खडी हुई थी कि तभी उसकी नजर एटीएम पर उमडी भीड की ओर पडी । वहां जाने पर पता चला कि इस 128 रूपये शेष रकम वाले खाते से निकाला गया सौ रूपये एक तरफ से छपा हुआ था और दुसरी ओर से कोरा । वह लडका रूआँसा हो रहा था कि इस संवाददाता नें उस लडके को तत्काल 200 रूपये देकर ट्रेन की ओर भेजा और वह एक तरफ से कोरा नोट लेकर कार्यालय पहुंचा । नोट देखने के बाद बडी देर विचार विमर्श हुआ और तय किया गया कि इस नोट को संभाल कर रखा जाय । अब ये नोट इस्पात की धडकन अखबार की मिल्कियत बन गया है लेकिन एक बात दिमाग में ये बराबर उठ रही है कि क्यों ना रिजर्व बैंक इसी तरह के नोटों को छापना शुरू कर दे ........
एक तरफ की छपाई का पैसा तो बचेगा ।
Wednesday, October 27, 2010
भिलाई- 70 वर्षीय अनुसूचित जाति वृद्ध दंपत्ति को थाने से अपमानित कर भगाया
आज सरकार वृद्धों को न्याय देने की बातें कर रही है लेकिन उन्ही वृद्धों को थाने में क्या क्या हाल झेलना पड रहा है इसकी एक बानगी भिलाई शहर के सुपेला थाने में विगत दिनों देखने को मिली जहां 70 वर्षीय रामनगर, सुपेला निवासी राम लगन प्रसाद अपनी 55 वर्षीय पत्नी के साथ चंगोरभाटा, रायपुर निवासी राहुल राव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वैशालीनगर पुलिस चौकी पहुंचे । प्रार्थी दंपत्ति के अनुसार राहुल राव इनके निवास के भीतर चाकू और कट्टा (देसी पिस्तौल) दरवाजे की कुंडी तोडकर भीतर घुसा और इनकी बेटी रंजीता के बारे में पुछताछ करने लगा । इस बारे अनभिज्ञता जाहिर करने पर राहुल द्वारा रामलगन को पूरे परिवार के साथ जान से मारने की बातें करने लगा जिस कारण पूरा परिवार भयभीत हो गया ।
ज्ञात हो कि रामलगन की तलाकशुदा बेटी रंजीता को राहुल राव द्वारा जबरन उठाकर रायपुर में अपने साथ रख लिया गया था । रंजीता के पहले पति से 2 लडके और एक लडकी हुए थे जिनमें से बडा लडका अपने पिता के साथ रहता है जबकि एक लडका और एक छेटी लडकी अपने नाना रामलगन के पास रह रहे हैं । राहुल का कहना था कि रंजीता उसके पास से भाग कर कहीं चली गई है और वह अपने पिता के अलावा कहीं नही जा सकती है । जबकि रामलगन को इस बात का अंदेशा था कि राहुल उनकी बेटी की हत्या कर चुका है और अब उसे लापता बताने की कोशिश कर रहा है । राहुल आदतन अपराधी है ।
भयभीत दंपत्ति इस संबंध में वैशालीनगर पुलिस चौकी में जब रिपोर्ट करने पहुंचे तो वहां मौजूद चौकी प्रभारी की उपस्थिति में वहां के सिपाहीयों नें उक्त वृद्ध दंपत्ति की उम्र को नजरअंदाज करते हुए बदतमिजी करते हुए अपमानित करके थाने से भगा दिये । प्रभारी मुंशी ने रिपोर्ट लिखने से इंकार करते हुए रायपुर थाने में रिपोर्ट करने की बात कही और आवेदन को फाडकर फेंक दिया और दुबारा चौकी में कदम रखने पर अंदर कर देने की धमकी दी । इस बात की कई बार मौखिक शिकायत वैशालीनगर पुलिस चौकी में रामलगन द्वारा की जा चुकी है जिस पर आजतक कोई कार्यवाही नही होने के कारण राहुल रानव कता मनोबल बढा हुआ है ।
क्या प्रशासन गरीब अनुसूचित जाति पर हो रहे पुलसिसिया अत्याचारों को जानता है अथवा जानना नही चाहता । इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होना आवश्यक है क्योंकि नक्सली शहरों में कदम बढा रहे हैं और कहीं औसा ना हो कि गरीबों की सहानुभूति आगे चल कर ऐसे पुलिस वालों के कारण प्रशासन की सिरदर्दी ना बन जाए ।
Sunday, October 10, 2010
हे रावण तुम कब आओगे
हे महावीर , पराक्रमी, महाज्ञानी, महाभक्त, न्यायप्रिय, अपनों से प्रेमभाव रखने वाले , अपनी प्रजा को पुत्र से ज्यादा प्रेम करने वाले, धर्म आचरण रखने वाले,
अपने शत्रुओं को भयभीत रखने वाले, वेदांत प्रिय त्रिलोकस्वामी रावण आपकी सदा जय हो !
हे महावीर आपके समक्ष मैं नासमझ अनजाना बालक आपसे सहायता मांग रहा हूँ । हे रावण मेरे देश को बचा लो उन दुष्ट देवता रूपी नेताओं से जो हर साल आपके पुतले को जलाकर आपको मार रहे हैं और आपको मरा समझ अपने को अजेय मान रहे हैं । हे पराक्रमी दसशीशधारी आज मेरे देश को आपकी सख्त जरूरत आन पडी है । जनता त्राही त्राही कर रही है ओर राजशासन इत्मीनान से भ्रष्टाचार, व्याभिचार और धर्मविरोधी कार्यों में लगा हुआ ।
हे रावण मुझे आपकी सहायता चाहिये इस देश में धर्म को बचाने के लिये , उस धर्म को जिसे निभाने के लिये आप स्वयं पुरोहित बनकर राम के समक्ष बैठकर अपनी मृत्यु का संकल्प करवाए थे । आज हमारे राजमंत्री अपने को बचाने के लिये प्रजा की आहूति दे रहे हैं । हे रावण आप जिस राम के हाथों मुक्ति पाने के लिये अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिये वही राम आज अपने ही देश में, अपनी ही जन्मस्थली को वापस पाने के लिये इस देश के न्यायालय में खडे हैं । हे रावण अब राम में इतना सामर्थ्य नही है कि वह इस देश को बचा सके इसलिये आज हमें आपकी आवश्यकता है ।
हे दशग्रीव हम बालक नादान है जो आपकी महिमा और ज्ञान को परे रखकर अब तक अहंकार को ना जला कर मिटाकर आपको ही जलाते आ रहे हैं । हे परम ज्ञान के सागर, संहिताओं के रचनाकर अब हमें समझ आ रहा है कि जो दक्षिणवासी आप पर श्रद्धा रखते आ रहे हैं वो हम लोगों से बेहतर क्यों हैं । हे त्रिलोकी सम्राट हमें अपनी शरण में ले लो और केवल दक्षिण को छोड समस्त भारत भूमि की रक्षा करने आ जाओ । हे वीर संयमी आपने जिस सीता को अपने अंतःपुर मे ना रख कर अशोक वाटिका जैसी सार्वजनिक जगह पर रखे ताकि कोई आप पर कटाक्ष ना कर सके वही सीता आज सार्वजनिक बाग बगीचों में भी लज्जाहिन होने में गर्व महसूस कर रही है ।
हे शिवभक्त मेरे देश में यथा राजा तथा प्रजा का वेदकथन अभी चरितार्थ नही हो पाया है अभी प्रजा में आपका अंश बाकि है लेकिन हे प्रभो ये रामरूपी राजनेता , प्रजा के भीतर बसे रावण को पूरी तरह से समाप्त करने पर तुले हुए हैं ।
त्राहीमाम् त्राहीमाम् ....... हे राक्षसराज रावण हमारी इन रामरूपी नेताओं से रक्षा करो ।
Saturday, October 9, 2010
भारत के नागरिकों के लिये सनातनी हिंदु धर्म का पालन अनिवार्य किया जाए
शीर्षक पढ कर समझ आ गया होगा कि मैं हिंदुत्व का राग अलापने जा रहा हूँ । हाँ मैं अपने देश के प्रचीन सनातन धर्म के उपनाम हिंदु धर्म पर ही बात करने जा रहा हूँ । कल रात मैं ब्रह्मकुमारी के आश्रम में प्रतिदिन जाने वाले अपने पडोसी दीपक बुक डिपो के संचालक श्री धनराज टहल्यानी से चर्चा कर रहा था और वहीं से निकली बातों की गंभीरता यहां लिख रहा हूँ , क्योंकि उन्हे वहां नही समझा सकता था ।
बात निकली हिंदु धर्म की तो उन्होने सनातन धर्म की रट पकड लिये उनका कहना था कि हिंदु शब्द मुस्लिम आक्रांताओं नें दिये हैं जबकि मेरा मत था कि सदियों पहले जब हमारा देश और चीन एक साथ प्रेमभाव में बसते थे उस समय चीनी हमें इन्दु (चंद्रमा) कहते थे क्योंकि हमारे पंचांग, राशियों का निर्धारण चंद्रमा की गति, स्थान से ही होता है, जो धीरे धीरे इ से हि में बदल गया (शब्दों पर ध्यान दिजिये स का ह में बदलना अटपटा लगता है लेकिन इ और हि के उच्चारण समान होते हैं )
अब हम हिंदु सनातनीयों को सोचना होगा कि हम क्या कर रहे हैं बजाय विश्व में अपने सनातनी हिंदु धर्म को फैलाने, प्रचार करने के उस एक ही चीज के दो नामों पर अडते हुए लड रहे हैं । आप बताइये मेरे हिंदु कहने पर आपके सनातन नाम पर क्या फर्क पड रहा है । मैं हिंदु हूँ उस पर ब्राह्मण भी हूँ मैं मानव जाति की श्रेष्ठ जाति हूँ लेकिन मैं अपने धर्म को सनातन ना कह कर हिंदु कह रहा हूँ तो क्या आप मेरी जाति बदल देंगे या मेरे विचार मिटा देंगे । हमें आज की बातों को सोचते हुए ये भी सोचना होगा कि हमारे पूर्वजों की इसी अकड के कारण आज हमारी विभिन्न जातियां धर्मों में बदल गई हैं । सिक्ख, जैन, बौद्ध क्या पहले से धर्म हैं ? नहीं ! फिर सबसे पहले ये सोचिए कि किस कारण से हिंदु धर्म की जातियां अलग धर्मों में बदल गई हैं ।
यदि मैं ये नही लिखूंगा तो मेरा मन हमेशा मेरे ब्राह्मणत्व को कचोटेगा कि मैने समय पर ये सब क्यों नही बताया । यदि आप सनातन की रट पकड कर रखेंगे तो यकिन जानिये वो दिन दूर नही रहेगा जब आप सनातनी धर्म और मैं हिंदु धर्म का अनुयायी कहलाऊंगा, बजाय आप अपने को केवल सनातनी कहने के सनातनी हिंदु कहें ताकि धीरे धीरे आज के हिंदुओं को लगने लगे कि हाँ हमारा हिंदु धर्म ही प्राचीन सनातनी धर्म है ।
नाम के पीछे भागने के बदले हमें एकता की जरूरत है केवल यज्ञ कर्म करने से हम अपने देश को मिटने से नही बचा सकेंगे हमें अपने ईश्वर को मानने के साथ साथ अपने कर्मों को भी बदलने की जरूरत है ।
- आज सौ करोड हिंदुओं को हमने केवल 800 आदमीयों के भरोसे क्यों रखे हैं ?
- आज नेताओं का भ्रष्टाचार खुलेआम चल रहा है इसके लिये हमारे धर्माचार्य क्या कर रहे हैं ?
- आज हमारा भविष्य विदेशी महिला और उसके संकर्ण प्रजाती के बच्चों के भरोसे क्यों दिया जा रहा है?
- आज भी हमारा संविधान हमें गर्व से हिंदु कहने की आजादी क्यों नही देता है ?
- आज हम अपने देश के धर्मदेवताओं की पवित्र भूमि को स्वतंत्र क्यों नही करा पा रहे हैं ?
- आज भी हमारा शिक्षा तंत्र विदेशी शिक्षा (मैकाले) पर क्यों निर्भर है ?
- आज हम अपने बच्चों को वैदिक ज्ञान दिलाने वाले शिक्षण संस्थान शुरू नही करवा पा रहे हैं क्यों ?
- आज हमारे देश की पुलिस और सैनिक भ्रष्ट नेताओं के कारण क्यों बलि चढ रहे है ?
- आज हम राष्ट्रीय सेवक संघ से क्यों नही जुड पा रहे हैं ?
10. आज हम देश के भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ खडे होने के बदले हाथ बांधकर उन संतो और बाबाओं के पीछे क्यों खडे होते हैं जो हमें भगवान की महिमा का बखान तो सुनाते हैं लेकिन असल जिंदगी में उनके बनाये उत्पादों का हम प्रचार करते हैं ?
कुछ आप सोचिये कुछ हम सोचेंगे तभी देश को एक रंग में बदल सकेंगे । तिरंगा झंडा हमारा कभी नही हो सकता क्योंकि उसमें तीन धर्मों का मिलान है और अब हम अपने देश को एक रंग में रखना चाहते हैं । केसरी हिंदु, सफेद ईसाइ और हरा मुसलामनों का धर्मरंग है, सारा देश केवल केसरी में रंगेगा तभी हम कह सकेंगे रंग गया बसंती चोला ।
चक्र को रहने देंगे क्योंकि वह हमारे विश्वसम्राट अशोक का राजचिन्ह है ।
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